क्या आपकी भी है सैंसिटिव स्किन, तो Pain Less वैक्सिंग के लिए फौलो करें ये टिप्स

आजकल के लाइफस्टाइल में ब्यूटीफुल स्किन के लिए जरूरी है वैक्सिंग करना, लेकिन कई बार वैक्सिंग के साथ दर्द को भी झेलना पड़ता है. वैक्सिंग का दर्द झेलना आम बात है पर सेंसिटिव स्किन पर वैक्सिंग कईं बार प्रौब्लम का सामना करने का कारण बन जाता है. इसी प्रौबल्म से छुटकारा पाने के लिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे, जिससे आपको बिना किसी परेशानी के खूबसूरत और क्लीयर स्किन मिल जाएगी.

1. वैक्‍स का सही चुनें तरीका

जिन महिलाओं को वैक्‍सिंग करवाने पर दर्द होता है, उन्‍हें चौकलेट वैक्‍सिंग करवाना चाहिए. हालांकि चौकलेट वैक्‍सिंग थोड़ी महंगी होती है और इसे घर पर नहीं किया जा सकता, पर ये सेंसटिव स्किन वाले लोगों के लिए परफेक्ट होती है. लेकिन ख्याल रखें कि आपको इससे कोई एलर्जी न हों.

2. वैक्सिंग के दर्द को ऐसे करें दूर

अगर आपको भी वैक्‍सिंग करने से दर्द होता है तो 30-40 मिनट पहले एस्‍पिरिन की गोली खा लें या फिर वैक्‍सिंग के तुरंत बाद आइस क्‍यूब रगड़ लें. इससे आपकी स्किन को आराम मिलेगा और रैशेज होने की प्रौब्लम से छुटकारा मिलेगा.

3. वैक्सिंग के बाद स्किन पर रैशेज को ऐसे करें दूर

स्किन पर वैक्‍सिंग करवाने के बाद रैशेज पड़ जाते हैं. यह रैशेज कुछ समय बाद अपने आप ही गायब हो जाते हैं. ऐसा न होने पर आप इसे गायब करने के लिये आइस क्‍यूब को रगड़ सकती हैं. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा. लेकिन घबराएं नहीं अगर स्‍किन बहुत ज्‍यादा संवेदनशील है तो रैशेज पड़ना आम बात है.

4. वैक्सिंग के बाद करें ये काम

वैक्सिंग करवाने के बाद 24 घंटे तक स्किन को धूप से बचाकर रखें. वैक्सिंग के बाद स्किन सौफ्ट हो जाती है ऐसे में आप जैसे ही धूप में जाती हैं आपकी स्किन तुरंत काली पड़ जाती है इसीलिए कोशिश करें की धूप में निकलने से पहले स्किन पर SPF 30 लगाना ना भूलें. वहीं अगर आपको वैक्सिंग करवाने से स्किन पर किसी भी तरह की परेशानी होती है तो डौक्टर की सलाह जरूर लें और किसी भी तरह की क्रीम, डियोडरेंट जैसी चीजें लगाने से साफ बचें.

वैक्सिंग के बाद हाथ-पैरों पर लालनिशान पड़ जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

जब भी मैं वैक्स करवाती हूं तो मेरे हाथ, पैरों पर लाललाल निशान पड़ जाते हैं ? इस समस्या के कारण अब मैं वैक्स करवाने से भी डरने लगी हूँ. आप ही कोई समाधान बताएं?

जवाब

आपका डरना बिलकुल जायज है. क्योंकि जिस वैक्स का इस्तेमाल आप अपने हाथपैरों को क्लीन करने के लिए करती हैं , अगर वे आपको खूबसूरत बनाने के बजाह आपके शरीर पर दागधब्बे छोड़ दे तो आप उसका इस्तेमाल करने से पहले 10 बार सोचेंगी. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा अकसर सेंसिटिव स्किन वाले लोगों के साथ ज्यादा होता है. जिससे स्किन पर लाललाल स्पोट्स पड़ जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वैक्स में इस्तेमाल किए गए केमिकल्स व फ्रैंगरेंस के संपर्क में जब स्किन आती है तो एलर्जी की वजह से भी स्किन पर लाललाल निशान यानि रेड बम्प्स हो जाते हैं.  कई बार स्किन पर पहले से ही इंफेक्शन होता है और फिर उस पर अगर वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है तो उससे स्किन में और जलन व इर्रिटेशन पैदा होने के कारण ये समस्या होती है. या फिर अगर आप वैक्सिंग बहुत जल्दी जल्दी करवाती हैं तो उससे अंडररुट बालों को जड़ से निकालने के लिए जब वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है तो उससे भी स्किन को नुकसान पहुंचता है. इसलिए कोशिश करें कि जब तक पूरी ग्रोथ न आए तब तक वैक्स न करवाएं.

अगर आपको रेड बम्प्स हो गए हैं तो उससे कैसे निबटें – 

– अगर आपको वैक्स करवाने के बाद हाथपैरों पर जलन महसूस हो रही है तो तुरंत ही बर्फ या ठंडा पानी अप्लाई करें. इससे जलन, सूजन व इर्रिटेशन को कम होने में मदद मिलेगी.

– एलोवीरा जैल इस प्रोब्लम के लिए बेस्ट माना जाता है. क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन की जलन को कम करके स्किन को नौरिश करने का काम करता है.

– अगर वैक्स करवाने के बाद आपकी स्किन रेड पड़ने के साथ जल रही है, तो आप उस पर टी ट्री आयल में कोकोनट आयल मिलाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाएं. असल में इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं , जो स्किन को स्मूद बनाने के साथ दर्द, सूजन व रेडनेस को कम करने में मददगार साबित होती हैं .

– बता दें कि एप्पल साइडर विनेगर में एंटीसेप्टिक और एस्ट्रिंजेंट प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन के पीएच लेवल को बैलेंस करने के साथ जलन को कम करने का काम करता है. इसके लिए आप दोनों को बराबर मात्रा में लेकर रुई की मदद से अफेक्टेड एरिया में अप्लाई करें. फिर ड्राई होने के बाद पानी से क्लीन करें. रोजाना ऐसा करने पर आपको तुरंत सुधार नजर आने लगेगा.

– स्किन को सोफ्ट बनाने व उसकी जलन को कम करने के लिए हमेशा खुशबू रहित मोइस्चराइज़र का ही इस्तेमाल करें.

कैसी हो आपकी वैक्स 

अगर आपकी स्किन बारबार रेड हो जाती है तो आप सिर्फ सेंसिटिव स्किन के लिए ही बनी वैक्स का इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें नेचुरल इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होने के साथसाथ एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं , जो स्किन में जलन पैदा होने से रोकती है. साथ ही स्किन को सोफ्ट व स्मूद बनाने का भी काम करती है. सेंसिटिव स्किन वालों के लिए बीन्स वैक्स, क्रीम वैक्स और लिपसोलुबल वैक्स बेस्ट रहती है. क्योंकि ये स्किन पर एकदम से गर्म नहीं लगती और सोफ्टली हेयर्स को रिमूव करने का काम करती हैं. अंडररूट्स हेयर्स को भी स्किन को नुकसान पहुंचाए बिना आसानी से  रिमूव कर देती है. इसलिए आप कोई भी वैक्स के इस्तेमाल करने से बचें. आप चाहें तो परमानेंट लेज़र ट्रीटमेंट का भी सहारा ले सकती हैं.

इन बातों का भी रखें ख्याल 

वैक्सिंग से पहले अपनी स्किन को मोइस्चराइज़ जरूर करें, क्योंकि इससे वैक्स स्किन पर आसानी से अप्लाई होकर स्किन से आसानी से हेयर्स निकल जाते हैं. इस बात का भी ध्यान रखें कि आप वैक्सिंग से पहले सैलिसिलिक एसिड वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें. क्योंकि ये स्किन को पतला बनाने का काम करते हैं , जिससे आपकी स्किन जल्दी हर्ट हो सकती है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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Diwali Special: वैक्‍सिंग से नहीं होगा दर्द

जब आप पहली बार वैक्सिंग कराती हैं तो आपको ज्यादा दर्द होता है और आपको वैक्सिंग शब्द से डर लगने लगता है.

वैक्सिंग के दौरान जब बाल स्किन से अलग होता है तो काफी दर्द होता है. फिर आपको लगता है कि क्या इस दर्द को कम किया जा सकता है? तो इसका जबाब है हाँ, हो सकती है. इन उपायों की मदद से आप अपनी वैक्सिंग दर्द रहित बना सकते हैं.

1. सुबह कॉफी ना पीएं

जिस दिन आपको वैक्सिंग करवानी है उस दिन सुबह कॉफी न पीएं. ऐसा करने से दर्द थोड़ा कम हो सकता है. कॉफी में कैफीन मौजूद होता है जो इस के दोनों छोरों को उत्तेजित करता है और वैक्सिंग में जब बाल खिंचते हैं तो काफी दर्द होता है.

2. पीरियड के दौरान वैक्सिंग न कराएं

पीरियड के दौरान वैक्सिंग नहीं करानी चाहिए क्योंकि इस समय आपकी त्वचा काफी संवेदनशील रहती है. वैक्सिंग कराने का सबसे सही समय है जब आपका पीरियड खत्म हो गया हो क्योंकि तब आपका शरीर नार्मल हो जाता है और वैक्सिंग सही तरीके से हो सकती है.

3. वैक्सिंग सेशन को सही रखने के लिए एक्सफोलिएट कर लें

इससे शरीर से डेड सेल निकल जाते हैं और वह बाल जो डेड स्किन सेल के अंदर रहते हैं वह भी निकल जाते हैं. जब यह हो जाता है तब बालों का निकलना दर्दभरा नहीं होता.

4. गर्म स्नान

वैक्सिंग कराने से पहले ठंडे नहीं बल्कि गर्म पानी से नहाएं. गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा के रोमक्षिद्र खुल जाएंगे और त्वचा की ऊपरी परत कोमल हो जायेगी.

5. ढ़ीले कपड़े

वैक्सिंग के दौरान ढ़ीले कपड़े पहनें ताकि वैक्सिंग में कोई परेशानी ना हो. वैक्सिंग के बाद आपकी त्वचा कुछ समय के लिए काफी संवेदनशील रहती है. आपको ढ़ीले कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि टाइट कपड़ों से त्वचा में खुजली या अन्य परेशानी हो सकती है. नेचुरल फाइबर का इस्तमाल करें क्योंकि इससे आपकी त्वचा में परेशानी नहीं होगी और पसीना नहीं आएगा.

6. वैक्स को ठंडा होने दें

यह आपका पहला वैक्सिंग सेशन न हो तब भी आपको वैक्स को अच्छी तरह से ठंडा होने देना चाहिए. कई लोग काफी गर्म वैक्स त्वचा पर लगवा लेते हैं जिससे जलने की समस्या आ सकती है. ज़्यादा गर्म वैक्स का इस्तमाल करने से त्वचा की कुछ परतें निकल कर बाहर आ सकती हैं. इसलिए बिकिनी या ब्राजीलियन वैक्स के समय सचेत रहें.

7. नम्ब करने वाली क्रीम

अगर आपको लगता है कि आपकी त्वचा काफी संवेदनशील है तो आप वैक्सिंग वाली जगह पर नम्ब करने वाली क्रीम का इस्तमाल कर सकते हैं. यह तब ज्यादा असरदार होता है जब आप बिकिनी या ब्राजीलियन वैक्स करवा रहे हों. नम्ब करने वाली क्रीम से शरीर के उस भाग की त्वचा नम्ब हो जाती है जहां आपको वैक्सिंग करवानी है और आपको दर्द रहित वैक्सिंग का एहसास होता है. इस क्रीम को आपको वैक्सिंग कराने से आधे घंटे पहले लगाना होता है.

8. दर्द से मुक्ति

अगर आपको लगता है कि आपका वैक्सिंग सेशन खराब होने वाला है तो अंतिम उपाय है कि आप दर्द से मुक्ति के लिए दवाई ले लें. अंतिम समय में एडविल, इबुप्रोफेन, एस्पिरिन जैसी दवाइयां ली जा सकती हैं. वैक्सिंग से आधा घंटा पहले इन्हें खाएं ताकि आपका वैक्सिंग सेशन सही रहे.

9. एलो वेरा जेल

जब आपकी वैक्सिंग हो जाए तो एक्सपर्ट से कहकर एलो वेरा जेल या कोई ऐसा ही जेल लगवा लें ताकि त्वचा पर लाल निशान न पडें. एलो वेरा जेल लगाने से आपकी त्वचा को अच्छा लगेगा और यह त्वचा को हाइड्रेट भी करती है.

10. चार हफ्ते पहले तक शेव न किया हो

जब वैक्स करवाने जाएं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपने तीन से चार हफ्ते पहले तक शेव न किया हो. ऐसा कहते हैं कि कम से कम एक इंच बाल रहने चाहिए तभी वैक्सिंग में सुविधा होती है. इसका मतलब है कम से कम एक महिना बिना शेव किये हुए रहें. काफी छोटे बालों को निकालना काफी मुश्किल होता है जैसे काफी लंबे बालों को निकालने में दर्द होता है.

8 टिप्स: गरमी के मौसम में ऐसे पाए अनचाहे बालों से छुटकारा

गरमी का मौसम शुरू हो गया है अब लड़किया शौर्ट ड्रेसेस या स्लीवलेस कपड़ों का ज्यादा इस्तेमाल करेंगी. लेकिन ऐसे में अनचाहे बाल हर किसी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. शरीर पर बेढंगे रूप से दिखने वाले बाल कभी कभी शर्मिंदगी का भी कारण बनते. तो आइए जानते हैं इन अनचाहे बालों को हटाने के कुछ बेहतर तरीके :

1. आईब्रोज के लिए

आईब्रोज की प्लकिंग शुरू करने से पहले उन जगहों पर एक सफेद पेंसिल से निशान लगा लें जहां से आप आईब्रोज को शुरू और खत्म करना चाहती हैं. इससे आप निर्धारित सीमा रेखा से बाहर नहीं जाएंगी. इसके लिए एक ट्रिक है कि पेंसिल को अपनी नाक की बगल में रखें और वहां से उस जगह तक लाइने खींचे जहां आईब्रोज है. पैंसिल को थोड़ा तिरछा रखें ताकि वह आप की आंख के बाहरी कोने को छू सके और उस स्पौट को मार्क करें. आखिर में अपनी आईरिस के ठीक ऊपर एक डौट बनाएं. जो कि आपकी आर्क का सबसे ऊपरी बिंदु होगा. जिसके बाद पेंसिल को अपनी आईब्रोज के निचले किनारे तक लाएं और तीनों लाइनों को मिलाएं. इसके बाद इन लाइनों के बाहर निकलने वाली भौंहों को ट्विज करें.

वैक्सिंग…

सबसे पहली और जरूरी बात यह है कि खुद वैक्सिंग न करें. ब्रोज पर वैक्सिंग किसी कुशल प्रोफैशनल से ही कराएं, क्योंकि अगर वैक्स का छोटा सा टुकड़ा भी गलत जगह पड़ गया तो इस के 5 सेकेंड के भीतर आप की आईब्रो खराब हो सकती है. इसलिए आप स्पा या सैलून जाएं. वैक्सिंग कराने के कम से कम 1 सप्ताह पहले से रेटिनौल, रेटिनो ए और रेनोवा जैसे रेटिनौयड्स का इस्तेमाल करना बंद कर दें ताकि आंखों में लाली और जलन को रोका जा सके. साथ ही ब्यूटी एक्सपर्ट से कहें कि वे आप की आईब्रोज के ऊपर के रोएं साफ करे. इससे जो निखार आएगा वह आने वाले सप्ताह में और भी अच्छा दिखेगा.

2. अपरलिप्स से छुटकारा…

इसके लिए लेजर भी करा सकती हैं. लेजर बालों को उन की जड़ों से उखाड़ता है और 1 साल या अधिक समय तक दोबारा बढ़ने से रोकता है. लेजर सेशन में 5 मिनट के अंदर पूरा हो जाता है. आप को केवल ऐसा महसूस होगा कि आप के चेहरे पर एक रबर बैंड लगाया गया है (हालांकि आप इससे अच्छा महसूस नहीं करेंगी, लेकिन आप को कोई दर्द नहीं होगा). लेजर कराना थोड़ा महंगा है. वहीं ज्यादातर महिलाओं को 6 सेशन कराने की जरूरत पड़ती है.

वैक्सिंग…

कुछ सप्ताह छुटकारा पाने के लिए इसके लिए वैक्सिंग करा सकती हैं. आईब्रोज के उलट चेहरे के इस हिस्से पर घर में भी वैक्सिंग कर सकती हैं. लेकिन कम तापमान वाली किट का इस्तेमाल करें, क्योंकि शरीर के अन्य हिस्सों के लिए इस्तेमाल में लाया जाने वाला वैक्स आप के चेहरे को जला सकता है. तीन अलग- अलग हस्सों में वैक्सिंग करें (बायीं ओर, दायीं ओर और बीच में). वैक्स को नाक के नीचे से नीचे की तरफ फैलाएं. जब इसे हटाएं तो वैक्स स्ट्रिप को ऊपर की ओर खीचें.

क्रीम का इस्तेमाल…

इसके अलावा डिपिलेटरी क्रीम का भी प्रयोग कर सकती हैं. डिपिलेटरी क्रीम त्वचा के नीचे तक प्रभाव डालती है और 1 सप्ताह तक होंठ के ऊपरी हिस्से को बालों से मुक्त रखती है. पहली बार क्रीम को परखने के लिए अपने टखने के पास की त्वचा पर थोड़ी क्रीम लगा कर देख लें कि किसी तरह का रिएक्शन तो नहीं हो रहा है.

3. अंडर आर्म्स…

पूरे हिस्से में शेविंग क्रीम से झाग बना लेने के बाद रेजर को ऊपर की ओर और फिर नीचे की ओर चलाएं. आखिर में एक से दूसरी तरफ रेजर चलाएं ताकि हर तरह से बढ़ने वाले बाल हट जाएं.

वैक्सिंग…

छोटे-छोटे बालों की समस्या से कुछ अधिक समय तक छुटकारा पाने के लिए यह एक आसान तरीका है. चूंकि इस में किसी शेविंग की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इसे घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन यह निश्चित करें कि यह बहुत छोटे सेशन में हो. अंडर आर्म्स के बाल आमतौर पर मोटे होते हैं और ये अलग-अलग दिशाओं में उगते हैं. इसीलिए इन्हें हटाना तकलीफदेह होता है.

लेजर…

अंडर आर्म्स के बालों को हटाने में लेजर से ज्यादा अच्छे परिणाम मिलते हैं. इसकी मदद से बाल बहुत तेजी से गायब होते हैं और लंबे समय तक नहीं आते. ज्यादातर महिलाएं यह भी बताती हैं कि लेजर ट्रीटमेंट बंद करने के बाद भी उन्हें या तो बहुत कम बाल आए या नहीं आए. यह परिणाम पाने के लिए आप को करीब 6 सेशन कराने की जरूरत पड़ेगी. हर सेशन के बाद बाल थोड़े कम घने होते जाएंगे. जब बाल दोबारा न आएं तब भी बीच-बीच में लेजर सेशन करा सकती हैं ताकि अंडर आर्म्स में बाल पैदा न हों. कुछ महीनों में 1 बार लेजर कराना काफी होगा.

4. फोरआर्म के लिए…

महिलाओं को फोरआर्म के लिए शेविंग के बजाय हमेशा वैक्सिंग का इस्तेमाल करना चाहिए. शेविंग के कारण बांह पर कांटेदार छोटेछोटे बाल उग सकते हैं. और जब ये बढ़ते हैं तो बहुत खराब लगते हैं.

लेजर: इस के लिए 1 से 3 सैशन कराने की जरूरत होती है. हालांकि यह महंगा है, लेकिन इसे कराने से बेहतर नतीजे आते हैं और पहले ही सेशन से फर्क महसूस होने लगता है.

हेयररिमूविंग क्रीम: हेयररिमूविंग क्रीम अनेक ब्रैंडों में बाजार में उपलब्ध हैं. हर ब्रैंड की क्रीम अलग-अलग तरह की त्वचा के लिए है. अपनी त्वचा के वास्तविक प्रकार को जाने बगैर हेयररिमूविंग क्रीम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे जलन, रैशेज यहां तक कि त्वचा में कालापन भी पैदा हो सकता है.

ऐसे चुने सही हेयररिमूविंग क्रीम…

औयली त्वचा के लिए: अगर आप की त्वचा औयली है और आप हेयररिमूवल के लिए क्रीम की तलाश कर रही हैं तो आप मिंट बेस्ड क्रीम का चुनाव करें, क्योंकि इससे अतिरिक्त तेल को कम करने में मदद मिलती है और यह हेयररिमूवल के दौरान और बाद में कूलैंट का काम करती है.

संवेदनशील त्वचा के लिए: संवेदनशील त्वचा के लिए ऐलोवेरा क्रीम बेस्ट है, क्योंकि यह आप की त्वचा को कोमल बनाए रखता है और वैक्सिंग से उत्पन्न रैशेज को दूर करता है.

सूखी त्वचा के लिए: सूखी त्वचा के लिए गुलाब बेस्ड हेयररिमूवल क्रीम को बेस्ट माना जाता है, क्योंकि गुलाब का सार आप की त्वचा को नम रखता है और उस में चमक बनी रहती है.

सामान्य त्वचा के लिए: ऐलोवेरा त्वचा को साफ करता है और हेयररिमूवल के बाद रह गई गंदगी को दूर करता है. यह छिद्रों को भी बंद करता है, जिससे आप की त्वचा में ताजगी आती है और त्वचा कसी हुई दिखती है.

5. पैरों के बालों से छुटकारा…

अगर आप पैरों की शेविंग के लिए रेजर का इस्तेमाल करती हैं तो शेविंग क्रीम का इस्तेमाल करना न भूलें, क्योंकि इसे जिस हिस्से में लगाएंगी वह मुलायम बनेगा और 1-1 बाल को निकाला जा सकेगा. आप को वीनस या जिलेट जैसे मल्टीब्लेडर रेजर का इस्तेमाल करना चाहिए और हर 5 शेव के बाद नया रेजर लेना चाहिए ताकि जलन न हो और पैर मुलायम होने के साथ ही चिकनाई भी आए.

वैक्सिंग…

वैक्सिंग में दर्द ज्यादा हो सकता है, लेकिन वैक्सिंग के परिणाम कई सप्ताह तक रह सकते हैं. गरमी के मौसम में हर शेव के बाद छोटे-छोटे बाल आना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में वैक्सिंग की मदद से इन बालों से आप लंबे समय तक छुटकारा पा सकते हैं. दूसरे हिस्सों की तरह ही जिस दिशा में बाल बढ़ते हैं उसी दिशा में वैक्स लगाएं और उलटी दिशा में स्ट्रिप को खींचे. छोटे-छोटे हिस्सों में वैक्सिंग करें. अधिक से अधिक 3 इंच लंबे हिस्से में. इससे आप को दर्द कम होगा.

डिपिलेटरी क्रीम का करें इस्तेमाल

हालांकि इसका इस्तेमाल शरीर के किसी भी हिस्से के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह कम घने बालों के लिए अधिक प्रभावी है. यह बिकनी लाइन की तुलना में पैरों को बालों से अधिक छुटकारा दिलाता है. आप को कई तरह की क्रीमों का यूज करना पड़ता है. ऐसे में उपचार काफी घाल-मेल वाला हो जाता है. इसलिए बेहतर यह है कि इसे शौवर लेने के तुरंत पहले लगाएं और फिर गुनगुने पानी का शौवर लेने के दौरान वाश क्लौथ की मदद से हटा दें.

6. बिकनी वाला हिस्सा…

इस हिस्से पर हेयररिमूवल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं, लेकिन वैक्सिंग इसके लिए सब से अच्छी है और यह त्वचा को सब से अधिक रोएं रहित बनाती है. बढ़ने वाले बालों की मात्रा को कम करने के लिए लेजर हेयररिमूवल सब से अच्छा उपाय है. लेकिन ये महंगा हो सकता है तो वैक्सिंग सबसे आसान और सस्ता तरीका होगा. चाहे आप किसी एक्सपर्ट के हाथों वैक्सिंग कराना चाहती हों या घर में ही करती हों, पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप के बाल काफी लंबे हों. बालों के मुलायम होने पर उन का एक चौथाई इंच लंबा होना चाहिए और मोटे होने पर आधा इंच लंबा होना चाहिए. वरना वैक्सिंग ठीक से काम नहीं करेगी.

ऐसे करें वैक्स…

वैक्सिंग करने के लिए अपने पैरों को सामने रख कर दर्पण के सामने बैठ जाएं. जिसके बाद एक पैर को मोड़ लें ताकि आप का पैर दूसरे पैर के घुटने पर आराम की मुद्रा में हो. अब किनारे से वैक्स को फैलाना शुरू करें और 1 से 3 इंच हिस्से में बालों की वृद्धि की दिशा में वैक्स फैलाएं. छोटे हिस्से में वैक्स करने पर कम दर्द होगा. वैक्स लगाए हुए हिस्से पर स्ट्रिप को चिपकाएं, त्वचा को टाइट करें, उसके बाद बालों की उगने की उलटी दिशा में स्ट्रिप को झटके से खींचें. वैक्सिंग के बाद त्वचा पर ऐलोवेरा लोशन लगाएं. जिससे त्वचा को आराम मिलेगा.

7. पीठ….

यदि आप की पीठ पर कम बाल हैं, तो आप के लिए ब्लीचिंग बेहतर रहेगी. लेकिन ब्लीचिंग सिर्फ मुलायम बालों और बालों की कम बढ़ने वाले बालों के लिए असरदार है. यदि आप के बाल ज्यादा बढ़ते है, तो आप वैक्सिंग या लेजर के विकल्प को अपनाएं. ऐसी प्रक्रिया के लिए किसी प्रोफैशनल के पास जाना बेहतर है, क्योंकि कुछ हिस्से ऐसे भी होते हैं जिन तक आप के हाथ नहीं पहुंच सकते हैं. लेजर से बालों को हटाने के लिए आप को 5-6 सेशन की जरूरत होगी.

8. रैंडम हेयर…

आप की ठोड़ी, पोर, पैरों की उंगलियों या किसी भी अन्य असुविधाजनक हिस्सों पर बाल के लिए, ट्विजिंग सब से आसान विकल्प है. लेकिन उन बालों को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए इलैक्ट्रोलिसिस ही बालों को हटाने का स्थायी तरीका है. अगर वे बार-बार आ जाते हैं तो आप थ्रैडिंग का औप्शन चुन सकती हैं, क्योंकि इससे आप को ज्यादा से ज्यादा 2 सप्ताह के लिए ही इनसे निजात मिल सकती है.

करवा चौथ 2022: वैक्सिंग करने के घरेलू उपाय

इन दिनों ज्यादातर लड़कियां (महिलायें) अपने शरीर के अनचाहे बालों को निकालने के लिए वैक्सिंग का इस्तेमाल करती हैं. हालांकि वैक्सिंग कराना कष्टकारी होता है लेकिन यदि सही तरीके से किया जाय तो यह कष्ट काफी हद तक कम हो सकता है . इसलिए यह वैक्सिंग करने वाले पर निर्भर करता है कि वह कितना एक्सर्प्ट है.

लेकिन यदि आप खुद घर पर ही वैक्सिंग करना चाहें तो बाजार में उपलब्ध वक्सिंग मैटेरियल से ऐसा कर सकती हैं. और यदि आप चाहे तो खुद ही घर पर वक्सिंग तैयार कर कर सकती है जो कि बेहतर हो और आपको सूट भी करे.

वैक्सिंग करने के फायदे

वैक्सिंग करने से शरीर के अनचाहे बालों से छुटकारा पाया जाता है. ऐसा करने से बाल पहले से कम और मुलायम आते हैं.

हॉट वैक्स

हॉट वैक्स को सीधे आग पर रखकर गर्म किया जाता है. शरीर के नाजुक अंगों पर इस्तेमाल किया जाता है. जैसे चेहरे, गर्दन व गालों पर.

हॉट वैक्स करने तरीका

वैक्स को आग पर गर्म करें. जिस जगह वैक्सिंग करनी है उस जगह पाउडर लगाएं. जिस दिशा में बाल उग रहे हैं उससे विपरीत दिशा में वैक्स लगा दें. स्किन को कस कर पकड़ें और धीरे-धीरे बालों की दिशा में वैक्स निकाल दें.

कोल्ड वैक्स

कोल्ड वैक्स बांहों, टांगों और बगलों के लिए सही है. जिस जगह से बाल हटाना है उसी जगह वैक्स लगा लें और पट्टी चिपका कर उल्टी दिशा में कस कर खींचे.

कोल्ड वेक्स बनाने का तरीका

1/2 कप चीनी

1/2 कप पानी

1/2 कप साइट्रिक एसिड या नींबू

1 चम्मच ग्लिसरीन

विधि

चीनी और पानी की चाशनी बना लें.

फिर साइट्रिक एसिड डाल दें और गाढ़ा होने पर उतार दें.

फिर उसमें एक चम्मच ग्लिसरीन डॉल दें.

वैक्स करने के बाद पाँच मिनट कोल्ड क्रीम से मालिश करें.

वैक्‍सिंग के दौरान लड़कियां दर्द तो सह जाती हैं लेकिन वैक्‍सिंग के बाद जब उन्‍हें फुंसियां निकलती हैं तब वह अपना निशान छोड़ जाती हैं. यह फुंसिया, तब निकलती हैं जब वैक्‍स द्वारा आपके शरीर से बाल को कस कर खींचा जाता है.

कुछ केस में तो ये फुंसियां कुछ ही घंटों में गायब हो जाती हैं, लेकिन कुछ केस में ये लंबे समय तक रह जाती हैं और सूखने के बाद खुजलाती हैं. वैक्‍सिंग के बाद आपको इन तकलीफों से मुक्‍ति मिले, इसके लिये हम आपको कुछ टिप्‍स बताएंगे.

1. वैक्‍सिंग से पहले ट्राई कर लें कि वैक्स आपको सूट भी कर रहा है या नहीं.

2. वैक्‍सिंग वाले दिन अपनी स्‍किन को प्‍यूमिक स्‍टोन से बिल्‍कुल ना रगड़ें.

3. प्रभावित एरिया पर एंटीबायोटिक क्रीम लगाइये जिससे जर्म और मार्क ना फैलें.

4. वैक्‍सिंग वाले दिन हार्श सोप का यूज ना करें. बल्‍कि सादे पानी से नहांए और लूफा का प्रयोग करें.

5. ढीले ढाले कपड़े पहने क्‍योंकि टाइट जींस या कपड़े पहनने से त्‍वचा में रगड़ होती है, जिससे छाले निकल सकते हैं.

6. वैक्‍सिंग के तुरंत बाद त्‍वचा पर आइस क्‍यूब्‍स लगाएं और उसके बाद अच्‍छा मॉइस्‍चराइजर लगाएं.

7. ताजा नींबू, नारियल तेल या टी ट्री ऑइल लगाना अच्‍छा होता है. आप चाहें तो प्रभावित त्‍वचा पर थोड़ा सा बेबी पावडर लगा सकती हैं.

8. अपने नाखूनों से वैक्‍सिंग वाली त्‍वचा को ना खरोंचे.अगर आपको बहुत ज्‍यादा खुजली होती है तो आप उस जगह को किसी मुलायम कपड़े से सहला लें.

वैक्सिंग कराने के बाद खुजली और दानों की प्रौब्लम हो जाती है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 21 साल है. मेरी बाजुओं पर बहुत सारे बाल हैं जिन्हें रिमूव करने के लिए मैं वैक्सिंग कराती हूं. पर हर बार वैक्सिंग कराने पर मुझे इचिंग होने लगती है और कभीकभी दाने भी हो जाते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

वैक्सिंग से इचिंग होती है तो इस का कारण वैक्सिंग से ऐलर्जी होना होता है. अगर आप को वैक्सिंग से ऐलर्जी है तो वैक्सिंग से पहले आप कोई ऐंटीऐलर्जिक गोली खा सकती हैं ताकि ऐलर्जी न हो. अगर वैक्सिंग के बाद दाने निकल आते हैं तो चांसेज हैं कि वैक्सिंग करने वाला सही नहीं है या वह सफाई से काम नहीं कर रहा. वैक्सिंग के लिए हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

वैक्सिंग करने के लिए डिस्पोजेबल पट्टी का इस्तेमाल करवाएं. वैक्सिंग करने से पहले फ्री वैक्स जैल और करने के बाद पोस्ट वैक्स जैल दोनों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. इन बातों का ध्यान रखा जाए तो दाने होने के चांसेज बहुत कम हो जाते हैं. आप चाहें तो इन बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकती हैं. इस के लिए पल्स लाइट ट्रीटमैंट या लेजर ट्रीटमैंट ले सकती हैं. यह बहुत सेफ और पेनलैस है और इस से हमेशा के लिए बालों से छुटकारा पाया जा सकता है.

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टीनऐजर्स की स्किन सौफ्ट होती है, छोटी उम्र में वैक्सिंग बिलकुल नहीं, हाथपैर खराब हो जाएंगे, सैंसिटिव स्किन पर रैशेज पड़ने का डर रहेगा, वैक्स करवाने से स्किन लटक जाएगी आदि बातें की जाती हैं.

सचाई यह है कि प्यूबर्टी के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से काफी परिवर्तन होते हैं. खासकर, बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ती है. इस का कारण हार्मोनल चैंजेस होते हैं. ऐसे में टीनऐजर्स अपने शरीर में हुए इन बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं और खुद की तुलना दूसरी लड़कियों से कर के कौंपलैक्स के शिकार होने लगते हैं. वैक्सिंग व उन की स्किन की सही जानकारी ले कर उन की इस समस्या का समाधान करें.

कैसी है स्किन

आप की स्किन की सौफ्टनैस व लचीलापन सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप कैसा प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं, बल्कि इस के लिए एक्स्टर्नल व इंटरनल दोनों कारण जिम्मेदार होते हैं.

जैसे, स्किन की इलास्टिसिटी कितना वाटर रिटेन करने में सक्षम है इस बात पर डिपैंड करती है तो वहीं सीबम के उत्पादन पर स्किन की सौफ्टनैस निर्भर करती है. स्किन की सैंसिटिविटी के लिए हमारा खानपान व हार्मोंस जिम्मेदार होते हैं, इसलिए स्किन टाइप को ध्यान में रख कर ही हमेशा वैक्सिंग करवानी चाहिए ताकि किसी तरह के रिऐक्शन का डर न हो. लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा जब आप को इस की जानकारी होगी.

स्किन टाइप के हिसाब से वैक्सिंग

नौर्मल स्किन : नौर्मल स्किन वालों में वाटर व लिपिड कंटैंट काफी अच्छा होता है, जिस के कारण उन की स्किन ड्राई नहीं होती. यह अतिरिक्त सीबम का उत्पादन भी करता है. इस से स्किन पर किसी भी तरह का रिऐक्शन नहीं होता. ऐसी स्किन वाले टीनऐजर्स के लिए सौफ्ट व हार्ड वैक्स बैस्ट विकल्प है, जो उन की स्किन को नरिश करने का काम करता है.

टीनऐजर्स एंड वैक्सिंग

टीनऐजर्स की स्किन सौफ्ट होती है, छोटी उम्र में वैक्सिंग बिलकुल नहीं, हाथपैर खराब हो जाएंगे, सैंसिटिव स्किन पर रैशेज पड़ने का डर रहेगा, वैक्स करवाने से स्किन लटक जाएगी आदि बातें की जाती हैं.

सचाई यह है कि प्यूबर्टी के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से काफी परिवर्तन होते हैं. खासकर, बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ती है. इस का कारण हार्मोनल चैंजेस होते हैं. ऐसे में टीनऐजर्स अपने शरीर में हुए इन बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं और खुद की तुलना दूसरी लड़कियों से कर के कौंपलैक्स के शिकार होने लगते हैं. वैक्सिंग व उन की स्किन की सही जानकारी ले कर उन की इस समस्या का समाधान करें.

कैसी है स्किन

आप की स्किन की सौफ्टनैस व लचीलापन सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप कैसा प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं, बल्कि इस के लिए एक्स्टर्नल व इंटरनल दोनों कारण जिम्मेदार होते हैं.

जैसे, स्किन की इलास्टिसिटी कितना वाटर रिटेन करने में सक्षम है इस बात पर डिपैंड करती है तो वहीं सीबम के उत्पादन पर स्किन की सौफ्टनैस निर्भर करती है. स्किन की सैंसिटिविटी के लिए हमारा खानपान व हार्मोंस जिम्मेदार होते हैं, इसलिए स्किन टाइप को ध्यान में रख कर ही हमेशा वैक्सिंग करवानी चाहिए ताकि किसी तरह के रिऐक्शन का डर न हो. लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा जब आप को इस की जानकारी होगी.

स्किन टाइप के हिसाब से वैक्सिंग

नौर्मल स्किन : नौर्मल स्किन वालों में वाटर व लिपिड कंटैंट काफी अच्छा होता है, जिस के कारण उन की स्किन ड्राई नहीं होती. यह अतिरिक्त सीबम का उत्पादन भी करता है. इस से स्किन पर किसी भी तरह का रिऐक्शन नहीं होता. ऐसी स्किन वाले टीनऐजर्स के लिए सौफ्ट व हार्ड वैक्स बैस्ट विकल्प है, जो उन की स्किन को नरिश करने का काम करता है.

ड्राई स्किन : ड्राई स्किन पर्याप्त मात्रा में सीबम का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होती है, जिस से स्किन ड्राईड्राई सी लगती है. इस के लिए वैक्सिंग से पहले स्किन को ऐक्सफौलिएट करने की जरूरत होती है ताकि डैड स्किन रिमूव हो कर स्मूद हो सके.

ऐसी स्किन वालों के लिए हनी व कोको वैक्स बेहतर औप्शन है, जो स्किन को मौइश्चर प्रदान करने के कारण सौफ्ट फील देता है.

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औयली स्किन : औयली स्किन में वाटर लैवल अच्छाखासा होता है. लेकिन अतिरिक्त सीबम औयली स्किन के लिए परेशानी का कारण बनता है. इसलिए स्किन पर वैक्सिंग से पहले पाउडर अप्लाई किया जाता है ताकि अतिरिक्त औयल को पाउडर सोख सके और वैक्स एक बार में ही अपना काम कर दे. ऐसी स्किन पर क्रीम वैक्स अच्छा रिजल्ट देती है.

सैंसिटिव स्किन : सैंसिटिव स्किन को खास केयर की जरूरत होती है क्योंकि ऐसी स्किन पर एलर्जी पनपने के चांसेज ज्यादा रहते हैं. इस के लिए लो मैल्ट वाली हाई वैक्स अच्छी रहती है, जो स्किन को सेफ रखने के साथसाथ स्मूद बनाए रखती है.

सभी स्किन के लिए बैस्ट है क्रीम वैक्स

क्रीम वैक्स को सभी स्किन टाइप के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यह कम हीट पर पिघलती है और बाकी वैक्स की तुलना में चिपकती भी कम है. यह विभिन्न औयल व मिल्क से बनी होने के कारण स्किन को नरिश करने का काम करती है.

पतली स्किन की ज्यादा केयर

बड़ों की तुलना में टीनऐजर्स की स्किन थोड़ी पतली होती है, जिस से स्किन को नुकसान पहुंचने का डर बना रहता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चे की वैक्सिंग खुद घर पर करने की सोच रही हैं तो आप का यह निर्णय सही नहीं है, क्योंकि आप को स्किन व वैक्स के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण हो सकता है कि आप ज्यादा गरम वैक्स स्किन पर लगा दें, जिस से स्किन जल भी सकती है.

ऐसे में प्रोफैशनल की देखरेख में ही इसे करवाना उपयुक्त रहता है. टीनऐजर्स की स्किन को देख कर ही पता लगा लेते हैं कि उन की स्किन पर किस तरह की वैक्स की जरूरत है, जिस से दर्द भी कम हो व बाल भी जड़ से निकल जाएं. उन की देखरेख में स्किन जलने, काली पड़ने का डर नहीं रहता, जो शायद घर पर संभव न हो. वे फ्री व पोस्ट वैक्सिंग केयर का भी खास ध्यान रखते हैं.

भूल कर भी हेयर रिमूवल क्रीम्स नहीं

हेयर रिमूवल क्रीम्स भले आसानी से उपलब्ध होने के साथसाथ शरीर से अनचाहे बालों को हटाने का बहुत ही आसान सा उपाय हैं लेकिन इस में मौजूद कैमिकल्स से स्किन काली पड़ने के साथसाथ उन पर रैशेज, दागधब्बे भी पड़ जाते हैं. साथ ही, 3-4 दिनों में ही काले व मोटे बाल आने शुरू हो जाते हैं, जो स्किन की सौफ्टनैस को खत्म करने का काम करते हैं.

वैक्सिंग से ग्रोथ भी कम

हेयर रिमूवल क्रीम की तुलना में वैक्सिंग जड़ से बालों को निकालने का काम करती है, जिस से लंबे समय तक बाल नहीं आते और जब आते हैं तो बहुत ही सौफ्ट ग्रोथ आती है. खास बात यह है कि यह स्किन की टैनिंग को रिमूव करने के साथ स्किन के टैक्स्चर को भी इंप्रूव करती है.

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लेजर ट्रीटमैंट भी कारगर

हर लड़की खूबसूरत दिखना चाहती है. लेकिन कई बार मासिकधर्म शुरू होने या एंड्रोजन हार्मोन (जो पुरुष हार्मोन होता है) की मात्रा महिला के शरीर में बढ़ने से चेहरे पर अनचाहे बाल आने लगते हैं, जिस से उन्हें लोगों को फेस करने में शर्मिंदगी महसूस होती है और इस से छुटकारा पाने के लिए कभी वे चोरीछिपे थ्रेड चलवाती हैं तो कभी रेजर का इस्तेमाल करती हैं, जिस से चेहरा खराब होने लगता है.

ऐसे में जब बात चेहरे की आए तो मांओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट को दिखाएं ताकि चेहरे पर आने वाले अनचाहे बालों का कारण ज्ञात हो सके. हार्मोंस में गड़बड़ी होने पर उसे दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं चेहरे पर अनचाहे बालों को लेजर ट्रीटमैंट से भी ठीक किया जा सकता है, जो काफी सेफ व इफैक्टिड तरीका है.

यह तकनीक चेहरे, गरदन, हाथपैरों या शरीर के किसी भी भाग से बालों को हटाने में सक्षम है. इस के लिए 7-8 सिटिंग्स दी जाती हैं. लेकिन रिजल्ट काफी बेहतर मिलता है. और फिर बारबार वैक्सिंग करवाने से भी छुटकारा मिल जाता है.

इसलिए मांएं वैक्सिंग को हौआ न बनाएं बल्कि वैक्सिंग की तकनीक की सही जानकारी रख कर अपने बच्चों की जरूरतों के साथ उन की भावनाओं को सम  झें ताकि उन्हें अनचाहे बालों के कारण किसी के सामने शर्मिंदा न होना पड़े.

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लेजर हेयर रिमूविंग एट होम  

हेयरलेस दिखना सबको अच्छा लगता है ख़ास कर गर्मी के मौसम में शार्ट ड्रेस में तो यह जरूरी ही हो जाता है. आप चाहें शेविंग , वैक्सिंग या ट्विचिंग करा सकती हैं. पर अब घर बैठे आप खुद लेजर हेयर रिमूवर से अनचाहे बालों से छुटकारा पा सकती हैं. अगर आप लेजर हेयर रिमूविंग की शौक़ीन हैं तो आजकल अफोर्डेबल लेजर हेयर रिमूवर बाजार में उपलब्ध हैं. इस से आपको काफी समय और रुपयों की बचत भी होगी .

लेजर हेयर रिमूवर क्या हैलेजर प्रकाश किरणों से  हेयर फॉलिकल्स को जला कर नष्ट कर देते हैं जिसके चलते हेयर रिप्रोडक्शन नहीं हो पाता है . इस प्रोसेस में  एक से ज्यादा सेसन लगता है , यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको शरीर के किस भाग के बाल हटाने हैं .

सेल्फ लेजर हेयर रिमूवर लेजर तकनीक दो तरीकों से बाल हटाता है – एक आईपीएल ( IPL ) और दूसरा  लेजर हेयर रिमूवर . दोनों एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं – हेयर फॉलिकल्स को नष्ट करना . आमतौर पर  घर में हैंड हेल्ड आईपीएल रिमूवर से बाल हटाते हैं हालांकि इसमें  लेजर बीम नहीं होता है फिर भी इंटेंस पल्स लाइट बीम द्वारा यह टारगेट एरिया के बालों के जड़ तक पहुँच कर फॉलिकल्स को लेजर की तरह मार देता है जिसके चलते वह एरिया बहुत दिनों तक हेयरलेस रहता है . इसे चेहरे पर भी यूज कर सकती हैं पर आँखों को बचा कर.

आईपीएल हेयर रिमूवर किसके लिए सही हैआधुनिक विकसित तकनीक से निर्मित आईपीएल रिमूवर सभी तरह के बालों से छुटकारा पाने का दावा करते हैं . आमतौर पर त्वचा और बाल के रंग में  कंट्रास्ट यानि स्पष्ट अंतर रहने पर यह अच्छा परिणाम देता है , जैसे फेयर स्किन और डार्क हेयर . फिर भी लेजर हेयर रिमूविंग के पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेनी  चाहिए . डार्क स्किन में  यह उतना अच्छा काम नहीं कर सकता है क्योंकि इसे मेलेनिन और फॉलिकल्स में अंतर समझने में कठिनाई होती है , ऐसे में स्किन बर्न की संभावना है.

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आईपीएल की सीमा लेजर की तुलना में आईपीएल कम शक्तिशाली होता है इसलिए हेयर फॉलिकल्स को उतनी   ज्यादा शक्ति से नहीं मारता है जितना प्रोफेसनल लेजर रिमूवर से और इसलिए  इसका असर धीमा होता है. इसे 2 आंखों के अत्यंत निकट , होंठों के ऊपर इस्तेमाल न करें.आँखों के निकट यूज के पहले चश्मा या सनग्लास पहन कर इस्तेमाल करना बेहतर होगा. प्रेग्नेंनसी और ब्रेस्टफीडिंग में बिना डॉक्टर की सलाह के न इस्तेमाल करें. इसके अतिरिक्त बिकिनी एरिया के अंदर नाजुक अंगों पर भी आईपीएल डिवाइस नहीं करनी चाहिए. आधुनिक तकनीक से बने डिवाइस तिल या मांसों पर इस्तेमाल करने का दावा करते हैं पर डार्क एरिया के लिए यह ठीक नहीं है .

आईपीएल इस्तेमाल के पहले –  पहली बार शुरूआत शरद या सर्दी के मौसम में बेहतर है. टारगेट एरिया पर कोई पाउडर , परफ्यूम या केमिकल न हों.बाल अधिक बड़े हों तो उन्हें  3 – 4 मिली मीटर तक  ट्रिम कर लें.

कैसे इस्तेमाल करें – आईपीएल हेयर रिमूवर को इस्तेमाल करना आसान है.आईपीएल को बिजली लाइन में प्लग कर  मशीन को टारगेट एरिया के निकट लाएं.फिर उस एरिया पर अवलम्ब ( 90 डिग्री ) पर रखते हुए इसे ऑन कर आईपीएल बीम फोकस करें . यह प्रति मिनट 100 या ज्यादा शॉट्स या फ्लैशेज उत्पन्न  कर आपके बालों को मिनटों में हटा देगा. लगभग 30 मिनटों के अंदर  आप पैरों , काँख और बिकिनी लाइन के बालों से मुक्त हो सकती हैं. अपनी त्वचा और बालों के रंग  ( काले , भूरे , सुनहरे ) रूप ( मोटाई , लंबाई  ) के अनुसार दिए गए निर्देशानुसार लाइट इंटेंसिटी को एडजस्ट कर सकती हैं.  शुरू में इसे  दो  सप्ताह  के अंतराल पर फिर इस्तेमाल करना होगा. बाद में पूर्णतः  हेयरलेस त्वचा दिखने के लिए हर तीन चार महीनों पर इसे यूज करना होगा पर बाल पहले की तुलना में कम घने , पतले  और हल्के रंग के होंगे.

फायदे इसका प्रयोग आप अपने घर के कम्फर्ट जोन में अपने समयानुसार कर सकती हैं. किसी लेजर सैलून या प्रोफेसनल के यहाँ बार बार जाने की जरूरत नहीं है . यह प्रोफेसनल लेजर रिमूवल की तुलना में बहुत सस्ता है.

यह कम शक्तिशाली प्रकाश किरणों का इस्तेमाल करता है जिससे लेजर की तुलना में बहुत कम साइड इफेक्ट होने की संभावना है.

इसके लिए बार बार बैट्री बदलने या रिचार्ज की आवश्यकता नहीं है. आमतौर पर निर्माता  इस  डिवाइस  की लाइफ 10 + वर्षों तक बताते हैं.

शेविंग , वैक्सिंग और ट्वीचिंग  की अपेक्षा यह ज्यादा सुविधाजनक है और इसमें दर्द लगभग नहीं होता है.

आईपीएल मुंहासे , बर्थ मार्क , फाइन लाइन्स आदि के  कुछ हल्के दाग – धब्बे भी हटा सकता है .

साइड इफेक्ट्स – 

इस्तेमाल के दौरान हल्का दर्द महसूस होना. ऐसे में आइस पैक या नंबिंग क्रीम से आराम मिलेगा.

टारगेट एरिया के त्वचा का  हल्का रेड या पिंक होना या फूलना. यह दो तीन दिनों में स्वतः ठीक हो जाता है.

विरले ही बहुत ज्यादा लाइट के चलते  मामूली स्किन बर्न हो सकता है .

कभी  स्किन पिग्मेंट मेलेनिन को हानि होने से धब्बा  हो सकता है.

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विशेष कोई चाहे कितना भी दावा करे लेजर  से भी परमानेंट हेयरलेस होना सम्भव नहीं है.कुछ महीनों के बाद इसे फिर रिपीट करना होगा.लेजर  आईपीएल  से बेहतर है पर यह बहुत महंगा है.

लेजर हेयर रिमूवल कॉस्टसाधरतया प्रोफेसनल से  लेजर हेयर रिमूविंग का कॉस्ट इन बातों पर निर्भर करता है – शहर या मेट्रो ,शरीर के  किस भाग का बाल हटाना या टारगेट एरिया , त्वचा और बालों का रंग , कितने सिटिंग्स लगेंगे और  लेजर विधि का  चुनाव. आमतौर पर प्रोफेसनल द्वारा फुलबॉडी लेजर रिमूविंग का कॉस्ट करीब  दो लाख रुपये होता है.

उदाहरण – काँख के बाल के लिए 2000 से 4000 , हाथ 7000 से 14500 , पैर 11000 से 21000 तक हो सकता है – शहर या मेट्रो के अनुसार.

आईपीएल का कॉस्ट मीडियम लेवल आईपीएल करीब 5500 रुपये में मिल जाता है. इसका मूल्य नंबर ऑफ़ शॉट्स या फ्लैशेज और अन्य फीचर्स पर भी निर्भर करता है.

वैक्सिंग: Myth पर Facts हैं भारी 

कोई भी महिला नहीं चाहती कि उसके चेहरे , शरीर पर बाल आए. लेकिन हमारा खानपान , शरीर में हो रहे बदलाव व होर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने की वजह से हाथपैरों, चेहरे पर अनचाहे बाल आ जाते हैं. जो न तो दिखने में अच्छे लगते हैं और साथ ही हमारे कोन्फिडेन्स को भी कम करने का काम करते हैं. लेकिन आज इन सब चीजों के लिए हमारे सामने अनेक ओप्शन्स उपलब्ध हैं. लेकिन सवाल यह है कि हेयर रिमूवल के ढेरों ओपशंस होने के बावजूद उनसे जुड़े अनेक मिथ्स हैं , जो हमें उन ओपशंस को चूज करने के लिए मन में अनेक तरह के डाउट पैदा करने का पर मजबूर करते हैं. लेकिन हम आपको हेयर रिमूवल से जुड़े सभी फैक्ट्स के बारे में बताते हैं , जिससे आपके मन में उनसे जुड़े मिथ नहीं रहेंगे.

1. मिथ अबाउट हेयर रिमूवल क्रीम 

इन दिनों हेयर रिमूवल क्रीम काफी डिमांड में है. क्योंकि वायरस के कारण बढ़ते केसेज  के कारण घर से बाहर निकलना सेफ जो नहीं है. और दूसरे इजी तो अप्लाई एंड रिमूव हेयर्स भी है. लेकिन अधिकांश लड़कियां व महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से इसलिए कतराती हैं कि इसे अप्लाई करने से स्किन पर एलर्जी, रेडनेस होने के साथसाथ स्किन काली भी पड़ जाती है. और इसे अप्लाई करने के बाद जब दोबारा से हेयर ग्रोथ आती है तो वो काफी जल्दी, ज्यादा व हार्ड ग्रोथ होती है. इस चक्कर में हेयर रिमूवल क्रीम्स का इस्तेमाल कम ही किया जाता है.

फैक्ट आपको बता दें कि ये क्रीम्स डर्मेटोलॉजिस्ट टेस्टेड होती हैं. इसलिए ये स्किन पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है. लेकिन अगर आपकी स्किन पर एलर्जी हुई हुई है और आप उस पर इसे अप्लाई करती हैं तब ही ये आपकी स्किन पर एलर्जी करेगा. इसमें हेयर ग्रोथ भी जड़ से निकलने के कारण लंबे समय तक नहीं आती है. क्योंकि ये केराटिन प्रोटीन को ब्रेक कर जड़ से बालों को निकालने का काम जो करता है. अगर आप क्रीम की जगह रिमूवल क्रीम स्ट्रिप यूज़ करती हैं तो उसके छोटेछोटे पैचेज इस्तेमाल करने पर न तो आपकी स्किन रेड होगी और न ही किसी भी तरह की इर्रिटेशन. बस जब भी इस्तेमाल करें तो उसकी थोड़ी थोड़ी क्वांटिटी लें, साथ ही एक्सपायरी देख कर ही प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें. प्रोडक्ट को जितनी देर स्किन पर लगाने के लिए बोला है, उतनी देर ही लगाएं, इससे  स्किन सेफ रहेगी. आप 20 – 25 दिन में दोबारा इसका इस्तेमाल कर सकते हैं , ये आपकी स्किन पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. ये हर स्किन टाइप को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाता है.

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2. मिथ अबाउट वैक्सिंग 

आप जब भी ब्यूटी एक्सपर्ट के पास वैक्सिंग करवाने के लिए जाते हैं , तो वे आपको वैक्सिंग से ही हेयर रिमूव करवाने की सलाह देते  हैं. लेकिन आप अंदर ही अंदर यही सोचती हैं कि इससे काफी दर्द होने के साथसाथ स्किन जल भी सकती है. साथ ही ग्रोथ भी ठीक नहीं आती है.

फैक्ट वैक्सिंग हेयर रिमूवल का बहुत ही सेफ तरीका है. क्योंकि इससे स्किन को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. आजकल मार्केट में एक से बढ़ कर एक वैक्सिंग प्रोडक्ट्स हैं. जैसे बिकिनी वैक्स, रीका वैक्स, एवोकाडो वैक्स, चॉकलेट वैक्स, मिल्क वैक्स  आदि. इसमें आलमंड आयल, ग्लिसरीन, विटामिन्स व ओलिव आयल जैसी प्रोपर्टीज भी होने के काऱण ये स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ स्किन पर सूजन व उसे लाल पड़ने से रोकने का काम करते हैं. वैक्सिंग स्किन को तभी जलाती है जब उसके टेम्परेचर का ध्यान नहीं रखा जाता है. आजकल ऐसे हीटर उपलब्ध हैं , जिसमें ओटो कट की सुविधा होने के कारण वे उसे उतना ही गरम करते हैं , जितनी जरूरत होती है. इसलिए जलने का डर नहीं. साथ ही अगर आप इसे रेगुलर करवाते हैं तो धीरेधीरे इससे हेयर ग्रोथ कम होती जाती है. क्योंकि ये जड़ से बालों को निकालती है, जिससे अगली बार बाल धीरे व पतले आते हैं. अगर इसमें छोटीछोटी स्ट्रिप लेकर वैक्स की जाती है तो ये स्किन पर जरा भी दर्द नहीं करती है. बस इसमें खास तौर से टेक्निक का ध्यान रखने की जरूरत होती है.

3. मिथ अबाउट लेज़र ट्रीटमेंट 

बहुत सी महिलाओं के चेहरे व शरीर पर अनचाहे बाल उग आते हैं , जिनके लिए कभी वे हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करती हैं तो कभी रेज़र का तो कभी हेयर रिमूवल क्रीम का. लेकिन जब वे रोजरोज इनका सहारा लेलेकर थक जाती हैं तो लेज़र हेयर रिमूवर से परमानेंट हेयर रिमूव के बारे में सोचती हैं. लेकिन इस बात को लेकर उनके मन में ये मिथ है कि इस तकनीक में रेज़र का इस्तेमाल करने के कारण शेविंग जैसे बाल आते हैं, स्किन टेन हो जाती है, काफी दर्द होता है और इसमें बारबार ट्रीटमेंट लेने की जरूरत होती है.

फैक्ट  ये ऐसा ट्रीटमेंट है , जो सेफ होने के साथसाथ आपको अनचाहे बालों से हमेशा के लिए छुटकारा दिलवाने का काम करता है. इस ट्रीटमेंट में थोड़ा वक्त व ज्यादा सिटिंग्स इस बात पर निर्भर करती हैं कि किसी के बालों की ग्रोथ ज्यादा व हार्ड  होती है. इसमें लाइट की तेज किरणों को प्रभावित हिस्सों पर ड़ालकर फोलिकल्स को नष्ट करने की कोशिश की जाती है. जबकि ये फोलिकल्स धूप से स्किन को बचाने का काम करते हैं , इसलिए इस ट्रीटमेंट को करवाने के बाद स्किन को ठंडा रखने व कुछ घंटों धूप से बचाने को कहा जाता है. अगर इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता तभी पिगमेंटेशन की शिकायत होती है. इसमें 8 – 9 सिटिंग दी जाती  है, लेकिन अगर हॉर्मोन्स का संतुलन ज्यादा ख़राब होता है तो सिटिंग्स उस पर निर्भर करती है. लेकिन रिजल्ट काफी अच्छे व लौंग लास्टिंग मिलते है. अगर ये काम एक्सपर्ट्स से करवाया जाता है तो रिजल्ट अच्छे मिलने के साथसाथ पैन, स्किन रेड होने , स्किन पिग्मेंट होने के चांसेस काफी कम हो जाते हैं.

रोल ओन वैक्स 

आजकल हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है. ऐसे में चाहे आप ब्यूटी एक्सपर्ट के पास जाकर वैक्स करवाएं या फिर उन्हें घर बुलाकर , लेकिन आप आजकल डिमांड में रहने वाली रोल ओन वैक्स या कार्ट्रिज वैक्स के ओप्शन को ही चूज करें. क्योंकि ये क्रॉस संदूषण की किसी भी संभावना को कम करता है. जो वैक्स हीटर में बारबार स्पैटुला को डालने के कारण होती है. ये इजी टू अप्लाई होने के साथ आप इसमें अपनी पसंद की वैक्स भी डाल सकते हैं. इसे अपने साथ कैरी करना भी काफी आसान है. लेकिन इसमें भी आपको अपनी स्किन को उसी तरह तैयार करना होता है जैसे नार्मल वैक्सिंग में किया जाता है. यकीन मानिए मिनटों में वैक्सिंग होने के साथसाथ आपकी सेफ्टी भी नजरअंदाज नहीं होती है.

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वैक्सिंग के बाद ड्राईनेस क्यों 

अकसर हम सबकी ये शिकायत होती है कि वैक्सिंग करने के बाद हमारी स्किन ड्राई हो जाती है. हम इसे वैक्सिंग का साइडइफ़ेक्ट मानने लगते हैं.  ऐसा अकसर ड्राई स्किन वालों के साथ ज्यादा होता है. इसका कारण यह है कि एक तो स्किन का मोइस्चर पहले से ही खत्म हो गया है और दूसरा ऐसी स्किन पर जब इंग्रीडिएंट्स को ध्यान में नहीं रखकर वैक्सिंग का इस्तेमाल किया जाता है तो स्किन की डॉयनेस और बढ़ जाती है. इसलिए जिन लोगों को डॉयनेस की प्रोब्लम है उन्हें अवोकेडो बटर वैक्स, कोकोनट वैक्स, ओलिव आयल व मिल्क रिच वैक्स, मिल्क वैक्स इत्यादि का इस्तेमाल करना चाहिए . साथ ही वैक्सिंग के बाद स्किन को मॉइस्चराइज़ जरूर करें. इससे वैक्सिंग के बाद आपकी स्किन में डॉयनेस की प्रोब्लम नहीं आएगी.

वैक्सिंग के बाद मेरी स्किन पर लाल धब्बे उभर आते हैं, मैं क्या करु?

सवाल-

वैक्सिंग के बाद मेरी स्किन पर लाल धब्बे उभर आते हैं. मैं अनचाहे बालों को हटाने के लिए क्या उपाय अपना सकती हूं?

जवाब-

आप वैक्सिंग से पहले ऐंटीएलर्जिक टैबलेट ले सकती हैं. वैसे इस समस्या से परमानैंट छुटकारा पाने के लिए पल्स लाइट ट्रीटमैंट की सिटिंग्स ले सकती हैं. यह एक इटैलियन टैक्नालोजी है, जो अनचाहे बालों को रिमूव करने का सब से तेज, सुरक्षित व दर्दरहित हल है. लेजर अंडरआर्म्स के बालों पर ज्यादा इफैक्टिव होती है. इसी कारण इस की कुछ ही सिटिंग्स में बाल न के बराबर हो जाते हैं. इस से 80% तक अनचाहे बाल दूर हो जाते हैं और शेष बाल इतने पतले और हलके रंग के हो जाते हैं कि वे नजर ही नहीं आते.

सवाल- 

मेरी गरदन पर मस्से हो गए हैं. बताएं, उन्हें कैसे दूर करूं?

जवाब-

आप किसी ऐक्सपर्ट डर्मालौजिस्ट की मदद से कोटराइज सर्जरी करवा कर इन मस्सों को हटवा सकती हैं.

सवाल- 

मेरी आंखों के चारों ओर काले घेरे पड़ गए हैं. उन्हें हटाने के घरेलू और क्लीनिकल उपाय सुझाएं?

जवाब

घरेलू उपाय के तौर पर  1/2 चम्मच बादाम का तेल और 5 ड्रौप्स औरेंज औयल को मिक्स कर लें और आंखों के चारों ओर हलकेहलके से गोलाई में मालिश करें. ऐसा करने से काले घेरे भी लाइट हो जाते हैं. इस के अलावा क्लीनिकल ट्रीटमैंट के तौर पर बायोप्ट्र्रान ट्रीटमैंट ले सकती हैं.

यह एक तरह की यलो लेजर हैं, जो दोनों आंखों पर 8-10 मिनट के लिए दी जाती है. इस लेजर के प्रभाव से त्वचा रिजनरेट होती है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है जिस की वजह से आंखों के आसपास की पफनैस कम होती है, साथ ही पिग्मैंटेशन के कम होने से डार्क सर्कल भी लाइट नजर आने लगते हैं.

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