एलोपेसिया ग्रसित महिला का मजाक पड़ा महंगा

हॉलीवुड के सुपर स्टार विल स्मिथ की इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. इसकी वजह विल स्मिथ है, जिन्होंने OSCAR AWARD FUNCTION 2022 के दौरान कॉमेडियन और होस्ट क्रिस रॉक को जोरदार थप्पर मार देना, क्योंकि उन्होंने उनकी पत्नी जाडा पिंकेट स्मिथ, जो एलोपेसियाएरिएटा की शिकार है, उन्हें लेकर कुछ अभद्र मजाक किया, जिसे सुनते ही विल स्मिथ को गुस्सा आया और उन्होंने स्टेज पर क्रिस रॉक को थप्पड़ जड़ दिया. अपनी पत्नी के लिए इस तरह की एक्सेप्टेंस शायद विश्व में उन पुरुषों के लिए सीख है, जो एलोपेसिया के शिकार अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड को नहीं अपनाते, उन्हें आसानी से तलाक दे देते है या फिर उनसे कोई सम्बन्ध नहीं रखते. हमारे देश में एलोपेसिया के शिकार महिला या लड़की को चुड़ैल, डायन, अपशगुनी, आदि न जाने कितने शब्दों के प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से पीड़ित होकर आत्महत्या तक कर लेते है.

महसूस करती हूं गर्व

इस बारें में एलोपेसिया के शिकार केतकी जानी कहती है कि मैं विल स्मिथ की पत्नी के प्रति उनके पति की इस एक्सेप्टेंस को देखकर बहुत खुश हूं और ऑस्कर अवार्ड में एलोपेसिया या गंजेपन को लेकर मजाक करने की जो गलती क्रिस क्रॉस ने किया है, उसका उन्हें सही जवाब मिल गया है और इसकी गूंज पूरे विश्व में रहनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति एलोपेसिया के शिकार को पब्लिक प्लेटफार्म पर भला-बुरा कहने की जुर्रत न करें. मुझे जब से एलोपेसिया हुआ है, मेरे पति मुझसे दूर रहने लगे है.मैंने कई बार आत्महत्या की कोशिश की थी, पर मेरे बच्चों की वजह से मैंने ऐसा नहीं किया, गर्व के साथ आगे आई और कई ब्यूटी अवार्ड जीती. मेरी दशा ऐसी हुई थी कि लोग मुझे किसी शादी ब्याह में जाने नहीं देते थे, मेरा चेहरा अगर सुबह उठकर कोई देख लें तो उसका पूरा दिन ख़राब हो जायेगा, इसलिए मुझे ऑफिस टाइम में घर पर रहना या फिर सुबह जल्दी उठकर ऑफिस जाना पड़ता था. कुछ लोगों ने मुझे इतना तक कहा है कि तुम कितनी बदनसीब हो, पति के होते हुए भी बाल चले गए. अभी मैं अपने बच्चों के साथ रहती हूं. पति ने पहले मुझे विग पहनने की सलाह दी थी, पर मुझे वह ठीक नहीं लगा, क्योंकि उससे गर्मी अधिक लगती है और मैं बिना हेयर के अपनी जिंदगी से खुश हूं. शुरुआत में खुद को आईने में देखना बहुत मुश्किल था, क्योंकि मेरे बाल पहले लम्बे थे, लेकिन अब पूरी तरह से झड चुके है.

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तिरस्कृत हुई परिवार,समाज और धर्म द्वारा

वह आगे कहती है कि हमारे देश में किसी महिला के सिर पर केश न होने से पूरे घर- परिवार के लिए शर्म की बात होती है, सब उसका मजाक और तिरस्कार करते है. स्त्री की बल्डनेस डिवोर्स का कारण,उससे सेक्स न करना आदि पूरी उम्र तिरस्कार और लांछन का सामना करना पड़ता है. हमारे समाज में लोग सोचते है कि इस रोग से पीड़ित को शर्म से डूब मरना चाहिए या फिर घर के किसी कोने में चुपचाप विग, स्कार्फ और कैप लगाकर जिन्दा रहना चाहिए, जो बहुत गलत है. इसलिए मैं पूरे एलोपेसियाग्रुप के रोगी को सपोर्ट देती हूं, क्योंकि ऐसे बहुत बच्चे और महिलाएं है, जिन्हें हमेशा तिरस्कृत होना पड़ता है. मेरे ग्रुप में करोब सौ एलोपेसिया के मरीज है. स्कूल में पढने वाले एक 13 साल के बच्चे को टीचर अलग बैठाती है, वह बच्चा हमेशा सहमा-सहमा रहता है, उससे कोई बात और खेलता तक नहीं है. कई बार वह घर पर आकर रोता है, मैं उसे काउंसलिंग करती हूं.

क्या है एलोपेसिया

इस बारें में मुंबई की डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. अप्रतिम गोयल कहती है कि एलोपेसिया के मरीज के साथ हमेशा ऐसा होता आया है, समाज और परिवार उन्हें एक्सेप्ट नहीं करना चाहते है. असल में ये एक ऑटोइम्यून डिसीज है, जो कभी भी किसी को हो सकता है,जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम और सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) जिनका काम बीमारियों से लड़ना है, वे हेयर फॉलिक्स (Hair Follicles) पर ही हमला करने लगते है, जिसकी वजह से बाल तेजी से गिरने लगते है. कई मरीजों में सिर के कुछ हिस्सों से भी धब्बों की तरह बाल गायब होने लगते है. मेरे हिसाब से विल्स स्मिथ की पत्नी को ओफियासिस एलोपेसिया हुआ है, जिसका इलाज संभव नहीं होता.

इसके होने की वजह कुछ खास पता नहीं चला है, लेकिन ये छूने से नहीं फैलता. ये महिलाओं से अधिक पुरुषों को होता है. एलोपेसिया को समझना आसान नहीं होता, क्योंकि इनके कुछ खास लक्षण नहीं होते, क्योंकि अधिकतर लोगों को स्ट्रेस या किसी बीमारी की वजह से बाल झड़ते है और वे इसे नार्मल समझते है, इससे इसे रोकना नामुमकिन होता है, क्योंकि ये बहुत जल्दी सक्रीय होता है और ये जेनेटिक भी हो सकता है.ये बीमारी अधिकतर थाइरोयड, अस्थमा,मायस्थीनिया ग्रेविस आदि को होने की संभावना अधिक होती है. 50 प्रतिशत केसेज में ये परिवार को होती है. एक हफ्ते में ही ये पैच आने लगते है, इससे मनोवैज्ञानिक तौर पर उस व्यक्ति को प्रभावित करती है. इसका इलाज आसान नहीं, लेकिन 30 प्रतिशत केसेज में बाल फिर से बिना इलाज के आ जाते है, लेकिन ये अनप्रेडिक्टेबल है.

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एलोपेसिया कई प्रकार के होते है ,जो निम्न है,

  • एलोपेशिया एरीएटा में सिर के सारे बाल गुच्छों में पैचेस बनाते हुए झड़ते है,जो एक पैच भी हो सकते है या फिर छोटे-छोटे पैचेस मिलकर पूरा गंजा भी कर सकते है.
  • एलोपेसिया एरिएटा से कई बार अलोपेसिया टोटालिस भी हो सकता है.
  • एलोपेसिया यूनिवर्सलिस में सिर के ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर से बाल झड़ जाते है.

इलाज

इसका कोई सही इलाज न होने की वजह से स्टेरॉयड या कैंसर की दवाई देनी पड़ती है, जिसके साइड इफ़ेक्ट बहुत अधिक और इफ़ेक्ट कम होते है.

बच्चों के लिए ठाना कि लोगों की सोच से नहीं, बल्कि खुद की मौत आने पर ही मरूंगी-केतकी

केतकी जानी, बाल्ड ब्यूटी

अगर दिल में कुछ करने की ठान ली हो तो स्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों व्यक्ति उन से लड़ कर अपनी मंजिल पा लेता है. इस का उदाहरण हैं पुणे निवासी बाल्ड ब्यूटी केतकी जानी, जिन्हें 40 साल की उम्र में पता चला कि उन्हें ऐलोपेसिया नामक बीमारी हुई है. तब उन के केश झड़ गए और वे डिप्रैशन में चली गईं, क्योंकि डाक्टरों ने इलाज असंभव बताया था. मगर एक दिन केतकी ने सोचा कि जिंदगी जिंदादिली का नाम है. अत: हिम्मत कर वे इस दौर से निकलीं और कई अवार्ड जीते, जिन में ‘भारत प्रेरणा अवार्ड,’ ‘मिसेज यूनिवर्स,’ ‘वूमन औफ कौन्फिडैंस 2018’ आदि शामिल हैं. आइए सुनते हैं उन की कहानी उन्हीं की जबानी:

सवाल- आप ने जब पहली बार जाना कि आप को ऐलोपेसिया हुआ है और आप के बाल नहीं रहेंगे तो आप की क्या प्रतिक्रिया थी?

मैं 2 बेटियों की मां हूं. मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश थी, लेकिन मेरी जिंदगी में ऐलोपेसिया की चिनगारी ऐसी लगी कि मेरा सुखचैन सब छिन गया और मैं डिप्रैशन में चली गई.

40 साल की उम्र में जब मैं एक दिन औफिस गई और बालों को सहला रही थी तो मैं ने पाया कि एक कान के पीछे मेरा हाथ सिर की स्किन पर लगा. मैं घबरा गई और अपनी सहकर्मी को दिखाया. उस ने कहा कि सिर पर छोटी सी जगह पर बाल चले गए हैं. पहले मैं घबराई नहीं, क्योंकि मेरे बाल बहुत घने थे. डाक्टर के पास गई तो उन्होंने एक ट्यूब लगाने की सलाह दी, लेकिन उस से कोई फायदा नहीं हुआ और 6 से 8 महीने में मेरे पूरे बाल चले गए. मैं सोच नहीं सकती थी कि मेरे साथ ऐसा होगा. हालांकि डाक्टर ने बताया भी था कि मुझे यह बीमारी है, पर मेरा मन नहीं मान रहा था.

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मैं डिप्रैशन में चली गई. मैं अपनेआप को सह नहीं पा रही थी. जब भी आईने में खुद को देखती तो बहुत दुख होता था. धीरेधीरे मेरी आईब्रोज और बाकी पूरे शरीर से बाल चले गए. मैं ने इलाज पर लाखों का खर्चा कर डाला, पर परिणाम कुछ नहीं निकला.

सवाल- बाल न होने पर किस तरह की बातें सुननी पड़ीं और डिप्रैशन से कैसे निकलीं?

इस के बाद मैं ने सब से मिलना बंद कर दिया. मुझे लोगों से मिलने में डर लगने लगा था, क्योंकि सभी को बताना पड़ता था कि मेरे बाल क्यों चले गए. मैं औफिस टाइम से पहले और बाद रात में घर आने लगी. एक दिन मैं ने सोचा कि अब मुझे जिंदा नहीं रहना चाहिए. अत: मैं ने हाथ में दुपट्टा ले कर फैन से लटक कर फांसी लगाने तक की सोच डाली. 4-5 दिन तक यही मेरे दिमाग में चलता रहा. जिस रात फांसी लगाने का तय कर रही थी तभी मेरी नजर अपने सोते दोनों बच्चों पर पड़ी. मुझे अचानक लगा कि अगर मैं ने आत्महत्या कर ली तो कल को उन का क्या होगा. जिंदगीभर वे मेरे इस लटकते शरीर को नहीं भूल पाएंगे. तब मैं ने अपनी सोच बदल डाली और सोचा कि मैं लोगों की सोच से नहीं, बल्कि खुद की मौत आने पर ही मरूंगी. अब मैं ने लोगों से डरना बंद कर दिया, क्योंकि मुझे जीना है. अगर किसी को मुझे देखने से समस्या है तो वह उस की समस्या है. इसी सोच से मेरा आत्मबल बढ़ गया.

 सवाल- परिवार का सहयोग कैसा रहा?

पति नीतीश जानी और बच्चों का बहुत सहयोग रहा. पति गुजरात में काम करते हैं और समय मिलने पर पुणे आते हैं. वे कहते थे कि विग लगा कर घूमो, लेकिन वे मेरे मन की पीड़ा को नहीं समझ पाते थे. इस के अलावा मेरी बेटी पुन्यजा और बेटा कुंज दोनों ने मुझे हर समय सहयोग दिया. बेटी कहतीं कि मैं अभी भी उतनी ही सुंदर हूं जितनी पहले थी मैं. उन्हें लोगों के कथन को अधिक महत्त्व न देने को कहती. इस से मेरे अंदर एक मजबूत महिला होने की भावना पनपी.

 सवाल- सिर को इतना खूबसूरत अंदाज देने के बारे में कब सोचा?

मैं ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना शुरू किया. बालों के लिए डाक्टर ने मुझे स्टेराइड  दिया, जिस से मेरा वजन बढ़ गया. मुझे थोड़े बाल भी आने लगे, पर बेटी ने इस के साइड इफैक्ट बताए. तब मैं ने पहले डाइट कंट्रोल कर वजन कम किया. एक दिन आईने में अपने सिर को देख उसे कैनवास समझ सजाने की बात सोची. टैटू का खयाल आया. मैं इकलौती ऐसी महिला बनी, जिस ने गंजेपन को एक अनोखा और खूबसूरत रूप दिया. इसे करवाने में 6-7 सैशन लगे. अब फैशन मेरे जीवन का एक अंग बन गया है.

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 सवाल- इन 5 सालों में आप की जिंदगी कितनी बदली?

बहुत बदल गई है, क्योंकि जब बाल थे तो मैं यह सोच नहीं सकती थी कि मैं एक मौडल बन रैंप पर वाक करूंगी. आज मैं आत्मविश्वास के साथ रैंप पर जाती हूं और बहुत अच्छा महसूस करती हूं. सब से अधिक खुशी मिसेज यूनिवर्स अवार्ड मिलने पर हुई, जब मैं ने वहां भारत को रिप्रैजेंट किया था.

 सवाल- जिंदगी को खूबसूरत तरीके से जीने का अंदाज क्या होना चाहिए?

जिंदगी बहुत खूबसूरत है. इसे अपने हिसाब से पूरी तरह जी लेना चाहिए, क्योंकि यह एक बार ही मिलती है.

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