आप अपनी दैनिक जीवन से जुड़ी हर छोटीमोटी चीज का समाधान खुद करने की कोशिश करते होंगे. स्वास्थ्य से संबंधित छोटीमोटी परेशानियों का समाधान भी खुद कर लंबी कतार में लगने और डाक्टर को मोटी फीस दे कर खुद को लूटने से बचा सकते हैं.
ऐसे में इजी समाधान है ओटीसी दवाएं, जिन्हें खरीद पर आप ठीक भी हो जाएंगे और आप की जेब पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा.
कौन सी हैं ओटीसी दवाएं
इस संबंध में जानते हैं फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के सीनियर कंसल्टैंट ऐंड एचओडी इंटरनल मैडिसिन के डा. राजेश बुद्धिराजा से:
ओटीसी दवाओं, जिन्हें ओवर द काउंटर मैडिसिन भी कहते हैं, पर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं है. इन्हें नौनप्रैस्क्राइब मैडिसिन भी कहते हैं. इन में सर्दीखांसी, बुखार, सिरदर्द, आंखों में जलन इन्फैक्शन, पेट दर्द की समस्या, ऐसिडिटी व उलटियों की समस्या, ऐलर्जी, शरीर में दर्द, डाइटरी सप्लिमैंट, मैडिकल डिवाइस इत्यादि शामिल होते हैं, जिन्हें आप अपनी प्रौब्लम के हिसाब से खरीद कर घर बैठे अपनी बीमारी को ठीक कर सकते हैं.
जैसे गले में दर्द व खराश होने पर विक्स व स्ट्रैप्सिल्स, ऐसिडिटी की शिकायत होने पर डाइजिन ले सकते हैं, अगर आप इन का गलत इस्तेमाल न करें तो.
ये भी पढ़ें- कदम बढ़ाइए जिंदगी छूटने न पाए
आप को मार्केट में कई तरह की ओटीसी दवाएं मिल जाएंगी, जिन्हें आप अपनी रोजाना की दिक्कतों में ले कर खुद को शारीरिक रूप से ठीक रख सकते हैं.
इन दवाओं पर विश्वास करने का एक कारण यह भी है कि इन्हें सदियों से परिवार के लोग ले कर खुद का व परिवार के लोगों का उपचार कर रहे हैं. भारत में सब से ज्यादा बिकने वाली ओटीसी दवाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
पेनकिलर व कोल्ड टैबलेट
क्रोसिन, डी कोल्ड, डिस्प्रिन, विक्स वेपोरब, विक्सएक्शन 500.
ऐंटीसैप्टिक क्रीम या लिक्विड
डैटोल, बोरोप्लस, बोरोसौफ्ट.
बाम
मूव, आयोडैक्स, जौइंट एक्ने क्रीम, वोलिनी.
कफ रिलीवर
स्ट्रैप्सिल्स, विक्स, हौल्स, विक्स कफ ड्रौप्स, औट्रिविन.
पाचन गोलियां
डाबर हींगगोली, अनारदाना, ईनो, हाजमोला, पुदीनहरा, डाइजिन.
स्किन ट्रीटमैंट
इचगार्ड, क्लियरसिल, क्रैकक्रीम, रिंगगार्ड.
हैल्थ सप्लिमैंट्स
कौंपलाइन, कैल्सियम सैंडोज, होर्लिक्स, डाबर च्यवनप्राश, सोनाचांदी च्यवनप्राश.
आई ट्रीटमैंट
आईटिस, आई टोन, रिफ्रैश जैल.
उलटियों की समस्या
एमेसेट, जो ज्यादातर इस्तेमाल की जाती है, पेरिनोम, पवोमाइन.
बर्थ कंट्रोल पिल्स
इस में इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव शामिल होती है, लेकिन एमटीपी ड्रग्स नहीं.
भारत में ओटीसी दवाएं बनाने की दिशा में निम्नलिखित कंपनियों का अहम योगदान है, जिन का विवरण इस प्रकार है:
– अमृतांजन हैल्थ केयर लिमिटेड, सिपला लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, इमामी, ग्लैक्सो स्मिथ क्लिन, हिमालय हर्बल हैल्थ केयर, कोपरण लिमिटेड, पारस फार्मासूटिकल्स लिमिटेड, प्रौक्टर ऐंड गैंबल, रैकिट बेंकिसर गु्रप आदि.
क्या-क्या फायदे हैं ओटीसी दवाओं के :
ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ने से बचाएं
द्य आज के समय में डाक्टर के पास जाना आसान नहीं है. छोटी सी बीमारी में भी आप के हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं, क्योंकि फीस, महंगीमहंगी दवाएं और साथ ही टैस्ट भी करवाने के कारण हम खुद को काफी लुटा हुआ महसूस करते हैं, लेकिन खुद की मानसिक संतुष्टि के लिए सब करवा लेते हैं, जबकि अगर आप को सामान्य सी प्रौब्लम है जैसे पेट दर्द, सिरदर्द, हलका बुखार, कफ और आप को इस का कारण भी पता है कि ऐसा आप का कुछ दिनों से लाइफस्टाइल खराब होने की वजह से हुआ है तो आप बिना डाक्टर के पास गए घर पर ही खुद को ओटीसी दवाओं से ठीक कर के फिर से सामान्य जीवन जी सकते हैं.
ये भी पढ़ें- 8 TIPS: बस एक चुटकी हींग
ट्राइड ऐंड टैस्टेड
आप ने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि अगर बच्चे को पेट में दर्द या फिर ऐसिडिटी की समस्या होती है तो उसे ग्राइप वाटर दिया जाता है. ठीक इसी तरह अगर बड़ों को सिरदर्द हो तो बाम लगाने से व कफ, बुखार व गले में दर्द होने पर क्रोसिन या फिर विक्स लेने से आराम आ जाता है.
ऐसिडिटी की शिकायत होने पर कुनकुने पानी के साथ डाइजिन सीरप या फिर गोलियां लेने से ठीक हो जाती है. सिर्फ उन्हीं से नहीं अधिकांश बार डाक्टर के पास इन्हीं प्रौब्लम के लिए जाने पर वे भी इन्हें ही लेने की सलाह देते हैं.
ऐसे में जब सदियों से लोग इन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं और इन का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता है, तो फिर आप भी इन्हें इस्तेमाल कर के खुद व अपनों को आराम पहुंचा सकते हैं.
आसानी से उपलब्ध
आज हर गलीमहल्ले में मैडिकल स्टोर्स खुल गए हैं, जो लोगों के लिए हर समय हाजिर रहते हैं. यही नहीं अगर आप को मैडिसिन्स की जरूरत है तो वे आप के बिना आए, आप के घर पर भी मैडिसिन पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं ताकि आप को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो.
ऐसे में अगर आप उन्हें बताएंगे कि आप को खांसीजुकाम की शिकायत है तो वे आप को बिना परचे के ओटीसी दवा दे देंगे, जो महंगी भी ज्यादा नहीं होती और आप को आराम भी आ जाता है.
लाइन में लगने से बचाव
अगर आप को छोटी सी परेशानी है और आप डाक्टर के पास पहुंच गए, फिर तो समझ जाएं कि आप का काफी समय बरबाद होगा. एक तो आनेजाने का समय, साथ ही जाने में होने वाले पैट्रोल का खर्चा और ऊपर से कतार में लगना आप को परेशान करेगा. तब आप यही सोचेंगे कि काश इस छोटी सी प्रौब्लम का इलाज हम खुद से कर लेते. ऐसे में ओटीसी दवाएं आप की छोटी बीमारी में बड़े काम की साबित होंगी.
सामान्य लक्षणों में आराम पहुंचाए
कई बार शरीर में अचानक से दर्द होना शुरू हो जाता है या फिर अचानक ऐसा महसूस होता है, जैसे खांसीजुकाम होने वाला है. ऐसे में हलके से भी लक्षण दिखने पर आप ओटीसी दवाओं का सेवन कर के बीमारी को होने से रोक कर खुद का ध्यान रख पाते हैं वरना अगर आप गंभीर लक्षण दिखाने के बाद डाक्टर के पास जाते हैं तो आप को तकलीफ भी ज्यादा सहनी पड़ती है और पौकेट पर बोझ भी काफी पड़ता है. ऐसे में आप समय रहते ओटीसी दवाओं से खुद का खयाल रख पाते हैं.
सेहत के मामले में बनाएं ऐक्सपर्ट
कोरोना ने लोगों को अपनी सेहत के प्रति इतना अधिक सतर्क कर दिया है कि अब लोग हर चीज के लिए डाक्टर के पास जाने से बेहतर खुद ही उपचार करना सही समझते हैं. जैसे हार्टबीट, ब्लड में औक्सीजन के लेवल को मापने के लिए घर पर ही औक्सीमीटर ले आए हैं, बीपी व ब्लड शुगर लैवल को मापने के लिए बीपी व शुगर मशीन, इंसुलिन के इंजैक्शन घर पर ही खुद लगाना शुरू कर दिया है ताकि खुद की व अपनों की हैल्थ को मौनिटर कर सकें.
छोटीछोटी बीमारियों के लिए कब, क्या और कितनी मात्रा में देनी है, यह जान सकें. इस तरह वे सेहत के मामले में ऐक्सपर्ट बनते जा रहे हैं, जो आज के समय की जरूरत भी है, क्योंकि कब, क्या मुसीबत आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.
इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी
– कुछ लोगों की यह आदत हो जाती है कि वे हलका सा सिरदर्द होने पर भी बरदाश्त करने के बजाय झट से दवा खा लेते हैं, जिस से भले ही उन्हें आराम मिल जाए, लेकिन धीरेधीरे उन की सहन करने की क्षमता कम होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि आप आसानी से उपलब्ध होने के कारण इन दवाओं के आदी न बनें. कहते हैं न कि अति हर चीज की बुरी होती है. इन का जरूरत से ज्यादा सेवन आप को नुकसान पहुंचा सकता है.
ये भी पढ़ें- एक्सरसाइज से ब्रेक भी है फायदेमंद
– अच्छी बात है कि आप ने अपने घर में दवाओं के लिए अलग से बौक्स बना कर रखा हो, लेकिन यह भी जरूरी है कि आप दवाओं को समयसमय पर चैक करें ताकि आप को पता रहे कि कोई दवाई ऐक्सपायरी तो नहीं हो गई है. अगर किसी दवा पर बैन लग गया है तो आप उसे भूल कर भी न खाएं, बल्कि तुरंत फेंक दें.