स्पाइनल स्टेनोसिस के इलाज के औप्शन कौनसे हैं?

सवाल-

मैं 52 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे स्पाइनल स्टेनोसिस डायग्नोज हुआ है. मैं जानना चाहती हूं कि यह समस्या क्या है और इस के उपचार के कौनकौन से विकल्प उपलब्ध हैं?

जवाब-

स्पाइन में स्पाइनल कार्ड और उस से निकलने वाली तंत्रिकाओं के लिए स्थान होते हैं. ये तंत्रिकाएं संकेतों और संदेशों को मस्तिष्क से शरीर में और शरीर के विभिन्न भागों से मस्तिष्क में पहुंचाती हैं. जब ये स्थान सिकुड़ जाते हैं तब हड्डियों के कारण ये तंत्रिकाएं दब सकती हैं. इस के कारण दर्द हो सकता है, झनझनी आ सकती है या सुन्नपन हो सकता है अथवा मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है. स्पाइनल स्टेनोसिस का सब से प्रमुख कारण औस्टियोअर्थ्राइटिस है. दवा और फिजियोथेरैपी से इसे ठीक करने का प्रयास किया जाता है. स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है ताकि तंत्रिकाओं के लिए स्थान बनाया जा सके.

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स्पाइनल इंजरी किसी के भी जीवन की त्रासदपूर्ण घटना हो सकती है. इस से व्यक्ति एक तरह से लकवाग्रस्त हो सकता है. इंजरी जब गरदन में हो तो इस से टेट्राप्लेजिया हो सकता है. यदि इंजरी गरदन के नीचे हो तो इस से पाराप्लेजिया यानी दोनों टांगों और इंजरी से निचले धड़ में लकवा हो सकता है. केंद्रीय स्नायुतंत्र का हिस्सा होने के कारण स्पाइनल कौर्ड की सेहत पर ही पूरे शरीर की सेहत निर्भर करती है. इंजरी से यौन सक्रियता भी प्रभावित हो सकती है. स्पाइनल कौर्ड इंजरी ऊंचाई से गिरने, सड़क दुर्घटना, हिंसक या खेल की घटनाओं के कारण हो सकती है. स्पाइनल कौर्ड इंजरी के नौनट्रोमेटिक कारणों में स्पाइन और ट्यूमर के टीबी जैसे संक्रमण शामिल हैं.

यौन सक्रियता जरूरी

स्पाइनल इंजरी से पीडि़त व्यक्ति को यथासंभव आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश होनी चाहिए. भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से में यौन स्वास्थ्य पर चर्चा करना हमेशा वर्जित विषय माना जाता रहा है, इसलिए इस विषय पर बात करने से लोग कतराते हैं और मरीज खामोशी से इसे सहता रहता है. शिक्षा, ज्ञान और जागरूकता के अभाव में लोग ऐसे मरीजों के बारे में यह समझने लगते हैं कि वे यौनेच्छा एवं यौन उत्कंठा से पीडि़त हैं. लेकिन सच यह है कि सामान्य व्यक्ति की तरह ही स्पाइनल इंजरी से पीडि़त व्यक्ति के लिए भी यौन सक्रियता उतनी ही जरूरी है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- स्पाइनल इंजरी और मैरिड लाइफ

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