प्रत्येक परिधान की अपनी उपयोगिता होती है, अपना महत्त्व होता है, परंतु उसे पहनने के अवसर अलग-अलग होते हैं. कुछ शालीन, कुछ भड़कीली, कुछ ट्रैडिशनल, कुछ मौडर्न या कुछ इंडोवैस्टर्न आउटलुक वाली ड्रैसेज आप अपनी इच्छा, अपनी जरूरत अथवा अवसर के हिसाब से पहनती हैं. घर में तो आप कुछ भी पहन सकती हैं यानि जिसमें भी आप कंफर्टेबल महसूस करें, पर इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं कि आप दिन भर नाइटी में ही घूमें.

घर के परिधान आराम, काम और घर के सदस्यों के रिश्तों के अनुसार होने चाहिए. सलवार-कुर्ता, कुर्ता-पाजामा, कुर्ती-कैपरी, टौप-शौर्ट्स, फ्रौक, साड़ी कुछ भी. लेकिन यहां बात तो बाहर जाने की या खास अवसरों की है, जब आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. इस दृष्टि से ड्रैसेज को कुछ भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है ताकि आपको इन्हें पहनने, सहेजने, खरीदने व मैनेज करने में आसानी हो :

पार्टी वियर

पार्टी, उत्सव व त्योहारों पर आप वाइब्रैंट कलर्ड परिधानों में अपना जलवा बिखेरते हुए खुशियां मनाएं. ड्यूअल और मल्टीटोन्ड साडि़यां आजकल खूब प्रचलन में हैं. चंदेरी साड़ी नैट के आंचल के साथ, सिल्क, कंजीवरम, बंधानी, कलकुट्टी व बनारसी इत्यादि पारंपरिक साडि़यां किसी भी एज ग्रुप में खूब फबती हैं.

ठंड का मौसम है तो पश्मीना शाल कंधे पर स्टाइल में डाली जा सकती है. इसके अलावा हाल्टर कालर ब्लाउज, गराराशरारा, पटियाला सलवार, चूड़ीदार पर कलियों वाला अनारकली या औब्लीक कालर वाला लंबा ब्रौकेड कुर्ता अथवा ग्लौसी फैब्रिक, प्लाजो के साथ लंबा कंट्रास्ट साइड मिडल कट वाला डिजाइनर कुर्ता, ऊपर हाईनैक फ्रंट ओपन बौर्डर कढ़ाई वाला, स्लीवलैस श्रग गाउन या लंबी खूबसूरत जैकेट पहन सकते हैं.

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