हर महिला के भीतर दर्पण निहारते समय नारी सौष्ठव, चिकनी मुलायम त्वचा और बालों रहित मुलायम बगलों की इच्छा बलवती हो उठती है.

कई बार तो इन छोटीछोटी बातों के कारण रिश्ता भी दरक जाता है. सामने वाला शर्म के चलते यह कह नहीं पाता कि आप के पसीने से बदबू आती है और आप हैं कि यह मानने को तैयार ही नहीं होतीं कि आप के पसीने से बदबू आती है, क्योंकि आप को स्वयं इस बात का एहसास ही नहीं होता.

नियमित साफसफाई

हमारे शरीर में पसीना निकालने वाली अनेक ग्रंथियां हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती हैं. कौस्मैटिक डर्मेटोलौजिस्ट डा. अमरजीत रेखी के अनुसार, पसीने की ये ग्रंथियां शरीर के अन्य भागों के मुकाबले बगलों में कई गुना अधिक होती हैं.

चिलचिलाती गरमी, अनजाना भय, कुतुहल या ऐसी किसी अन्य स्थिति के चलते बगलों से पसीना अधिक निकलने लगता है. घबराहट से चेहरे, हथेलियों, माथे पर भी पसीना आता है, लेकिन बगलों में आने वाले पसीने में बदबू भी आती है.

ऐसे में यदि आर्मपिट्स की ढंग से साफसफाई न हो, तो पसीने में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो कई बार फंगस का भी कारण बनते हैं. आर्मपिट्स शरीर के बाकी रंग की जगह गहरी या काली दिखाई देने लगती हैं.

कोलंबिया अस्पताल की डर्मेटोलौजिस्ट डा. नवदीप के अनुसार, बहुत टाइट कपड़े पहनने से पैदा हुई नमी शरीर के इन भागों से निकलते पसीने के वाष्पीकरण में बाधक होती है, जिस से त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया पसीने में मिल कर दुर्गंध पैदा करते हैं और बगलों की त्वचा काली होने लगती है.

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