जुवेंटस (फुटबौल क्लब) के मिडफील्डर समी खेदिरा पियानो बजाना सीख रहे हैं, ला लीगा के क्लब प्लेस्टेशन पर एक दूसरे का मुकाबला कर रहे हैं और एटलांटा के रोबिन गोसेंस अपनी परीक्षा (मनोविज्ञान) की तैयारी कर रहे हैं. उच्च स्तर से लेकर लोअर लीगों के हजारों फुटबॉल खिलाड़ियों का लॉकडाउन में यही हाल है. जबकि कोरोना वायरस पूरे यूरोप में फैलता जा रहा है. यह खिलाड़ी न सिर्फ अपनी बोरियत दूर करने में लगे हुए हैं बल्कि इनकी जिम्मेदारी अपने को फिट रखने की भी है ताकि जैसे ही स्वास्थ्य सलाहकार हरी झंडी दिखाएं वैसे ही यह खेलना चालू कर दें.

जहां अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पर टोक्यो 2020 खेल स्थगित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है, वहीं ओलंपिक पदक की प्रबल भारतीय उम्मीद बजरंग पुनिया गांव खुदान (जिला झज्झर, हरियाणा) में अपने घर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण ‘कैद’ हैं, वह विदेश जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं. इसलिए घर पर बैठकर ही (जीत की) योजना बना रहे हैं. पुनिया कहते हैं, “इस कठिन समय में हर किसी के लिए आवश्यक है कि अपना हाइजीन स्टैंडर्ड बनाये रखे. मैं भी यही कर रहा हूं. साथ ही मैं यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि जो कुछ मैं खाऊं वह सब घर का बना हो और बाहर से न आया हो. मेरा टॉप गोल इंजरी मुक्त रहना भी है.”

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आईपीएल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. मुंबई इंडियंस के स्तंभ व वेस्टइंडीज के सीमित ओवर के कप्तान कीरन पोलार्ड का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण जो ब्रेक मिला है, वह करियर के बारे में ‘मंथन’ करने के लिए अच्छा समय है और खिलाड़ियों को इसका उपयोग ‘मानसिक व शारीरिक रूप से फिट’ रहने के लिए करना चाहिए. वह कहते हैं, “खुद को गुड शेप में रखो ताकि जब घंटी बजे और वह कहें ‘ओके, हर चीज सामान्य हो गई है’ तो हम टूर पर निकल जायें.”

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