नोवल कोरोना वायरस का तांडव जारी है. कुछ देश मिलकर तो कई अपने स्तर पर सोल्यूशन खोजने में लगे हैं. मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है, वहीं, संक्रमित होने वालों की भी.

यूरोपीय देश बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स के केंद्र में स्थित कलाकृतियों से सजी हुई एक इमारत में देश के टौप साइंटिस्ट्स अपने मुल्क में कोरोना वायरस से मरने वालों व संक्रमितों की संख्या की घोषणा करने के लिए रोज़ाना इकट्ठा होते हैं.

दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले व वायरस फैलाने के जनक चीन की तुलना में बेल्जियम में अधिक मौतें हुई हैं जबकि यहां की आबादी सिर्फ़ 1 करोड़ 10 लाख है. बेल्जियम में प्रति एक लाख लोगों पर क़रीब 57 मौतें दर्ज की गई हैं, यह दुनिया में कोविड-19 से मरने वालों की सबसे अधिक मृत्युदर है, अमेरिका की तुलना में लगभग चारगुना.

ये भी पढ़ें- #lockdown: घर में नहीं सुरक्षित है महिलाएं!

बेल्जियम के अधिकारियों का कहना है कि महामारी के चरम पर होने के दौरान भी अस्पतालों में मरीज़ों की भरमार नहीं थी, बल्कि आईसीयू में 43 फ़ीसद बेड ख़ाली थे. इस देश की नौकरशाही बहुत कठोर है.

बता दें कि यूरोपीय संघ के शीर्ष संस्थानों के कार्यालय ब्रुसेल्स में ही स्थित हैं और यह इस संघ की राजधानी है.

ग़ौरतलब है कि सभी यूरोपीय देश एक ही तरह से महामारी के प्रभाव का आकलन नहीं कर रहे हैं. इसका मतलब है कि यूरोप में कोरोना वायरस से होने वाली मौतें 1 लाख 10 हज़ार से कहीं अधिक हैं.

फ़्रांस ने अप्रैल की शुरुआत में जब पहली बार कुछ नर्सिंग होम्स में होने वाली मौतों के आंकड़े पेश किए तो वह संख्या अस्पतालों में मरने वाले लोगों की संख्या से लगभग दोगुना थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...