90 के दशक में शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ की चर्चा बोल्डनैस के अलावा उस फिल्म में भरी गालियों की वजह से अधिक हुई थी. इस के बाद अनुराग की फिल्म ‘गैंग्स औफ वासेपुर’ में भी गालियों की भरमार थी. अब निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी की फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ भी इस के लिए चर्चा में है. फिल्म तो 2011 में ही बन गई थी, लेकिन रिलीज इस साल अक्तूबर में होने वाली है.यह फिल्म, लेखक डा. काशीनाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर बनी है. इस फिल्म का अभी यू ट्यूब पर ट्रेलर लौंच किया है जिस में गालियों की भरमार है और इस फिल्म में सनी देओल और साक्षी तंवर पतिपत्नी की भूमिका निभा रहे हैं. फिल्म की कहानी वाराणसी में पर्यटन के व्यवसायीकरण पर आधारित है, जिस में सनी एक पुजारी बने हैं.सोशल मीडिया पर लीक हुआ यह ट्रेलर गालियों से भरा है इस ट्रेलर में सनी अपनी बाकी फिल्मों से अलग बेहिसाब गालियां देते नजर आ रहे हैं. साथ ही इस में ऐक्टर्स अश्लील बातें भी कर रहे हैं. हालांकि यू ट्यूब से फिल्म का टीजर हटा लिया गया है.

सैंसर बोर्ड की भूमिका

इस फिल्म में एक खास बात यह भी है कि फिल्म के निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी खुद सैंसर बोर्ड के सदस्य हैं. यह वही सैंसर बोर्ड है जिस ने पिछले दिनों धर्म की कुरूतियों पर प्रहार करने वाली फिल्म ‘धर्म संकट में’ और ‘पीके’ के रिलीज पर अपनी आपत्ति जताई कुछ महिने पहले सैंसर बोर्ड द्वारा ऐसे शब्दों को, जो गालियों में शामिल होते हैं फिल्मों में निषेध कर दिया गया है. फिल्म जगत में इस फरमान के बाद अच्छा खासा होहल्ला उठा था. कई निर्देशक और फिल्म लेखक इसे तुगलकी फरमान मान कर चल रहे हैं. उन का कहना है कि अगर सैंसर बोर्ड की शब्दावली के अनुसार उन्हें कहानी लिखनी पड़े या फिल्म बनानी पड़े तो उन की फिल्मों की तो वास्तविकता ही खत्म हो जाएगी. किसी डकैत या अंडरवर्ल्ड पर बनने वाली फिल्म में जब तक उसी के बोलचाल वाले शब्दों का प्रयोग न किया जाए (जिन शब्दों में अधिकतर गालियां होती हैं) तो फिल्म बनावटी लगेगी. इस पर ऐड गुरु प्रहलाद कक्कड़ का कहना है कि अगर आप फिल्मों को बांध कर रखेंगे तो कैसे चलेगा? फिल्में वह नहीं दिखा पाएंगी जो निर्देशक का उद्देश्य रहा हो. मगर कई फिल्मों और छोटे परदे पर अभिनय के जौहर दिखा चुके अक्षय आनंद का कहना है कि हर डायलौग में गालियों को शामिल करना कुछ अजीब नहीं लगता इस से तो यही प्रतीत होता है कि ऐसी फिल्मों के निर्देशक जानबूझ कर पब्लिसिटी स्टंट के लिए ऐसा करते हैं.

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