फिल्म ‘विकी डोनर’ से चर्चा में आई अभिनेत्री यामी गौतम विज्ञापनों के जरिये फिल्मों में आईं. हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने पंजाबी, तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़ आदि कई भाषाओँ में काम किया है. वैसे तो यामी की कई फिल्में खास सफल नहीं रही, लेकिन ‘काबिल’ फिल्म में एक ‘ब्लाइंड गर्ल’ की भूमिका निभाकर उन्होंने सिद्ध कर दिया है कि वह अच्छा अभिनय कर सकती हैं. शांत और हंसमुख स्वभाव की यामी को अलग-अलग तरह की फिल्मों में काम करना पसंद है. देर से ही सही पर उन्होंने अपनी जगह इंडस्ट्री में बना लिया है. इस समय उनकी फिल्म ‘सरकार 3’ रिलीज पर है. उनसे मिलकर बात करना दिलचस्प था, पेश है अंश.

आपके लिए इस फिल्म से जुड़ना कितना खास था?

मेरे लिए एक बड़ी बात थी. सरकार फिल्म एक फ्रेंचाईज है, बहुत बड़ी और बहुत सारे बड़े-बड़े लोग इससे जुड़े है. इसमें मेरी भूमिका बहुत अलग है, इसलिए इसे मैं मना नहीं कर सकती थी. ये एक ‘ग्रे’ और ‘मिस्ट्री’ भरा किरदार है. मैंने जब निर्देशक रामगोपाल वर्मा से मुझे ‘कास्ट’ किये जाने की बात पूछी तो उन्होंने बहुत सहजता से जवाब दिया था कि ये भूमिका सिर्फ मेरे लिए है, वाकई ऐसा ही था. ये एक फ्रेश भूमिका है.

आपकी इमेज सॉफ्ट है ऐसे में इस तरह की ‘हार्श’ भूमिका निभाना कितना मुश्किल था? कितनी तैयारियां करनी पड़ी?

इस फिल्म में मैंने अनु करकरे की भूमिका निभाई है. शुरू में मैंने निर्देशक से पूछा कि मुझे कैसी तैयारी करनी पड़ेगी, क्योंकि इससे पहले फिल्म ‘काबिल’ के दौरान मैंने काफी मेहनत की थी. उन्होंने कहा कि कुछ भी करने की जरुरत नहीं है. मैं दंग रह गयी. उन्होंने सिर्फ शूटिंग के दिन सेट पर आने को कहा. मेरे हिसाब से जब आपका ‘लुक टेस्ट’ होता है, उसमें ही निर्देशक समझ जाता है कि आर्टिस्ट उस भूमिका के लिए परफेक्ट है या नहीं. मैंने इसमें लड़को के जैसे पोशाक पहने हैं, मेकअप में सिर्फ काजल है. इससे ही बहुत हद तक मैं चरित्र में घुस चुकी थी. मेरे हिसाब से एक अनुभवी निर्देशक अपने कलाकार से जरुरत की एक्टिंग करवा सकता है. इसके अलावा इसकी कहानी और भूमिका बहुत अच्छी तरह से लिखी गयी है.

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