बिहार के पटना शहर की छवि पांडेय मध्यवर्गीय परिवार में पलीबढ़ी थीं. ऐसे परिवारों में लोग लड़कियों से केवल इतनी ही चाहत रखते हैं कि वे पढ़लिख कर नौकरी कर लें. इस के बाद उन की शादी हो जाए. कई बार तो 18-19 साल की उम्र में ही शादी कर दी जाती है. ऐसे में लड़कियां अपने सपने पूरे करने की तो सोच भी नहीं सकती हैं.

छवि पांडेय भी ऐसे ही परिवार की थीं. उन की बड़ी बहन की शादी 18-19 साल की उम्र में हो गई थी. छवि को गाने गाने का शौक था. उन के गानों से खुश हो कर उस समय के रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उन्हें रेलवे में नौकरी दे दी थी. उस समय उन की उम्र 18 साल के करीब थी. मगर छवि को तो अपने सपने पूरे करने थे, इसलिए नौकरी छोड़ कर उन्होंने रिऐलिटी शो ‘इंडियाज गौट टेलैंट’ में हिस्सा लिया. यहां उन के हुनर को देख कर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने कहा कि उन्हें ऐक्टिंग में ध्यान देना चाहिए. तब छवि ने ऐक्टिंग की तरफ कदम बढ़ाए और कम समय में ही उन के हिस्से बड़ी सफलता आई.

छवि से बातचीत में पता चला कि कैसे छोटे शहरों की लड़कियां अपने हुनर के बल पर अपना मुकाम हासिल कर सकती हैं.

सीरियल ‘सिलसिला प्यार’ में आप इंदौर की रहने वाली गरीब परिवार की लड़की बनी हैं. कैसा अनुभव है यह?

सीरियल ‘सिलसिला प्यार का’ की कहानी में मां अपने बेटे को बहुत प्यार करती है. बेटा गरीब परिवार की लड़की से प्यार करता है. उस से शादी करना चाहता है. मां उस लड़की की शादी किसी और लड़के से करा देती है. इस कहानी में मां बेटे के प्यार में ओवर पजैसिव है. मैं गरीब परिवार की लड़की काजल का किरदार निभा रही हूं, जो सीरियल का मुख्य किरदार है. इस के आसपास पूरी कहानी घूमती है. इस में प्यार और रिश्ते से जुड़े गहरे भावों को दिखाने का प्रयास किया गया है. इस शो में शिल्पा शिरोडकर जैसी सीनियर आर्टिस्ट भी हैं, जिन से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.

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