‘फूल और कांटे’ फिल्म से बौलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले निर्माता, निर्देशक और अभिनेता अजय देवगन अपने बेहतरीन अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्मश्री से नवाजे गए हैं. करियर की शुरुआत अजय ने रोमांटिक फिल्मों से की. इसके बाद उन्होंने कौमेडी और एक्शन फिल्मों में भी अच्छा काम किया है. वे हर शैली की फिल्मों में फिट बैठते हैं. ‘हम दिल दे चुके सनम’ उनके करियर की टर्निंग प्वाइंट थी, जिसमें उन्हें काफी प्रसंशा मिली.

पहले उनका नाम अभिनेत्री करिश्मा कपूर और रवीना टंडन के साथ जुड़ा, लेकिन उनकी हमसफर काजोल बनीं. जिससे उनके दो बच्चे नायसा और युग हैं. स्वभाव से गंभीर अजय देवगन पिता के रूप में अपने बच्चों के साथ काफी ‘फ्रेंडली’ रहते हैं और मस्ती मजाक खूब करते हैं. अभी उनकी फिल्म ‘बादशाहो’ रिलीज पर है, पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

इस फिल्म को करने की खास वजह क्या है?

मैं हमेशा ही कुछ अलग फिल्म करने पसंद करता हूं. इसमें भी मेरी भूमिका चुनौतीपूर्ण है. इस फिल्म की कहानी कितनी सच्ची है, ये पता नहीं, लेकिन राजस्थान के लोग इस बारें में कहते हैं कि वहां की रानी के पास बहुत सोना था. सरकार ने इमरजेंसी के समय राजघराने के सोने को निकलवा लिया और रातो-रात किसी ने उस सोने को चोरी कर लिया. सोना सरकार तक पहुंचा ही नहीं. जिसने वह सोना चुराया वह कभी मिला ही नहीं, एक ‘मिस्ट्री’ है जिसे अभी तक सुलझाया नहीं गया है. मैं इस कहानी को ‘कच्चे-धागे’ फिल्म के शूटिंग के दौरान राजस्थान में सुना था. तब मुझे इसे करने की इच्छा पैदा हुई थी और जब निर्देशक मिलन लुथरिया ने दो साल पहले इस कहानी पर चर्चा की, तो मुझे उसकी कहानी और लेखन सब पसंद आई. ये एक बहुत ही अच्छी ड्रामा वाली रुचिपूर्ण फिल्म है.

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