पद्मावती को रिलीज होने में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. जैसे जैसे इस फिल्‍म के रिलीज होने की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे वैसे विवाद भी बढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां करणी सेना सहित कई क्षत्रीय समाज इसका विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बिहार में भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने फिल्‍म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है यानि राजस्‍थान से लेकर बिहार तक, हर जगह इस फिल्म को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है.

पटना में 'पद्मावती' को लेकर सभी क्षत्रीय समाज की बैठक के बाद करणी सेना के संस्‍थापक व अध्‍यक्ष लोकेश सिंह कालवी ने कहा कि एक दिसंबर को भारत बंद रहेगा और रानी पद्मावती पर बनी फिल्म को किसी भी हालत में रिलीज नहीं होने दिया जायेगा.

वहीं, पूर्णिया में भी इस फिल्म को लेकर विरोध शुरू हो गया है. लोजपा के जिलाध्यक्ष माधव सिंह ने केंद्र, राज्य एवं सेंसर बोर्ड से फिल्म पद्मावती के रिलीज पर रोक लगाने की अपील की है. उनका कहना है कि फिल्म में जान बूझकर ऐसे दृश्य डाले गए हैं जिससे रानी पद्मावती का चरित्र के हनन होने के साथ ही राजपूत समाज की छवि भी धूमिल होती है.

उन्होंने कहा कि रानी पद्मावती एक आदर्श भारतीय नारी थी जिन पर हम भारतीयों को गर्व है. मां पद्मावती ने देश, समाज और कुल की आन-बान और शान के लिए 16 हजार नारियों के साथ स्वयं को जौहर कर दिया था. संजय लीला भंसाली द्वारा पद्मावती में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाना हिंदू धर्म का अपमान है.

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