जीवन, मौत व प्यार को लेकर दार्शनिक बातें सुनने के शौकीन लोगों को यह फिल्म भाएगी. आंखों को सुख प्रदान करने वाली खूबसूरत लोकेशन की तलाश करने वालों को भी यह फिल्म पसंद आएगी. पर जिन्हे महज प्रेम कहानी व रोमांस में रूचि है, उन्हे यह फिल्म सिर्फ बोर करती है.

फिल्मकार अनुभव सिन्हा की  2001 की फिल्म “तुम बिन” की सिक्वअल फिल्म ‘‘तुम बिन 2’’ की कहानी के केंद्र में स्काटलैंड में रह रहे अमर (आशिम गुलाटी), तरन कौर (नेहा शर्मा) व शेखर (आदित्य शील) हैं. तरन अपने होने वाले पति अमर के साथ बर्फीली पहाड़ी पर स्कैटिंग का मजा लेने जाती है. अमर रात में कुछ उंची पहाड़ियों पर स्कैटिंग के लिए जाता है और तरन से सुबह नौ बजे होटल में मिलने का वादा करता है, मगर वह तय समय पर नहीं पहुंचता है. क्योंकि अमर स्कैटिंग करते समय किसी से टकराकर उंची पहाड़ी से नीचे नदी में गिर चुका है. 10 दिन की मेहनत के बाद भी उसकी तलाश नही हो पाती है. अंततः अमर के पिता (कंवलजीत सिंह) भी मान लेते हैं कि अमर की मौत हो गयी. क्योंकि शेखर नामक युवक आकर खुद बताता है कि उसकी गलती नहीं है, पर अमर व शेखर क्रास करते समय टकरा गए थे.

शेखर कहता है कि चाहे व उसे पुलिस को सौंप दे या अपने बेटे जैसा मान लें. उस दिन से शेखर तो अमर के पिता के लिए बेटे जैसा हो जाता है. अमर के पिता ही शेखर को तरन व उसकी बहनों से भी मिलवाते हैं. शेखर, तरन कौर की हर तरह से मदद कर उससे जीवन व प्यार को लेकर दार्शनिक बातें करते हुए खुश रखने का प्रयास करता है. वह तरन को समझाता है कि एक इंसान के चले जाने से जिंदगी रुक नहीं जाती. वह बताता है कि उसकी प्रेमिका ने किसी अन्य से शादी कर ली, उसे दुःख नही हुआ.

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