अमृता राव का मानना है कि सफलता का शौर्ट कट बोल्ड सीन करना नहीं है. आज की नवोदित से ले कर स्थापित अभिनेत्रियां तक यह काम जम कर कर रही हैं, लेकिन मैं ने इंडस्ट्री में यह सोच कर कदम नहीं रखा कि यहां बने रहने के लिए कुछ भी करूंगी. मेरी ख्वाहिश है कि लोग मुझे अलग किस्म की भूमिकाओं के लिए याद रखें. मुझे आज भी सब से ज्यादा खुशी तब होती है, जब मेरे काम की तुलना जया बच्चन से की जाती है. फिल्म ‘वैलकम टु सज्जनपुर’ में भी मैं सीधीसादी युवती के रोल में ही लोगों को स्वाभाविक लगी. आज इंडस्ट्री में ऐसी कोई हीरोइन नहीं है, जिस में लोग जया बच्चन का अक्स ढूंढ़ पाएं. हालांकि लोगों के कहने पर मैं ने उस इमेज से निकलने की कोशिश की, पर सफल नहीं रही. वैसे भी आजकल अमृता के पास कोई ढंग की फिल्म नहीं है. पिछले दिनों आई फिल्म ‘सुलेमानी कीड़ा’ भी बौक्स औफिस पर अपना कमाल दिखा नहीं पाई.

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