90 की दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में एक नाम अभिनेत्री रवीना टंडन का भी है. ‘पत्थर के फूल’ फिल्म से उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. फिल्म काफी सराही गयी और रवीना को काम मिलने लगा. रवीना हमेशा अलग-अलग किरदार निभाना पसंद करती हैं और उस फिल्म को ही चुनती हैं, जिसमें कुछ चुनौती हो. यही वजह है कि फिल्म चाहे रोमांटिक हो या कॉमेडी हर फिल्म में अपनी अलग इमेज उन्होंने स्थापित किया है.

स्पष्टभाषी रवीना बहुत कम उम्र में दो बेटियों को अपनाकर मां बनीं और अब नानी भी बन चुकी हैं. इसके अलावा रवीना ने फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अनिल थडानी के साथ शादी की और दो बच्चों की मां बनीं. रवीना को लड़कियों से बहुत प्यार है और उन्हें वह मानव जगत की सबसे अच्छी क्रिएशन मानती हैं. आज भी लड़कियों के साथ भ्रष्टाचार, कन्या भ्रूण हत्या सुनकर उसकी रूह काप उठती है. उनकी फिल्म ‘मातृ-द मदर’ रिलीज पर है उनसे हुई बातचीत के अंश.

इस तरह की संवेदनशील विषय चुनने की वजह क्या है?

मेरी तीन बेटियां है, जिसे लेकर मैं हमेशा चिंतित रहती हूं. जब भी वे कहीं जाती हैं, तो जब तक न लौटे चिंता बनी रहती है. ऐसे माहौल में आज के हर बेटी के माता पिता जिन्दा रहते हैं. अपराध करने वाले को कानून का डर नहीं. ऐसे में मुझे एक मौका मिला है कि मैं अपने अभिनय से लोगों को आत्मचिंतन करने पर मजबूर करूं. इसकी कहानी हमारे आस-पास घटित होने वाली है, जिसके बारें में हम तब तक नहीं सोचते जब तक कि हमारे साथ कुछ हुआ न हो. अभी तक शुगर कोटेड फिल्में दिखाई गयी हैं, ये हार्डकोर फिल्म है.

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