‘खाना खजाना’ से चर्चित हुए सैलिब्रिटी शैफ संजीव कपूर ने लगातार पाक कला को विकसित कर हर घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. स्वभाव से नम्र, धैर्यवान संजीव कपूर की हमेशा कुछ नया और अलग करने की चाहत रहती है.

हरियाणा में जन्में संजीव कपूर का बचपन दिल्ली में बीता. होटल मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कई बड़े होटलों में काम किया और ऐग्जीक्यूटिव शैफ बने. बेहतरीन भारतीय व्यंजन बनाने में माहिर संजीव कपूर को कई पुरस्कार भी मिले. उन का चैनल ‘फूड फूड’ भी काफी लोकप्रिय है, जिस का सपना उन्होंने सालों देखा था. इन दिनों वे एक शैफ कुकबुक के लेखक और रेस्तरां कंसलटैंट भी हैं. इस के अलावा वे सोनी टीवी के शो ‘संजीव कपूर के किचन के खिलाड़ी’ के जज भी हैं.

यहां पेश हैं मड आईलैंड पर उन से हुई बातचीत के खास अंश:

इस क्षेत्र में कैसे आए?

खाना बनाने का शौक मुझ में बचपन से ही था, लेकिन उस वक्त यह नहीं सोचा था कि मैं शैफ बनूंगा. फिर होटल मैनेजमैंट कोर्स किया तो रुचि बढ़ती गई और मैं इस क्षेत्र में आ गया.

परिवार का कितना सहयोग था?

किसी ने कभी मना नहीं किया. मेरे पिताजी को भी खाना बनाने का शौक था. वे बैंक में काम करते थे पर कभीकभी खाना भी बनाया करते थे. मेरे घर में ऐसा कुछ नहीं था कि पुरुष हैं तो खाना नहीं बना सकते.

रोजमर्रा का खाना जल्दी बनाने के तरीके क्या हैं?

जल्दी खाना बनाने के लिए स्मार्ट कुकिंग करनी पड़ती है. ऐसे में कुछ चीजें पहले से तैयार कर के एकसाथ रखनी पड़ती हैं. खरीदारी हो या मेन्यू प्लानिंग, पहले से कर के रखें. मसाले हमेशा थोक में रखें. खाना बनाते समय अगर आप ये सब तैयारी करेंगे, तो समय व्यर्थ जाएगा. इसलिए ये काम आप तब करें, जब आप के पास समय हो. अधिकतर महिलाएं समय रहते काम नहीं करतीं और बाद में काम को कोसती रहती हैं.

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