इनरवियर चाहे पुरुषों के हों या महिलाओं के विशेष महत्त्व रखते हैं. लेकिन जब बात महिलाओं द्वारा इस्तेमाल होने वाले इनरवियर की हो तो बहुत ज्यादा सचेत रहने की जरूरत होती है. पहनावा बुटीक की गुरलीन संधू की सलाह है कि आमतौर पर 13-14 साल की होते ही लड़की को अपने शारीरिक बदलावों के चलते इनरवियर का चुनाव करते समय विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि यदि उन की फिटिंग और आकार ठीक नहीं होगा तो उन्हें पहनने पर असुविधा होगी. इस की हर मां को जानकारी होनी चाहिए कि उस की बेटी के लिए क्या ठीक रहेगा. शरीर के सही विकास के लिए भी सही फिटिंग के इनरवियर का चुनाव जरूरी है.

सही इनरवियर चुनें ऐसे

इनरवियर में ब्रा और लिंजरी के चुनाव में खास सावधानी बरतनी चाहिए. वैसे यह साधारण बात लगती है लेकिन है नहीं. यह एक जटिल काम है. इस के लिए सब से पहले तो अपनी नाप का सहीसही पता होना जरूरी है. विकसित होेते शरीर के लिए तो उचित नाप का पता होना बहुत आवश्यक है. सही नाप पता होने पर ही सही ब्रा का चुनाव हो पाता है. कहने को तो यह मात्र अंडरवियर ही होता है, लेकिन यदि इस का आकार गलत हो तो इस से कमर में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है, जो अंत में सिरदर्द तक जा पहुंचता है. यदि कपड़ा अनावश्यक रूप से टाइट होगा तो सारे शरीर में दर्द कर सकता है. शारीरिक बदलाव के दौर में विकसित होती लड़कियों को ट्रेनिंग ब्रा की जरूरत होती है. ट्रेनिंग ब्रा परफैक्ट फिटिंग वाली नहीं होती, लेकिन उसे पहनने से शरीर का विकास सही होता है. यह दुबलीपतली लड़कियों के लिए होती है जिन का कप साइज कम होता है. लेकिन शहरी माहौल में पलीबढ़ी लड़कियों का शरीर भराभरा होता है, अत: उन का कप साइज रैग्युलर होता है. उन्हें रैग्युलर ब्रा पहननी चाहिए. लेकिन टीनएजर्स के लिए स्पोर्ट्स ब्रा ही ठीक रहती है क्योंकि इसे पहनने से खेलकूद के दौरान ब्रैस्ट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता.

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