देश के प्रमुख बैंक, बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को एक लिमिट तक फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन, चेकबुक और डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं फ्री में देते हैं. इसके लिए बैंक को बीते पांच साल के टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है. ऐसे में वह ग्राहकों से शुल्क लेना शुरू कर सकता है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं. ऐसे में आज हम आपको बैंकों द्वारा लिये जाने वाले एकस्ट्रा चार्जेज से बचने के उपाय बताएंगे जिसके जिसे अपनाकर आप अपने पैसों की बचत कर सकेंगे.

जानिए कैसे आप बैंक के चार्जेस से बच सकते हैं:

  • चेक को छोड़कर नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करें. हर अतिरिक्त चेकबुक पर शुल्क लगता है. नेटबैंकिंग के जरिए फंड्स को मुफ्त में ट्रांस्फर कर सकते हैं. ऐसा करने से आप 20 से 150 रुपये प्रति चेकबुक बचा सकते हैं.
  • क्रेडिट कार्ड के बिलों का समय पर भुगतान करें. आउटस्टैंडिंग राशि पर उच्च ब्याज दरें लगती हैं. समय पर बिल का भुगतान करने पर ब्याज के रूप में आप 39 से 42 फीसद सालाना की बचत कर सकते हैं. आपको बता दें कि तीन दिन की देरी से भी 750 रुपये तक का चार्ज लग सकता है.

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  • कार्ड बिल के लिए औटो डेबिट रूट की सुविधा लें. अपने बैंक को निर्देश दें कि हर ड्यू डेट पर औटो डेबिट के तहत क्रेडिट कार्ड बिल का पांच फीसद खाते से काट ले. इससे आप भारी जुर्माने से बच सकते हैं. ऐसा करने से 39 फीसद से 42 फीसद तक की बचत कर सकते हैं जो कि भुगतान न की गई राशि पर लग सकता है.
  • बिल पे सेवाओं के लिए साइन अप करें. यूटिलिटी कंपनियां (बिजली, पानी आदि) देरी से बिल का भुगतान करने पर जुर्माना लेती हैं. अपने बैंक को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं कि वह सुनिश्चित करे कि समय पर बिल का भुगतान हो जाए. इस पर लगने वाली पेनल्टी 40 रुपये से लेकर 100 रुपये तक हो सकती है.
  • ईमेल पर डुप्लिकेट स्टेटमेंट की मांग करें. बैंक डुप्लिकेट फिजिकल स्टेटमेंट या पासबुक के लिए शुल्क लेते हैं. इसपर आप 100 रुपये तक की बचत कर सकते हैं.
  • बैंक शाखाओं से कैश ट्रांजेक्शन से बचें. बैंक एक महीने में शाखाओं से 3 से 4 चार फ्री कैश ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं. इससे आप 50 रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक बचा सकते हैं.
  • अपने खाते में हर समय मिनिमम बैलेंस मेंटेन कर के रखें. ऐसा न करने से नौन मेंटिनेंस चार्जेस लगते हैं. इससे आप 10 रुपये से लेकर 600 रुपये महीना तक बचा सकते हैं.
  • अपर्याप्त बैलेंस की स्थिति में चेक इश्यू न करें. चेक को डिओनर करने से न सिर्फ चार्जेस लगते हैं बल्कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत दंडनीय अपराध भी होता है. इससे आप 500 रुपये लेकर 750 रुपये प्रति चेक बचा सकते हैं.
  • क्रेडिट कार्ड से पैसों कि निकासी न करें. ब्याज के साथ साथ जारीकर्ता ट्रांजेक्शन फीस बी चार्ज करता है. निकासी की गई राशि का 2.5 फीसद या 300 रुपये से 500 रुपये तक बचाए जा सकते हैं.

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