जीवन में कई अहम फैसलों में एक घर खरीदने का फैसला भी होता है. घर भी ऐसा, जो हर लिहाज से अपनी पसंद का हो. पिछले 1 दशक में इस अहम फैसले ने कई परिवारों को अपना मनचाहा आशियाना दिया और इसे उपलब्ध कराने में सब से बड़ी भूमिका निभाई होम लोन यानी घर के लिए मिलने वाले कर्ज ने. कर्ज जैसे बोझिल शब्द से लोगों ने नई सदी में पीछा छुड़ा, लोन शब्द को अपनाया. यही लोन हर आमोखास भारतीय के जीवन का हिस्सा बन गया और देश चल पड़ा आर्थिक विकास की ओर. होम लोन के बारे में जब बात होगी तो बैंक क्षेत्र में आए जबरदस्त विकास की बात होगी. लोन के जरिए मिलने और होने वाली सुविधाओं की बात होगी. साथ ही, कर्ज के साथ आने वाले मुफ्त भय को भगाने के लिए होम लोन इंश्योरैंस की बात तो होगी ही.

होम लोन इंश्योरैंस

यह लोन लेने के बाद पहला सही कदम माना जाता है. किसी भी जरूरी चीज का बीमा करा लेने में ही समझदारी मानी जाती है. लेकिन इस कदम को उठाने से पहले कई ऐसे सवाल हैं, जिन्हें आप को खुद से पूछ लेना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि कुछ भी हो यह एक कर्ज है और इस का बीमा कराने का अर्थ होता है थोड़ा और पैसा जेब से निकालना.

इसे कराना क्यों जरूरी

होम लोन लेने का सीधा अर्थ है अपने पास घर की सहूलियत के साथ कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी भी बांध लेना. यह भले ही लेते समय पैरों में पड़ी बेडि़यों जैसा न लगे, मगर किसी अनहोनी के समय जरूर परिवार के सपनों को चकनाचूर कर सकता है. लोने लेने वाला व्यक्ति किसी अनहोनी का शिकार हो भी जाए तो भी कर्ज देने वाला तो अपनी बकाया रकम मांगेगा ही. ऐसे में यदि परिवार में आप ही अकेले कमाने वाले हैं तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. इसी समस्या से कम खर्च में छुटकारा दिलाता है होम लोन का इंश्योरैंस. होम लोन का इंश्योरैंस करवा लेने पर लोन चुकाने वाले के साथ किसी भी जानलेवा हादसे के बाद लोन और प्रौपर्टी की रखवाली का जिम्मा बीमा कंपनी का हो जाता है.

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