जब आप जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते हैं तो कंपनी आपकी मृत्यु हो जाने पर आपके उत्तराधिकारी या मनोनित व्यक्ति को बीमा राशि का भुगतान कर देती है. इसी तरह बीमा कंपनी आपको किसी बीमारी की वजह से अस्पताल में दाखिल होने पर स्वास्थ्य बीमा के तहत अस्पताल में आपके इलाज पर हुए खर्चे का भुगतान करती है. कभी आपने सोचा है कि अगर आपको किसी गंभीर बीमारी के निदान के बाद आपके कार्य करने और कमाने की क्षमता समाप्त या कम हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में न तो जीवन बीमा कंपनी आपको कुछ भुगतान करेगी और न ही स्वास्थ्य बीमा के तहत कोई भी भुगतान मिलेगा क्योंकि आप जीवित है और अस्पताल में भी भर्ती नहीं हैं.

क्या होती है क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी?

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के तहत अगर आप किसी गंभीर बीमारी से बचकर निकलते हैं और आप उसके बाद नियत समय (जो कि 30 दिन तक का होता है) तक जिंदा रहते हैं तो आप बीमा की राशि पाने के हकदार होते हैं यानी आपकी बीमा कंपनी राशि का भुगतान करेगी. क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी में गंभीर मानी जाने वाली बीमारियों के सामने आर्थिक रक्षण प्रदान किया जाता है. इसमें कवर होने वाली बीमारियों में दिल का दौरा पड़ना, किडनी का काम करना बंद करना, पक्षाघात, हृदय का वॉल्व खराब हो जाना, कैंसर आदि प्रकार की गंभीर बीमारियां शामिल हैं.

कितनी राशि का कवर खरीदना चाहिए?

चूंकि गभीर बीमारी के निदान के पश्चात आपकी आमदनी बंद हो जाती है एवं चिकित्सा एवं उपचार पर व्यय बढ़ जाता है, इसलिए आपको आपकी सालाना आय का कम से कम 10 से 12 गुना क्रिटिकल इलनेस कवर खरीदना चाहिए.

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