सरकार महिला कर्मचारियों के लिए बड़ी सुविधा का कदम उठा सकती है. खबरों की मानें तो सरकार महिला कर्मचारियों की हायरिंग और मैटरनिटी पीरियड के दौरान उनके रोजगार को बनाए रखने के लिए इंसेंटिव देने की सोच रही है. अभी हाल में मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट में संशोधन किया गया था. इस संशोधन के जरिए मैटरनिटी लीव पीरियड को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया गया था. हालांकि बाद में खबरें आईं कि इस संसोधन के बाद कंपनियों ने महिला कर्मचारियों की छंटनी कर दी.

सूत्रों की मानें तो श्रम मंत्रालय ने संशोधन के बाद मैटरनिटी लीव में बढ़ाए गए 14 हफ्तों में , 7 हफ्तों की तनख्वाह कंपनी को देने का प्रस्ताव दिया था. यह सुविधा केवल उन महिलाओं को मिलेगी जिनकी सैलरी 15,000 रुपये तक होगी और वे कम से कम 12 महीनों से ईपीएफओ की सदस्य हों. इस पौलिसी को सबसे पहले दिल्ली और महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा.

खबरें ये भी हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना की तरह श्रम मंत्रालय अब मैटरनिटी लीव के 26 हफ्तों तक महिला कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है. इसके तहत संशोधन के बाद मैटरनिटी लीव में बढ़े हुए 14 हफ्तों में से 7 हफ्ते की महिली कर्मचारी की सैलरी सरकार कंपनी को देगी, जबकि बाकी के 7 हफ्ते का खर्च कंपनी को उठाना पड़ेगा.

मैटरनिटी लीव एक्ट में संशोधन के बाद कई मामले ऐसे आएं जिनसे पता चला कि कैसे मैटरनिटी लीव महिला कर्मचारियों की हायरिंग में रोड़ा बन रही है. इन शिकायतों में बताया गया था कि मैटरनिटी लीव से ठीक पहले कंपनियां छोटे-मोटे कारणों से महिला कर्मचारियों की छंटनी कर रही थीं.

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