आपने अक्सर लिक्विड फंड के बारे में सुना होगा. क्या आपको पता है कि ये होता क्या है? आज हम आपको देंगे इससे जुड़ी सारी जानकारी.

क्या होते हैं लिक्विड फंड्स?

ये एक तरह के डेट म्यूचुअल फंड्स होते है. इससे आप पैसा ट्रेजरी बिल्स, गवर्नमेंट सिक्यौरिटीज और कौल मनी जैसे बहुत शौर्ट टर्म वाले मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकती हैं. इसको 91 दिनों के मेच्योरिटी पीरियड वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जा सकता है. आमतौर पर एक से तीन महीने की अवधि के लिए करते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपके बच्चे की स्कूल फी का इंस्टौलमेंट दो महीने बाद हो तो उसके लिए तय पैसा आप लिक्विड फंड में निवेश कर सकती हैं.

कब कर सकती हैं इस्तेमाल?

इसका इस्तेमाल तब किया जा सकता है, जब आपके पास नगद ज्यादा आ जाएं. ये रकम एक बड़े बोनस के रूप में हो सकती है या रियल एस्टेट की बिक्री से मिली नकदी हो सकती है. कई इक्विटी इन्वेस्टर्स के लिए ये एक फायदे का सौदा होता है. ये अपने निवेश को सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में बांटने के लिए भी लिक्विड फंड्स का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सके.

क्या हो सकती हैं जोखिम?

सभी म्यूचुअल फंड्स की तुलना में लिक्विड फंड्स को सबसे कम जोखिम वाला जरिया माना जाता है. इनमें सबसे कम वोलैटिलिटी भी रहती है. इसकी वजह यह है कि लोग फंड्स आमतौर पर ज्याद क्रेडिट रेटिंग वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. इन फंड्स की नेट ऐसेट वैल्यू हासिल होनेवाली इंट्रेस्ट इनकम के दायरे तक ही बदलती है.

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