बरसात जाने और फिर ठंड के आने के बीच मौसम में जिस तरह का बदलाव होता है, वह कई तरह की बीमारियों को न्यौता देने का सबसे बड़ा कारण होता है. इस बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही हमें बीमार करने के लिए काफी है. इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. ऐसे में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियां आपके घर दस्तक देने को तैयार रहती हैं. इनसे बचाव के लिए आपको काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होता है. आज हम ऐसी ही कुछ बीमारियों तथा उनसे बचाव के बारे में आपको बताने जा रहे हैं-

डायरिया

शरीर में पानी की कमी से डायरिया रोग होता है. इसमें दस्त, पेशाब न आना, पेट में ऐंठन या तेजदर्द, बुखार और उल्टी आना जैसे लक्षण प्रदर्शित होते हैं. इससे सर्वाधिक खतरा बच्चों को होता है. समय पर इलाज न करने पर यह बीमारी आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है. इससे राहत मिलने पर भी एक हफ्ते तक उपचार करते रहना बेहद जरूरी है.

इससे बचने के लिए जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें. इलेक्ट्राल व ओआरएस घोल डायरिया का सबसे सस्ता व कारगर उपचार है. इसके अलावा फलों का रस नियमित रूप से लेते रहे. यह घरेलू उपचार करने के बाद भी यदि समस्या बढ़ती दिखे तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें.

वायरल फीवर

यह वायरस के इंफेक्शन से होता है इसलिए इसे इन्फ्लूएंजा वायरस भी कहते हैं. जब शरीर में 100 डिग्री से ज्यादा बुखार और सर्दी-जुकाम, गले में दर्द के साथ बदन दर्द के लक्षण महसूस हों तो यह वायरल फीवर का संकेत होता है.

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