भारत में 25% महिलाएं अनियमित माहवारी या माहवारी से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही हैं. 90% मामलों में बीमारी के कारणों का पता नहीं चलता है.

मां बनने की उम्र पर आ कर किसी युवती को यह पता चले कि वह कभी मां नहीं बन सकती है, तो उस के लिए दुनिया मानो रुक सी जाती है. मां न बन पाने के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिन में से एक है ओवरीज का फेल हो जाना.

आइए, जानते हैं कि किन कारणों से यह समस्या पैदा होती है और क्या है इस से निबटने का तरीका:

पीओएफ यानी प्रीमैच्योर ओवरीज फेल

पीओएफ का मतलब है 40 की उम्र से पहले ओवरीज का सामान्य काम न करना. मतलब कि ओवरीज का सामान्य रूप से ऐस्ट्रोजन हारमोन का निर्माण न करना या नियमित रूप से अंडे का रिलीज न करना.

कई बार उम्र से पहले ओवरीज के फेल होने को मेनोपौज से जोड़ दिया जाता है, लेकिन ये स्थितियां भिन्न हैं. किसी महिला की ओवरीज फेल होती हैं तो उसे अनियमित माहवारी हो सकती है और वह गर्भधारण भी कर सकती है. उम्र से पहले मेनोपौज का अर्थ है कि माहवारी का स्थाई तौर पर रुक जाना. उस के बाद गर्भवती होना नामुमकिन होता है.

कैसे पहचानें इस अनचाहे खतरे को

अगर आप को अनियमित माहवारी, बहुत ज्यादा गरमी लगना व पसीना आने की शिकायत हो तो जल्द से जल्द किसी फर्टिलिटी सैंटर में जा कर अपनी जांच करवानी चाहिए. अगर ब्लड टैस्ट में आप का फौलिकल स्टिम्यूलेटिंग हारमोन 25% से ज्यादा है, तो आप को पीओएफ का खतरा है.

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