Summer Special: लंच में परोसें छोलिया कढ़ी

लंच में अगर आप कोई रेसिपी तलाश रहे हैं तो छोलिया कढ़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

सामग्री

–  1 कप छोलिया

–  1 कप दही

–  1/4 कप बेसन

–  1 छोटा चम्मच अदरक बारीक कटा

–  2 हरीमिर्चें बारीक कटी

–  थोड़ा सी धनियापत्ती कटी

–  1 छोटा चम्मच मेथीदाना

–  चुटकीभर हींग

–  1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

–  1/4 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

–  1/2 छोटा चम्मच जीरा

–  1 बड़ा चम्मच तेल

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

दही में बेसन, नमक व हलदी मिला कर फेंटें. आवश्यकतानुसार पानी मिला कर पतला सा घोल बना लें. प्रैशर कुकर में आधा तेल गरम कर के मेथीदाना, हींग व अदरक डालें. मेथीदाना लाल होने पर बेसन का घोल डालें. छोलिया व हरीमिर्च डाल कर मंदी आंच पर पकाएं. बीचबीच में चलाती रहें. जब छोलिया गल जाए और मिश्रण थोड़ा गाढ़ा होने लगे तब आंच से उतार लें. फ्राईपैन में बचा तेल गरम करें. जीरे व लालमिर्च का छोंक तैयार कर के कढ़ी पर डालें और धनियापत्ती बुरक कर सर्व करें.

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मोटापा: दोषी मां, बाप या आप

हमें अपने मांबाप से 30,000 से अधिक जीन्स वंशानुगत मिलते हैं, जो इस बात का निर्धारण करते हैं कि हमारे बालों, आंखों या त्वचा का रंग, यहां तक कि हमारा कद और शरीर कैसा होगा. लेकिन अब वैज्ञानिकों और मैडिकल साइंस ने इस बात की खोज कर ली है कि बौडी स्ट्रक्चर सिर्फ मांबाप से मिले जीन्स पर ही आधारित नहीं होता. आप के भीतर एफटीओ यानी फैट जीन्स भी होते हैं जो आप के वजन बढ़ने का कारण बनते हैं. इसलिए अब अपने मोटापे के लिए अपने मांबाप को दोषी मानना छोड़ दें. वैज्ञानिकों का मानना है कि मात्र 5% लोग फैट जीन्स को मोटापे का कारक बता सकते हैं.

अगर आप अपनी लाइफस्टाइल को बदलने की कोशिश करें यानी स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं तो यदि आप के खानदान में लोग मोटापे से ग्रसित हैं, तो भी आप स्वस्थ, फिटफाट और स्लिमट्रिम रह सकते हैं. जरूरी है इच्छाशक्ति कोशिश से सभी कुछ संभव है. नियमित व्यायाम व सुबह उठ कर खाली पेट पानी पीने से मोटापा बढ़ाने वाले जीन्स से लड़ा जा सकता है. बहुत से वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में पाया गया कि जो लोग नियमित जीवनशैली अपनाते हैं, कसरत करते हैं, जिम जाते हैं, उन में एफटीओ से लड़ने की अधिक क्षमता रहती है. लेकिन इस के लिए आप में विल पावर यानी इच्छाशक्ति होने के साथसाथ आप को अधिक देर तक कसरत करना जरूरी होता है.

मान लीजिए कि आप एक सामान्य व्यक्ति हैं और रोजाना 30 मिनट कसरत करते हैं, तो ऐसे में यदि आप का वजन अधिक है और आप को लगता है कि आप का मोटापा मांबाप की देन है, यह आप को विरासत में मिला है तो आप को 90 मिनट तक यानी 3 गुना अधिक समय तक कसरत करना होगा. ऐसा करने से आप फिट और स्लिमट्रिम रह सकते हैं. खानपान पर ध्यान दें यदि स्वस्थ रहना है और कसरत शुरू कर दी है तो खानपान पर भी ध्यान देना होगा. सब से पहले शुगर यानी चीनी को न कहना सीखें. इस का मतलब यह नहीं कि चाय फीकी पीनी है. उस के साथ में बरफी, पेस्ट्री वगैरह खाना छोड़ने से भी काफी हद तक शुगर से बचा जा सकता है.

यह मान लीजिए कि मोटापा आप के जीन्स की देन नहीं है. और भी कई कारण हैं जिन के जनक हम खुद हैं. जैसे पेट भर कर ही नहीं, प्लेट भरभर कर खूब कैलोरी वाला रेस्तरां का तलाभुना क्रीमयुक्त भोजन खाना, दिन में 4-6 कप चीनी मिली चाय, कौफी या सोडा पीना, हर काम के लिए कार का प्रयोग, घरों में पैदल रास्ते का गायब होना, टीवी अधिक देखना, खाना भी टीवी के आगे बैठ कर खाना, फास्ट फूड खूब खाना, नाश्ता न करना,

पानी पीने की आदत का छूटना, भोजन करते ही बिस्तर में पड़ जाना आदि. अब आप ही बताइए कि मांबाप भला दोषी कैसे हुए? मोटापे का दोषी कौन है? अच्छे खानपान से मतलब है संतुलित आहार, जिस में अंकुरित भोजन, मौसमी ताजा फल, दूध, दही, पनीर और मांसमछली शामिल है. घर के आसपास सुबहशाम खुले में सैर पर जाएं, कसरत करें और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनें. मांबाप के सिर पर जीन्स का दोषारोपण करना छोड़ दें.

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यहां झूठ भी है और फरेब भी

पिछले 2 दशकों में फोटोग्राफों व आडियो व विडियो क्लिपों के साथ छेडख़ानी कर के राजनीति उपयोग करने की एक प्रैक्टिस जम कर शुरू हुई है. सत्ता में बैठे लोगों ने इस का खूब फायदा उठाया है. हिंदूमुसलिम अलगाव भी भडक़ाया गया है और ऊंचीनीची जाति का स्कल भी अपने मन में उलझाया गया है. विरोधी दल के नेताओं को भी खूब बदनाम फोटोग्राफों व वीडियों को मनमाने ढंग से टेढ़े सीधे ढंग से जोड़तोड़ कर सोशल मीडिया पर झोक दिया गया है. मानने की बात है कि यह टैक्नोलौजी समझने वाले काफी शातिर दिमाग के हैं.

यही शातिरयना औरतों व लड़कियों को झेलना पड़ रहा है. दिल्ली के निकट गाजियाबाद के एक टैक्सटाइल कंपनी के प्रबंधक फंस गए जब उन की पत्नी के आधार या पैनकार्ड से फोटो को ले कर एक अश्लील चित्र के साथ जोड़ दिया गया और मैसेज पति के सेब नंवरों पर भेज दिए गए. फोटो वायरल न करने के लिए 5 लाख रुपए मांग लिए गए.

महिला ने अपना फोन ठीक करने के लिए एक दुकानदार को दिया था जिस से पूरा डाटा कौफी कर लिया गया होगा हालांकि यह आरोप मैकेनिक ने गलत बताया है.

बात इस महिला की नहीं है, बात यह है कि धर्म टैक्नोलौजी का जिस तरह धर्म की राजनीति करने वालों ने दुरुपयोग किया है उस से यह महिमामंडित हो गई है. जब सरकार में बैठे लोगों के समर्थक खुलेआम फोटो व वीडियो से छेड़छाड़ कर सकते हैं और पुलिस, अदालत और सरकार अनदेखा करती है तो आम शातिर क्यों नहीं अपने मतलवा इस टैक्नोलौजी के ज्ञान का इस्तेमाल करें. यह तो सब जानते हैं कि दुश्मन के लिए तैयार की गई गन अपनों पर ज्यादा चलती हैं. अमेरिका का उदाहरण है जहां अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखने का हक मास मर्डर के लिए लगातार वर्षों से हो रहा है और स्कूलों तक में सिरफिरे घुस कर 10-20 को भून डालते हैं.

जो हक अमेरिकी संविधान ने गन रखने का हर नागरिक को दिया है वही आज जनता के टैक्नोलौजी को समझने वालों को सत्ता में बैठे लोगों ने दे दिया है और इस का इस्तेमाल राजनीति में भी हो रहा है और लड़कियों व औरतों पर भी. उन के वैसें सैंकड़ों सैक्सी क्लिप वायरल हो रहे हैं जिन में अपने मजे के लिए लड़कियों के बनाए थे. उन्हें तोड़मरोड़ कर. इन पर चेहरे बदलकर, इन के फोटो बना कर जम कर इस्तेमाल हो रहा है. शिकार कमजोर बेचारी औरतें और लड़कियां हो रही हैं.

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मैरिज रजिस्ट्रेशन है जरूरी

कानूनन जरूरी होने के बावजूद लोग शादी का रजिस्टे्रशन तभी कराते हैं जब उन्हें वीजा आदि के लिए आवेदन करना होता है. शादी या उस के बाद और बातों का तो बड़ा ध्यान रखा जाता है, लेकिन शादी का रजिस्ट्रेशन कराने को प्राथमिकता नहीं दी जाती है. अनपढ़ लोगों का ही नहीं शिक्षित लोगों का भी यही हाल है.

चलिए, बात करते हैं कि शादी का रजिस्ट्रेशन कितना जरूरी है तथा यह करवाना कितना आसान है और आगे चल कर इस के क्या फायदे हैं:

मैरिज सर्टिफिकेट इस बात का आधिकारिक प्रमाण होता है कि 2 लोग शादी के बंधन में बंधे हैं. आजकल जन्म प्रमाणपत्र को उतनी अहमियत नहीं दी जाती, जितनी विवाह प्रमाणपत्र को दी जाती है. लिहाजा, इसे बनवाना अहम है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. अत: यहां 2 ऐक्ट्स के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन होता है- हिंदू मैरिज ऐक्ट 1955 और स्पैशल मैरिज ऐक्ट 1954.

आप की शादी हुई है और अमुक तारीख को हुई है, इस बात का अनिवार्य कानूनी सुबूत है मैरिज सर्टिफिकेट. आप बैंक खाता खोलने, पासपोर्ट बनवाने या किसी और दस्तावेज के लिए आवेदन करते हैं, तो वहां मैरिज सर्टिफिकेट काम आता है. जब कोई दंपती ट्रैवल वीजा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करता है, तो मैरिज सर्टिफिकेट काफी मददगार साबित होता है.

भारत या विदेश में स्थित दूतावास पारंपरिक विवाह समारोहों के सुबूत को मान्यता नहीं देते. उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट देना होता है. जीवन बीमा के फायदे लेने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट जमा कराना (जिन मामलों में पति या पत्नी में से किसी की मौत हो गई हो) होता है. नौमिनी अपने आवेदन की पुष्टि में कानूनी दस्तावेज पेश नहीं करे तो कोई बीमा कंपनी अर्जी को गंभीरता से नहीं लेती. 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य घोषित कर दिया था.

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

हिंदू ऐक्ट या स्पैशल मैरिज ऐक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन कराना कतई मुश्किल नहीं है. पति या पत्नी जहां रहते हैं, उस क्षेत्र के सबडिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के दफ्तर में अर्जी दे सकते हैं. अर्जी पर पतिपत्नी दोनों के हस्ताक्षर होने चाहिए. अर्जी देते वक्त उस के साथ लगाए गए दस्तावेज की जांचपरख होती है. उस के बाद औफिस की ओर से एक दिन तय किया जाता है. इस की सूचना दंपती को दे दी जाती है. उस वक्त पहुंच कर पतिपत्नी शादी को रजिस्टर्ड करा सकते हैं. उस वक्त एसडीएम के सामने पतिपत्नी के साथ एक गैजेटेड औफिसर को भी मौजूद रहना पड़ता है, जो शादी में मौजूद रहा हो. प्रमाणपत्र उसी दिन जारी कर दिया जाता है.

आवेदन के लिए क्याक्या है जरूरी

  1. पूरी तरह भरा आवेदनपत्र, जिस पर पतिपत्नी और उन के मातापिता के हस्ताक्षर हों. रिहाइश का प्रमाणपत्र जैसे वोटर आईडी/राशन कार्ड/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसैंस, पति और पत्नी दोनों का जन्म प्रमाणपत्र, 2-2 पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ्स, शादी का एक फोटोग्राफ.
  2. सारे दस्तावेज सैल्फ अटैस्टेड होने चाहिए. आवेदन के साथ शादी का एक निमंत्रणपत्र भी लगाना होता है.
  3. अर्हताएं: दूल्हा या दुलहन उस तहसील का निवासी हो जहां शादी रजिस्टर्ड कराई जानी है. शादी के वक्त दुलहन की उम्र 18 और दूल्हे की 21 साल से कम न हो.
  4. जुर्माना: अगर कोई शख्स विवाह प्रमाणपत्र नहीं दे पाता है, तो उसे क्व10 हजार जुर्माना भरना पड़ सकता है.
  5. विवाह प्रमाणपत्र के लिए अर्जी देने में कोई ज्यादा खर्च नहीं आता है और न ही यह लंबी प्रक्रिया है. हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत प्रमाणपत्र लेने के लिए आवेदन फीस 100 रुपए और स्पैशल मैरिज ऐक्ट के तहत लेने के लिए क्व150 है. फीस डीएम औफिस के कैशियर के पास जमा कराई जाती है और उस की रसीद अर्जी के साथ लगानी होती है. सरकार ने औनलाइन रजिस्ट्रेशन की पहल भी की है.

विवाह प्रमाणपत्र के फायदे

  1. भारत में स्थित विदेशी दूतावासों या विदेश में किसी को पतिपत्नी साबित करने के लिए विवाह प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होता है.
  2. विवाह प्रमाणपत्र होने से महिलाओं में विश्वास और सामाजिक सुरक्षा का एहसास जगता है. पतिपत्नी के बीच किसी तरह का विवाद (दहेज, तलाक, गुजाराभत्ता लेने आदि) होने की स्थिति में विवाह प्रमाणपत्र काफी मददगार साबित होता है.
  3. इस से प्रशासन को बाल विवाह पर लगाम लगाने में मदद मिलती है. अगर आप की उम्र शादी लायक नहीं है तो विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
  4. शादीशुदा हों या तलाकशुदा, दोनों ही सूरत में विवाह प्रमाणपत्र काम आता है. इस के अलावा इस प्रमाणपत्र की सब से ज्यादा उपयोगिता तलाकशुदा महिलाओं के लिए है क्योंकि तलाक के बाद महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की जरूरत पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है.

स्पैशल मैरिज ऐक्ट 1954

  1. स्पैशल मैरिज ऐक्ट के तहत भी आसानी से शादी रजिस्टर्ड कराई जा सकती है. इस के लिए निम्न स्टैप्स हैं:
  2. पतिपत्नी जिस क्षेत्र में रहते हैं, वहां के मैरिज अफसर को शादी की सूचना देनी होती है.
  3. नोटिस की तारीख से कम से कम 1 महीना पहले से उस क्षेत्र में रिहाइश होनी जरूरी है.
  4. नोटिस मैरिज अफसर के औफिस में किसी ऐसी जगह पर चस्पां करना चाहिए जहां सब की नजर पड़े.
  5. अगर पतिपत्नी दोनों अलगअलग इलाके में रहते हैं तो नोटिस की एक कौपी दूसरे क्षेत्र के मैरिज अफसर को भेजनी होगी. नोटिस पब्लिश होने के 1 महीने बाद शादी को कानूनी वैधता दे दी जाती है.
  6. अगर कहीं से कोई आपत्ति आती है तो मैरिज अफसर दंपती से संपर्क कर पूछता है कि शादी को वैधता प्रदान की जाए या नहीं.

शादी रजिस्टर्ड कराने के स्टैप्स

  1. हिंदु मैरिज ऐक्ट के तहत कोई भी अपनी शादी को रजिस्टर्ड करा सकता है. इस के लिए निम्न स्टैप्स हैं:
  2. दंपती को रजिस्ट्रार के यहां आवेदन करना होता है. यह रजिस्ट्रार या तो उस क्षेत्र का होगा जहां शादी हुई हो या फिर वहां का जहां पतिपत्नी में से कोई कम से कम 6 महीने से रह रहा हो.
  3. दंपती को शादी के 1 महीने के भीतर गवाह के साथ रजिस्ट्रार के सामने हाजिर होना होगा. बतौर गवाह मातापिता, अभिभावक, दोस्त कोई भी हो सकता है.
  4. रजिस्ट्रेशन में देरी होने पर 5 साल तक रजिस्ट्रार को माफी देने का अधिकार है. इस से ज्यादा वक्त होने पर संबंधित डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार के पास इस का अधिकार ह – विपुल माहेश्वरी (सीनियर ऐडवोकेट)

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कुछ पल का सुख: क्यों था ऋचा के मन में आक्रोश- भाग 3

अचानक गाड़ी को ब्रेक लगा तो उस ने देखा वह लखनऊ के अपने उसी बरसों पुराने महल्ले में खड़ी है.

‘‘चलो मां, अपना पुराना महल्ला आ गया.’’

‘‘हां, राजू, चलती हूं,’’ दो पल को मालती ठगी सी खड़ी रह गई. उस की आंखों के समक्ष यहां बीते हुए सभी पल साकार हो रहे थे.

सुधीर के साथ इस महल्ले के छोटे से कमरे से जीवन की शुरुआत करने से ले कर, नया घर बना कर यह जगह छोड़ कर जाने तक के सभी क्षण एकाएक उस की आंखों के आगे घूम गए. पर यहां आज भी कुछ नहीं बदला. आज भी यहां छोटेछोटे पुराने मकान उसी दृढ़ता के साथ खड़े दिखाई दे रहे थे.

एक ही शहर में रहते हुए भी यह जगह उस से कितनी दूर हो गई थी.

उसे देखते ही सरोज ने उसे बांहों में भर लिया, ‘‘अरे, मालती बहन. कितनी खुशी हो रही है तुम्हें देख कर, बता नहीं सकती.’’

भावातिरेक से मालती की आंखें भर आईं. शब्द उस के मुंह में ही अटक कर रह गए. तभी पड़ोस के घर से पुनीत की मां भी आ गई.

‘‘अरे, राजीव की मां, तुम. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा. आज तुम इधर का रास्ता कैसे भूल गईं.’’

‘‘ऐसा न कहो बहन. तुम लोगों को भला कैसे भूल सकती हूं. हर पल तुम सभी को याद करती हूं. जब रहा नहीं गया तो मिलने चली आई.’’

फिर उस के बाद तो जो बातों का सिलसिला चला तो समय का पता ही नहीं चला. तीनों सहेलियां अपने बीते दिनों को याद कर के खुश होती रहीं.

राजीव ने कहा, ‘‘मां, अब चलें,’’

मालती को ध्यान आया, अरे, उसे तो वापस जाना है.

वहां से चली तो राजीव ने पूछा, ‘‘मां, कुछ खाओगी?’’

‘‘अरे नहीं राजू,’’ सकुचाते हुए मालती बोली.

‘‘नहीं क्यों, क्या तुम्हें याद नहीं पापा के साथ हम दोनों तिवारी के यहां अकसर शाम को चाट खाने आया करते थे? तुम्हें तो वैसे भी गणेशगंज के तिवारी के दहीबड़े बहुत पसंद थे. फिर आज क्यों मना कर रही हो?’’

‘‘मैं इतनी बड़ी, भला क्या बाजार में खाती अच्छी लगूंगी?’’

‘‘अरे, इतने दिनों बाद गणेशगंज आई हो तो दहीबड़े तो तुम्हें खाने ही पड़ेंगे. दहीबड़ों को थोड़े ही मालूम है कि मेरी मां खुद को बूढ़ा समझने लगी हैं,’’ कह कर राजीव हंस दिया.

उस की बात सुन कर मालती को भी हंसी आ गई. आखिर मालती को कहना पड़ा, ‘‘ठीक है, तेरा मन है तो चल, खिला दे.’’

समय के साथ यहां भी बहुत कुछ बदल गया है. पहले जहां ठेला हुआ करता था, आज वहां बढि़या दुकान है परंतु स्वाद आज भी वही है. उसे याद आया यहां सुधीर और राजीव के साथ वह हमेशा आया करती थीं पर आज पहली बार सुधीर साथ नहीं हैं. सोच कर मालती की आंखें नम हो आईं.

घर पहुंचतेपहुंचते काफी अंधेरा घिर आया. कपड़े बदल कर मालती रसोई की ओर चल दी तो राजीव ने कहा, ‘‘मां, अब खाने के लिए कुछ मत करना. मेरा तो पेट भरा है.’’

‘‘थोड़ा कुछ तो बना दूं.’’

‘‘नहींनहीं, तुम चाहो तो अपने लिए कुछ बना लो.’’

‘‘अरे, मुझ से अब कहां खाया जाएगा. वहां सरोज ने इतना नाश्ता करा दिया फिर तू ने भी खिला दिया.’’

‘‘ठीक है, अब तुम आराम से सो जाओ. थक गई होंगी.’’

मालती सच में थक गई थी. वह लाइट बंद कर बिस्तर पर लेट गई. परंतु आज शरीर थका होने पर भी मन बहुत प्रसन्न है. कितने दिनों बाद, चाहे कुछ समय के लिए ही सही, उसे अपना जीवन जीने का अवसर तो मिला.

तभी कुछ देर बाद  दरवाजे पर आहट सुन उस ने देखा तो राजीव की आवाज सुनाई दी, ‘‘मां, सो गईं क्या?’’

‘‘नहीं तो, ऐसे ही लेटी थी. आ, अंदर आ, बत्ती जला ले.’’

‘‘नहीं, रहने दो, एक बार लेटने के बाद तुम्हें लाइट अच्छी नहीं लगती न. वैसे भी कुछ काम नहीं था, ऐसे ही आ गया. तुम थकी होगी न,’’ कह कर राजीव पलंग पर उस के पैरों के पास आ कर बैठ गया.

‘‘तो क्या हुआ? थकी तो हूं, पर साथ ही आज मैं बहुत खुश हूं. तू ने मेरी बहुत दिनों की इच्छा पूरी कर दी. न जाने कब से वहां जा कर उन सब से मिलना चाह रही थी. इसीलिए सच कहूं तो थकान महसूस ही नहीं हो रही.’’

‘‘सच ही तो है मां, वहां जा कर आज मुझे भी बहुत अच्छा लगा. पुराने लोगों में जो अपनापन और प्रेम है वह आज ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलता. लेकिन अपनी व्यस्तताओं के कारण हम अपने ही दायरे में सीमित हो कर रह जाते हैं.’’

‘‘ऐसा होता है, राजू.’’

‘‘लेकिन मां, ऐसा क्यों होता है कि हमारे अपनों को ही, जिन से हम बहुत प्रेम करते हैं, अपनी व्यस्तताओं के कारण समय नहीं दे पाते?’’

आज राजीव मां से अपने मन में उठी हर जिज्ञासा का समाधान चाह रहा था.

मालती ने कहा, ‘‘तो क्या हुआ, राजू? असली चीज है मनुष्य का मन. यदि मन में प्रेम और अपनापन है तो जरूरी नहीं कि उस को हर समय व्यक्त किया जाए.’’

‘‘मां…’’ बोलतेबोलते राजीव अटक सा गया. मालती अंधेरा होने के बाद भी अपने बेटे के मुख के भावों को स्पष्ट देख पा रही थी. वह समझ रही थी कि राजीव क्या कहना चाह रहा है. ऋचा का मालती के प्रति रूखा व्यवहार राजीव से छिपा नहीं है. परंतु यह भी तो सच है कि स्वयं उसी ने तो बेटे को प्रारंभ से ही संस्कार दिए थे कि किसी भी प्रकार के तनावपूर्ण वातावरण को दूर करने के लिए यदि थोड़ा सहन भी करना पड़े तो कर लेना चाहिए.

बेटे की बात से वह इतना तो समझ गई कि ऋचा ने लाख प्रयत्न किया हो लेकिन आज भी राजीव के मन से मां के प्रति स्नेह को वह कम नहीं कर पाई है. अपने बेटे की लाचारी देख कर मालती का मन भर आया. उस ने राजीव के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘‘अब जा कर सो जा. सुबह ऋचा को लेने भी तो जाना है.’’

‘‘मां…कोई कितना भी प्रयत्न कर ले लेकिन तुम्हारे राजू को तुम्हारे लिए कभी राजीव नहीं बना पाएगा?’’

यह कह कर राजीव कमरे से बाहर चला गया. घर में मां के साथ जो व्यवहार हो रहा है शायद उसी कारण मां से आंखें मिलाने का साहस नहीं रह गया है उस में. पर उस की विवशता को मां उस का बदलाव न समझें, यह बात बहुत कुछ न कह कर थोड़े में ही कह गया वह.

राजीव के जाने के बाद मालती लेटी तो उस ने देखा कि उस की आंखों से अविरल अश्रुधारा बह रही है. पर ये आंसू किसी दुख या लाचारी के नहीं अपितु अपने बेटे को पाने के हैं जिसे वह अपने से दूर जान कर दुखी रहती थी. आज उसे किसी से कोई शिकायत नहीं है. ऋचा के प्रति मन में जो भी आक्रोश है वह राजीव से बात करने पर पल में धुल गया.

बिजली कहीं गिरी असर कहीं और हुआ- भाग 3: कौन थी खुशबू

रमाकांत की सारी बात सुन डाक्टर सतीश धवन कुछ पलों के लिए सोच में पड़ गया और फिर बोला, ‘‘शारदा भाभी कहां तक पढ़ी हैं?’’

‘‘जहां तक मैं जानता हूं 12वीं से ज्यादा नहीं,’’ रमाकांत ने कहा.

‘‘आजकल डीएनए वाली

बात तो हरकोई जानता है. जगहजगह आईवीएफ के बोर्ड लगे हैं. सैरोगेट मदर का भी नाम उछलता रहता है,’’ डाक्टर सतीश ने गंभीरता से कहा.

‘‘जब आप के घर के अंदर व्हाट्सएप जैसा शुरू हो तो आप उन चीजों के बारे में भी आसानी से जान जाते हैं जोकि देखने में आप से बहुत दूर होता है और फिर वह पंडित रामकुमार तिवारी भी तो है जो लैब का कार्ड ले गया.’’ रमाकांत ने कहा तो वह व्हाट्सएप और पंडितों के जरिए मिला ज्ञान है. तब समस्या कोई बड़ी नहीं, तुम कल ही शारदा और खुशबू को ले कर वहां आ जाना. बाकी मैं देख लूंगा. सतीश ने कहा.

अगले दिन रमाकांत ने शारदा को खुद तैयार होने

और खुशबू को भी तैयार करने

को कहा.

‘‘कहां चलना है?’’ शारदा

ने पूछा.

इस पर रमाकांत ने फुसफुसाती हुई आवाज में कहा, ‘‘डाक्टर सतीश के कहां.’’

‘‘किसलिए?’’ शारदा ने पूछा.

‘‘तुम खुशबू को ले कर जो डीएनए टैस्ट करवाने की बात कर रही थी न, उसी के सिलसिले में,’’ रकामांत ने कहा.

रमाकांत के शब्द सुन कर शारदा एकाएक सकते में आ गईं. बोलीं, ‘‘इतनी अचानक ये सब? तुम ने मु झे इस के बारे में पहले कुछ बताया भी नहीं?’’

‘‘मैं ने कल ही डाक्टर सतीश से इस बारे में बात की थी. मैं तुम को बतलाना भूल गया था. डाक्टर सतीश हम तीनों के शरीर में से कुछ चीजों के नमूने ले कर बाहर किसी ऐसे शहर भेजेगा जहां किसी प्रयोगशाला में डीएनए टैस्ट की व्यवस्था होगी. रिपोर्ट के आने में 8-10 दिन का वक्त लगेगा.’’

कशमकश में नजर आ रही शारदा खामोश रहीं. जब सच का सामना करने की स्थिति पास आ कर खड़ी हो गई तो शारदा के अंदर एक दूसरी ही तरह का द्वंद्व शुरू हो गया था.

खुशबू और शारदा को साथ ले कर रमाकांत सुबह 11 बजे डाक्टर सतीश धवन के क्लीनिक पहुंच गए. डाक्टर धवन की लैब उस के क्लीनिक के ही एक हिस्से में थी.

डीएनए टैस्ट के नाम पर एक ड्रामा ही तो करना था, सब से पहले डाक्टर सतीश रमाकांत को साथ ले कर लैब के अंदर गया. लैब के अंदर डाक्टर सतीश ने रमाकांत के साथ बैठ आराम के साथ 5-7 मिनट तक गपशप की और फिर दिखावे के लिए उस ने रमाकांत के अंगूठे और कलाई पर पट्टी चिपका उन्हें लैब से बाहर भेज दिया.

लैब से बाहर आ कर रमाकांत ने तनाव में दिख रही शारदा को अंदर भेज दिया. ये सब देख मासूम खुशबू काफी डरी नजर आ रही थी. वह कुछ भी सम झने में असमर्थ थी.

सारे ड्रामे को असली रूप देने के लिए डाक्टर सतीश ने शारदा के साथ सबकुछ असली ही किया. शरीर के 1-2 हिस्सों में से खून ले कर उसे कांच की टैस्ट प्लूबों में डाला.

डाक्टर सतीश कोई भी ऐसा काम करना नहीं चाहता था जिस से शारदा के मन में जरा सा भी कोई शक पैदा हो.

वास्तविकता यह थी कि शारदा के खून के नमूनों की न तो सतीश खुद ही कोई जांच करने वाला था और न ही कहीं भेजने वाला था. खुशबू को ले कर शारदा के मन में बने संशय और दुविधा को दूर करने के लिए उस को यह विश्वास दिलाना जरूरी था कि खुशबू को ले कर वास्तव में ही कोई डीएनए टैस्ट होने वाला है.

शारदा के बाद डाक्टर सतीश डरी, घबराई खुशबू को लैब के अंदर ले गया.

शक की गुंजाइश कोई न रहे इस बात का खयाल कर के न चाहते हुए भी डाक्टर सतीश को उस के  हाथ की एक उंगली में सूई चुभो कर खून निकालना पड़ा.

जब शारदा और खुशबू को ले कर रमाकांत डाक्टर सतीश से वापस आने लगे तो डाक्टर सतीश ने धीमी आवाज में कहा, ‘‘मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह  मेरे पेशे के साथ सरासर बेईमानी है.’’

‘‘किसी अच्छे काम के लिए की जाने वाली बेईमानी, बेईमानी नहीं होती,’’ रमाकांत ने जवाब में कहा.

शारदा जैसी औरतों के जटिल मनोविज्ञान को सम झना वास्तव में ही बड़ा कठिन होता है.

डाक्टर सतीश धवन के यहां से आने के बाद रमाकांत ने शारदा में फिर एक परिवर्तन देखा. उन्होंने देखा कि पिछले कुछ दिनों से खुशबू के प्रति बेरुखी दिखा रही शारदा एक बार फिर से उस के लिए प्रेम दिखाने लगी है. खुशबू के प्रति उस का लगाव पहले से अधिक बढ़ गया था.

यह देख रमाकांत भी हैरान थे. रमाकांत यह भी महसूस कर रहे थे कि डाक्टर सतीश के वहां से आने के बाद शारदा पहले से भी अधिक बेचैन और कशमकश में है.

वैसे शारदा को इस बात का कोई इल्म नहीं था कि खुशबू के डीएनए टैस्ट के नाम पर डाक्टर सतीश ने जो कुछ भी किया वह केवल एक नौटंकी था. शारदा के मन से खुशबू को ले कर जो सुविधा और वहम था उसे निकालने के लिए डीएनए टैस्ट की  झूठमूठ की रिपोर्ट डाक्टर सतीश ने ही तैयार करनी थी.

शारदा इतनी पढ़ीलिखी नहीं थी कि इस  झूठ को असानी से पकड़ पाती. डीएनए की बात करने वाली शारदा उस की एबीसी भी नहीं जानती थी. वैसे रमाकांत को यह भी विश्वास था कि डीएनए वाली बात का जिक्र शारदा किसी दूसरे से नहीं करेगी. जब उस ने पंडित रामकुमार तिवारी को डीएनए टैस्ट दूसरी लैब से कराने की बात कही तो वे बेचैन हो उठे थे. कल आऊंगा कह कर चलते बने थे पर आए नहीं.

8-10 दिन बीत गए. इस बीच एक बार भी शारदा ने डीएनए टैस्ट की रिपोर्ट का जिक्र रमाकांत से नहीं किया. ऐसा लगता जैसे उस की रिपोर्ट में कोई दिलचस्पी ही नहीं रही.

रमाकांत के लिए ये सब आश्चर्य के साथसाथ उल झन से भी भरा था.

इन 8-10 दिन में शारदा खुशबू के पहले से भी अधिक करीब नजर आने लगी थीं. कई

बार ऐसा भी लगता था कि जैसे शारदा अपनेआप से लड़ रही हों.

8-10 दिन के बाद रमाकांत ने डाक्टर सतीश से बात करने के बाद स्वयं ही शारदा से कहा, ‘‘डाक्टर सतीश का टैलीफोन आया था. उस का कहना था कि डीएनए टैस्ट की रिपोर्ट आ गई है.’’

रमाकांत की बात को सुन शारदा एकदम भावहीन और ठंडी रहीं. कुछ नहीं कहा.

यह देख रमाकांत ने कहा, ‘‘मैं शाम को घर आते हुए डाक्टर सतीश के क्लीनिक से रिपोर्ट लेता आऊंगा.’’

रमाकांत की इस बात पर भी शारदा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

शाम को रमाकांत डाक्टर सतीश के यहां से एक बंद लिफाफा ले आए. लिफाफे के अंदर खुशबू की तथाकथित डीएनए रिपोर्ट थी. रिपोर्ट में क्या है, रमाकांत को मालूम था. डाक्टर सतीश ने उस की मनमाफिक रिपोर्ट ही बनाई थी.

बंद लिफाफा शारदा के सामने करते हुए रमाकांत ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट का संबंध हम लोगों के निजी जीवन से है, इसलिए डाक्टर सतीश ने इसे पढ़ना ठीक नहीं सम झा. इस से पहले कि मैं लिफाफा खोल इस रिपोर्ट को पढ़ूं तुम्हारे मन का शक सही भी हो सकता है और गलत भी. तुम्हें हर स्थिति का सामना शांत रह कर करना होगा.’’

अंतर्द्वंद्व में फंसी शारदा ने कुछ पल खामोश नजरों से रमाकांत और हाथ में पकड़े लिफाफे को देखा. फिर उन्होंने जो किया वह अप्रत्याशित था.

शारदा ने रमाकांत के हाथ से लिफाफे को बिजली की सी तेजी से छीना और फिर उस के टुकड़ेटुकड़े कर दिए. इस के साथ ही ऐसा लगा जैसा वे अपनी कशमकश और अंतर्द्वंद्व से एक फटके में बाहर आ गई हो. पंडित रामकुमार तिवारी उस दिन से कभी नहीं आए.

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Ex वाइफ्स के साथ आमिर खान ने मनाया बेटी Ira का बर्थडे, देखें फोटोज

बौलीवुड स्टार आमिर खान (Aamir Khan) आए दिन सुर्खियों में रहते हैं. जहां बीते दिनों उनका तलाक चर्चा का कारण बना था तो वहीं हाल ही में बेटी आइरा खान (Ira Khan) के 25th बर्थडे पार्टी के कारण वह सोशलमीडिया पर छाए हुए हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

ट्रोल हुई आइरा

 

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दरअसल, हाल ही में आइरा खान ने अपने 25वें बर्थडे के पूल पार्टी की फोटोज फैंस के साथ शेयर की थीं, जिसमें वह बिकिनी में पार्टी (Ira Khan Pool Party)करती हुई नजर आ रही हैं. वहीं उनमें से एक फोटोज में वह बिकिनी में ही अपने पेरेंट्स के साथ केक कटिंग करती हुई दिख रही हैं. फोटोज देखकर जहां फैंस उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं तो वहीं सोशलमीडिया पर उनके केक काटते समय बिकिनी पहनने पर ट्रोल भी कर रहे हैं.

बेटी के बर्थडे पर एक्स वाइफ्स के साथ पहुंचे एक्टर

 

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ट्रोलिंग के अलावा बर्थडे पार्टी की बीत करें तो आइरा खान की खास पूल बर्थडे पार्टी में पापा आमिर खान, मां रीना दत्ता और भाई आजाद राव खान के साथ-साथ उनकी एक्स वाइफ किरन राव भी नजर आईं. वहीं इस पार्टी में आइरा अपने बौयफ्रेंड संग मस्ती करती हुई भी नजर आईं.

अपने लुक्स को लेकर सुर्खियों में रहती हैं आइरा

 

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आमिर खान की बेटी आइरा अपने लुक्स को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. जहां वह अतरंगी फैशन शो में हिस्सा बनती नजर आती हैं तो वहीं हौट लुक से फैंस का ध्यान खींचती हुई नजर आती हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि वह ट्रोलिंग का शिकार नही है. लेकिन इस बार वह पिता के साथ-साथ ट्रोल हो रही हैं.

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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार गुलाबी मीनाकारी

गुलाबी मीनाकारी अपनी खूबसूरत कारीगरी से जहां पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. वही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो रही है. सरकार की “समर्थ “योजना के अंतर्गत महिलाओं को गुलाबी मीनाकारी का हुनर सिखाया जा रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के दौरान अपने ख़ास मेहमानों को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनी ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरुप देते है. जिससे इस जीआई उत्पाद की मांग देश और विदेश में बढ़ती जा रही है. ग़ुलाबी मीनाकारी से दूर हो रहे शिल्पी अब प्रशिक्षण लेकर एक बार फिर इस प्राचीन कला से जुड़ रहे है.

जी.आई.उत्पाद और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल गुलाबी मीनाकारी की ख़ूबसूरती कायल पूरी दुनिया होती जा रही. सहायक निदेशक हस्तशिल्प अब्दुल्ला ने बताया कि  सरकार गुलाबी मीनाकारी का हुनर  सिखाने के लिए “समर्थ”नाम से  प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. समर्थ नाम से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम 65 दिनों का होता है. जिसमें सरकार प्रशिक्षुओं को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी देती है. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है.

सहायक निदेशक ने बताया कि 2 अक्टूबर 2021 से प्रशिक्षण का कार्यक्रम चल रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं शामिल हो रही है. अभी तक 60 महिलाएं  प्रशिक्षण ले चुकी है. जिसमें सीधे तौर पर करीब 70 प्रतिशत महिला काम करके आत्मनिर्भर बन रही है. जबकि बाकी पार्ट टाइम काम करके कमाई कर रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है की इसमें वेटिंग लिस्ट चल रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम को पुख्ता बनाने के लिए के बायोमेट्रिक अटेंडेंस ,वीडियो ग्राफ़ी कराइ जाती है. जिसमे 80 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य है.  टीम प्रशिक्षुओं का असेसमेंट करने के बाद पास करती है तभी  प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट  दिया जाता है.

प्रशिक्षण दे रहे नेशनल अवार्डी कुंज बिहारी ने बताया  कि प्रधानमंत्री अपने विदेशी मेहमानों को ग़ुलाबी मीनाकारी का  नायब तोहफ़ा जरूर देते और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगों  को उपहार देने और लोगों से जी आई और ओडीओपी को उपहार स्वरूप देने की अपील करने से हस्त शिल्पियों के हुनर की मांग बढ़ी है. और गुलाबी मीनाकारी को  संजीवनी मिली है.

Anupama के फैंस हुए परेशान, ट्रोलिंग में कही ये बात

टीआरपी लिस्ट में नंबर 1 पर बने रहने वाला सीरियल ‘अनुपमा (Anupama)’ के फैंस इन दिनों मेकर्स से परेशान हो गए हैं, जिसके चलते वह ट्रोलिंग का शिकार हो रहे हैं. दरअसल, फैंस शो के ट्रैक से तंग आकर सोशलमीडिया पर #STOPRUININGANUPAMA ट्रैंड कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

वनराज और मेकर्स की लगाई क्लास

सीरियल अनुपमा में इन दिनों मेहंदी सेलिब्रेशन  (Anupama Mehendi) देखने को मिल रहा है, जिसमें अनुपमा  (Rupali Ganguly) और अनुज समेत पूरा परिवार मस्ती करता नजर आ रहा है. हालांकि वनराज, बा और राखी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि दोनों के शादी के फंक्शन को कैसे बर्बाद करें. वहीं फैंस को ये हरकतें देखकर मेकर्स पर गुस्सा आ रहा है और वह अनुपमा की शादी को बिना किसी रुकावट के होने की बात करते नजर आ रहे हैं. दरअसल, फैंस का कहना है कि वनराज भी दूसरी शादी कर चुका है, जिसमें इतना ड्रामा नहीं हुआ था. वहीं दूसरे फैंस का कहना है कि मेकर्स को अनुपमा की शादी में कोई दिलचस्पी नही हैं. इसी के चलते सोशलमीडिया पर मेकर्स को ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ रहा है. इसके अलावा ट्रोलर्स अनुपमा की मेहंदी का भी मजाक उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं.

गौरव खन्ना ने मांगी माफी

ट्रोलिंग के बीच अनुज यानी गौरव खन्ना ने बीते दिन एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें वह अपने फैंस से माफी मांगते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं इस वीडियो में उनके साथ अनुपमा यानी रुपाली गांगुली भी नजर आ रही है. दरअसल, हर सोमवार को रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना #MaAn डे के चलते सोशलमीडिया पर फैंस के लिए एक पोस्ट शेयर करते थे. हालांकि बीमार रहने की वजह से एक्टर ऐसा नहीं कर पाए, जिसके चलते दोनों ने लाइव आकर फैंस से माफी मांगी और उनके साथ बातें की.

बापूजी को आएगा हार्टअटैक

सीरियल के अपकमिंग ट्रैक की बात करें तो जहां पूरा परिवार मेहंदी सेलिब्रेशन में मस्ती करता हुआ दिखेगा तो वहीं इस दौरान बापूजी को हार्ट अटैक आ जाएगा, जिसके बाद बा और वनराज, अनुपमा पर इल्जाम लगाते हुए नजर आएंगे.

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