न्यासा के बाद मलाइका अरोड़ा के बेटे भी हुए ट्रोलिंग का शिकार

बौलीवुड में आजकल स्टार किड्स का ट्रोल होना एक ट्रैंड बन गया है. हाल ही में एक्टर अजय देवगन की बेटी न्यासा देवगन दादा वीरू देवगन के निधन के एक दिन बाद सलून जाने पर ट्रोल हो गई थी. वहीं अब स्टार किड्स के ट्रोलिंग के किस्सों में मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान के बेटे अरहान खान का नाम भी जुड गया है.

मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आए थे नजर

दरअसल, मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान के बेटे अरहान कुछ दिन पहले एक मिस्ट्री गर्ल के साथ नजर आए थे. जिसकी कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

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मिस्ट्री गर्ल के साथ वायरल फोटोज में लोगों ने जमकर किए कमेंट

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ट्रोलर्स ने अरहान की वायरल फोटोज पर कमेंट करना शुरू कर दिया है. साथ ही अरहान को ट्रोलर्स ने कमेंट में लड़की कहना शुरू कर दिया. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अरहान को अपने लुक्स पर काफी काम करने की जरुरत है.

सलमान खान के भांजे आहिल भी हुए थे ट्रोलिंग का शिकार

 

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Summing up 2018 & looking forward to 2019 !

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कुछ दिन पहले ही सलमान खान के भांजे आहिल को भी ट्रोलर्स ने अपना निशाना बनाया था. जिसके बाद सलमान की बहन अर्पिता ने ट्रोलर को इस मामले में करारा जबाव दिया था.

हाल ही में मां मलाइका भी हो चुकी हैं ट्रोलिंग का शिकार

मलाइका को भी अभी अर्जुन कपूर के चलते ट्रोलर्स के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. ट्रोलर्स ने सोशल मीडिया पर मलाइका और अर्जुन के रिश्ते की तुलना श्रीदेवी और बोनी कपूर से की थी.

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बता दें, अरबाज खान और मलाइका का डिवोर्स हो चुका है और वह अपनी-अपनी लाइफ में आगे भी बढ़ चुके हैं. लेकिन देखा जाए तो अलग होने के बाद भी मलाइका और अरबाज अपने बेटे को पूरा-पूरा समय देते हैं. अक्सर दोनों को बेटे के साथ लंच और डिनर पर जाते हुए देखा जा चुका है. ऐसे में अब देखना होगा कि अर्पिता खान की तरह क्या अपने बेटे के लिए मलाइका या फिर अरबाज में से कोई सामने आकर ट्रोलर्स को जवाब देतें हैं या नहीं?

4 टिप्स: प्रेग्नेंसी में ट्राई करें समीरा रेड्डी के ये लुक्स

मां बनना हर किसी की लाइफ में सबसे ब्यूटीफुल टाइम होता है, लेकिन यह टाइम हमारे फैशन और लाइफस्टाइल पर भी असर डालता है. प्रैग्नेंसी में आप कोशिश करती हैं की ढीले-ढाले और कम्फरटेबल कपड़े पहनना पसंद करती हैं, जिससे अपने फैशन को फ्लौंट नही कर पाती. पर कुछ एक्ट्रेसेस ऐसी भी हैं जो प्रैग्नेंसी में भी अपने फैशन को फ्लौंट करती रहती हैं, जिनमें एक्ट्रेस समीरा रेड्डी भी हैं. जो अपनी प्रेग्नेंसी के इस खास पल में भी फैशन का ख्याल रखती हैं. इसीलिए आज हम आपको बताएंगे प्रैग्नेंसी में भी कैसे फैशन को फ्लौंट करें

गरमी में समीरा की तरह कूल फैशन करें ट्राई

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प्रेग्नेंसी टाइम में समीरा की तरह अगर आप भी वेकेशन मूड में हैं और कुछ नया ट्राई करने की सोच रही हैं तो यह ड्रेस आपके लिए परफेक्ट है.

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स्टाइलिश लुक के साथ कम्फरटेबल ड्रेस करें ट्राई

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अगर आप कहीं बाहर जाने की सोच रहीं है कुछ फैशनेबल और ट्रेंडी ट्राई करना चाहती हैं तो यह ड्रेस आपके लिए एकदम सही औप्शन साबित होगा.

सिंपल फैमिली गैदरिंग में समीरा का यह सूट करें ट्राई

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फैमिली गैदरिंग में क्या पहनें यह सबसे बड़ी प्रौब्लम प्रेग्नेंट वूमन्स के लिए होती है, पर समीरा का ये सूट कौम्बिनेशन आपके लिए अच्छा रहेगा.

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सिंपल पार्टी के लिए ये फैशन है परफेक्ट

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प्रेग्नेंसी में पार्टी में जाना मुश्किल होता है. साथ ही पार्टी में क्या पहनें यह एक अलग प्रौब्लम हो जाती है. पर ग्रीन कलर के शर्ग के साथ ब्लैक लैगिंग या पैंट और ब्लैक सैंडो का ये कौम्बिनेशन एकदम परफेक्ट रहेगा.

नौतपा: गरमी में ऐसे करे अपनी स्किन की सुरक्षा

इन दिनों गरमी बढ़ने से आपको पता चल गया होगा कि नौतपा की शुरूआत हो गई. नौतपा जेठ के महीने में पड़ने वाला वह नौ दिन है, जिसमें साल में सबसे ज्यादा गरमी पड़ती है. जिसकी शुरुआत 25 मई को हो चुकी है. जोकि  तीन जून के बाद खत्म होगा. लेकिन इस गरमी का सबसे ज्यादा असर आपकी स्किन पर पड़ता है, जिसमें रैशेज, सनबर्न और टैनिंग जैसी प्रौब्लम का सामना करना पड़ता है. इसीलिए आज हम आपको नौतपा में कैसे अपनी स्किन का ख्याल रखें इसकी टिप्स बताएंगे…

1. स्किन रैशेज की प्रौब्लम के लिए अपनाएं ये टिप्स

सबसे पहले आपको ये ध्यान रखने की जरुरत है की आपको पसीने की समस्या से छुटकारा पाना है इसके लिए आप अच्छी क्वालिटी का पाउडर इस्तेमाल कर सकते है और जरुरत होने पर या बाहर से घर आने पर अपने हाथ और मुहं को सादे पानी से धो लें क्योंकि आपके चेहरे पर धूप का सबसे अधिक बुरा असर पड़ता है. दिन में आप कम से कम 2 बार क्लींजर से त्वचा की सफाई कर सकती हैं.

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2. सनबर्न से स्किन को इस तरह बचाएं

सनबर्न होने पर अहम यह है कि संक्रमित स्किन को अधिक से अधिक ठंडक दें. ठंडे पानी से नहाएं, ठंडे पानी की पट्टियां स्किन पर लगाएं व स्किन पर बर्फ धीरे-धीरे रगड़ें. आलू सनबर्न को कम करने और दर्द खत्म करने का कार्य करता है. आलू को काट कर या घिस कर सनबर्न से प्रभावित स्किन पर लगाएं. इस से आराम मिलेगा.

– पुदीने की पत्तियों का रस निकाल कर धूप से झुलसी स्किन पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है. इस के अलावा एलोवेरा जेल भी स्किन को ठंडक प्रदान करता है. एलोवेरा जेल को स्किन पर डायरैक्ट लगाएं.

3. गरमी में एक्ने के लिए ये तरीका अपनाएं

ऐक्ने के लिए हल्दी एक कारगर उपाय है. 2 चम्मच चंदन में थोड़ी सी हलदी और बादाम का तेल मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद हल्के हाथ से रगड़ कर हटाएं और ठंडे पानी से धो लें.

– ऐक्ने के लिए खीरे का फेसपैक भी उपयोगी रहता है. खीरा, ओटमील और एक चम्मच दही को मिला कर पेस्ट बना लें. अब इसे ऐक्ने पर लगाएं और सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. यह फेसपैक स्किन को रिजुवनेट करता है और ऐक्ने को कम करता है.

– शहद भी ऐक्ने पर कारगर साबित होता है. शहद में नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

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4. बौडी अडौर प्रौब्लम से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

ताजे नीबू को 2 भागों में काट कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. ये शरीर की दुर्गंध को हटाता है और बैक्टीरिया भी मारता है.

– आपको ओडोर से बचने के लिए डियोड्रैंट का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि आप के पास डियोड्रैंट नहीं है तो एक कप पानी लें और उस में हाइड्रोजन पैरोक्साइड मिलाएं. इस पानी में एक साफ कपड़े को डुबो कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. यह शरीर के बौडी ओडोर को दूर कर देगा.

बस एक कदम और…

कांग्रेस का सत्ता में आने पर 33% सीटें औरतों को विधानसभाओं व लोकसभाओं में देने का वादा और उड़ीसा के नवीन पटनायक व बंगाल की ममता बनर्जी का 33% से ज्यादा उम्मीदवार औरतों को बनाना यह तय कर रहा है कि अब औरतों का राजनीति में घुसना तो तय सा है. औरतें पतियों, पिताओं या बेटों के सहारे राजनीति में पहुंचें या अपने खुद के दमखम पर, यह एक सुखद बदलाव होगा.

आधुनिक सोच और शिक्षा के 150 साल बाद भी औरतों की स्थिति आज भी वही की वही है. वे बेचारियां हैं और खातेपीते घरों में भी उन का काम घर मैनेज करना ही होता है. अपने मन को शांत करने के लिए वे किट्टी पार्टियों या प्रवचनों में जा सकती हैं वरना उन का दायरा बड़ा सीमित है. जो अपने दम पर कुछ करती भी हैं उन्हें लगता है कि उन को पार्टनर, परिवार, बच्चे सब का कुछ हिस्सा खोना पड़ता है. पूर्ण संतुष्टि नहीं मिलती, क्योंकि ओहदा ऊंचा हो या मामूली, वे रहती अपवाद ही हैं.

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राजनीति में बदलाव लाने की ताकत होती है. इस के जरीए संदेश जाता है कि सोचसमझ में औरतें किसी से कम नहीं हैं. औरतें जब फैसले लेती हैं तो जरूरी नहीं कि वे पहले के पुरुषों के बने दायरों में से सोचें. वे अपनी स्वतंत्र सोच, औरतों की छोटी समस्याओं, उन के संकोच, उन की उड़ान भरने की तमन्नाओं, उन के साथ हुए भेदभाव की पृष्ठभूमि में फैसले लेती हैं. वे अगर फैमिनिस्ट न भी हों तो भी पुरुषों से भयभीत रहने वाली नहीं होतीं. और यदि विधान मंडलों में वे बड़ी संख्या में मौजूद होंगी तो महल्ले में पानी के टैंकर पर होने वाली लड़ाई का सा दृश्य पैदा कर अपनी बात मनवा सकती हैं.

इंदिरा गांधी, ममता बनर्जी, जयललिता, मायावती, सोनिया गांधी ने अपने बलबूते राज जरूर किया पर उस जमीन से जो पुरुषों ने अपने हिसाब से अपने लिए बनाई थी. अब शायद मौका मिले जब औरतें अपने बल पर मजबूत हों और आरक्षण की मांग पुरुषों को करनी पड़ जाए.

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आज की तकनीक जैंडर बेस्ड नहीं. आज तो युद्ध भी जैंडर बेस्ड नहीं है. औरतों के लिए अगर जंजीरें हैं तो केवल उन के अपने दिमाग में या उस धर्म में, जिसे वे जबरन ढो रही हैं.

Edited by Rosy

कर्ली बालों की देखभाल करने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स

आजकल कर्ली बाल काफी ट्रेंड में है. बौलिवुड की कई मशहूर ऐक्ट्रेसेस भी खूबसूरत कर्ल्स  में नजर आ रही हैं. कर्ली बाल देखने में तो काफी आकर्षक लगते हैं लेकिन इनका देखभाल करना भी बेहद मुश्किल होता है. तो चलिए आपको बताते हैं, कर्ली बाल की देखभाल करने के टिप्स. इससे आप आसानी से कर्ली बाल को मैनेज कर सकती है.

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ऐसे करें कर्ली बालों की देखभाल

  1. बालों को कंघी करते समय कर्लिंग प्रौडक्ट का इस्तेमाल करें. बालों को सुखाने के लिए सौफ्ट कौटन टौवेल यूज करें. सुखाते समय बालों को टौवेल से न रगड़े बल्कि बालों को कौटन टौवेल से पोंछते हुए सुखाएं.

2. कर्ली बालों को सुलझाने के लिए हेयर ब्रश का इस्तेमाल न करें. इसकी बजाय मोटी कंघी से बाल झाड़ें. आसानी से कंघी करने के लिए बालों को हल्का गीला कर लें.

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3. बालों को शैंपू करके सुखाने के बाद स्टाइलिंग प्रौडक्ट्स या सीरम का इस्तेमाल करें. इससे बाल सुलझे हुए रहेंगे, जिन्हें आप आसानी से मैनेज कर सकेंगी.

4. कर्ली बालों को हाइड्रेटेड रखने के लिए शैंपू के बाद कंडिशनर लगाना न भूलें. इससे आपके बालों की अंदर से कंडिशनिंग होगी.

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अगर आपको भी है एनीमिया की प्रौब्लम तो जरुर पढ़ें ये खबर…

महिलाओं की शारीरिक रचना इस तरह की होती है कि मासिकस्राव, गर्भावस्था एवं प्रसव में बहुत अधिक रक्त उन के शरीर से बाहर निकल जाता है. ये सारी स्थितियां उन्हें एनीमिया का शिकार बना देती हैं. एनीमिया किसी भी आयुवर्ग एवं शारीरिक बनावट की महिला को हो सकता है. लेकिन इस का पता सिर्फ रक्त की जांच से ही चल सकता है.

क्या है  एनीमिया

हमारे शरीर के सैल्स को जिंदा रहने के लिए औक्सीजन की जरूरत होती है. शरीर के अलगअलग हिस्सों में औक्सीजन रैड ब्लड सैल्स में मौजूद हीमोग्लोबिन पहुंचाता है. आयरन की कमी और दूसरी वजहों से रैड ब्लड सैल्स और हीमोग्लोबिन की मात्रा जब शरीर में कम हो जाती है, तो उस स्थिति को  एनीमिया कहते हैं.

आरबीसी और हीमोग्लोबिन की कमी से सैल्स को औक्सीजन नहीं मिल पाती. कार्बोहाइड्रेट और फैट को जला कर ऐनर्जी पैदा करने के लिए औक्सीजन जरूरी है. औक्सीजन की कमी से हमारे शरीर और दिमाग की काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है.

 एनीमिया के प्रकार

माइल्ड: अगर बौडी में हीमोग्लोबिन 10 से 11 जी/डीएल के आसपास हो तो उसे माइल्ड  एनीमिया कहते हैं. इस में हैल्दी और बैलेंस्ड डाइट खाने की सलाह के अलावा आयरन सप्लिमैंट्स दिए जाते हैं.

मौडरेट: अगर हीमोग्लोबिन 8 से 9 जी/डीएल से कम हो तो सीवियर  एनीमिया कहलाता है, जो एक गंभीर स्थिति होती है. इस में मरीज की हालत को देखते हुए ब्लड भी चढ़ाना पड़ सकता है.

सीवियर: अगर हीमोग्लोबिन 8 जी/डीएल से कम हो तो सीवियर  एनीमिया कहलाता है, जो एक गंभीर स्थिति होती है. इस में भी मरीज की हालत की गंभीरता को देखते हुए ब्लड भी चढ़ाना पड़ सकता है.

एनीमिया के लक्षण

एनीमिया से पीडि़त महिला को सुस्ती, सिर में दर्द, छाती में दर्द, त्वचा में पीलापन, शरीर का ठंडा रहना, मामूली कामकाज से थकान, शारीरिक शक्ति में कमी, हांफना, रुकरुक कर सांसें लेना, दिल की धड़कन का अनियमित होना आदि शारीरिक लक्षणों से गुजरना पड़ता है.

 एनीमिया से खतरा

खून की कमी होने पर हृदय को अधिक काम करना पड़ता है. खून की कमी से हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, जिस से हृदयाघात का खतरा रहता है. खून की कमी से ही शरीर के कई अंग अपनी पूर्ण क्षमता के साथ काम नहीं कर पाते. यह शरीर को अक्षम बना देता है. शारीरिक विकास की गति थम जाती है और जीवनकाल कम हो जाता है.

महिलाओं की सारी शारीरिक गतिविधियां खून की कमी के कारण प्रभावित हो जाती हैं. खासतौर पर गर्भस्थ शिशु का विकास पूर्णरूप से नहीं हो पाता. इस से किसी भी समय गर्भपात हो सकता है.

एनीमिया की जांच व निदान

एनीमिया का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में रक्त की जांच ही एकमात्र उपाय है. इस में महिला के कंप्लीट ब्लड काउंट की जांच होती है. महिलाओं में इस की संख्य 11 से 15 होती है. यदि ब्लड काउंट निर्धारित संख्या से कम होते हैं तो इस का मतलब महिला  एनीमिया पीडि़त है. फिर इस का इलाज किया जाता है और संतुलित खानपान की सलाह दी जाती है. दरअसल, हमारे दैनिक खानपान में बहुत सी ऐसी वस्तुएं हैं जिन का सेवन रक्त बढ़ाने में सहायक होता है.

रक्त वृद्धि

हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में आयरन, विटामिन सी एवं बी-12 प्रमुख व सहायक घटक हैं. हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, चौलाई, मटर आदि रक्त बढ़ाने में सहायक होते हैं. साथ ही  मूंगफली, मसूर, बादाम, किशमिश, अंडा, मांस, मछली आदि में भी रक्त बढ़ाने की क्षमता होती है. लाल व बैगनी रंग के फल एवं सब्जियों में भी आयरन की मात्रा होती है.

रक्त नवनिर्र्माण में सहायक द्वितीय मुख्य घटक विटामिन सी है. यह शरीर को आयरन के अवशोषण में सहायता करता है. विटामिन सी सभी रसदार फलों जैसे नीबू, मौसमी, संतरा, आम, स्ट्राबैरी, तरबूज, खरबूजा, अमरूद, आंवला, कीवी आदि में पाया जाता है. यह टमाटर, गोभी और आलू में भी होता है. विटामिन बी-2 एवं मल्टी विटामिन अंकुरित अनाज, दलहन में पाया जाता है. ये सभी रक्त निर्माण में सहायक हैं.

किन्हें खतरा ज्यादा

जिन महिलाओं को किडनी में समस्या, डायबिटीज, बवासीर, हर्निया और दिल की बीमारी है, उन्हें एनीमिया होने का ज्यादा खतरा होता है. शाकाहारी महिलाओं या स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को भी एनीमिया का खतरा रहता है. यदि पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो तो फौरन डाक्टर को दिखाएं, क्योंकि इस से शरीर में आयरन तेजी से कम हो जाता है.

हाल ही में किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि भारत में लगभग 50% महिलाएं  एनीमिया की शिकार हैं. महिलाओं की शारीरिक संरचना के अनुसार माहवारी या अन्य कारणों से उन में रक्तस्राव होना स्वाभाविक है, पर जब यह ज्यादा मात्रा में होने लगे तो इस के रोकथाम के उपाय करना जरूरी है.

जाह्नवी कपूर की बहन ने पहना सलवार कुर्ता, लोगों ने कर दिया ट्रोल 

बौलीवुड में स्टार किड्स की फिल्मों में एंट्री आजकल जोरों पर है, हाल ही में करण जौहर की फिल्म स्टूडेंट औफ द ईयर से बौलीवुड के कदम रख रहें हैं. वहीं हाल ही में खबर है की संजय कपूर की बेटी शनाया भी अब फिल्मी दुनिया से जुड़ने वाली हैं. जिसके लिए वह अपनी कजिन जाह्नवी के नक्शे कदम पर चल रही हैं. हाल ही में उनकी कुछ फोटोज वायरल हुईं हैं जिसमें वह ट्रेडिशनल लुक में नजर आ रही हैं.

कजिन जाह्नवी की तरह सिम्पल सलवार सूट में नजर आईं शनाया

 

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Sweet #shanayakapoor snapped in the burbs

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शनाया यहां अपनी बहन और एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर की तरह सिम्पल सलवार कुर्ते में नजर आईं. वो इस लुक में अच्छी लग रही थीं. लेकिन कुछ लोगों को उनका यह लुक पसंद नहीं आया और उन्होंने शनाया को ट्रोल कर दिया.

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मेड से की तुलना

shanaya

कुछ लोगों ने उनके लुक की तुलना मेड से की है. यह कमेंट्स आप उनकी वायरल फोटोज में भी पढ़ सकते हैं.

डांस क्लास ले रहीं हैं शनाया

 

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#shanayakapoor snapped at dance class

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संजय कपूर की बेटी शनाया फिल्मों में एट्री से पहले डांस की क्लासेस ले रही हैं. शनाया ने डांस क्लास से बाहर आते ही फोटोग्राफर्स को जमकर पोज दिए.

shy नेचर की हैं शनाया

 

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Oh yes this made my day @shanayakapoor02 u look soooo cute and the baby doggie as well ????♥️♥️♥️♥️

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अगर आप शनाया की पुरानी फोटोज पर गौर करें तो आप देखेंगे कि वह फोटोग्राफर्स के सामने आने से बचती नजर आती रहीं हैं. अब देखना होगा कि वह किस तरह अपनी शाईनेस को हचाकर बौलीवुड में अपने पैर जमा पाती हैं.

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दीदी के नक्शेकदम पर हैं शनाया

 

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Back home ❤️

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अपनी कजिन जाह्नवी की ही तरह शनाया भी बौलीवुड में डेब्यू करने के लिए बेकरार है. जिसके लिए वह डांस कलासेस जवौइन कर रही हैं.

फैंस ने बनाया कजिन जाह्नवी को कौपी करने पर किया ट्रोल

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कजिन जाह्नवी को कौपी करने के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने शनाया को उनके फैशन को लेकर ट्रोल करना शुरू कर दिया है.

‘भारत’ के प्रमोशन के दौरान सलमान को लेकर कटरीना ने किया ये बड़ा खुलासा

बौलीवुड में मौडलिंग से एक्टिंग के करियर में शुरूआत करने वाली कटरीना कैफ इन दिनों बौलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान के साथ भारत में नजर आने वाली हैं. जिसे लेकर वह भारत फिल्म के प्रमोशन में जुटी हुई है. एक्ट्रेस कटरीना ने को-स्टार सलमान के साथ अपनी इस फिल्म से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में एक इंटरव्यू के दौरान कई खुलासे किए.  पेश है उनसे हुए खास इंटरव्यू के कुछ अंश.

इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के मना करने पर आपने स्वीकार किया, इसे आपने कैसे लिया?

मैंने फिल्म ‘टाइगर जिन्दा है’ में सलमान के साथ काम किया था. इसके तुरंत बाद फिर साथ करने में कुछ नयापन नहीं था. इसलिए मुझे नहीं लिया गया था. प्रियंका ने अपने किसी पर्सनल काम के लिए फिल्म को छोड़ा और मैं इसमें आ गयी. ये फिल्म मेरे लिए डेस्टिनी थी, इसलिए मैं इसे कर पायी.

सलमान के साथ आपने कई फिल्में की है, उनकी कौन सी खूबी को आप सराहती है?

सलमान किसी भी बात से डरते नहीं है, उसे नकारत्मकता से कोई डर नहीं लगता. इसे मैंने भी सीखा है. पहले मैं किसी भी कंट्रोवर्सी से डरती थी, पर अब डर नहीं लगता.

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किसी भी फिल्म में सफलता पाने का मंत्र क्या होता है?

फिल्म में आप कितना भी अच्छा अभिनय कर लें, अगर ये अच्छी तरह से पेपर पर नहीं लिखी हो, तो कोई भी इसमें कुछ भी मिरेकल नहीं कर सकता. अगर मटेरियल ठीक हो, तो फिल्म अच्छा काम करेगी, क्योंकि आप इसमें पूरी तरह से ढल जाते है और दर्शक भी उससे अपने आप को जोड़ सकता है. मुझे भी इस फिल्म में ऐसा ही करने का मौका मिला है.

काम करते हुए आप में कितना ग्रोथ हुआ है? आपकी स्ट्रेंथ क्या है?

मैंने जितना भी काम किया है, उसमें कुछ न कुछ सीखा है. जीवन का अनुभव मुझे हिंदी सिनेमा जगत से मिला है. आज लोग मेरे काम की तारीफें करते है, मुझे फिल्मों में देखना चाहते है. इससे मुझे अच्छी-अच्छी फिल्में करने का मौका भी मिल रहा है.

मेरी शक्ति मेरी हर नयी चीज को सीखने का प्रयास है. मैं कभी ये नहीं सोचती कि मैं जो कर रही हूं वही सही है और वैसा मैंने हमेशा फौलो किया है. हर नयी परिस्थिति में मैं अपने आपको सहज रखा है, जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला.

आपको सबसे अधिक क्या प्रेरित करता है, दर्शकों का प्यार, बौक्स औफिस की सफलता या अवार्ड्स?

इसमें मैं बौक्स औफिस को ही कहना चाहता हूं. दर्शकों का प्यार ही बौक्स औफिस की सफलता है. रिव्यूस और अवार्ड्स मेरे लिए बोनस होता है.

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16 साल की इस जर्नी को आप कैसे देखती है?  क्या कुछ ख़ास मलाल रह गया है?

मेरी जर्नी फिल्मों के साथ-साथ बदली है और अब तक चलती आ रही है. अब मैं अलग-अलग भूमिका के अलावा रिस्क लेना भी पसंद कर रही हूं. पहले मैंने लार्जर देन लाइफ और ग्लैमर वाली फिल्में करना पसंद करती किया करती थी और अब मुझे अच्छी फिल्में, अच्छे किरदार करने की इच्छा होती है. 26 साल की उम्र में जब मैंने ‘शीला की जवानी..’ जैसे गाने, धूम 3 जैसी फिल्में की थी. भले ही वह निर्णय सही थी या गलत, इस पर मैं विचार नहीं करती, पर मुझे तब वही अच्छा लगा था. इन सबमें मैं यही सोचती हूं कि मुझे सही मंच हमेशा मिला, जिसमें निर्माता, निर्देशक और एक्टर सभी ने मेरा साथ दिया और मैं आगे बढ़ती गयी.

मैं हर तरह की फिल्मों में काम करने की इच्छा रखती हूं. मुझे स्पोर्ट्स पर्सन की बायोपिक से लेकर किसी भी अच्छी स्क्रिप्ट वाली फिल्म, जिसमें चुनौती हो, मैंने कभी उस चरित्र के बारें में सुनी न हो आदि सब मुझे पसंद है. पीटी उषा की बायोपिक के बारें में कई बातचीत हुई थी, पर मैंने कुछ साइन नहीं किया है.

क्या वेब सीरीज में भी आप काम करने की इच्छा रखती है?

मेरे लिए मंच कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि वेब सीरीज अच्छा काम कर रही है. कई कहानियां ऐसी होती है, जिसकी फिल्में नहीं बन पाती, उसे वेब सीरीज पर घर पर आराम से देखना ही अच्छा लगता है. मुझे अगर कोई अच्छी कहानी मिले, तो करने में कोई हर्ज नहीं.

क्या आप कौस्मेटिक लाइन में कुछ कर रही है?

ब्यूटी लाइन में मैं कुछ अपना कुछ कर रही हूं, जिसपर काम चल रहा है. इसके अलावा मैं अच्छी स्क्रिप्ट मिलने पर उसका निर्माण भी कर सकती हूं.

क्या हौलीवुड फिल्मों में जाने की इच्छा रखती है?

मैंने हिंदी के अलावा मलयालम और तेलगू फिल्मों में भी काम किया है. ऐसे में मुझे अंग्रेजी में फिल्में करने को मिले, तो मुझे ख़ुशी होगी.

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आपकी मां सोशल वर्क करती है, आप उनके साथ कितना सहयोग कर पाती है?

मेरी मां मदुरै में सोशल वर्क करती है, वहां उसकी अपनी संस्था माउंट व्यू स्कूल में आस-पास की लड़कियों को अंग्रेजी सिखाती है. मैं समय-समय पर वहां जाती हूं और उनके काम में हाथ बटाती हूं. मैं चाहती हूं कि अधिक से अधिक लड़कियों को शिक्षा मिले, ताकि वे आत्मनिर्भर बनें, लेकिन इसमें लड़कियों से अधिक उनके माता-पिता को समझाना पड़ता है, क्योंकि वे पुराने विचार के है और शिक्षित होने के लाभ को वे नहीं समझ पाते. मैं अच्छे काम कर रहे एनजीओ के साथ जुड़कर काम करना चाहती हूं. चैरिटी अच्छी तब होती है, जब आप उसे अंदर से फील करते हो.

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4 होममेड टिप्स: ऐसे हटाएं स्किन वार्ट

स्किन वार्ट होना एक आम समस्या है. सबसे पहले आपके बता दें कि स्किन वार्ट होता क्या है. दरअसल यह एक मस्सा होता है, जो इन्फेक्शन, कमजोर इम्यून, पब्लिक शावर, सिस्टम जैसी कई कारणों से हो सकता है.  इसे दूर करने के कई ट्रीटमेंट्स मौजूद हैं. लेकिन आज आपको कुछ घरेलू टिप्स बताते हैं जो स्किन वार्ट को दूर करने के लिए मददगार हो सकते है.

ऐलोवेरा

ऐलोवेरा में मैलिक ऐसिड पाया जाता है जो कि वार्ट्स से राहत दिलाता है. इसमें ऐंटीबायौटिक प्रौपर्टीज होती हैं जिससे वार्ट जल्दी हील होता है. ऐलोवेरा की पत्ती को आप वॉर्ट पर लगाएं. इससे आपको राहत मिलेगा.

बेकिंग पाउडर

बेकिंग पाउडर और कैस्टर औइल को मिक्स कर पर लगाएं और फिर बैंडेज से कवर कर लें. इसे रातभर छोड़ दें. इसे दो-तीन दिन तक करें.

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केले का छिल्का

केले के छिलके में जो एंजाइम होता है वह स्किन को हील करता है. वार्ट पर रोजाना केले का छिलके से मालिश करें.

ऐपल साइडर विनेगर

ऐपल साइडर विनेगर में ऐसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है तो यह वार्ट और इसकी ग्रोथ को खत्म कर देता है. आप रुई को विनेगर में भिगोकर इसे वार्ट पर रख दें. इस पर रातभर बैंडेज लगाकर रखें. ऐसा करने से भी आपको राहत मिलेगा.

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बच्चों की परीक्षा मांओं की अग्निपरीक्षा

देश में 12वीं की परीक्षा किसी के भी भविष्य को बनाने और बिगाड़ने का इकलौता मील का पत्थर होती है. इसे सही ढंग से पार कर लिया तो जीवन में कुछ बन सकते हैं, नहीं तो सारा जीवन आधाअधूरा मुंह छिपाए रहना होता है. मांओं के लिए बड़े होते बेटेबेटियों की 12वीं की परीक्षा एक अग्निपरीक्षा होती है और उस में हर मां को ऐसे ही झुलसना होता है जैसे सीता को जलना पड़ा था. परीक्षा चाहे बेटेबेटियों की हो, कम अंक आने पर मांओं का ही मुंह लटका रहता है.

पूरे साल मांओं को यह परीक्षा देनी होती है. पैसा हो तो कोचिंग क्लासों में भेजना, रिपोर्टें चैक करना, भारी भरकम किताबें खरीदना, घूमने-फिरने के कार्यक्रम त्यागना, बेटे-बेटी से पहले उठ कर उन के लिए खाना बनाना, रिश्तेदारों के यहां जाना बंद करना पड़ता है. उस के बाद अगर कहीं ऐसे अंक आए जिन का आज के युग में कोई मोल नहीं तो मुंह छिपाए घूमना मां को ही पड़ता है.

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यह हमारी सरकार की नीतियों की देन है कि शिक्षा का आज कोई वजूद नहीं रह गया. अति योग्य और साधारण तो हमेशा ही होते थे पर पहले हरेक को अपने स्तर के अनुसार जीवन बनाने का अवसर मिल जाता था. पर जब से 12वीं में 98 और 99.5% अंक एक के नहीं कईयों के आने लगे हैं, पूरे देश में 90% से कम अंक लाने वाले बेकार कूड़ा बन गए हैं और उन की मांओं को असफल और निकम्मा घोषित कर दिया गया है.

90% से ज्यादा वालों को भी आज भरोसा नहीं है कि उन्हें मनमरजी की पढ़ाई का रास्ता मिल सकेगा. वैसे भी 12वीं की परीक्षा के साथ नीट, जेईई जैसी बीसियों परीक्षाएं देनी होती हैं ताकि कोई कैरियर बन सके. वरना लगता है अमेजन और फ्लिपकार्ट वालों के बैग पीठ पर लादे घरघर सामान डिलीवर करने का काम ही बचेगा.

देश को अगर कुशल डाक्टरों, कुशल वैज्ञानिकों, कुशल इंजीनियरों, कुशल प्रबंधकों की जरूरत है तो काम चलाऊ लोगों की भी जरूरत है. पर 12वीं की परीक्षा ऐसा बैरियर बन गया है जो चीन की दीवार की तरह ऊंचा और लंबा है और उसे पार नहीं करा गया तो वापस लौट जाना तय समझो. हर युवा को लाखों की नौकरी बीए, एमबीए, एमबीबीएस, आईआईटी करने के बाद भी मिल जाए जरूरी नहीं. पर कुछ तो मिले ताकि मां ढंग से संतोष कर सके कि उस ने अपने बच्चों के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है.

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अगर 90% से ज्यादा लाने वालों की मांएं भी चिंतित दिखें और 90% से कम लाने वाली मांएं भी रोतीपिटती दिखें तो यह एक अन्याय है जो समाज, सरकार, व्यवस्था, बाजार मिल कर औरतों के साथ कर रहे हैं. बेरोजगारी चुनावी मुद्दा रहा इस बार पर केवल विपक्ष के लिए. नरेंद्र मोदी का तो कहना था कि सर्जिकल स्ट्राइक बालाकोट में कर दी, गाएं कटने से बचवा दीं, भारत माता की जय बुलवा दी तो मांओं के कष्ट समाप्त हो गए समझो.

देश और समाज यह भूल रहा है कि 12वीं की परीक्षा में सफलता का सेहरा सिर्फ कोई बेटी के सिर पर नहीं बंधता है, मां के सिर पर भी बंधता है. मां को ही मालूम होता है कि इस बैरियर को अगर ढंग से पार नहीं किया गया तो न घर में शांति रहेगी, न बेटेबेटी का विवाह होगा, न कमाई होगी, न इज्जत रहेगी.

असल में 12वीं के बाद सैकड़ों विकल्प खुल जाने चाहिए. जिन के 90 से 99.5% अंक आए हैं यदि उन के लिए रास्ते हैं तो दूसरों के लिए संकरे, कम पक्के पर फिर भी कहीं सही जगह ले जाने वाले रास्ते होने चाहिए. आज शिक्षा को सुधारने के नाम पर इन छोटे रास्तों को प्लग करा जा रहा है, उन्हें बदनाम करा जा रहा है.

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जिन्हें पहले से आभास हो जाए कि वे 90-99 की गिनती में नहीं हैं वे अपना रास्ता पहले चुन सकें. यह प्रबंध मां नहीं कर सकती, यह तो समाज और सरकार को ही कर के देना होगा.

योग्यता केवल एक परीक्षा पर निर्भर नहीं रह सकती. 17 साल के युवा से अगले 70 साल का रास्ता खोजने को कहना ही गलत है. अगर सैकड़ों विकल्प होते तो हर जना अपनी योग्यता, अपनी इच्छा का रास्ता अपना सकता, सिर उठा कर, मां को साथ में ले कर.

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