प्रौब्लम्स का सामना भी मजे लेते हुए करें- गौरव चोपड़ा

गौरव चोपड़ा एक लोकप्रिय फिल्म और टीवी अभिनेता हैं.  वे अपने अब तक के एक्टिंग करियर में कई फिल्मों और टीवी शोज में अभिनय कर चुके हैं जिन मे कभी हां कभी ना, लावण्या, दिल क्या चाहता है, गुलमोहर ग्रांड, इश्क में मरजावां, उतरन आदि टीवी शोज शामिल हैं. गौरव टीवी की दुनिया के सब से बड़े कंट्रोवर्सियल रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 10 का भी हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने होलीवुड में भी काम किया है. फिलहाल वह  ज़ी टी वी के नए शो  ‘एक शक्ति…एक अघोरी’ सीरियल में बतौर लीड किरदार आ रहे हैं. पेश है उनसे की गई बातचीत के मुख्य अंश ;

आप ने आज तक कई तरह के रोल किये , रियलिटी शोज, वेब सीरीज और फिल्मों में भी काम किया. क्या करने में आप को सब से ज्यादा मजा आया?

मैं यह नहीं कह सकता कि क्या करने में मजा आता है. मैं करता वह हूं जो करने में मजा आता है. इसलिए थोड़ा कम करता हूं. कांसेप्ट सुनने में यदि मजा आता है तभी कोई किरदार निभाता हूं. यदि मुझे लगता है कि यह सीरियल या सीरीज मैं देखना चाहूंगा तभी मैं अपने औडियंस से कहता हूं  कि जाइये और देखिये. वर्ना किस हक़ से कहूं. सिर्फ पैसे कमाने के लिए मैं काम नहीं करता.

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आप ने हौलीवुड में भी काम किया है. हौलिवुड का अनुभव कैसा रहा? वहां के देखे यहां क्या अंतर लगा ?

वहां का सिस्टम बहुत अलग है. वे अपने सिस्टम और रूल्स को बहुत फौलो करते हैं और हम अपने दिल को बहुत फौलो करते हैं. वहां पर जो राइटर है वह कहानी लिखता है मगर फिल्म बनाते वक्त एंडिंग यानी क्लाइमैक्स को 3 -4 तरीकों से शूट कर लिया जाता है. फिर वे रिसर्च करते हैं, लोगों का ओपिनियन लेते हैं कि कहानी में कौन सा एन्ड सूट करेगा. फिर फाइनली वही एंडिंग बना लेते हैं. क्यों कि उन्हें पता है कि दर्शकों को वही पसंद आएगा और फिल्म उन के लिए ही बन रही है.

यहां पर यदि राइटर को कहा जाए कि हम क्लाइमेक्स चेंज करना चाहते हैं तो उसे दिल का दौरा ही पड़ जाएगा. वह घबड़ा जाएगा कि उस की कहानी बदली जा रही है या किरदारों को मनमुताबिक स्पेस नहीं दिया जा रहा. जाहिर है हमारे यहां इमोशंस ज्यादा हैं और वहां नियम ज्यादा है.

  1. इस सीरियल में आप ईशान नाम के लड़के का रोल कर रहे हैं. इस किरदार में ऐसा क्या खास है जिस ने आप को सब से ज्यादा अट्रैक्ट किया है?

इस किरदार के 2 पहलू हैं. दो अलगअलग किस्म के लुक हैं. 2 अलग किस्म की परफॉर्मेंसेज है. जब वह इस शहर में आता है तो वह आप की तरह अंग्रेजी में बात करता है. मॉडर्न कपड़े पहनता है. बाइक चलाता है. जब कि उस का अघोरी लुक बिल्कुल अलग और पारम्परिक है. परफॉरमेंस भी अलग है.

अघोरी के बारे में आप की धारणा क्या है?

ऐसा कुछ नहीं. सब से पहले मैं ने इस किरदार को समझने की कोशिश की. अघोरी वह होता है जो अपनी जिंदगी में अघोर फौलो करता है और यह एक ऐसी किस्म की जिंदगी है जिस में मेरे और आप के बीच में मेरी नजर में और मेरे दिल में कोई अंतर नहीं है. मेरे मन में कोई शक, ईर्ष्या या जलन और क्रोध नहीं है. मैं किसी दूसरे इंसान को खुद से भिन्न नहीं समझता.

यदि मेरे हाथ में दर्द है तो मैं उस के लिए कुछ करना चाहूंगा. इसी तरह यदि आप के हाथ में दर्द है और मैं आप को खुद से अलग नहीं समझता तो मैं आप के लिए भी कुछ करना चाहूंगा. अघोरी अपनी शक्ति और सिद्धि का इस्तेमाल दूसरों को ठीक करने के लिए करते हैं.

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अघोरियों को ले कर जो धारणा हमारे मन में रहती है वह एक गलतफहमी है. जैसे कहीं भी अच्छे बुरे सब होते हैं वैसा ही अघोरियों की दुनिया में भी है. जो बुरे होते हैं वे काला जादू ,तंत्र आदि में चले जाते हैं. जब कि कुछ केवल अघोरी होते है जो तप वाली जिंदगी बिताते हैं. यह कोई भी हो सकता है अघोरी के लिए जरूरी नहीं कि वह नागा साधुओं की तरह ही रहे.

आपको सीरियस रोल्स ज्यादा पसंद हैं या हर तरह के एक्सपेरिमेंट्स करना चाहते हैं ?

ऐसा नहीं है. आप किसी रोल को अच्छे से निभाते हैं तो बाद में आप को वही रोल ऑफर किए जाने लगते हैं.

यदि आप एक्टर नहीं होते तो क्या होते ?

यदि मैं एक्टर नहीं होता तो कपड़े बना रहा होता यानी दरजी होता. दरअसल मैं ने नेट से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है. इसलिए वही काम कर रहा होता.

क्या आप ने भी कभी अपनी जिंदगी में हिम्मत हारी है और फिर मजबूत बन कर आगे बढ़े हैं?

ऐसा तो होता ही रहता है. जिंदगी में उतारचढ़ाव आते रहते हैं. कई बार हमें उम्मीद की कोई किरण दिखाई नहीं देती है. यही हमारी जिंदगी का सार है. हार न मानना, चलते रहना, मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ना, यही जिंदगी है. बाद में जब हम किसी को अपनी जिंदगी की पुरानी कहानी सुनाते हैं तो मजे से बताते हैं कि वह वक्त भले ही कठिन था पर हौसले के बल पर हम ने मुश्किलें पार कर ली. ऐसे में क्यों न हम बाधाओं का सामना भी मजे लेते हुए करें. इस से मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं.

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ब्लौसम कोचर से जानिए क्या है अरोमा थैरेपी

डेली लाइफस्टाइल में आप कोशिश करते हैं कि ब्यूटी की प्रौफेशनल टिप्स को फौलो करके अपनी खूबसूरती को और बढ़ाएं. इसीलिए आज हम आपके लिए मशहूर सुन्दरता विशेषज्ञ डौ. ब्लौसम कोचर की ब्यूटी और मेकअप से जुड़ी कुछ पर्सनल टिप्स और अरोमा थैरेपी के बारे में बताएंगे तो पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश…

अरोमा थैरेपी क्या है और यह आपने कब शुरू किया?

मैंने आपको बताया कि सुगन्ध से मेरा जुड़ाव बचपन से था. मैं अनेक फूलों के रस का प्रयोग सौन्दर्य के लिए करती थी. नीलगिरी में मैं अनेक तरह की क्रीम बनाती थी और उन्हें खुद पर और अपने क्लाइंट्स पर इस्तेमाल करके देखती थी. इसके अलावा मैं एसेंशियल औयल यूज करती थी. मैं देखती थी कि इससे मेरे क्लाइंट का फेस तो अच्छा हो जाता था, पर यदि वह टेंशन, कोल्ड-कफ या चिड़चिड़ेपन से ग्रस्त है तो उसकी सुन्दरता बहुत देर तक नहीं टिकती थी.

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मैंने महसूस किया कि सिर्फ फेस को चमकाने का कोई फायदा नहीं है. इसके लिए पूरे शरीर और मन को सुन्दर बनाने की जरूरत है. तब मैंने अरोमा थैरेपी की पढ़ाई शुरू की. अरोमा थैरेपी आयुर्वेद का ही एक भाग है. इसके अन्तर्गत मैंने माइंड, बौडी, स्किन और हेल्थ पर वर्क किया. मैंने पाया कि यह तमाम चीजें सुन्दरता के स्थायित्व से जुड़ी हुई हैं. अरोमा थैरेपी देने के बाद आपका कोल्ड-कफ, टेंशन, पेन सब चला जाता है. यह कोई एक दिन का काम नहीं है.

इसके लिए कई दिन का सेशन चलता है, कभी-कभी कई महीने का, मगर उसके बाद आपके सौन्दर्य में स्थायित्व आता है. हमारा सबसे पहला अरोमा थैरेपी सैलून दिल्ली के ताज पैलेस के सामने खुला. जब तक मेरे पति आर्मी में रहे, मैं अपनी फैक्टरी शुरू नहीं कर पायी. मगर उनके रिटायर होने के बाद मैंने कौस्मैटिक फैक्टरी शुरू की. बीस साल से हम अरोमा थैरेपी से जुड़े अपने प्रोडक्ट खुद बना रहे हैं. अब हमने अरोमा थैरेपी हेयर प्रॉडक्ट्स भी बनाने शुरू किये हैं, जिसमें कई एसेंशियल औयल्स को मिक्स करके उनका प्रयोग बालों को लम्बा, घना, सुन्दर, चमकदार और स्वास्थ बनाने के लिए करते हैं.

अरोमा थैरेपी में भारतीय महिलाओं के लिए आप क्या खास प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती हैं?

अरोमा थैरेपी में कई सेक्शन होते हैं. इसमें हम कई तरह के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं. प्रोडक्ट्स के मामले में सबसे पहले बात करते हैं क्लिंजर की. भारतीय मौसम के अनुसार यहां की महिलाओं को एलोविरा क्लिंजर बहुत सूट करता है. ड्राई वेदर में यह बहुत कारगर है. फिर फेस वौश की बारी आती है. हमने भारतीय ग्राहकों के लिए नीम फेस वौश बनाया है, जो औयली स्किन के लिए है और ऐसी स्किन के लिए जिस पर दाग धब्बे या दाने ज्यादा होते हैं.

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एक्ने के लिए भी नीम फेस वौश बहुत कारगर है. इससे स्किन से दाग-धब्बे खत्म हो जाते हैं. इसके अलावा हमारे पास लैवेंडर फेस वौश और स्ट्रौबेरी फेस वौश है. एबीसी फेस वौश चारकोल से तैयार किया जाता है. यह फेस को बहुत अच्छी तरह साफ करता है. फिर बारी आती है मौइश्चराइजर्स की. मौइश्चराइजर में मुझे इंडियन वुमेन के लिए आमंड मौइश्चराइजर सबसे ज्यादा पसंद है. क्लीनिंग और उसके बाद स्किन की टोनिंग बहुत जरूरी है. डीप क्लीनिंग और उसके बाद टोनर यूज करने से चेहरे पर बहुत ग्लो आता है. क्लिंजर से डीप क्लीनिंग करने पर आपके चेहरे पर लगा मेकअप पूरी तरह हट जाता है.

स्किन गहराई से साफ हो जाती है. मैं सलाह देती हूं कि फेस वौश से चेहरा धोने के बाद टोनर जरूर लगाएं. इंडियन वुमन के लिए हमारे पास रोज टोनर है, एरोमैटिक टोनर है. टोनर को आप सिर्फ अपने फेस पर स्प्रे करते हैं. दरअसल जो पानी हम नहाने या मुंह-हाथ धोने के लिए इस्तेमाल करते हैं उसमें क्लोरीन मिला होता है. क्लोरीन हमारी स्किन को डार्क करती है. जब आप फेस को अच्छी तरह साफ करके टोनर लगाते हैं तो यह क्लोरीन के असर को खत्म कर देता है और आपकी स्किन काली होने से बच जाती है.

भारतीय लड़कियों को मौइश्चराइजर और हैंड एंड बौडी लोशन के साथ फुट क्रीम भी इस्तेमाल करनी चाहिए. हमारे पास कुछ लेवेंडर आयल हैं जो अब गर्मी के मौसम में यूज किये जा सकते हैं. इससे शरीर में किसी भी तरह का तनाव, खिंचाव या दर्द दूर होता है. हमारे पास सैंडल वुड आयल है, जो मन को बड़ी शान्ति प्रदान करता है. जैस्मिन आयल डिप्रेशन को दूर करता है. यह कौन्फिडेंस लेवल को भी बढ़ाता है. रोज़ यानी गुलाब आयल फीलगुड कराता है.

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‘‘घर-परिवार और बच्चों को संभालते हुए यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा.’’

सुमन न सिर्फ न्यूट्रिशन इंडस्ट्री की जानीमानी हस्ती हैं, बल्कि एक सफल व्यवसायी, लेखिका, गायिका के साथसाथ नृत्य कला में भी महारत हासिल कर चुकी हैं. वेट लौस, वेट मैंटेन, वेट गेन, डाइट फौर बूस्टिंग इम्यूनिटी, चिल्ड्रन न ्यूट्रिशन जैसी सर्विसेज अपने जरीए लोगों तक पहुंचाने के लिए 2001 में उन्होंने मुंबई और कोलकाता में सैल्फ केयर सैंटर की शुरुआत की. स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने 3 किताबें- ‘द डौंट डाइट डाइट कुकबुक,’ ‘अनजंक्ड हैल्दी ईटिंग फौर वेट लौस’ व ‘सुपर किड हैल्दी ईटिंग फौर किड्स ऐंड टीन’ भी लिखीं. मां बनने के बाद कैरियर की शुरुआत और सफलता पाने वाली सुमन की जिंदगी को आइए और करीब से जानें:

कैसा रहा आप का सफर?

मैं 12-13 साल की उम्र से हैल्थ और बीमारियों से जुड़ी किताबें पढ़ती आ रही थी, लेकिन मेरी शादी 20 साल की उम्र में ही हो गई और फिर बच्चे हो गए, इसलिए इस ओर बढ़ने का मौका नहीं मिला. अपनी तीसरी बेटी को जन्म देने के बाद मैं ने 1 साल का फूड ऐंड न्यूट्रिशन डिप्लोमा किया. मुझे हमेशा लगता था कि कुछ खाने से अगर बीमारी हो सकती है, तो खाने के जरीए ठीक भी हो सकती है. मैं सही थी. कोर्स के दौरान मुझे इन्हीं बातों की जानकारी मिली. जब मेरी छोटी बेटी 3 साल की हो गई तब मैं ने औफिस जौइन किया. धीरेधीरे मेरे पास क्लाइंट आने लगे और मेरा व्यवसाय बढ़ता गया.

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पुरुषप्रधान समाज में अपने लिए स्थान बनाना कितना मुश्किल रहा?

मैं खुश हूं कि इन क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है, इसलिए मुझे बतौर प्रतिस्पर्धी बहुत कम पुरुषों का सामना करना पड़ा. हां, लेकिन शुरुआती दौर में मेरे साथ ऐसा बहुत होता था कि जब मेरे पुरुष दोस्त किसी पुरुष से मेरी तारीफ करते और उसे मेरे पास ट्रीटमैंट के लिए जाने को कहते तो वे यह कह कर टाल देते कि एक महिला पुरुष को कैसे ठीक कर सकती है. उन की यह प्रतिक्रिया मुझे थोड़ी देर के लिए निराश कर देती थी, पर मैं सारी चीजों को नजरअंदाज कर अपना पूरा ध्यान काम पर लगाती और आज परिणाम यह है कि मेरे पास जितनी महिला क्लाइंट हैं उतने ही पुरुष भी हैं.

बचपन से ही न्यूट्रिशनिस्ट बनना चाहती थीं या किसी ने आप को प्रेरित किया?

सच कहूं तो मेरे अंदर न्यूट्रिशनिस्ट का बीज बोने वाले मेरे पिता ही थे. दरअसल, वे बहुत ज्यादा हैल्थ कौंशस थे. हमारा पूरा परिवार यानी 6 लोग, 4 भाईबहन और मांपापा एकसाथ ब्रेकफास्ट करते थे, जो 1 घंटा चलता था. उस दौरान मेरे पापा इसी विषय पर बात करते कि क्या हैल्दी है और क्या नहीं. हमें क्या खाना चाहिए क्या नहीं. हालांकि वे इस क्षेत्र से नहीं थे, लेकिन उन की रुचि बहुत थी. वे स्वास्थ्य से जुड़ी ढेरों किताबें घर ले आते थे, जिन्हें मैं पढ़ती थी और इस तरह मेरी रुचि इस क्षेत्र में बढ़ती गई. मेरे पापा बहुत ही सपोर्टिव फादर रहे हैं. उन्होंने हम चारों भाईबहनों को फ्रीडम दे रखी थी. कभी हम पर बेमतलब की पाबंदी नहीं लगाई. सच कहूं तो लड़का हो या लड़की, आगे बढ़ने और जीवन के सही मूल्यों को समझने के लिए परिवार का सकारात्मक सहयोग बेहद जरूरी है. मुझे मेरी पहचान दिलाने में मेरे पिता की जो भूमिका रही उसे मैं कभी भूल नहीं सकती.

किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

मेरे लिए घरपरिवार और बच्चों को संभालते हुए यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा है. मैं ने काफी स्ट्रगल किया है. बहुत कुछ गिव अप किया है. मैं ने कभी टीवी नहीं देखा, कभी कोई किट्टी पार्टी जौइन नहीं की. मेरा फोकस मेरा परिवार और काम रहा है.

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2004 में आप ने ब्रेन सर्जरी भी करवाई थी. उस दौर से किस तरह उबरीं?

हां, मैंने 2004 में ब्रेन सर्जरी करवाई थी. दरअसल, मेरे चेहरे के बाईं ओर के हिस्से पर मेरा कंट्रोल नहीं था. वह लगातार हिलता रहता था, जिस की वजह से मैं स्माइल भी नहीं कर पाती थी. नतीजतन मैं बहुत टौर्चर होती थी. डिप्रैशन भी मुझ पर हावी होने लगा था. लेकिन मैं ने हिम्मत नहीं हारी. अपनी रिपोर्ट्स देशविदेश भेजीं. आखिरकार जरमनी में जा कर सर्जरी करवाई जो कामयाब रही. किसी भी बीमारी से जूझने के लिए दवा और सही इलाज तो जरूरी है ही, साथ ही अपने अंदर मजबूती की लौ भी जलाए रखना बेहद जरूरी है.

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इस समर पहने दिशा पटानी के ये 4 स्टाइलिश ड्रेसेज

गरमियों में हम कम्फरटेबल और फैशनेबल कपड़े पहनने की सोचते हैं. लेकिन तेज धूप और गरमी के कारण हम ऐसा कर नहीं पाते. और जब हम बौलीवुड सेलेब्स को देखते हैं तो हम सोचते हैं कि उनका आउट्फिट ट्राई करें. वहीं आजकल अपने आउटफिट की बात करें तो एक्ट्रेस दिशा पटानी अपने हौट एंड सेक्सी लुक को लेकर अक्सर सुर्खियों में छाई हुई हैं. हाल ही में उनकी समर ड्रैस को देखकर आप का भी मन करेगा की हम भी ऐसी ड्रेस ट्राई करें. तो आज हम आपके लिए एक्ट्रेस दिशा पटानी के कुछ ऐसे समर लुक्स लेकर आएं हैं, जिन्हें आप चाहें तो गरमियों में कही घूमने या डेली आउटफिट के रूप में पहन सकते हैं.

1. दिशा की नियोन औरेंज ड्रैस को समर पार्टी में करें ट्राई

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हाल ही में दिश पटानी ने अफने इंस्टाग्राम पर अपनी नियोन औरेंज ड्रैस की फोटोज शेयर की. जिनमें वह एलीगेंट के साथ-साथ हौट दिख रहीं है. नियोन कलर आजकल फैशन ट्रैंड बन गया है. अघर आप किसी पार्ट में ये कलर ट्राई करती हैं और अगर उसमें फलावर पैटर्न का कौम्बीनेशन ट्राई करती हैं तो ये आपको पूरी पार्टी में सबसे अलग दिखाएगा.

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2. दिशा की ये डार्क ग्रीन करें ट्राई

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अगर आप भी किसी पार्टी या या किसी लाइट पार्टी में हौट और सेक्सी ड्रैस से लोगों का अट्रेक्शन पाना चाहती हैं, तो ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट है.

3. कौलेज गर्ल्स के लिए परफेक्ट है दिशा की ये ड्रेस

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अगर आप कौलेज गोइंग गर्ल है तो ये ड्रेस आपके लिए बेस्ट है. गरमी में अक्सर लाइट कपड़े पहनना अच्छा लगता है और दिशा की ये लाइट पिंक और नौर्मल पिक का कौम्बीनेशन आपको कूल रखने में मदद करेगा.

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4. गरमी में शादियों के लिए ट्राई करें दिशा का ये वाइट अनारकली सूट

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अगर आप गरमी में किसी शादी या सगाई में जा रही हैं और आपका मन डार्क कलर के कपड़े पहनने का नही है तो एक्ट्रेस दिशा पटानी की ये वाइट ड्रेस आपके लिए परफेक्ट रहेगी. ये कलर गरमी में कूल रखने के साथ नेट का कौम्बीनेशन आपके बहुत काम आएगा.

वर्ल्ड थायराइड डे: जाने क्यों होता है थायराइड

बात करें साल 2018 की तो पूरे भारत में करीब 42 मिलियन भारतीयों में अलग-अलग प्रकार के थायराइड डिसऔर्डर पाए जा चुके हैं. भारत में थायराइड की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं और खासकर महिलाओं में. इसका कारण यह है कि पुरुषों की तुलना में एक महिला के शरीर में हार्मोन असंतुलन की संभावना अधिक होती. महिलाएं हार्मोन संबंधी बदलावों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं

थायराइड डिसऔर्डर

यह बीमरी आमतौर पर थायराइड ग्रंथि(Gland)  की अधिक सक्रियता या फिर कम सक्रियता से होते हैं. सर्वाधिक पाए जाने वाले थायराइड डिसऔर्डर हैं – हायपरथायरौइडिज्‍म (थायराइड गतिविधि में असाधारण वृद्धि), हाइपोथायरौइडिज्‍म (थायराइड गतिविधि में असाधारण गिरावट), थायरौइडाइटिस (थायराइड ग्रंथि में सूजन), गोइटर और थायराइड कैंसर. थायराइड की बीमारियों की जांच और इलाज बेहद आसान है.

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 “प्राथमिक उपचार”

अगर थायराइड ग्रंथि (Gland) में थोड़ी सी भी सूजन नज़र आती है तो बिना किसी लापरवाही के इसकी तुरंत जांच करानी चाहिए. जब भी इसके संकेत देखने को मिलें तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी ज़रूरी है. थायराइड पर नियंत्रण के लिए इसकी जल्द पहचान और इलाज दोनों ही महत्वपूर्ण है.

गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा”

एक गर्भवती महिला को थायराइड डिसऔर्डर का खतरा अधिक होता है, खासकर तब जब उसके शरीर में थायराइड गतिविधि असाधारण रूप से अधिक या कम हो जाती है. महिला के शरीर में हार्मोन स्तर असंतुलित होने से विभिन्न प्रभाव देखने मिलते हैं, जैसे असामान्य माहवारी(Menstruation), असंतुलित या गैर-मौजूद ओव्युलेशन चक्र (Ovulation cycle),मिसकैरेज,समय पूर्व प्रसव,गर्भ में मृत शिशु की डिलीवरी,प्रसव के बाद रक्तस्राव और जल्द रजोनिवृत्ति(Menopause) की शुरुआत भी हो सकती है.

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बचाव-

शरीर में आयोडीन की कमी को आसानी से अपने आहार में नियंत्रण रखे साथ ही नियमित व्यायाम से थायराइड के खतरे को दूर किया जा सकता है. थायराइड की समस्याएं रोकने के लिए व्यस्कों को 150 एमसीजी आयोडीन का प्रतिदिन सेवन करने की सलाह दी जाती है. वहीं, गर्भवती महिलाओं के लिए यह मात्रा अधिक होती है.

लक्षण

1.थकान

2.एकाग्रता में कमी

3.रूखी त्वचा

4.कब्ज़

5.ठंड लगना

6.शरीर में तरल पदार्थों का रुकना / वजन बढ़ना

7.मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द

डिप्रेशन

8.बाल झड़ना

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थायराइड डिसऔर्डर की जांच एवं पुष्टि के लिए शारीरिक जांच के अलावा कुछ विशेष परीक्षण भी किये जाते हैं. आमतौर पर खून की जांच के द्वारा थायराइड हार्मोन और टीएसएच (थायराइड स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन्स) स्तर की जांच भी की जाती है. उपरोक्त कोई भी लक्षण महसूस होने पर थायराइड हार्मोन्स स्तर और टीएसएच जांच की सलाह दी जाती है. अधिकतर मामलों में थायराइड डिसऔर्डर को इलाज के जरिये नियंत्रित किया जा सकता है और इनसे जान को खतरा नहीं होता. हालांकि कुछ स्थितियों के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है.

इंडियाज मोस्ट वांटेड फिल्म रिव्यू: जासूसी नहीं असहनीय नीरस फिल्म…

फिल्म रेटिंगः डेढ़ स्टार

अवधिः दो घंटे तीन मिनट

निर्माताः फौक्स स्टार स्टूडियो,राज कुमार गुप्ता और मारा कणर

लेखक व निर्देशकः राज कुमार गुप्ता

कलाकारः अर्जुन कपुर, राजेंद्र गुप्ता, राजेश शर्मा, प्रशांत अलेक्जेंडर, शांतीलाल मुखर्जी, देवेंद्र मिश्रा,गौरव मिश्रा, आसिफ खान, बजरंगबली सिंह, प्रवीण सिंह सिसोदिया, राजीव कचारू, सुदेव नार व अन्य.

संगीतकारः अमित त्रिवेदी

कैमरामैन: डूडली

किसी भी सत्य घटनाक्रम पर एक बेहतरीन फिल्म का निर्माण करना निर्देशक के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है, इस कसौटी पर फिलमकार राजकुमार गुप्ता बुरी तरह से विफल हुए हैं. वह 2013 की सत्य घटना कांठमांडू से इंडियान मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर एक स्तरहीन फिल्म ‘‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’’लेकर आए हैं.

कहानीः

फिल्म की कहानी पुणे में बमविस्फोट से शुरू होती है.राष्ट्ीय सुरक्षा इंटेलीजेंस,एनआइए और रॉ सभी बम विस्फोट करने वालों की जानकारी पाने में विफल रहते हैंं.अंततः सभी यह मान लेते हैं कि यह बम विस्फोट कोई ‘भूत’कर रहा है.तो दूसरी तरफ मुंबई व दिल्ली सहित कई शहरांे में लगातार बम विस्फोट ेहोते रहते हैं.देश की सुरक्षा से जुड़ी एजंसियों का मानना है कि बम विस्फेाट करने वाला मुख्य आरोपी युसुफ व उसके साथी पाकिस्तान व दुबई में जाकर बैठे हैं.पर एक दिन इंटेलीजेंस आफिसर प्रभात(अर्जुन कपूर) को फोन पर खबर मिलती है कि  बम विस्फोट का मुख्य आरोपी युसुफ काठमांडू, नेपाल में है.अब प्रभात काठमंाडू जाना चाहता है,प उसका बॉस राजेश सिंह( राजेश शर्मा) इसके लिए अपने उच्च अधिकारियें से इजाजत नही दिला पाता.पर प्रभात अपने पॉंच साथियों के साथ बिना इजाजत काठमांडू पहुंच जाता है.फिर कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.अंततः प्रभात अपने मिशन में कामयाब होकर यानीकि युसुफ को गिरफ्तार करके ही वापस लौटता है.

निर्देशन

‘‘नो वन किल्ड जेसिका लाल’ सहित कई यादगार फिल्मों के निर्देशक राज कुमार गुप्ता इस बार विफल रहे हैं. यह एक अति स्तरहीन जासूसी फिल्म है. पूरी फिल्म में जांच प्रकिया हास्यास्पद ही है. फिल्म में बेवजह अमरीका के एअरपोर्ट पर शाहरुख खान को सुरक्षा जांच के नाम पर हुई घटना को भी ठूंसा गया है. पटकथा लेखक व फिल्मकार ने प्रभात के काम में रोड़ा डालने के लिए नेपाल में भी आईएएस एजंटों के जाल,शत्रुतापूर्ण नेपाल सुरक्षा बल,पाकिस्तानी दूतावास  और भारतीय अधिकारियों द्वारा बम विस्फाटे के आरोपियों को पकड़ने में अनिच्छा सहित कई चीजें जरुर पिरोयी हैं, पर फिल्म में रोमांच पैदा नहीं होता. देशभक्ति भी नही उभरती.

फिल्म की गति बहुत धीमी है.यह फिल्म नीरसता और बोझिल के अलावा कुछ नहीं. इसमें मनोरंजन के तत्वों का घोर अभाव है. जबकि जासूसी फिल्मों में रोचकता, मनोरंजन के साथ साथ रोमांचक तत्व काफी अच्छे ढंग से पिरोए जा सकते हैं.

अभिनयः

अर्जुन कपूर की मेहनत सफल नहीं हुई है.उनके चेहरे पर कहीं भी सही भाव नही आते. फिल्म के किसी भी कलाकार का अभिनय प्रभावित नहीं करता.

Edited by Rosy

हौलीवुड पहुंचीं अक्षय कुमार की सास, बौलीवुड ने दी बधाई

बौलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की सास और ब्यूटीफुल वेटरेन एक्ट्रैस एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया बहुत जल्द एक्ट्रैस प्रियंका चोपड़ा की तरह हौलीवुड में काम करती हुई नजर आएंगी. एक्ट्रेस डिंपल हौलीवुड के महान डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन के साथ काम करते हुए दिखाई देंगी. वहीं इस खबर पर सेलेब्स और उनके फैन्स ने उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई देना शुरू कर दिया है.

कामयाब हौलीवुड डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन के साथ करेंगी डिंपल काम

खबरों की मानें तो, एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया हौलीवुड के महान डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन के साथ काम करती नजर आएंगी. डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन ने अब तक हौलीवुड में काफी कामयाब फिल्मों का निर्देशन किया है. इन फिल्मों में ‘इन्सेप्शन’, ‘दि प्रेस्टिज’ और ‘इंटरस्टेलर’ जैसी सफल फिल्मों के नाम शामिल है. जो औडियंस को पसंद भी आई हैं और जिसके लिए उन्हें अवौर्ड भी मिले हैं.

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सोशल मीडिया पर किया था स्टारकास्ट का ऐलान

हाल ही में डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन ने इस फिल्म की घोषणा करने के साथ-साथ फिल्म की स्टारकास्ट का भी ऐलान किया था.

डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन ने दी फिल्म की जानकारी

डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन ने बताया कि उनकी आने वाली फिल्म का नाम ‘टेनेट’ होगा. इस फिल्म में माइकल कैन, एरौन टेलर, केनेथ ब्रानेज और डिंपल कपाड़िया अहम किरदार में दिखाई देंगी.

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डिंपल की एक्शन एपिक फिल्म होगी फिल्म ‘टेनेट’

मिली जानकरी के मुताबिक, क्रिस्टोफर नोलन की ‘टेनेट’ के एक्शन एपिक फिल्म होगी. इस फिल्म के निर्देशन के साथ-साथ नोलन अपनी पत्नी एम्मा थौमस के साथ मिलकर प्रोड्यूस भी करेंगे.

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खबरों की माने तो एक्ट्रैस डिंपल कपाड़िया की ये हौलीवुड फिल्म अगले साल 17 जुलाई की रिलीज होगी. लेकिन फिल्म में उनके रोल की अभी कोई जानकारी नही है. हालांकि उनका रोल दमदार होने की उम्मीद है.

खुद को कभी कमजोर न दिखाएं-रीम शेख

खूबसूरत ,शोख रीम समीर शेख टीवी सीरियल्स और विज्ञापनों में 6 साल की उम्र से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाती आ रही है. राजस्थान में जन्मी 17 साल की रीम फिलहाल ज़ी टीवी के शो ‘तुझ से है राबता’ में मुख्य किरदार निभा रही है. कल्याणी के रूप में एक चुलबुली मगर समझदार लड़की के रूप में रीम को काफी पसंद किया जा रहा है.

रीम रियल लाइफ में कैसी हैं, पूछने पर वह बताती हैं ‘कल्याणी और रीम में समानता यह है कि दोनों ही अपने मांबाप से बहुत प्यार करती हैं  और परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है. दोनों सिर्फ अच्छा करना चाहती हैं. वे किसी को भी  दुखी नहीं देखना चाहती. जहाँ तक बात अंतर की है तो कल्याणी बहुत जल्दी हाईपर हो जाती है मगर रीम बिल्कुल भी हाईपर नहीं होती. कैसी भी परिस्थिति आए वह सोचसमझ कर उस का सामना करती है और रास्ता निकालती है.’

रीम को सब से पहला ब्रेक मिला जब 6 साल की उम्र में इमेजिन टीवी के धारावाहिक ‘देवी… नीर भरे तेरे नैना’ में मुख्य किरदार निभाने के लिए चुना गया. इस  भूमिका के लिए उन्हें 2010  में न्यू टैलेंट पुरस्कार भी मिला.  तब से उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों में अभिनय किया है. चक्रवर्तीं अशोक सम्राट में कौरवकी के रूप में वह काफी लोकप्रिय हुई. वह 100 से अधिक टीवी विज्ञापनों में भी दिखाई दे चुकी है. उस की पहली फ़िल्म ‘गुल मक्का’  सब से कम उम्र की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफज़ई की बायोपिक है.

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रीम अपने बारे में बताते हुए कहती है, ‘हम लोग राजस्थान के रहने वाले हैं. मैं बचपन से मुंबई में पलीबढ़ी हूं इस लिए मुंबई के साथ मेरा स्पेशल कनेक्ट है. पापा का एक छोटा सा बिजनेस है. मम्मी हाउसवाइफ है.’ पेश है उससे की गई बातचीत के मुख्य अंश;

सबसे पहले तो आप अपने नाम का अर्थ बताइए?

यह एक अरेबिक नाम है. मेरे पापा सऊदी में पढ़ते थे इसलिए शायद उन्हें यह नाम पसंद आया. इस का मतलब होता है व्हाइट कजेल जो डियर फॅमिली का एक हिस्सा है.

कोई रोल जो आप करना चाहती हैं/ आप का ड्रीम रोल?

‘बेहद’ सीरियल में जेनिफर विगेट ने जो रोल किया था मैं वैसा रोल करना चाहती हूं. माया के रूप में वह एक अलग मार्क छोड़ कर गई हैं. वैसा रोल मिल जाए तो मैं  पागल हो जाऊं.

आप की नजर में कौन्फिडेंस क्या है?

कौफिडेंस यानी अपनी जिंदगी के हर स्टेप/हर बात पर कौन्फिडेंट रहना. जैसे मैं ने अपने कैरियर पर जितना ध्यान दिया है पढ़ाई पर कभी नहीं दिया क्यों कि मैं अपने कैरियर को ले कर कौन्फिडेंट थी .

आप का फैशन फंडा क्या है?

कंफर्टेबल येट क्लासी

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महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों के संदर्भ में क्या कहेंगी ?

किसी को इतनी ढील न दे कि कोई भी इंसान कमजोर लड़की समझ कर आप का मिसयूज कर सके. खुद को इतना मजबूत दिखाएं कि किसी की हिम्मत ही न हो कि वह आप को घूर कर भी देखे. जो व्यक्ति मीटू जैसी हरकत करते है वे बहुत वाहियात होते हैं. जस्ट स्पीक अप. खुद को इतना मजबूत दिखाएं कि किसी की हिम्मत ही न हो ऐसी बकवास करने की.

चाइल्ड आर्टिस्ट को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ?

लोगों को लगता है कि एक्टिंग में ज्यादा समय देने की वजह से बच्चे की पढ़ाई खराब हो रही है. मगर हकीकत तो यह है कि यदि बच्चा एक्टिंग में अच्छा है तो उस पर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर बनाना ही नहीं चाहिए.

तुझ से है राबता’ में आप शादी-शुदा लड़की का रोल निभा रही हैं.  इस सन्दर्भ में क्या कहेंगी?

लोगों ने कल्याणी और मलहार को बहुत अच्छे से वेलकम किया है. मैं शो में 18 साल की लड़की की भूमिका निभा रही हूं. शो की कहानी ही ऐसी है कि परिस्थिति वश उसे जल्दी शादी करनी पड़ी. शो में भी कल्याणी एक बच्ची की तरह ही बिहेव करती है.

आपको जीवन में कितना संघर्ष करना पड़ा ?

मुझे ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा.  हमेशा अपने पैरंट्स का पूरा सपोर्ट मिला.  पहला ब्रेक देवी-

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नीर भरे नैना  ‘ में मिला.  इस के लिए मैं ने पोर्टफोलियो वगैरह बनवाये. ऑडिशंस दिये. वहीं से जर्नी शुरू हुई. एक कठिनाई आई थी जब मेरा वेट काफी अधिक था. वेट अधिक होने की वजह से मुझे कई रोल्स में रिजेक्शन मिला. में एक फूडी फैमिली से बिलोंग करती हूं.  सो वेट लूज करने की मेरी जर्नी काफी संघर्षपूर्ण रही.

औक्सी ब्‍लीच: 6 तरीकों से करें इस्तेमाल

औक्‍सी ब्‍लीच एक प्री ब्‍लीच क्रीम है जो त्‍वचा की कोशिकाओं को औक्‍सीजन प्रदान करती है और उसे पोषण देती है. इसलिए  आज आपको औक्‍सी ब्‍लीच को प्रयोग करने की विधि और उसके फायदों के बारे में बताते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में.

औक्‍सी ब्‍लीच कैसे प्रयोग करें?

  1. औक्‍सी ब्‍लीच के पैक में ब्‍लीच क्रीम, हाइड्रोजन पेराऔक्‍साइड और परसल्‍फेट होता है.
  2. इसको लगाने से पहले एक पैच टेस्‍ट लीजिये, जिसके लिये अपनी बाहों में थोड़ी सी ब्‍लीच क्रीम लगाइये. अगर कोई जलन, लाल चकत्‍ते दिखें तो यह क्रीम आपकी त्‍वचा के लिये अच्‍छी नहीं है.
  3. ब्‍लीच क्रीम में चुटकी भर एक्‍टीवेटर मिलाएं. इसे तकरीबन 2 मिनट के लिये मिलाएं और फिर चेहरे पर लगाएं, लेकिन आंखों की पलकों पर इसे ना लगाएं.

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  1. 10 मिनट के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें. सनस्‍क्रीन लगाना बिल्‍कुल ना भूलें.
  2. अपने चेहरे को धोने के लिये एक कम कैमिकल वाला साबुन चुने, जो कि अच्‍छी क्‍वालिटी वाला हो.
  3. क्‍लींजिग, टोनिंग, माइस्‍चराइजिंग हर हफ्ते चेहरे की सफाई के लिये प्रयोग किये जाने वाले तरीके हैं.

 औक्‍सी ब्‍लीच के क्‍या हैं फायदे?

  • इसके साथ मिलने वाली प्री ब्‍लीच क्रीम चेहरे की टैनिंग हटाती है और चेहरे को जलने से भी बचाती है.
  • यह 10 मिनट में त्‍वचा को ब्‍लीच कर देती है और ऐसा निखार लाती है कि आप के होश खो जाएं.
  • इस क्रीम की कीमत भी खुद के बजट में होती है.

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Cannes 2019: बौलीवुड का रफ्फल फैशन करें ट्राई

बौलीवुड से लेकर हौलीवुड तक फैशन चेंज होता रहता है. आजकल 90s का फैशन दोबारा नए स्टाइल में देखने को मिल रहा है. वहीं, बात कान्स फिल्म फैस्टिवल की करें तो उसमें भी बौलीवुड से लेकर हौलीवुड एक्ट्रेस का रफ्फल फैशन देखने को मिला जिसमें एक्ट्रेसेस ने सुर्खियां बटोरी. आज हम आपको बौलीवुड के कान्स फिल्म फेस्टिवल से जुड़े कुछ ऐसे आउटफिट्स के बारे में बताएंगे, जिसमें उन्होंने रफ्फल फैशन का इस्तेमाल किया है और फैंस के बीच एक स्टाइल स्टेटमेंट दिया है.

कान्स पार्टी में दीपिका की येलो फ्रिल ड्रेस करें ट्राई

कान्स फिल्म फेस्टिवल 2019 के दूसरे दिन दीपिका अपनी येलो कलर की फ्रिल ड्रैस के साथ हौट लग रही थीं, जिसे आप भी किसी पार्टी या फंक्शन में ट्राई कर सकती हैं.

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एक्ट्रेस प्रियंका की ये रफ्फल ड्रैस पहनने को हो जाएंगे मजबूर  

priyanka

बौलीवुड से लेकर हौलीवुड तक इंडिया का नाम रोशन करने वाली एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा कान्स के रेड कारपेट पर वाइट ड्रैस में अपने फैंस के बीच सुर्खियां बटोरती नजर आईं. आप चाहे तो यह गाउन किसी क्रिश्चयन वेडिंग में या किसी अलग कलर में ऐसी ड्रेस को ट्राई कर सकते हैं.

डायना पेंटी का कौलेज गर्ल रफ्फल लुक करें ट्राई

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अगर आप भी एक्ट्रेस डायना पेंटी की तरह रफ्फल लुक फैशन कौलेज के लिए अपनाना चाहते हैं तो यह लुक आपके लिए परफेक्ट है. यह लुक स्टाइलिश के साथ-साथ आपके लिए कम्फरटेबल है.

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हुमा कुरेशी का रफ्फल लुक गाउन करें ट्राई

huma

हुमा कुरेशी जहां अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीतती हैं, तो वहीं कान्स के रेड कारपेट पर भी अपने फैशन से सुर्खियां बटोरती हुई नजर आईं. अगर आप हेल्दी हैं तो यह रफ्फल फैशन टिप्स आपके लिए परफेक्ट है.

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