अपनाएंगी ये 5 टिप्स, तो सर्दियों में भी दमकेगी आपकी त्वचा

सर्दियों में ज्‍यादातर लोगों की त्वचा ड्राई हो जाती है. इससे छुटकारा पाने के लिए हफ्ते में एक बार अपने होंठ, चेहरे और शरीर की त्वचा की गहराई से सफाई करें और सनस्क्रीन लगाना नहीं भूलें. सर्दियों में त्वचा की देखभाल करने और रूखेपन से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय जरूर अपनाएं.

– फटे होंठों की डेड स्किन हटाने के लिए इनकी गहराई से सफाई करें. आप लिप स्क्रब का इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर किसी अच्छी कपंनी का लिप बाम लगाएं.

– त्वचा में चमक लाने के लिए रेडिएन्ट और लिक्विड फाउंडेशन का इस्तेमाल करें. सर्दियों में नैचुरल लुक पाने के लिए पीच और पंपकिन पैलेट, ब्राउंजर अच्छे विकल्प होते हैं.

– सर्दियों में बेहतरीन चमकदार त्वचा के लिए आप क्रीम वाला ब्लश लगा सकती हैं. कलर और मौइश्चराइजर वाला ब्लश आपके गालों को उभार देता है.

– हल्के सीरम की तरह के टेक्सचर हाइड्रेटिंग प्राइमर को लगाने से आपका मेकअप एकसार और ज्यादा टिकाऊ रहेगा. यह त्वचा में ज्यादा चमक या मेकअप होने पर उसे कम कर सही लुक देता है.

– सर्दियों में भी एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना नहीं भूलें. अगर आप ज्यादा एसपीएफ के होने से स्किन को नुकसान पहुंचने के डर से सनस्क्रीन नहीं लगाती हैं, तो आप बच्चों की सनस्क्रीन क्रीम भी लगा सकती हैं, इससे आपकी त्वचा सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित रहने के साथ ही मुलायम भी रहेगी.

– त्वचा में चमक और नमी बरकरार रखने और निखार लाने के लिए विटामिन ई, सी, बी2 युक्त खुराक लें.

– ठंडी हवाओं के कारण त्वचा में रूखापन आना स्वभाविक है, जिससे त्वचा रूखी हो जाती है. हफ्ते में कम से एक बार स्क्रब से अच्छी तरह से शरीर की सफाई करें, चेहरे की हफ्ते में एक या दो बार स्क्रब से सफाई करें. इससे आपके रोम छिद्र खुल जाएंगे और मृत स्किन निकल जाएगी.

– फटे होंठ को सौफ्ट बनाए रखने के लिए अच्छी कंपनी का लिप बाम जरूर लगाएं. आप चाहे तो वैसलीन या लिप बाम को पैरों पर भी लगा सकती हैं, जिससे पैर मुलायम रहेंगे.

ब्रेकफास्ट में चटनी खाने के हैं बड़े फायदे

सुबह के नाश्ते में अगर आप चटनी का सेवन करती हैं, तो आपको टेस्‍ट तो मिलता ही है, साथ ही शरीर में होने वाली समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है. चटनी के कई औषधीय गुण हैं, जो न केवल आपको फिट रखने में मदद करता है बल्कि आपकी भूख को भी शांत करेगा.

आंवले की चटनी

आंवले की चटनी खाने से इम्यून सिस्टम सही रहता है. इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्व आपके शरीर को सभी समस्याओं से दूर रखता है. साथ ही इस चटनी में अदरक और नींबू मिलाकर सेवन करने से दिल की बीमारी दूर रहती है.

धनिया की चटनी

इसमें विटामिन-सी व प्रोटीन की मात्रा अधिक रहती है. इससे मधुमेह जैसी समस्या दूर रहती है. धनिया, अदरक और लहसुन मिली चटनी खाने से आंतों की समस्याएं, बुखार और दस्त जैसी बीमारियां नहीं होतीं.

पुदीने की चटनी

पुदीना की चटनी में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद रहते हैं, जिससे कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है.

करी पत्ते की चटनी

इस चटनी में आयरन व फोलिक एसिड की मात्रा अधिक रहती है. कैल्शियम व कई विटामिन्स की मात्रा अधिक होती है. इससे बाल काले, घने व मजबूत बने रहते हैं. इस चटनी का सेवन करने से आपका शरीर एनीमिया यानी खून की कमी, हाई बीपी व मधुमेह जैसी परेशानियों से दूर रखता है.

टमाटर की चटनी

टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है. साथ ही इसमें कोलेस्ट्रौल को कम करने वाले तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए इस तरह की चटनी खाना काफी फायदेमंद रहता है.

प्याज व लहसुन की चटनी

लहसुन एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटी-फंगल और एंटी बैक्टीरियल हर्ब है. यह उम्र के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को कम करने और सभी रोगों को ठीक करने में सहायता करता है.

अपने किचन गार्डन में ही उगाएं हरी मिर्च

हरी मिर्च का इस्तेमाल डेली रूटीन लाइफ में खाना बनाने के लिए किया जाता है. वैसे तो हरी मिर्च आपको बाजार से भी मिल जाएगी लेकिन अगर आप चाहें तो इसे अपने घर में भी उगा सकती हैं. जी हां, बिल्कुल इसे उगाने की सबसे खास बात यह है कि आप इसे किसी भी गमले या फिर कंटेनर में उगा सकती हैं. इसके लिए आपको किसी बड़े से बगीचे की भी आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी. आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप घर में ही ताजी और तीखी हरी मिर्च उगा सकती हैं.

गमला

अगर आपके पास हरी मिर्च की खेती करने के लिए बगीचा नहीं है तो ऐसे में आप कोई भी कंटेनर या गमला लें और उस गमलें में मिट्टी की जगह आर्गेनिक कमपोस्ट का इस्तेमाल करें.

पानी

पौधे को नियमित रूप से पानी देते रहें. लेकिन इस बात का भी खास ध्यान रखें ज्यादा पानी देना भी पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है.

सूरज की रौशनी

हरी मिर्च का पौधा लगाने के बाद इसे ऐसी जगह रखें जहां सूरज की रोशनी अच्छे से आती हो ताकि पौधे का विकास अच्छे से हो सके.

बस, कुछ ही दिनों में आपके पौधे में हरी मिर्च उगती नजर आएगी.

महाराष्ट्र की महिला किसानों ने बनाया ‘नो सुसाइड जोन’

महाराष्ट्र में आये दिन किसानों की आत्महत्या की घटनाएं होती रहती है, न जाने कितने ही घर इस तरह उजड़ चुके हैं, जहां उनकी औरतें और बच्चे भूखे मरने के लिए विवश है. ऐसी ही परेशानी से निजात पाने के लिए महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले के हिंगलाज वाड़ी की महिलाओं ने जब कुछ करने की ठानी, तो पूरा गांव ही ‘नो सुसाइड जोन’ में परिवर्तित हो गया. ये काम आसान नहीं था. करीब 3 साल की मेहनत से इन महिलाओं ने कम पानी में ऑरगेनिक खेती और पशुपालन को अपनाकर करोड़ों कमाने वाला एक मात्र गांव बन चुका है. 3000 जनसंख्या वाले इस गांव की महिलाओं ने अपनी समझदारी और सूझबूझ से इसे कर दिखाया है, जिसमें साथ दिया है ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप’ की सदस्यों ने.

इस बारे में उस्मानाबाद की महाराष्ट्र ग्रामीण विकास विभाग की जिला समन्वयक गंगा सर्गिहाल्ली बताती है कि महाराष्ट्र में 34 जिले इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसमें 10 जिले और उसके 36 तालुका सबसे अधिक प्रभावित हैं. साल 2013 में ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप’ की महिलाओं ने पूरे गांव में दौरा कर पाया कि यहां सबसे अधिक गरीबी है, वजह पानी की कमी होने से वहां के किसानों का सही तरह से अन्न उत्पादन न कर पाना, जिससे वे कर्जा चुकाने में असमर्थ होते ही आत्महत्या कर लेते थे.

ऐसी गरीब महिलाओं को इकठ्ठा कर उन्हें ऑरगेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया. 15 दिन की इस ट्रेनिंग में एक्सपर्ट बीजों को रखना, खाद बनाना, उन्हें खेतों में रोपना, फसल तैयार करना और बाजार तक लाने की सारी प्रक्रिया को सिखाने लगे. ऐसी खेती का मुख्य उद्देश्य था, कम पानी में अधिक फसल उगाना. किसानी के लिए कृषि सखी और पशुपालन के लिए पशु सखी बनाया गया, जो उन महिलाओं को पैसे देने के बाद उनके सही उपयोग के बारे में पताकर उन्हें हर तरह से सहायता करती है.

असल में पहले खेती में जब केमिकल खाद डाली जाती थी, तो पानी की जरुरत अधिक पड़ती थी.  ऑरगेनिक खेती में प्रयोग किया जाने वाला खाद भी ऑरगेनिक होता है, जिसमें पानी कम मात्रा में लगता है. इस खाद को बनाने के लिए गोमूत्र और गोबर का प्रयोग किया जाता है. ये काम भी महिलाएं ही करती हैं.

अपने उत्कृष्ट काम के लिए कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी महिला किसान कमल कुंभर जो ‘सेल्फ हेल्फ ग्रुप’ के साथ काम करती हैं, कहती हैं कि जो महिलाएं इस काम में रूचि रखती हैं उन्हें चुनकर हमने खेती के साथ-साथ पशु पालन को भी बढ़ावा दिया, ताकि वे जो भी कर्जा लें, उसे आसानी से उतार सकें. इसमें 50 महिलाओं को एक साथ कवर कर एक एकड़ जमीन पर काम के लिए रखा जाता है. ताकि वे पैसे की लेन-देन को सही तरीके से समझ सकें. इसके अलावा इस गांव में महिलाएं बैंक में पैसा जमा करने जाती हैं, पुरुष घर और बच्चों की रखवाली करते हैं, साथ ही बकरी पालन और मुर्गी पालन के काम में महिलाओं का हाथ बटाते हैं.

इस काम में महिला किसानों को अधिक फायदा होने की एक वजह यह भी थी कि आर्गेनिक फार्मिंग से तैयार फसलों की पैदावार अच्छी होती है. महिलाएं ही उत्पाद सामग्री का भाव तय करती हैं. बाजार में भी इसका भाव अच्छा मिलता है. इससे किसानों को अधिक मुनाफा होने की वजह से उन्हें कर्जे चुकाने में भी आसानी होने लगी.

इस बारे में गंगा आगे बताती हैं कि अभी हमारी कोशिश ये है कि इन फसलों और सब्जियों की ‘मार्केट चेन’ बनायी जाये, जिसमें बिचौलिए न हों और महिलाएं खुद इसका भाव तय करें, ताकि ऐसी सब्जियों को शहरों में और मॉल में बेचा जा सके. ये सब्जियां आर्गेनिक होने की वजह से जल्दी खराब नहीं होती साथ ही इसका स्वाद काफी अच्छा होता है.

इस तरह के काम को शुरू करना पहले आसान नहीं था, क्योंकि ऐसी कई संस्थाएं हैं, जो इन्हें पैसे का लालच तो देती थी, पर उसका सही उपयोग नहीं बताती थी, ऐसे में वे पैसे लेकर चुकाने में असमर्थ होती थी. इसलिए वे किसी से पैसे लेने या उनसे बात करने से मना कर देती थी. इसलिए ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप’ की एक सदस्य 15 दिन तक इनके साथ रहकर इनकी समस्या को बारीकी से समझने की कोशिश करती है. करीब 7181 महिलाएं इस काम में सहायता कर रही हैं.

अब ये महिलाएं समझ चुकी है और काम करना आसान हो चुका है. जिले के कई गांव जैसे अम्बेजवडगे, बावी, तुगांव, सारोड़ा, चिकली, काजडा, बेम्बडी, दाउदपुर आदि कई जगहों पर इस तरह के काम किये जा रहे हैं. एक तालुका में करीब 100 गांव होते हैं और महाराष्ट्र का एक बड़ा भाग हर साल सूखे से प्रभावित रहता है. ऐसे में किसानी से अधिक पशुपालन और मुर्गीपालन पर जोर दिया जा रहा है.
कमल सांभर आगे कहती हैं कि खेती के साथ पशुपालन के लिए सबसे पहले मैंने बंजर जमीन को चुना. इसमें मैंने 10 साल की लीज पर बंजर जमीन लेकर उसपर बकरी पालन और मुर्गी पालन पर जोर दिया गया. महिलाओं को आस-पास के इलाकों में खासकर उस्मानाबाद, सोलापुर, लातूर, नांदेड़, बीड, औरंगाबाद, परभानी, कोल्हापूर, जालना, रत्नागिरी, वर्धा आदि स्थानों पर इस व्यवसाय से सम्बंधित कार्यशाला के साथ जोड़ा गया, ताकि वे इस काम को अच्छी तरह से समझ सकें.

बकरी पालन में बहुत फायदा रहता है, क्योंकि उस्मानाबाद की बकरियां अपने मांस के लिए बहुत प्रसिद्द हैं. एक बकरी साल में 3 बार बच्चे दे सकती है, इन्हें खिलाने के लिए अधिक खर्चे नहीं करने पड़ते. ऐसे में अगर 5 हजार की एक बकरी खरीदी गयी तो 10 हजार का फायदा होता है. यही वजह है कि यहां के काम को देखकर साल 2017 में सी आई आई का राष्ट्रपति पुरस्कार, नीति आयोग पुरस्कार, और अमेरिका में भी पुरस्कार मिला है.

कमल कुंभर के पति विष्णु कुंभर कहते हैं कि पानी की कमी और बैंक लोने न चुका पाने से आत्महत्या हो रही थी, लेकिन अब महिलाओं के मोर्चा संभालने से ये खत्म हो चुका है और गांव की खुशियां लौट आई हैं. आगे भी ऐसी ही और काम होने की जरुरत है. हालांकि इस साल बारिश अच्छी हो चुकी है, इसलिए और अच्छी फसल की संभावना है.

इस क्रिसमस खुद को बनाएं और भी खूबसूरत

महिलाओं को सजने संवरने और खूबसूरत दिखने का बेहद शौक होता है. अगर कोई खास मौका हो तो इसका महत्व महिलाओं खासकर लड़कियों के लिए तो और भी ज्यादा बढ़ जाता है. और इस समय तो दो-दो मौके आपका इंतजार कर रहे हैं. पहला तो क्रिसमस और उसके कुछ दिन बाद नये साल का सेलिब्रेशन.

किसी भी खास मौके में लिए सुंदर दिखने के लिए केवल चेहरे को सुंदर बनाना ही काफी नहीं होता बल्कि अपने सम्पूर्ण शरीर की खूबसूरती पर काम करने कि भी जरूरत होती है. इन मौके पर अगर आप भी घर पर ही रहकर अपने रूप को निखारना चाहती हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको वो सभी मेकअप टिप्स और आइडियाज देंगे जिसका इस्तेमाल आप घर पर ही करके अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकती हैं.

यहां क्रिसमस जैसे खास मौको के लिए त्वचा और बालों की देखभाल से संबंधित टिप्स की पूरी जानकारी दी जा रही है, जो इस प्रकार है-

सर्द हवाओं से करें त्वचा का बचाव

सर्द हवाएं त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाती है, इसकी वजह से त्वचा सूखी और फटी हुई सी नजर आने लगती है. इसके लिए त्वचा को पर्याप्त नमी देना चाहिए. त्वचा की प्राकृतिक नमी को बरकरार रखने के लिए ज्यादा केमिकलयुक्त उत्पादों के प्रयोग से बचें और त्वचा को बाहर से भी पोषण देते रहें ताकि ठंडी हवाओं के बुरे प्रभाव से त्वचा का बचाव हो सके. अगर त्वचा सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ हो तो उस पर किसी भी तरह का अच्छा मेकअप खूबसूरती को बढ़ाने में भी मदद करती है.

कैसे रखें त्वचा का ख्याल

क्लिंजिंग क्रिम (cleaning cream) के द्वारा अपने चेहरे को साफ करें. इसमें मृत त्वचा निकल जाती है और चेहरे कि रंगत साफ और उजली दिखाई देती है. आप इसे घर में ही कर सकती हैं. दिन में दो बार चेहरे पर फेश वाश करने के बाद क्लिंजिंग क्रिम से अपना त्वचा अच्छी तरह साफ करना चाहिए इसके लिए किसी सौम्य और मौश्चराइजरयुक्त फेस वाश का प्रयोग करना चाहिए.

ध्यान रखें कि आप जब भी अपने चेहरे कि क्लिंजिंग करें तो उसके बाद त्वचा को सुरक्षित और मुलायम बनाए रखने के लिए उसे किसी अच्छे क्रीम आदि के द्वारा नमी जरूर दें. आप अपनी स्किन टाइप के हिसाब से मौश्चराइजर का प्रयोग कर सकती हैं. इससे त्वचा पर बाहरी प्रयोग की वजह से जा चुकी नमी वापस आ जाती है और त्वचा नर्म मुलायम बनी रहती है.

त्वचा के साथ होठों का भी रखें ख्याल

हमारे कोमल होठ भी त्वचा का ही एक हिस्सा है तो इसकी देखभाल में भी कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. क्रसमस पर अच्छी खासी सर्दी होती है, इसीलिए इस मौसम में शुष्क हवाओं से होंठो की नाज़ुक त्वचा को बचाएं. बाहर से आने के बाद चेहरा साफ कर चेहरे के साथ होंठों पर भी मौश्चराइजर का प्रयोग करें. इसके अलावा आप किसी अच्छी कंपनी के लिप बाम का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

अगर आपको होंठों को प्राकृतिक तरीके से खूबसूरत बनाए रखना है तो कोई प्राकृतिक तरीका अपनाना बेहतर होगा. इसके लिए आप रोज रात को सोने के पहले अपनी नाभि में शुद्ध घी लगा सकती हैं इससे होंठ कोमल और गुलाबी होते हैं.

हेयर केयर टिप्स

क्रिसमस के लिए त्वचा की खास देखभाल और स्किन केयर से संबंधी टिप्स तो हम दे चुके हैं, अब बालों को भी तो इस खास मौके पर व्यवस्थित करना जरूरी है. आपके लुक में बालों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, तो ध्यान रखें की आपके बाल हर समय खूबसूरत लगें. अगर आपके बाल स्वस्थ और चमकदार हैं तो इन पर कोई भी हेयर स्टाइल खूबसूरत लगता है.

बालों को खूबसूरत बनाने के लिए उनका जड़ों से मजबूत होना जरूरी है, यह मजबूती तेल की मालिश से आती है. इसके लिए आप जोजोबा औइल, औलिव औइल या नारियल के तेल के साथ एसेंशियल औइल (essential oil) की कुछ बूंदे मिलाकर मसाज कर सकती हैं. क्लिंसर के द्वारा आप अपने सिर की त्वचा और बालों को साफ रखें और कन्डीशनिंग की मदद से इसकी नमी भी बनाए रखें. जिससे आपके बाल सौफ्ट, चमकदार और सुलझे हुए हों.

बालों को डैंड्रफ से दूर रखें

बाल झड़ने का एक मुख्य कारण बालों की रूसी है. बालों की नियमित सफाई न होने की वजह से और ज्यादा तेज केमिकल के प्रयोग से भी सिर की त्वचा रूखी हो जाती है और इसकी वजह से बालों में रूसी या डैंड्रफ होने लगते हैं. बालों से रूसी को दूर करें, इसके लिए कुछ उपाय दिये जा रहे हैं.

  • मेथी के भीगे हुये दानों को पीस लें, इसका पेस्ट बालों की जड़ों पर लगा कर रखें, फिर साफ पानी से बाल धो लें.
  • गुड़हल के पत्तों और फूलों को पीसकर पेस्ट बनाएं और हेयर मास्क की तरह बालों व जड़ों पर लगा लें.
  • एलोवेरा की पत्तियों का जेल निकाल कर बालों की जड़ों से लेकर लंबाई तक लगाने से रूसी खत्म हो जाती है.
  • दही में आधा चम्मच नींबू का रस निचोड़ें और बालों की जड़ों के साथ बालों पर भी लगाएं. यह बालों की क्लिंजिंग करता है और डैंड्रफ भी दूर भगाता है.

क्रिसमस के लिए बेस्ट ब्यूटी टिप्स

त्वचा और बालों के थोड़े से जतन से आप क्रिसमस के खास मौके पर अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकती हैं. इसके साथ आपको अपने मेकअप और ड्रेस पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है.

अपनी त्वचा के रंग और चेहरे के आकार से मिलता जुलता मेक अप करें, साथ ही इस मौके पर किसी अच्छे से गाउन के साथ एक अच्छी सी हेयर स्टाइल भी बना लें. ज्यादातर इन मौको पर अगर आपने गाउन पहन रखा है तो बलों में जुड़ा बनाना ज्यादा बेहतर रहता है.

साल 2017 में हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए ये सितारे

अनुष्‍का और विराट अब शादी के बंधन में बंध चुके हैं. इटली के टस्कनी के आलीशान होटल बोर्गो फिनोशिएटो होटल में दोनों ने शादी की. मौजूदा समय में क्रिकेट और बौलीवुड जगह की यह सबसे चर्चित जोड़ी है. विरुष्‍का की शादी पर हर चीज बेहद खास थी. भले ही इस शादी में मेहमानों की लिस्‍ट लंबी चौड़ी नहीं थी और इसमें दोनों तरफ के बेहद करीबी लोग ही शामिल हुए लेकिन यह पल हर किसी के लिए बेहद खास रहा.

ये जाता हुआ साल हमारे बौलीवुड और टीवी सेलेब्स के लिए बेहद खास रहा है. इस साल हमारे फवेरेट ऐक्टर्स ने अपने जीवन साथी को चुना और उनके साथ शादी के बंधन में बंध गए. किसी को अपने बचपन के दोस्त में साथी नजर आया तो किसी ने अपने को-स्टार से शादी कर उस रिश्ते को नाम दे दिया. इनमें से कुछ ने चोरी-छुप्पे शादी कर हम सब को हैरान कर दिया.

ये हैं टीवी और बौलीवुड के वो सितारे जिन्होंने साल 2017 में शादी कर इस साल को हमेशा के लिए खास बना दिया है.

भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया

हास्य कलाकार भारती सिंह ने 3 दिसंबर को गोवा में हिंदू रीति-रिवाज से अपने पर‍जिनों और करीब‍ दोस्‍तों की मौजूदगी में बौयफ्रेंड हर्ष लिंबाचिया से शादी कर ली. दोनों के वेडिंग रिसेप्‍शन में कई टीवी सितारे पहुंचे.

इशिता दत्‍ता और वत्‍सल सेठ

हाल में फिल्म ‘फिर‍ंगी’ में नजर आईं ऐक्‍ट्रेस इशिता दत्‍ता ने 28 नवंबर को मुंबई के इस्‍कौन मंदिर में अपने बौयफ्रेंड वत्‍सल सेठ से शादी कर ली. पूर्व मिस इंडिया और ऐक्‍ट्रेस तनुश्री दत्‍ता की बहन इशिता की भी शादी में परिवार के लोग और करीबी दोस्‍त ही शामिल हुए.

सागरिका घाटगे और जहीर खान

‘चक दे इंडिया’ और ‘रश’ जैसी फिल्‍मों में नजर आईं ऐक्‍ट्रेस सागरिका घाटगे ने 23 नवंबर को जहीर खान के साथ उनके मुंबई के लोअर परेल स्‍थ‍ित घर पर शादी की. इस शादी में भी दोनों के परिवार और करीबी दोस्‍त ही मौजूद थे. दोनों ने इसे पहले मई में ग्रैंड एंगेजमेंट की थी.

पाओली डैम और अर्जुन देब

‘हेट स्‍टोरी’ फेम ऐक्‍ट्रेस पाओली डैम ने बंगाली रीति-रिवाज से अपने बौयफ्रेंड और बिजनसमैन अर्जुन देब से शादी की. अर्जुन गुवाहाटी में रेस्‍तरां के मालिक हैं. इस शादी में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं.

अमृता पुरी और इमरान सेठी

‘आयशा’ फेम ऐक्‍ट्रेस अमृता पुरी ने 15 नवंबर को बौयफ्रेंड और रेस्‍तरां के मालिक इमरान सेठी के साथ बैंकाक में शादी रचाई. इस शादी में भी सिर्फ करीबी लोग ही शामिल थे.

नागा चैतन्य और समंथा रुथ प्रभु

नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य और एक्ट्रेस सामंथा रूथ 6 अक्टूबर को शादी के बंधन में बंध गए. दोनों की शादी गोवा के होटल ‘W’ में हिंदू रीति-रिवाज से हुई. वहीं, 7 अक्टूबर को ये जोड़ी क्रिश्चियन रीति-रिवाज से शादी की.

आफताब शिवदेसानी और निन दोसांझ

बौलीवुड ऐक्‍टर आफताब श‍विदेसानी और ननि दोसांझ ने अगस्‍त में दूसरी बार श्रीलंका में शादी की. इससे पहले दोनों ने 11 जून 2014 को अपनी शादी रजिस्‍टर कराई थी लेकिन उस वक्त शादी काफी लो-प्रोफाइल रही थी.

कविता कौशिक और रोनित बिस्वास

सेट सब के फेमस सीरियल एफआईआर की चंद्रमुखी चौटाला यानी कि कविता कौशिक ने इसी साल जनवरी में अपने दोस्त रोनित बिस्वास के साथ परिणय सूत्र में बंध गईं. दोनों ने केदारनाथ में शादी रचाई. इन दोनों की शादी ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी.

ऋषिता भट्ट और आनंद तिवारी

ऐक्‍ट्रेस ऋषिता भट्ट ने 4 मार्च को दिल्ली में अपने बौयफ्रेंड आनंद तिवारी से शादी की. आनंद संयुक्त राष्ट्र के साथ एक राजनयिक हैं. यह शादी भी पूरी तरह से एक प्राइवेट इवेंट के रूप में हुई.

नील नितिन मुकेश और रुक्मिणी सहाय

बौलीवुड ऐक्‍टर रुक्मिणी सहाय ने हिंदू रीति-रिवाज से 9 फरवरी को उदयपुर में रुक्मिणी सहाय से शादी की. इस दौरान सगाई, मेहंदी, संगीत और ग्रैंड रिसेप्‍शन का भव्य आयोजन किया गया.

आशका गड़रिया और ब्रेंट ग्लोब

नच बलिए के कंटेस्टेंट आशका और ब्रेंट ने 2 दिसंबर को क्रिस्चियन और 3 दिसंबर को हिंदू रीति रिवाज से शादी की. दोनों लंबे समय से एक दूसरे को डेट कर रहे थे.

मंदाना करीम और गौरव गुप्ता

बिग बौस फेम मंदाना ने इसी साल 25 जनवरी को अपने बौयफ्रेंड गौरव के साथ शादी रचाई. लगभग ढ़ाई साल से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे थे.

पूजा बैनर्जी और संदीप सेजवाल

टीवी ऐक्ट्रेस पूजा ने इसी साल फरवरी में अपने बौयफ्रेंड से शादी कर सभी को हैरान कर दिया था.

स्मृति खन्ना और गौतम गुप्ता

सीरियल ‘मेरी आशिकी तुम से ही’ में साथ काम कर चुके स्मृति और गौतम ने 23 नवंबर को शादी कर एक दूसरे को पति पत्नी के रूप में स्वीकार किया.

डायबिटीज के घरेलू उपचार जो आपको बनाए रखेंगे फिट

वर्तमान जीवन शैली में डायबिटीज बड़ी तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी में रक्त में शर्करा का स्तर उच्च हो जाता है जिसके कारण शरीर की इन्सुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है या शरीर प्रभावी रूप से इन्सुलिन का उपयोग नहीं कर पाता. यह हमारे ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर पर भी बहुत भयानक रूप से प्रभाव डालता है जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक आदि तक का कारण बन जाता है.

आज विश्व की आबादी का अधिकांश हिस्सा डायबिटीज या मधुमेह की बिमारी का शिकार है. इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि हम सब इस गंभीर बिमारी के प्रति बेहद ही लापरवाह रवैया बरत रहे हैं. मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को अपनी दिनचर्या एवं खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. ऐसे में यह तय कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि क्या खाएं और क्या ना खाएं?

डायबिटीज से बचने और उसे सही स्तर पर बनाये रखने के लिए कुछ आसान उपाय घर पर किये जा सकते हैं जो इस प्रकार है-

उचित डाईट लें

डायबिटीज के मरीजों को रोजाना कितनी कैलोरी ले रहे हैं इस बात का आवश्यक रूप से ध्यान रखना आवश्यक है. अगर आप भी डायबीटिज की बिमारी से जूझ रही हैं तो वजन बढाने वाले भोजन का प्रयोग बिल्कुल न करें. डायबिटीज में डाइट प्लान अपनाना एक अच्छा उपाय है, आप जो भी खाती हैं उसे छोटे छोटे हिस्सों में खाएं, इससे अनावश्यक फैट बढ़ने का खतरा कम रहता है.

व्यायाम है जरूरी

मधुमेह का इलाज करने के साथ आवश्यक रूप से एक्सरसाइज करना भी बहुत जरूरी है जो आपके वजन पर नियंत्रण करने का काम करता है और सारा दिन आपको ऊर्जावान रखता है. सुबह के समय दौड़ना या तेज चलना सबसे अच्छी एक्सरसाइज हो सकती है.

मधुमेह के घरेलू इलाज

शहद

डायबिटीज में मीठा खाने से परहेज करना होता है ऐसे में आप मीठे के विकल्प के रूप में शहद का प्रयोग कर सकती हैं. डायबिटीज के रोगियों के लिए शहद एक वरदान है जो आपके मीठे की कमी को पूरा करता है. इसलिए कृत्रिम चीनी या ऐसे ही मीठे के अप्राकृतिक विकल्प जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, उनकी जगह शहद का प्रयोग करें.

नीम की पत्तियां

नीम की पत्तियों का सेवन कर आप शरीर में मौजूद बैक्टीरिया का नाश कर सकते हैं. यह आपको रोगों से लड़ने की मजबूती भी प्रदान करने के साथ ही साथ रक्त को शुद्ध करने का काम भी करता है. त्वचा पर होने वाले विकारों से मुक्ति पाने का भी यह एक आसान और घरेलू उपाय है. डायबिटीज के लिए नीम बहुत ही अधिक फायदेमंद उपाय है. इसकी ताजा पत्तियों चबा कर खाना बेहतर होता है.

साबुत अनाज

इस समय आपको फाइबर की जरूरत होती है. इसकी पूर्ति के लिए साबुत अनाजों का सेवन करना चाहिए. गेंहू के आटे को चोकर सहित प्रयोग में लाना और बार्ली आदि का सेवन मधुमेह में लाभदायक होता है.

डायबिटीज के रोगियों को कई प्रकार की चीजें खाना मना होता है इसीलिए यहां कुछ उपाय बताये जा रहे हैं जिनकी मदद से आप कुछ आसान रेसिपी बना सकते हैं और इसका सेवन कर मधुमेह में की समस्या में राहत पा सकती हैं.

जिंजर चिकन

उबला हुआ या बायल्ड चिकन प्रोटीन से भरपूर होता है. इसमें अदरक मिलाकर बेहतरीन खुशबू के साथ एक बढ़िया व्यंजन बनाया जा सकता है. इसमें कुछ और मसाले मिला कर आप इसे दिन के खाने के साथ ले सकती हैं.

वेजिटेबल सूप

अगर आप रोज रोज उबली सब्जियां खाकर परेशान हो गई हैं तो इसकी जगह आप सब्जियों से बने सूप का प्रयोग करें. सब्जियों से बना सेहतमंद सूप शाम की हलकी भूख को मिटाने के लिए सर्वोत्तम होता है.

यो यो हनी सिंह की होने वाली है धमाकेदार वापसी

कई महीनों से बौलीवुड इंडस्ट्री से गायब रहने के बाद जब मशहूर रैप सिंगर यो यो हनी सिंह लौटे तो उन्होंने सारी अफवाहों को खारिज करते हुए इंडस्ट्री से अचानक से गायब हो जाने का कारण बाय पोलर डिसआर्डर बताया था. उन्होंने कहा था कि अब वह ठिक हैं और कुछ समय बाद वह अपने उसी अंदाज में वापस लौटेंगे. तो लगता है कि अब वो वक्त जल्द ही आने वाला है, जब आपको एक बार फिर हनी सिंह के रैप सांग सुनने को मिलेंगे.

जी हां, ‘हाई हील्स’, ‘लुंगी डांस’, ‘डोप शोप’, ‘देसी कलाकार’, ‘अंग्रेजी बीट’ जैसे गानों से हर किसी के दिलों पर राज करने वाले हनी सिंह एक बार फिर से अपने धमाकेदार गानों से वापसी करने की तैयारी में हैं.

रैपर हनी सिंह ने अपना नया गाना जल्द ही रिलीज किये जाने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने वादा किया है कि उनका अगला गाना परमाणु जितना ही धमाकेदार होगा. उन्होंने इसका ऐलान फेसबुक पर किया है, उनका मानना है कि इस गाने के रिलीज हो जाने के बाद लोग उन्हें पहले से ज्यादा प्यार देंगे और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ेगी.

हनी सिंह ने हाल ही में फेसबुक पर अपने दोस्त जेजी बी का एक संगीत वीडियो साझा किया था, जिसमे हनी ने बताया कि वह जल्द ही अपना नया ट्रैक लेकर आ रहे हैं.

आपको बता दें कि हनी सिंह ने 2011 में ‘इंटरनेशनल विलेजर’ नाम के एलबम से शुरुआत की थी. मजेदार पार्टी गीत ‘हाई हील्स’, ‘लुंगी डांस’, ‘डोप शोप’, ‘देसी कलाकार’, ‘अंग्रेजी बीट’ जैसे गानों से हर किसी के दिलों पर राज करने वाले हनी सिंह अचानक से बौलीवुड इंडस्ट्री से गायब हो गये थे.

हनी सिंह ने कहा कि अधिक शराब पीने की वजह से वे बाय पोलर डिसआर्डर के शिकार हो गए थे. जिसकी वजह से उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. उन्हें लोगों से डर लगने लगा था. वह इस तरह की बीमारी के बारे में नहीं जानते थे.

उनका कहना है कि जो आदमी 30 हजार की भीड़ में गाने गाता था, वो तीन-चार लोगों से मिलने में घबराने लगा था. उन्हें परिवार वालों से भी डर लगता था. इस पूरे हालात से उबरने में उन्हें 18 महीने का वक्त लग गया. खैर यो यो हनी सिंह अब वापसी की राह पर हैं और वे अपनी इस वापसी को लेकर काफी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं.

सूदखोरों के मकड़जाल में न फंसें, जीना हो जाएगा बेहाल

संस्कारधानी के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके के प्रमुख शहर जबलपुर में मिठाइयों की एक पुरानी और मशहूर दुकान चंद्रकला स्वीट्स है. सालों पहले चंद्रकला स्वीट्स एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी पर धीरेधीरे यह बड़ी और आधुनिक हो गई. पिछले 10 वर्षों से इस दुकान का संचालन कपिल गोकलानी कर रहे हैं जिन्हें जमाजमाया पुश्तैनी व्यवसाय मिला था.

शुरुआत में तो कपिल अपने पिता की तरह सफलतापूर्वक दुकान संभालते रहे पर साल 2013 में उन्हें कारोबार बढ़ाने के लिए कुछ रुपयों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने बजाय बैंकों से कर्ज लेने के सरल रास्ता यानी शौर्टकट चुना और परिचित कारोबारियों से ब्याज पर पैसा ले लिया. किसी भी शहर में कारोबारियों के बीच ब्याज पर लाखों का लेनदेन कतई हैरत की बात नहीं है. चंद्रकला स्वीट्स की साख और कारोबार देखते हुए कपिल के कारोबारी दोस्तों ने उसे जरूरत के मुताबिक पैसा दे दिया.

कपिल को सपने में भी अंदाजा नहीं था कि शहर के जिन करोड़पति दोस्तों को वह अपना हमदर्द समझ रहा है वे उस के कारोबार को ब्याज की शक्ल में दीमक बन कर चाट जाएंगे. जब पानी सिर से गुजरने लगा और कंगाली की नौबत आने लगी तो 8 अक्तूबर को कपिल ने हिम्मत जुटा कर जबलपुर के ओमती थाने में सूदखोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई.

अपनी रिपोर्ट में कपिल ने लिखा कि मिक्की इलैक्ट्रौनिक्स के संचालक दीपक भाटिया के अलावा दूसरे नामी बिल्डर्स और कारोबारी संजय खत्री, इंद्रजीत सिंह कोहली, पराग ग्रोवर, सनी जग्गी और जेके जग्गी जबरन उसे धमका रहे हैं. कोरे स्टांप पेपरों पर उस से सिर्फ दस्तखत ही नहीं बल्कि उन्होंने कई कोरे चैक भी दस्तखत करवा कर अपने पास रख लिए थे. ये कथित आरोपी लगातार उसे धमकी दे रहे थे कि अगर वक्त पर ब्याज नहीं दिया तो वे लोग उस के पिता की जायदाद अपने नाम करा लेंगे.

जानकर हैरानी होती है कि 4 साल पहले लिए 50-60 लाख रुपयों के कर्ज पर ये सूदखोर कपिल से कोई 2 करोड़ रुपए ब्याज के एवज में वसूल चुके थे और इतना ही नहीं उन्होंने जबलपुर के अलगअलग इलाकों में स्थित कपिल के नाम की 4 दुकानें और आदर्श नगर स्थित एक मकान अपने नाम करवा लिया था.

ब्याज पर उधार लेने के बाद कुछ महीने तो कपिल ईमानदारी से किस्तें चुकाता रहा पर इस के बाद उसे समझ आया कि जल्दबाजी में उस ने बहुत महंगे ब्याज पर कर्ज ले लिया है. जितना यानी 8-10 लाख रुपए के करीब महीने में वह मिठाई की दुकान से कमाता है वह सब इन सूदखोरों की तिजोरियों में चला जाता है. इस पर भी मूल रकम ज्यों की त्यों बनी हुई थी, लेकिन कोरे चैक और स्टांप पर दस्तखत कर वह कानूनीतौर पर फंस चुका था. इन सूदखोरों के चंगुल में नैतिक रूप से तो वह उसी दिन फंस चुका था जिस दिन उस ने कारोबार बढ़ाने के लालच में बगैर सोचेसमझे लाखों रुपए ब्याज पर ले लिए थे.

कपिल के मुताबिक जब आरोपियों को लगने लगा कि ब्याज चुकाना भी उसे मुश्किल पड़ रहा है तो उन्होंने उसे पैसा कमाने का आसान रास्ता क्रिकेट पर सट्टा लगाने का सुझाव दिया. ब्याज के दलदल में धंसे और एक झटके में बहुत सा पैसा कमाने के लालच में आए कपिल को लगा कि अगर एक दांव भी सटीक बैठ गया तो एक बार में ही न केवल ब्याज चुकता हो जाएगा बल्कि मूल भी अदा हो जाएगा.

महंगा पड़ा लालच

यह लालच भी कपिल को महंगा पड़ा. सट्टे के लालच में इन्हीं सूदखोरों से उस ने जो 50 लाख रुपए लिए थे वे एक झटके में डूब गए. यह रकम तो और भी महंगे ब्याज पर दी गई थी.

अब कपिल पूरी तरह सूदखोरों के चंगुल में फंस चुका था. वे उसे जायदाद हड़पने के साथसाथ जान से मरवा देने की धमकी भी दे रहे थे. कपिल इन रसूखदार कारोबारियों की पहुंच और इन के कानून से भी लंबे हाथों से वाकिफ था इसलिए जितना बन पड़ा ब्याज देता रहा.

जब अति हो गई तो हिम्मत जुटाते वह रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा. कपिल को फंसाने के लिए इन्हीं हमदर्दों ने कुछ दिन पहले ही ओमती थाने में उस के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी थी जिस से वह और दबा रहे. हालांकि उस की शिकायत पर 2 आरोपी गिरफ्तार तो हुए, लेकिन जल्द ही कपिल की सांसे यह देख कर फूलने लगीं कि ये सूदखोर खुली हवा में घूम रहे हैं.

गिरफ्तारी के डर से बाकी आरोपी फरार हो गए थे लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को यह कहते छोड़ दिया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक ऐसे मामलों में किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे नोटिस दे कर कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा जाता है. इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का ही पालन किया गया है.

अब प्रियअप्रिय कुछ भी हो लेकिन इस हाइप्रोफाइल मामले ने सूदखोरों की देशभर में जमीन में गहरे तक धंसी जड़ें दिखा दी हैं कि वे आज भी हैं. बस, सूदखोरों की पोशाक, हुलिया और लेनदेन का तरीका बदल गया है. जो रकम देना जानता है वह उसे वसूलने की कूवत भी रखता है. रही बात कानून की तो देश में ऐसा कोई कानून कभी नहीं बन पाया जो कैक्टस की तरह उगे सूदखोरों पर कोई अंकुश लगा पाए यानी जबतक कपिल गोकलानी जैसे जरूरतमंद और लालची लोग हैं तब तक ये सूदखोर भी वजूद में रहेंगे और ऐसी कई वजहें हैं जिन के चलते इन का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता.

यत्रतत्र सर्वत्र और वीभत्स

होशंगाबाद जिले का एक छोटा सा कस्बा है सोहागपुर जहां आएदिन कोई न कोई किसान, व्यापारी या छोटामोटा नौकरीपेशा आदमी खुदकुशी कर लेता है. आदिवासी बाहुल्य इस इलाके में सूदखोरों की तादाद सैकड़ों में है. ये सूदखोर चलअचल संपत्ति और मकान व जमीनजायदाद वगैरह गिरवी रख कर महंगे ब्याज पर जरूरतमंदों को पैसा देते हैं. इस कसबे में कई लोग कंगाली की कगार पर हैं. यहां के एक युवा समाजसेवी रतन उमरे की मानें तो सूदखोरी का लाइसैंस मध्य प्रदेश साहूकारी अधिनियम की धारा 1954 के तहत आसानी से मिल जाता है.

लेकिन गैर लाइसैंसधारी सूदखोरों की तादाद कहीं ज्यादा है. रतन बताते हैं कि हालांकि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने लाइसैंस और कितने गैरलाइसैंसधारी सूदखोर हैं, क्योंकि इन की जांच कभी नहीं होती. रतन के मुताबिक सूदखोरी कइयों की रोजीरोटी का जरिया बन चुकी है. अगर वक्त पर ब्याज न मिले तो ये लोग गरीबों का रहना मुश्किल कर देते हैं. इस पर भी दिक्कत यह है कि इन के संबंध राजनेताओं और अफसरों से होते हैं, क्योंकि चुनाव के वक्त ये भारीभरकम चंदा राजनीतिक पार्टियों को देते हैं और अपने कर्जदारों पर मनचाही पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने के लिए दबाव भी बनाते हैं.

पैसों की जरूरत हर किसी को पड़ती है. बीमारी में, पढ़ाई के लिए, शादीब्याह के लिए या फिर फसल के लिए. पर बड़ी दिक्कत अब यह दिखने लगी है कि लोग जुए, सट्टे, नशे व अय्याशी के लिए ब्याज पर कर्ज लेने लगे हैं.

लोग इन के जाल में फंसे रहे इस बाबत अब सूदखोर नएनए प्रपंच रचने लगे हैं. ओडिसा, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के कोलमाइंस वाले इलाकों के मजदूरों और छोटे कर्मचारियों को जुए व शराब की लत लगाने में ये सूदखोर पीछे नहीं रहते.

इन से एक बार जिस ने पैसा ले लिया फिर वह कभी बगैर बिके या मरे इन के शिकंजे से नहीं निकल पाता. कई दफा तो मरने के बाद दूसरी पीढ़ी इन का कर्ज चुकाती रहती है. ‘मदर इंडिया’ फिल्म के एक किरदार सूदखोर लाला जिसे चरित्र अभिनेता कन्हैयालाल ने जीवंत किया था, को आज भी शिद्दत से याद किया जाता है. वजह, कई सुक्खी लाला आज भी मौजूद हैं.

सूदखोरों की कोई तयशुदा ब्याज दरें नहीं होतीं, बल्कि ये लेने वाले की जरूरत पर निर्भर करती है. आमतौर पर इन की ब्याज दर 10 से ले कर हैरतअंगेज तरीके से 40 फीसदी तक होती है वह भी वार्षिक नहीं बल्कि मासिक यानी अगर कोई जरूरतमंद किसी सूदखोर से 1 लाख रुपए लेता है तो लिखित या मौखिक करार के मुताबिक वह हर महीना 8 हजार से ले कर 40 हजार रुपए तक ब्याज देता है.

न देने पर दबंग सूदखोर कर्जदार की जमीनजायदाद हड़प लेते हैं. महिलाओं के गहने पोटली में बांध कर भर ले जाते हैं. और तो और बरतन तक भी नहीं छोड़ते. इन कामों के लिए खुद सीधे झगड़े में पड़ने के बजाय सूदखोर अब पगार पर गुंडे पालने लगे हैं. कपिल गोकलानी से तो ये ब्याज में मिठाई तक ले रहे थे. विलाशक अपना दिया पैसा वसूलना हर किसी का हक है पर अफसोस की बात अनापशनाप ब्याज की चट्टान है जिस के नीचे दब कर कोई बाहर नहीं आ पाता.

कुछ नहीं बिगड़ता इन का

शहरी इलाकों के सूदखोर कर्जदारों के एटीएम कोरी दस्तखत की हुई चैकबुक और जमीनजायदाद के असल कागज भी रख लेते हैं जिस से लेने वाला फंसा रहे. बड़ी रकम की ये लोग स्टांप पेपर लिखापढ़ी करवा लेते हैं यानी बचने का कोई मौका नहीं देते. अब से कुछ महीने पहले जबलपुर के ही जगदीश चौधरी नाम के शख्स की हत्या का शक सूदखोरों पर गया था, लेकिन इस से सूदखोर खत्म नहीं हो गए और न ही सूदखोरी खत्म हो गई, उलटे उन की दहशत और बढ़ गई.

मध्य प्रदेश में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूदखोरी कानून में बदलाव की बात कही थी, पर आज तक पुराना कानून चला आ रहा है जिस में सूदखोरों को अनापशनाप छूट मिली हुई है. साल 2014 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मौजूदा कानून को बदलने की बात कही थी पर वहां भी कुछ नहीं बदला.

बीती 24 अक्तूबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी को भी ऐसी घोषणा करना पड़ी थी कि कलैक्टर और पुलिस कमिश्नरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सूदखोरों के खिलाफ कार्यवाही करें.

पर बचना तो खुद पड़ेगा

जो सूदखोर सरकार चलाते हों और खुद के बचाव के लिए किसी न किसी राजनीतिक दल के कुछ न कुछ होते हों, उन्हें कोई रोक पाएगा ऐसा सोचने की कोई वजह नहीं. जरूरत तो इस बात की है कि लोग खुद इन से बच कर रहें.

सूदखोरी बैंकिंग व्यवस्था और कार्यप्रणाली को ठेंगा दिखाता उस से भी बड़ा सिस्टम है जिसे पुलिसिया प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ रहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली भले ही फ्लौप नोटबंदी और भस्मासुर बनती जीएसटी को आर्थिक क्रांति बताते गाल बजाते रहें पर हकीकत में ऐसे फैसलों का सूदखोरों पर कोई फर्क नहीं पड़ता जो आम लोगों की गाढ़ी कमाई को मुफ्त के भाव चाट रहे हैं.

जरूरत और उम्मीद कभी दिल्ली से इस आवाज के आने की है कि आज रात 12 बजे से सूदखोर और सूदखोरी खत्म, क्योंकि इन की वजह से हर साल लाखों लोग खासतौर से किसान बेमौत मरते हैं और करोड़ों लोगों को सुरसा के मुंह जैसा ब्याज चुकाना पड़ रहा है.

पर चूंकि ऐसा कुछ होगा नहीं इसलिए सूदखोरों के मकड़जाल से बचने का इकलौता रास्ता यही है कि इन से पैसा लिया ही न जाए. फिर भले ही कोई अस्पताल या घर में दम तोड़ दे, बेटी का विवाह न हो पाए या फिर बेटे की पढ़ाई के लिए फीस का इंतजाम न हो.

वह पैसा जिसे ले कर चुकाना जीतेजी मुमकिन न हो उसे न लेना ही बेहतर है. निश्चित रूप से यह सूदखोरी के सामने हथियार डालने जैसी बात है, क्योंकि कोई बैंक या सरकार आधी रात को सेलाइन की बोतल और अस्पताल की फीस के लिए कर्ज नहीं देते. मुसीबत के वक्त अपने सगे फोन उठाना बंद कर देते हैं और यारदोस्त कन्नी काटने लगते हैं.

इतना जरूर हर कोई कर सकता है कि जरूरत के वक्त के लिए बचत करे, लालच और शौर्टकट के पैसे से दूर रहे और जरूरत बड़ी हो तो बेहतर है कि बजाय सूदखोरों से कर्ज लेने के औनेपौने में गहने या जायदाद बेच दी जाए.

कपिल गोकलानी जैसा करोड़पति कारोबारी इसी गैरजरूरी जरूरत और लालच के चलते सूदखोरों के हत्थे चढ़ कर कंगाली की कगार पर खड़ा है उस से सबक तो सीखा ही जा सकता है.

ऐसे बचें

  • सूदखोरों से ब्याज के बाबत स्पष्ट बात करें. ये लोग बात तो 10 फीसदी सालाना की करते हैं पर लिखापढ़ी वार्षिक के बजाय मासिक की करते हैं.
  • पहले से टाइप की हुई लिखापढ़ी बगैर पढ़े और बिना सोचेसमझें दस्तखत न करें, यह कोई बैंक का छपा हुआ फार्म नहीं होता.
  • कभी भी कोरे कागज या स्टांप पेपर पर दस्तखत न करें.
  • नशा, जुआ, सट्टा और वेश्यावृत्ति से खुद को बचाएं.
  • कोरे दस्तखत किए गए चैक तो हरगिज न दें. वजह, आजकल चैक बाउंस होने का कानून काफी सख्त हो गया है और बैंक को किसी ग्राहक की मजबूरी से कोई मतलब नहीं होता.
  • गवाह अपने रखने की कोशिश करें.
  • जमीन जायदाद या जेवरात गिरवी रखें तो उन का अनुमानित वर्तमान बाजार मूल्य जरूर दर्ज कराएं.
  • अदा किए गए प्रत्येक भुगतान की रसीद अवश्य लें और ब्याज का भुगतान अकाउंट पेयी चैक से करें जिस से सनद रहे.
  • अगर सूदखोर नाजायज ब्याज के लिए खुद या गुर्गों के जरिए डराए या धमकाए तो पुलिस के पास जाने में देर न करें. वक्त पर यानी पहली दफा ही यह ऐक्शन न लेने पर वह आप पर हावी होता चला जाता है.
  • अपना एटीएम व उस का पासवर्ड किसी सूदखोर को कतई न दें और याद रखें कि ली गई रकम पर आप ब्याज देते हैं, उस लिहाज से सूदखोर आप पर कोई एहसान नहीं करता है. इसलिए उस से डरें नहीं न ही किसी किस्म का लिहाज करें.
  • अगर सूदखोर जमीनजायदाद की नीलामी की धौंस दे तो भी न डरें. इस की शिकायत भी पुलिस और दूसरे अधिकारियों से करें.
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