‘स्टूडेंट.. 2’ से बॉलीवुड में एंट्री करेंगी ये स्टार किड

करण जौहर जल्‍द ही अपनी फिल्‍म ‘स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर’ का सीक्वल लेकर आ रहे हैं. जब से इस फिल्‍म के सीक्वल की बात सामने आई है, इसकी एक्‍ट्रेस को लेकर कई अनुमान लगाए जा चुके हैं.

अब तक ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ के सीक्वल के लिए सारा अली खान, जाह्नवी कपूर जैसे बॉलीवुड के कई नई चेहरों के नाम सामने आ रहे थे, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो अब इसके लिए एक नया नाम चुन लिया गया है. खबर है कि चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे को ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ के लिए फाइनल किया गया है.

गौरतलब है कि इस फिल्म के लिए जिन्हें अब तक फाइनल किया गया था वह हैं टाइगर श्रॉफ. ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ की तरह इस फिल्म में एक एक्ट्रेस और दो ऐक्टर नहीं, बल्कि एक ऐक्टर और दो एक्ट्रेस होंगी. कहा जा रहा है कि इसमें टाइगर की एक एक्ट्रेस चंकी पांडे की बेटी अनन्या होंगी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रैजुएशन खत्म करते ही अनन्या ने अपने एक्टिंग डेब्यू की तैयारी शुरू कर दी. वह इसके लिए ऐक्शन और डांस क्लास ले रही हैं. इसके अलावा बॉलीवुड सिलेब्रिटी फिटनेस ट्रेनर यास्मिन कराचीवाला से भी ट्रेनिंग ले रही हैं.

 

 

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मंदाना करीमी ने पति के खिलाफ दायर किया घरेलू हिंसा का केस

इरानियन मॉडल और अभिनेत्री मंदाना करीमी की पहचान ‘बिग बॉस’ से बनी थी. उसके बाद उन्होंने 25 जनवरी 2017 को उद्योगपति गौरव गुप्ता के साथ शादी रचा ली थी. मगर पांच माह के अंदर ही उनकी यह शादी टूटने के कगार पर पहुंच गयी है.

यूं तो मंदाना करीमी और गौरव गुप्ता की यह शादी तीन माह भी नहीं चली. मंदाना करीमी के दावे पर यकीन किया जाए, तो उनके पति ने उन्हें लगभग दो माह पहले ही घर से बाहर कर दिया था.

इसी के चलते मंदाना करीमी ने मुंबई की अंधेरी कोर्ट में अपने पति गौरव गुप्ता व अपनी सास के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दायर करते हुए गौरव गुप्ता से हर माह दस लाख रूपए रोजमर्रा की जरुरत के खर्च के लिए तथा मानसिक यंत्रणा व करियर को खत्म करने के एवज में दो करोड़ रूपए की अलग से मांग की है.

मंदाना करीमी ने अपनी याचिका में लिखा है कि गौरव गुप्ता ने शादी से पहले उन्हें हिंदू धर्म को स्वीकार करने तथा अभिनय करियर से दूरी बनाने के लिए कहा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर गौरव गुप्ता से शादी की थी. लेकिन उन्हें प्रताड़ित किया जाना शुरू हो गया और सात सप्ताह पहले उन्हें घर के अंदर नहीं घुसने दिया गया.

मंदाना करीमी का आरोप है कि उन्होंने अपनी शादी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए, पर सब विफल हो गए.

चटनी की चटपटी चर्चा

मिस चटनी के तेवर बदल रहे हैं. पहले तो हरीमिर्च, धनिया, पुदीना, कच्चा आम या कच्ची इमली, काला या सेंधा नमक, गुड़, हींग या लहसुन के साथ सिलबट्टे पर पिस कर चुनार या खुर्जा पौटरी के बरतन में बैठ जाती थीं और वहां से फूल की थाली में केले के पत्ते पर. ताजी पिसीं और ताजी खाई गईं. अब बासी चटनी में वह बात कहां?

पकी इमली के गूदे, गुड़, कालानमक और लालमिर्च, भुने जीरे, बारीक कटे छुहारोंखजूरों के साथ भी पकींघुटीं. अनार के दाने, अंगूर और केले के कतले भी मिलाए. कभी समोसे का कोना तो कभी पकौड़ी का सिरा चूमा या फिर आलू की टिक्की, दहीबड़े पर लाड़ से पसरीं और खाने वाले को चटखारे दिलवाए. कभी गोलगप्पे के निढाल पानी में तीखामीठा हौसला भरा, तो कभी भेलपूरी को चटपटा बनाया.

पुरानी दिल्ली में दरीबे के साबुत मेथीदाने, मोटी सौंफ, जीरा, गुड़, कमरख, कचरी, साबुत सूखी लालमिर्च, सूखे कच्चे आम, पिसी हलदी, धनिया, नमक का मिश्रण बन रात भर पानी में भीगीं. सुबह हलवाइयों ने धीमी आंच पर खूब पका कर खस्ता कचौरी के साथ क्या परोसा कि खाने वाले पत्तल तक चाट गए.

दक्षिणी भारत पहुंचीं तो नारियल, कच्ची अदरक, मूंग/चने या उरद की भुनी दाल, भुनी मूंगफली, भुने तिल, करीपत्ते, हरीमिर्च, दही/नीबू के साथ पिस कर गोरीचिट्टी बन गईं या रोस्टेड टमाटर, प्याज, सूखी लालमिर्च के साथ लाल हो लीं. फिर हींग, राई के छौंक से नजर उतरवाई. अदरक, तिल और रसीले टमाटरों की हौट हैदराबादी चटनी बन कर कलौंजी का छौंक लगवाया.

कोंकणा महाराष्ट्र में हरीमिर्च, प्याज, लहसुन के साथ थेचा बनीं. करेले तक से रिश्ता जोड़ा. सूखे नारियल, मेथीदाने, लहसुन, लालमिर्च, कोकम के साथ ड्राई कोकोनट चटनी बनीं. कच्छ के रण में कभी गाजर, पत्तागोभी और कसी हुई कच्ची आम्बा हलदी के साथ दहीकुचुंबर हुईं तो कभी अधपके कसे आम के साथ मीठा छुंदा. बेसन और खट्टी दही दोनों को कढ़ी बनने देने से पहले ले उड़ीं और गुजराती फाफड़ा चटनी बन गईं.

जहां एक तरफ बंगाल के जादू ने सिर पर सवार हो कर सरसों के तेल में पंचफोड़न के साथ अनन्नास, आमपापड़, किशमिश, कच्चे पपीते का अनारोशेर बना दिया वहीं असम, मिजोरम में उबले आलू, सूखी मछली, टमाटर संग जूकान माछोर चटनी बन लोगों को चटपटा जायका चखाया. इंजली और पान चटनी भी बन कर देखा. उत्तराखंड में जाड़ों के साने हुए नीबू की नकल की और दही के साथ कुचली मूली, नीबू, दाडि़म, तिल और भांग के भुने बीजों को भी चुपके से कूट लिया.

राजस्थान में लहसुनी चटनी बनीं और झरबेरी के साथ खूब घुटीं. रजवाड़ों की मेवों पगी नवरत्न चटनी बन कर राजसी भोज में शामिल हुईं.

हरियाणवियों ने उन्हें हरे चने, हरी मटर, पके अमरूद या आंवले की चटनी बनाया, तो हिमाचल वालों ने बेसन, पालक संग पथेड़ू चटनी. अमृतसर में कूंडीसोटे में दरड़ी, प्याज, पुदीने, मिर्च, अनारदाने, नमक के साथ कुटींघुटीं. कश्मीर पहुंचीं तो खुबानीआलूबुखारे या शफतालू की कश्मीरी चटनी बनीं.

फिर चलीं विदेश स्वादवर्धक और पाचक अपने विशाल परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने और नए फूड ट्रैंड्ज जानने के लिए मिस चटनी विदेश चलीं. अंडे की जर्दी, लहसुन पेस्ट, नीबू रस, औलिव औयल, मस्टर्ड पाउडर, नमक और लालमिर्च की फ्रैंच मेयोनीज सौस भारत में फूड क्राफ्ट इंस्टिट्यूट्स एक जमाने से बेसिक रशियन सलाद के साथ सर्व करवाते रहे हैं.

स्पेन में मिली क्रीम कलर की एयोली यानी मेयोनीज की पूर्वज यानी निरे औलिव औयल और दानेदार नमक के साथ अच्छी तरह घोटे हुए पिसे लहसुन की सौस. मेयोनीज को ब्लैंडर/प्रोसैसर में फेंट भी लो पर एयोली तो खरल में मूसल से ही घुटे.

इटली में पेस्टो से मुलाकात हुई. पेस्टो यानी पेस्ट यानी नर्म बेसिल की पत्तियों, घिसी लहसुन, चिलगोजों, औलिव औयल, भुरभुरी पारमेजन चीज, नमक और काली या सफेदमिर्च के साथ पिसी चटनी. चाहा तो नीबू का रस मिलाया और चिलगोजों के अलावा अखरोट या हरे पिस्ते भी साथ पीसे, ऊपर एक झीनी परत औलिव औयल की ओढ़ ली तो हवा से रंग बदलने का डर भी नहीं. 1-2 दिन फ्रिज में भी रह लीं. भारत में बेसिल की ताजा पत्तियां और पारमेजन चीज खोजनी पड़ेगी. ये सब चीजें न मिलीं तो हरीमिर्च, धनिए, पुदीने, करीपत्ते, हरी प्याजलहसुन की नरम पत्तियों, छिले बादाम के साथ पिस कर पेस्टो का नया अवतार लेंगी.

ग्रीस में त्जात्जीकी बनीं. खीरे को छील कर बीज निकाले और घिस कर पानी निचोड़ लिया. योगर्ट में खीरा, दानेदार नमक, पिसी काली/सफेद मिर्च, पिसे लहसुन, लैमन जेस्ट, नीबू रस और बारीक कटी ताजा हरी सोया की पत्तियों के साथ मिल कर कूलकूल हो गईं.

इन के परिवार का एक सदस्य बाबा गनूश बैंगन के बिहारी चोखे का मिडलईस्टर्न बिरादर निकला. चोखा क्या, घिसे लहसुन, नीबू रस, भुनेकुटे तिल, जीरे और औलिव औयल मिली और भुने चिलगोजों, कटी पार्सले, कटे औलिव से सजी भुने बैंगन के गूदे की चटनी. मिडलईस्ट में ही हुमुस दिखा यानी उबलेमसले काबुली चनों की चटनी. बारीकी सूझी तो छिलका उतार कर मसला. नीबू रस, घिसे लहसुन, औलिव औयल, नमक, पिसी लालमिर्च के साथ स्वादानुसार चटपटा किया. औलिव औयल की बूंदों पर कुछ उबले काबुली चने, चिलगोजे सजा कर चिप्स, क्रैकर्ज के साथ परोसा.

इन का मैक्सिकन रिश्तेदार गुआकामोले  जरा अलग था. नाशपाती की शक्ल के हरे/काले रंग के मोटे छिलके वाले ऐवोकाडो के अंदर का गूदा जैसे मक्खन, जिस में हरीमिर्च, धनिया, प्याज, लहसुन खूब बारीक काट कर नमक, कालीमिर्च व नीबू रस के साथ मिला कर चिप्स, क्रैकर्ज के साथ जल्दी खाने वाला वरना इन के काले होने का डर रहता है.

स्वदेश लौट कर मिस चटनी पुरानी कुटनी ढूंढ़ निकलवाएंगी और अब उन्हीं में कुटपिस कर लोट लगाएंगी. कई नए स्वरूप सोच कर स्वादवर्धक और पाचक मिस चटनी स्वदेश लौटी आईं. ताजा तोरी, हरे टमाटर को बेस बना कर देखेंगी. अनारदाने की चटनी में नीबू और नारंगी का जेस्ट मिलाएंगी. बारीक हरे सोए को पहचान दिलवाएंगी. चटनी के अलावा कभीकभी डिप भी कहलाना चाहेंगी.

इस बार जाड़ों में हरी मेथी, हरी मटर, हरे छोलिए, हरी प्याज, हरी लहसुन, हरे धनिएपुदीने के बिलकुल नरम पत्तों और हरीमिर्च के साथ सिर्फ नमक व नीबू के रस में पिस कर सिंधी पराठों या शामी कबाब की सोहबत करेंगी. बारीकी से उकता चली हैं. ‘पेजेंट फूड’ यानी ग्रामीण खानपान के मुताबिक थोड़ा रफ लुक अपनाना चाहती हैं जैसे साल्सा, रैलिश. सिलबट्टे पर पिसने का मजा ही अलग है.

-इंदिरा मित्तल

मनाली : पहाड़ों की तराई में बिखरा सौंदर्य

पहाडि़यों की तराई में बसा हुआ खूबसूरत शहर है मनाली. चारों ओर ऊंचीऊंची पहाडि़यों और बीच में बहते झरनों की सायंसायं की आवाजें बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेती हैं. हरियाली देख कर पर्यटकों की थकान छूमंतर हो जाती है. सीजन में पड़ने वाली बर्फ का नजारा भी अद्भुत है. समुद्रतल से 2,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मनाली व्यास नदी के किनारे बसा है. व्यास नदी में ऐंडवैंचर के शौकीन लोग राफ्टिंग का मजा ले कर अपनी ट्रिप को यादगार बनाते हैं. अगर आप भी वहां ऐसा ही मजा लेना चाहते हैं तो मनाली जरूर जाएं.

यहां ठहरने के लिए होटल, रिजौर्ट्स, लौज काफी संख्या में हैं. ठहरने की इन व्यवस्थाओं में एक है हाइलैंड पार्क रिजौर्ट जो बहुत ही आनंददायक व खूबसूरत है. मनाली के हाईलैंड पार्क रिजौर्ट में रुक कर आप का मन प्रफुल्लित हो जाएगा क्योंकि इस रिजौर्ट से ही आप को चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़, उन से बहते झरने दिखाई देते हैं. साथ ही, सेबों के बागान देख कर आप खुद को काफी फ्रैश फील करेंगे. आप को रहने, खानेपीने, रिलैक्स करने, घूमने जाने के लिए गाड़ी जैसी सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं.

इस संबंध में रिजौर्ट के एमडी अंबरीश गर्ग बताते हैं, ‘‘रोहतांग पास, सोलंग वैली, तिब्बती मार्केट आदि उन के रिजौर्ट से बहुत नजदीक हैं. सो, यहां ठहर कर आप आसपास के इलाके को आसानी से घूम सकते हैं और प्रकृति को करीब से निहार सकते हैं.’’

अन्य दर्शनीय स्थल

मनाली के आसपास सैलानियों के लिए बहुतकुछ है. आप जब भी वहां जाएं, इन जगहों को निहारना न भूलें.

रोहतांग दर्रा

यह 3,979 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के साथसाथ मनाली से 51 किलोमीटर दूर है. स्नो लवर्स को यह जगह खास लुभाती है क्योंकि यहां आ कर वे स्नो स्कूटर, स्कीइंग, माउंटेन बाइकिंग और ट्रैकिंग जैसी ऐडवैंचरस गतिविधियों को अंजाम दे कर खुद को सुकून जो पहुंचाते हैं. यहां आने का सब से अच्छा समय मई से जून और अक्तूबर से नवंबर का है.

यहां आ कर प्रकृतिप्रेमी ग्लेशियर्स और लाहौल घाटी से निकलने वाली चंद्रा नदी के खूबसूरत नजारों को न देखें, ऐसा नहीं हो सकता. सिर्फ इतना ही नहीं, रोहतांग पास जाते हुए आप को रास्ते में राहाला वाटरफौल दिखेगा जो मनाली से 16 किलोमीटर की दूरी पर है. वहां के नजारे मनमोहक हैं. आप इन दृश्यों के बीच सैल्फी लेने का लुत्फ उठा सकते हैं.

चंद्रखानी पास

ट्रैकिंग के शौकीन इस जगह पर आना न भूलें. यह जगह समुद्रतल से 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां के पहाड़ों की खूबसूरती पर्यटकों को खुद ही इस जगह की ओर खींच लेती है.

सोलंग घाटी

ग्लेशियर्स और बर्फ से ढके पहाड़ों का अद्भुत नजारा आप को सोलंग घाटी में देखने को मिलेगा. यह मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. स्कीइंग के लिए मशहूर यहां की ढलानों पर पर्यटक इस खेल का खूब मजा लेते हैं.

स्कीइंग के शौकीनों के लिए यहां आने का परफैक्ट समय दिसंबर से जनवरी के बीच है. इस के लिए यहां पर कैंप भी आयोजित किए जाते हैं. यहां पर पैराशूटिंग, पैराग्लाइडिंग और हौर्स राइडिंग जैसे खेलों को जी भर कर खेल सकते हैं. यानी गरमी हो या सर्दी, ऐडवैंचर प्रेमियों को यहां से निराश हो कर नहीं जाना पड़ेगा.

नेहरू कुंड

रोहतांग मार्ग पर बना यह सुंदर प्राकृतिक झरना मनाली से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां सुबहशाम सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. यह जगह खासकर से प्रकृतिप्रेमियों के लिए है.

नागर किला

नागर किला मनाली से थोड़ी दूरी पर है. इस में रशियन आर्टिस्ट निकोलस रोरिक की पेंटिंग्स की ढेरों कलैक्शंस देखने को मिलेंगी. इसलिए प्रकृतिप्रेमी के साथसाथ कलाप्रेमी भी बनिए और इस जगह को देखे बिना न लौटें.

कोठी

मनाली से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोठी से पहाड़ों का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है. ऊंचाई से गिरते झरने बरबस ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं

मणिकरण

मणिकरण भी बहुत खूबसूरत जगह है. हर जगह ठंडा पानी है लेकिन नदी का एक हिस्सा ऐसा भी है जहां पर गरम पानी है.

कुल्लू

मनाली से कुछ दूरी पर ही कुल्लू घाटी है. कलकल करती नदियों, पहाडि़यों से गिरते झरने, देवदार के घने वृक्ष कुल्लू घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य में चारचांद लगाते हैं.

कब जाएं

मानसून के मौसम को छोड़ कर आप कभी भी मनाली घूमने जा सकते हैं. सुहावने मौसम में आप को वहां घूमने और ऐडवैंचर करने में जो मजा आएगा, शायद उस का बयान आप शब्दों में भी न कर पाएं.

क्या खाना न भूलें

हिल पर घूमने जाएं और डट कर न खाएं, ऐसा नहीं हो सकता. अगर आप मनाली ट्रिप को पूरी तरह ऐंजौय करना चाहते हैं तो वहां की लोकल व फेमस डिशेज को खाए बिना न रहें जिन में सब से प्रसिद्ध है धाम. धाम खासकर त्योहारों व शादियों के अवसर पर परोसा जाता है जिस में चावल के साथसाथ दही व कई सब्जियां होती हैं. यह आप को वहां के लोकल फूड रैस्टोरैंट्स पर मिल जाएगा इस के अतिरिक्त आप वहां पर रैड राइस भी खा सकते हैं. इन्हें रैस्टोरैंट्स व ढाबों में किसी सब्जी के साथ ही परोसा जाता है, ये खाने में इतने टेस्टी होते हैं कि आप इसे एक बार नहीं, बल्कि कई बार खाना पसंद करेंगे.

इसी के साथ आप वहां की चिली मौर्निंग और इवनिंग में सड़कों पर घूमते हुए मसाले वाला औमलेट व गरमागरम अदरक व इलायची वाली चाय का भी लुत्फ उठाएं. अगर आप चावल खाने के शौकीन हैं तो उसे हींग वाली कढ़ी के साथ ट्राई करना न भूलें. बाकी आप की पसंद पर निर्भर करता है कि आप क्या खाना पसंद करते हैं. वैसे, आप को वहां हर तरह की डिशेज आसानी से मिल जाएंगी.

कहां से करें खरीदारी

पहाड़ों और नदियों के अलावा मनाली तिब्बती मार्केट के लिए भी खासा प्रसिद्ध है. यहां से आप हाथ से बनी चीजें खरीद सकते हैं. इसी तरह माल रोड जो बहुत ही पौपुलर है, वहां आप को वूलन कैप्स, शौल्स, ज्वैलरी, वुडन फर्नीचर, इयररिंग्स आदि सभी कुछ बहुत ही उचित दामों पर मिल जाएगा. तो फिर तैयार हैं न आप मनाली जाने के लिए.  

कैसे पहुंचें मनाली

आप यहां रेल, बस, प्लेन किसी से भी जा सकते हैं. यह आप की चौइस और पौकेट पर निर्भर करता है. अगर आप समय की बचत कर मनाली में ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहते हैं तो आप वायुमार्ग द्वारा मनाली पहुंच सकते हैं. मनाली से 10 किलोमीटर की दूरी पर भुंतर हवाईअड्डा है जहां से आप को मनाली पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

मनाली पहुंचने के लिए आप जोगिंदर नगर रेलवेस्टेशन पर उतर सकते हैं. इस के अतिरिक्त आप रेल द्वारा चंडीगढ़ या अंबाला पहुंच कर वहां से मनाली के लिए बस या फिर टैक्सी भी ले सकते हैं. मनाली दिल्ली से 570 किलोमीटर की दूरी पर है. यह शिमला से सीधे सड़कमार्ग से जुड़ा है. दिल्ली, शिमला, चंडीगढ़ से मनाली के लिए हिमाचल परिवहन निगम की बसें भी उपलब्ध हैं.

मौनसून में आंखों की देखभाल

मौनसून के आते ही जहां चारों तरफ खुशियां छा जाती हैं, वहीं कुछ बीमारियां भी साथ आती हैं. कई दूसरी बीमारियों के साथसाथ आंखों की बीमारी भी इस मौसम में अधिक होती है. मगर आंखों की सही देखभाल से इस मौसम का आनंद उठा सकते हैं.

इस बारे में मुंबई के मेहता इंटरनैशनल आई हौस्पिटल की आई स्पैशलिस्ट ऐंड सर्जन पद्मश्री डा. केकी मेहता कुछ टिप्स देती हैं:

– बाहर से घर पहुंचने पर चेहरा, हाथपांव धोना न भूलें. यदि संभव हो तो हलके गरम पानी से नहाएं.

– अपने हाथों को, जब भी कोई काम करें, अवश्य धोएं. आंखों को साफ पानी से धोएं.

– हमेशा चेहरे और आंखों को पोंछने के लिए टिशू पेपर या फेस टौवेल रखें. शरीर को साफ करने वाले टिशू या टौवेल से आंखों को कभी न पोंछें वरना आंखों में संक्रमण होने का डर रहता है.

– बारिश में निकलने से पहले यह देख लें कि चश्मा अच्छी तरह साफ हो. अगर कौंटैक्ट लैंस लगाती हैं और तेज हवा से बारिश का पानी आंखों में चला गया तो देखने में परेशानी हो सकती है. इसलिए कौंटैक्ट लैंस की एक अतिरिक्त जोड़ी, लैंस केस और लैंस लोशन अपने साथ अवश्य रखें.

– जो ज्यादा नंबर के चश्मे पहनते हैं उन्हें एक अलग चश्मा अपने साथ अवश्य रखना चाहिए.

– चेहरे पर बारिश की बूंदों का आनंद लेने के लिए आंखें खुली न रखें, क्योंकि वे वायुमंडलीय प्रदूषण को अवशोषित कर सकती हैं, जो उन के लिए हानिकारक हो सकता है. इस के अलावा वर्षा का पानी आंखों की ‘टियर फिल्म’ को बहा सकता है, जो आंखों की प्राकृतिक सुरक्षाकवच होती है.

– बच्चों को अधिकतर जल भराव वाली जगह पर छपछप करने या छींटे उड़ाने की इच्छा होती है, जो खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि जलजनित बैक्टीरिया की वजह से कंजक्टिवाइटिस जैसा संक्रमण हो सकता है. यह इस मौसम की एक बड़ी बीमारी है. बच्चों को इस के बारे में बताएं और बारिश के गंदे पानी से दूर रखें.

– वैसे तो बारिश का पानी साफ होता है, लेकिन पेड़ या इमारत की छतों से निकल कर आने वाला पानी बड़ी संख्या में जर्म्स लिए होता है. अत: जब आप इन स्थानों से गुजर रही हों तो खयाल रखें कि वहां का पानी आंखों में न जाए. अगर किसी कारणवश चला जाए तो पहले आंखों को सुखा लें, फिर घर जा कर साफ पानी से धो लें.

– सड़क पर छितराए पानी में हमेशा कीचड़ और गंदगी रहती है. ऐसे में अगर सड़क का पानी आंखों में चला जाए तो रुक कर आंखों को धोएं. भले इसके लिए आप को पानी की बोतल खरीदनी पड़े. संक्रमण की रोकथाम हमेशा ही संक्रमण का इलाज करने से अच्छी होती है.

– आंखों की कोई दवा लेने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य लें. अपनेआप या फिर कैमिस्ट की सलाह पर दवा न लें. अगर दवा लेने के बाद खुजली या इरिटेशन महसूस हो, तो भी डाक्टर के पास जाएं.

– अगर आंखों का औपरेशन हुआ हो या सर्जरी करवाई हो तो उस स्थिति में और भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि औपरेशन की गई आंखों में जल्दी संक्रमण होने का खतरा रहता है.

सोच बदलो देश बदलेगा

यूरोप के कई देशों की तरह आस्ट्रिया ने भी पूरा चेहरा ढकने वाले बुरके पर पाबंदी लगा दी है. इस से मुसलिम औरतों को चलतेफिरते कैदखाने में रहने की मजबूरी से कुछ तो नजात मिलेगी. बुरका किसी भी तरह से चरित्र रक्षा का कवच है, यह गलत है. असल में तो यह मर्दों की पोल खोलता है कि वे इतने कामुक हैं कि औरत का चेहरा देखते ही बौरा सकते हैं. ऐसा समाज किस काम का जो अपने लोगों को औरतों की इज्जत करना तक न सिखा सके?

ऐसा नहीं कि यह किसी धर्म विशेष की ही खासीयत है. सभी धर्मों ने औरतों के पहरावे पर समयसमय पर पाबंदियां लगाई हैं. भारत में आज भी हिंदू औरतों को कितने ही अवसरों पर परदा करने को मजबूर करा जाता है. ईसाई समाज ने भी इसी तरह कपड़ों पर सदियों तक पाबंदियां लगा रखी थीं. यह तो 19वीं सदी के बाद हुआ है कि औरतों को मनचाहा करने की छूट मिली है.

औरतों पर पाबंदियां असल में समाज के लिए बेहद हानिकारक  होती हैं. समाज उत्पादक औरतों को बेकार में खो देता है और वे बच्चे पालने और चूल्हाचौका संभालने के काम में लगी रहती हैं.जिस समाज ने औरतों को बराबरी का स्थान दिया है, वह आगे बढ़ा है. जब भी औरतों को अपने पिता के घर या ससुराल से अलग हो कर कहीं अकेले रहना पड़ता है वे आमतौर पर सैकड़ों काम कर लेती हैं और तभी खाली हाथ आए शरणार्थी 10-15 सालों में पैसे वाले बन जाते हैं, क्योंकि उस समय आदमीऔरत बराबरी के स्तर पर कंधे से कंधा मिला कर काम करते हैं.

पश्चिमी देशों में पहुंचने वाले शरणार्थियों को तो खास खयाल रखना पड़ेगा कि वे वहां के समाज में ऐसे घुलमिल जाएं कि सिवा त्वचा के रंग के उन में कोई भेद न दिखे.

अगर मुसलिम देशों को भयंकर आतंकवाद, गृहयुद्धों और अराजकता से निकलना है तो वहां औरतों को बराबरी के हक के लिए आगे आना होगा. यह बराबरी उन्हें उपहार में नहीं मिलेगी, इस के लिए उन्हें खुद लड़ना होगा.           

 

ताजगी और सेहत वाली चाय की प्याली

अक्सर जब हम सुस्ती महसूस करते हैं तो चाय पीते हैं. चाय से भले हमारी सुस्ती दूर हो जाती है, लेकिन इस से पाचन संबंधी कई परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं जैसे पेट में गैस बनना, अम्लीय मात्रा बढ़ने के कारण सीने में जलन होना, खट्टी डकारें आना, भूख न लगना आदि.

तब कई बार हम सोचते हैं कि चाय पीना ही छोड़ देंगे पर आदत बन जाने की वजह से छोड़ नहीं पाते. ऐसे में अगर आप को एक ऐसी चाय मिले जिसे पीने के बाद ताजगी के साथसाथ उपरोक्त परेशानियां न हों तो आप क्या करेंगी?

जी नहीं, हम ग्रीन टी के बारे में नहीं, बल्कि हर्बल चाय के बारे में बात कर रहे हैं. यह चाय कैलोरी फ्री होती है और दिखने में आम चाय की तरह ही दिखती है, लेकिन आम चाय में जो अवगुण होते हैं वे हर्बल चाय में नहीं होते. यह कई प्रकार के फूलों, बीजों, पत्तों, जड़ों और अन्य औषधियों को सुखा कर तैयार की जाती है. हर्बल चाय न केवल हमें फिट रखती है, बल्कि इस के नियमित सेवन से और भी कई फायदे होते हैं. मसलन :

– हर्बल चाय में ऐंटीऔक्सीडैंट भरपूर मात्रा में होता है, जो हृदय रोगों में लाभकारी होता है. अत: हर्बल चाय पीने पर हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. साथ ही फ्लेवौनौयड खून को जमने से भी रोकता है.

– हर्बल चाय शारीरिक ऊर्जा बढ़ाती है.

– यह चाय उलटी, दस्त, कब्ज, जी मिचलाना आदि परेशानी में राहत प्रदान करती है और हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है.

– हर्बल चाय में विटामिन डी होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और गठिया अथवा आर्थ्राइटिस में राहत प्रदान करता है.

– हर्बल चाय में बड़ी मात्रा में मिनरल, आयरन, कैल्सियम और सिलिका होता है. चाय में मौजूद आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को बनने में मदद करता है. कैल्सियम और सिलिका स्वस्थ हड्डियों, बालों, नाखूनों व दांतों के लिए बहुत जरूरी है.

– हर्बल चाय में फ्लोराइड होता है, जो हमारी ओरल हैल्थ को सुधारता है और दांतों को सड़ने से बचाता है.

– हर्बल चाय स्ट्रैस लैवल को कम कर के बौडी को रिलैक्स करती है. यह चिंता, अनिद्रा रोग में फायदेमंद है, साथ ही प्रारंभिक संक्रमण को भी दूर करती है.

– आज हाई ब्लडप्रैशन अधिकांश लोगों की समस्या है. हाई ब्लडप्रैशर से गुरदों और दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. हर्बल चाय प्राकृतिक तरीके से बिना किसी नकारात्मक प्रभाव के हाई ब्लडप्रैशर को नियंत्रित रखने में मदद करती है.

– हर्बल चाय डायबिटीज, मोटापा और कोलैस्ट्रौल के स्तर को संतुलित करने और पेट के आसपास की चरबी को कम करने में भी प्रभावी होती है.

बहुत वैराइटी में है उपलब्ध

हर्बल चाय भी कई अलगअलग फ्लेवर में उपलब्ध है, जैसे, अदरक, लैमन ग्रास, पिपरमिंट, कैमोमाइल, लैवेंडर, दालचीनी इलायची, लौंग इत्यादि. कई कंपनियों ने वजन कम करने के उद्देश्य को ध्यान में रख कर भी स्पैशल हर्बल चाय तैयार की है. आप अपनी पसंद व जरूरत के अुनसार इस का चुनाव कर सकती हैं.

अकसर महिलाएं दिन में 3 बार हर्बल चाय पीना शुरू कर देती हैं ताकि वजन जल्दी कम हो जाए, लेकिन ऐसा करना हैल्थ के लिए नुकसानदायक है.

डाइटिशियन अंकिता सहगल कहती हैं, ‘‘हर्बल चाय लेने का सब से सही समय खाना खाने के बाद है. मगर ज्यादातर महिलाएं खाली पेट ले लेती हैं, उन्हें लगता है कि खाली पेट लेने से वजन जल्दी कम होगा. आप ऐसी गलती न करें, क्योंकि ऐसा करने से आप फिट नहीं, बल्कि कमजोर हो जाएंगी. इसलिए संतुलित आहार के साथ हर्बल चाय लें.’’

बीच सड़क पर लड़के से बोली लड़की, क्या आप मेरी ब्रा का हुक बंद कर देंगे

आज जमाना बदल गया है और जमाने के हिसाब से लोग भी बदल गए हैं. लड़के, लड़कियों के बीच एक समय तक पर्दा होता था. लड़कियां खुलकर अपनी कोई बात तक शेयर नहीं करतीं थीं, लेकिन आज देखिए कैसे एक लड़की के मुंह से वो सारे शब्द निकल जाते हैं जो भला लड़के के मुंह के क्या निकले हैं, जी हां ये हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि एक लड़की का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, इस वीडियो में लड़की एक लड़के से ऐसे कुछ शब्द बोल रही है जिसे सुनने के बाद आपको शर्म आ जाएगी.

दरअसल वीडियो में लड़की जब लड़के से कहती है कि मेरी ब्रा का हुक बंद कर दो तो लड़का शर्म के मारे लाल हो जाता है, लेकिन वीडियो में तो अभी ट्विवस्ट बाकी है. लड़की फिर यहीं नहीं रुकती है, बल्कि राह चलते हर शख़्स से यही सवाल कर रही है कि क्या आप मेरी ब्रा…खोल देंगे?

लड़की सड़क पर चलते लड़कियों को भी नहीं छोड़ रही है, एक दो नहीं बल्कि, कई लोगों से सिर्फ यह कह रही है. इस वीडियो को देखने के बाद आप हंसी के मारे पागल हो जाएंगे. इस लड़की का एक ही शब्द आपको पागल कर देगा कि ‘क्या आप मेरी ब्रा का हुक बंद कर देंगे?’

आप भी देखिए यह मजेदार वीडियो

कपिल के बाद अब कीकू शारदा से नाराज हुए सुनील

मशहूर कॉमेडियन चंदन प्रभाकर के ‘द कपिल शर्मा शो’ में वापसी के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच भी दूरियां खत्म हो जाएंगी. लेकिन ऐसा सच होता नहीं दिख रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुनील ग्रोवर और अली असगर अपने पुराने साथी कीकू शारदा के हाल ही किए गए एक ट्वीट से नाराज हैं. कीकू ने इसमें कुछ ऐसा कर दिया जो इन दोनों कॉमेडियन्स को चुभ गया.

दरअसल, कपिल शर्मा के शो की हालिया टीआरपी पर नजर डालें तो यह सुनील ग्रोवर के सलमान खान की मौजूदगी में किए गए ‘ट्यूबलाइट’ एपिसोड से कहीं ज्यादा है. इसको ट्वीट करते हुए जब कीकू शारदा ने एक फैन ने उनको बधाई दी तो कीकू ने उसको री-ट्वीट कर दिया. ऐसा कहा जा रहा है कि कीकू का ऐसा करना सुनील और अली असगर को चुभा है और इसी को लेकर वे कीकू से नाराज हैं.

अपने फैन को री-ट्वीट करते हुए कीकू ने लिखा कि सब भगवान की कृपा है. इसके चलते सुनील, अली और यहां तक कि सुगंधा मिश्रा भी उनसे खफा बताई जा रही हैं क्योंकि इन लोगों को दोनों एपिसोड की तुलना ठीक नहीं लगी.

बता दें कि सुनील, कपिल और चंदन प्रभाकर के बीच फ्लाइट में यात्रा के दौरान तकरार हो गई थी. इसके बाद सुनील, चंदन, सुगंधा और अली असगर ने कपिल के शो से दूरी बना ली थी.

हालांकि, चंदन ने अब वापसी कर ली है. उनकी वापसी के बाद दो एपिसोड भी ऑन एयर हो चुके हैं. अली असगर कृष्णा अभिषेक के नये कॉमिडी शो ‘द ड्रामा कंपनी’ में काम कर रहे हैं. वहीं, इसमें सुनील ग्रोवर के गेस्ट अपीयरेंस में दिखने की भी खबरें हैं.

हम पति पत्नी अपने कुछ पारिवारिक मित्रों के साथ सामूहिक सैक्स करते हैं. क्या ऐसा करना सही है.

सवाल

हम पति पत्नी दोनों को मुखमैथुन करने में बहुत आनंद आता है. इस के अलावा हम अपने कुछ पारिवारिक मित्रों के साथ सामूहिक सहवास भी करते हैं. यह क्रम काफी समय से चला आ रहा है. मैं ने सुना है कि एक से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से एड्स होने का खतरा होता है. क्या यह सच है? और मुखमैथुन से कोई स्वास्थ्य संबंधी हानि तो नहीं होती?

जवाब

1 से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध रखना यौन रोग को तब आमंत्रण देगा जब उन में से किसी एक को यौन रोग होगा. असुरक्षित यौन संबंधों से एड्स जैसी भयावह बीमारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. पर यदि सब नियमित जांच करा रहे हैं, तो कुछ न होगा. सामूहिक सहवास से भले ही अभी आप लोग आनंदित हो रहे हों पर हां, भविष्य में आप का यह शौक मानसिक रूप से आप को भारी पड़ सकता है. अत: समझदारी से काम लें. जहां तक मुखमैथुन की बात है, यदि आप यौनांगों की स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं, तो इस से स्वास्थ्य संबंधी कोई हानि नहीं होगी.

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5 कारण जिसकी वजह से कहें सेक्स को ”ना”

जब आप किसी के साथ हम बिस्तर होना चाहते हैं तो कई बातें दिमाग में आती हैं. क्या आप उसके प्रति आकर्षित हैं? क्या आप में वो आग है? क्या आप उसके साथ सहज हैं? सेक्स के बाद आपको कल कैसा मेहसूस होगा? क्या ये सुरक्षित है? ये सब बातें हैं जो आपके दिमाग में चलती रहती हैं और कई बार आप फौरन फैसला कर लेते हैं लेकिन कई बार काफी समय लग जाता है.

बहरहाल हम यहां आपको बताने जा रहे हैं 5 ऐसे संकेत जिसे देखते ही आपको सेक्स के लिये मना कर देना चाहिये.

  1. वो पुरुष जो दूसरी महिलाओं के बारे में ओछी बात करें

कई पुरुष दूसरी महिलाओं के बारे में ऊट-पटांग बातें करके ये दिखाना चाहते हैं कि आप (महिला दोस्त) उनसे अलग और कहीं ज्यादा बेहतर हैं. ऐसे व्यक्ति के साथ हमबिस्तर होने से बचना चाहिये क्योंकि जिस विषय पर वो बात कर रहा उससे साफ है कि वो आपकी भी इज्जत नहीं करता. उनका ये कहना कि आप “अलग” हो, कोई तारीफ नहीं है. ऐसे लोगों को दरवाज़ा दिखा देना चाहिये.

  1. ऐसे पुरुष जो आपकी हदों की इज़्ज़त नहीं करते

अगर आप कहें कि आप किस नहीं चाहती या किस करना नहीं चाहती, लेकिन फिर भी वो आपको किस कर लेता है तो इसका मतलब वो आपकी सीमाओं की इज़्ज़त नहीं कर रहा. कोई अगर दोस्ती की शुरुआत में ही सीमा लांगने लगे तो समझो कि वो ऐसा हमेशा करेगा और ऐसे व्यक्ति से कतई सेक्स नहीं करना चाहिये.

  1. किस का स्टाइल ठीक नहीं है

अगर किसी का किस करने का तरीका आपके तरीके से मेल नहीं खाता तो जाहिर है आप ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्स का आनंद नहीं ले सकती. आप उसे किस करना सिखा सकती हैं और अगर वो तब भी न सीखें तो बेहतर होगा आप उसे बाय बाय कर दें.

  1. आप बहुत आसानी से भावनात्मक रुप से जुड़ जाती हैं

अगर आप बहुत आसानी से किसी व्यक्ति के साथ भावनात्मक रुप से जुड़ जाती हैं तो बेहतर होगा कि उसके साथ सेक्स न करें. अगर इसके पहले भी आपको सेक्स के दौरान या बाद में खराब महसूस हुआ हो तो भी ऐसे व्यक्ति से सेक्स नहीं करना चाहिये.

  1. आप या वो नशे में धुत्त हो

अगर आप या आपका पार्टनर नशे में इतना धुत्त हो कि सेक्स की इजाजत लेने लायक भी न हो तो बेहतर है सेक्स न करें क्योंकि इसे आप इंजाय भी नहीं कर पाएंगीं.

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