शादी से पहले शारीरिक संबंध

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं.

विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

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अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

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युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

बैडरूम की मस्ती भरी शारीरिक हरकतें 

लेखक- वीरेन्द्र बहादुर सिंह 

घर में बैडरूम ही एक ऐसी जगह है, जहां पति-पत्नी अपना कीमती समय व्यतीत कर सकते हैं. उनके यादगार और प्रेमिल क्षणों का संग्रह इसी जगह होता है. यहां होने वाली खटपट और प्रेम तो कभी होने वाली छेड़छाड़ और हरकतें दोनों को ही हमेशा याद रहती हैं. बेडरूम में होने वाली प्रत्येक क्रिया में मौजमस्ती और शारीरिक हरकतें कभी नहीं भूली जा सकतीं. जीवन हमेशा संघर्ष और तकलीफों से भरा रहता है. ऐसे में अगर पति-पत्नी दोनों अपने बेडरूम में थोड़ी मस्तीमजाक और तूफानी पलों का आनंद प्राप्त कर लें तो तन और मन दोनों थोड़ी देर के लिए हल्का और कूल हो जाता है. हर दंपत्ति के लिए ऐसे पलों का आनंद लेना जरूरी है.

इससे उनके बीच एकदूसरे के प्रति आकर्षण बना रहता है, साथ ही दोनों को एकदूसरे के साथ थोड़ा अपना कह सकें, इस तरह का मस्तीभरा समय बिताने का मौका भी मिल जाता है. कभी दोनों में से एक भी अनुपस्थित रहता है तो इस समय की यादें प्रेम का अनुभव कराती रहती हैं.

जयदीप और बीना की शादी को 7 साल हो गए हैं. दोनों नौकरी करते हैं. रात को डिनर के समय दोनों साथ खाते हुए बातचीत करते हैं. इसके अलावा उनके पास समय निकालना बहुत मुश्किल था. धीरे-धीरे बीना पर काम का बोझ बढ़ता गया. अब वह घर देर से आने लगी. जयदीप उसकी स्थिति को समझता था. वह जानता था कि बीना खूब थक जाती है और तनाव महसूस करती है. रात को खाने के बाद बीना बेडरूम में आती तो भी भी लैपटाप ले कर काम करती रहती. कभी-कभी जयदीप को लगता कि उसकी पत्नी उसे समय नहीं दे रही है. दूसरी ओर वह यह भी देख रहा था कि वह सचमुच काम में व्यस्त रहती है. बीना पहले इतनी सीरियस नहीं थी. शादी के बाद वह आफिस के काम को ले कर बहुत ज्यादा व्यस्त हो गई थी. जयदीप जिसे कालेज के समय से प्यार करता था, वह मस्तीखोर बीना कहीं खो गई थी.

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रविवार को बीना सुबह देर तक सोती रही. जयदीप उसके लिए चायनाश्ता तैयार कर के कमरे में आया. बीना फिर सो गई तो जयदीप ने उसके गाल पर किस किया. बीना करवट बदल कर फिर सो गई. जयदीप ने दूसरे गाल पर किस किया तो बीना ने आंखें खोलीं. जयदीप ने हल्के से उसके सिर पर चुंबन किया और उसी तरह उसके होठों पर चुंबन करने जा रहा था कि बीना ने उसे हल्के हाथ से धक्का मार दिया तो वह बेड से नीचे गिर गया. उसे देख कर बीना हंसने लगी तो जयदीप तुरंत उठ कर उसकी ओर बढ़ा. बीना तकिया ले कर उसे मस्ती से मारने लगी. दूसरी ओर दूसरी तकिया ले कर जयदीप भी उसे मारने लगा. इस बीच दोनों एकदूसरे के साथ मस्ती के मूड में आ गए.

बीना उठ कर भागने लगी तो जयदीप ने लपक कर उसकी कमर पकड़ी और धीरे से बिस्तर पर धकेल दिया. दोनों ही एकदूसरे के साथ पूरी तरह मस्ती के मूड में थे. बीना इस तरह खिलखिला कर हंस रही थी जैसे खिल रही हो.

अंत में दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए. बीना ने जयदीप के गाल पर हल्के से चुंबन किया और अपना सिर उसके सीने पर रख दिया. बीना का यह प्रेमिल स्पर्श पा कर जयदीप उसकी ओर झुका. एक लंबे समय के बाद दोनों के बीच प्रेमक्रीडा हुई. इस शारीरक संबंध में दोनों को हो  संतोषजनक आनंद मिला. बीना के मन में काम का बोझ होने के बावजूद वह खुद को काफी फ्रेश महसूस कर रही थी. केवल शारीरिक सुख से नहीं, जयदीप और उसके बीच के संबंध और संबंध में घुले प्यार और मस्ती से उन्हें संपूर्ण संतोष का अनुभव हो रहा था. जीवन में केवल शारीरिक संबंध ही नहीं, शारीरिक मस्ती भी एकदूसरे को नजदीक होने का अनुभव कराती है.

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क्या पहली बार शारीरिक संबंध बनाते समय आने वाली परेशानियों के बारे में बताएं?

सवाल

मैं 18 वर्षीय युवती हूं. मैं ने सुना है कि जब भी कोई युवती किसी युवक से पहली बार शारीरिक संबंध स्थापित करती है, तो बहुत दर्द होता है. क्या यह सच है और ऐसा क्यों होता है?

जवाब

कुंआरी युवतियों के यौनांग में एक पतली सी झिल्ली होती है, जिसे कौमार्य झिल्ली कहते हैं. जब कोई युवती पहली बार संबंध बनाती है तो वह झिल्ली फट जाती है, जिस से थोड़ा सा रक्तस्राव और हलका सा दर्द होता है.

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कामुकता का राज और स्त्री की संतुष्टि को कुछ इस तरह समझिए

मेरठ का 30 वर्षीय मनोहर अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं था, कारण शारीरिक अस्वस्थता उस के यौन संबंध में आड़े आ रही थी. एक वर्ष पहले ही उस की शादी हुई थी. वह पीठ और पैर के जोड़ों के दर्द की वजह से संसर्ग के समय पत्नी के साथ सुखद संबंध बनाने में असहज हो जाता था. सैक्स को ले कर उस के मन में कई तरह की भ्रांतियां थीं.

दूसरी तरफ उस की 24 वर्षीय पत्नी उसे सैक्स के मामले में कमजोर समझ रही थी, क्योंकि वह उस सुखद एहसास को महसूस नहीं कर पाती थी जिस की उस ने कल्पना की थी. उन दोनों ने अलगअलग तरीके से अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश की. वे दोस्तों की सलाह पर सैक्सोलौजिस्ट के पास गए. उस ने उन से तमाम तरह की पूछताछ के बाद समुचित सलाह दी.

क्या आप जानते हैं कि सैक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सैक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सैक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सैक्स जरूरी है? सैक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

वैज्ञानिक शोध : संसर्ग का संघर्ष

हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यौन सुख का चरमोत्कर्ष पुरुषों के दिमाग में तय होता है, जबकि महिलाओं के लिए सैक्स के दौरान विविध तरीके माने रखते हैं. चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक बताते हैं कि पुरुष गलत तरीके के यौन संबंध को खुद नियंत्रित कर सकता है, जो उस की शारीरिक संरचना पर निर्भर है.

पुरुषों के लिए बेहतर यौनानंद और सहज यौन संबंध उस के यौनांग, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. पुरुषों में यदि रीढ़ की हड्डी की चोट या न्यूरोट्रांसमीटर सुखद यौन प्रक्रिया में बाधक बन सकता है, तो महिलाओं के लिए जननांग की दीवारें इस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं और कामोत्तेजना में बाधक बन सकती हैं.

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक पुरुष में संसर्ग सुख तक पहुंचने की क्षमता काफी हद तक उस के अपने शरीर की संरचना पर निर्भर है, जिस का नियंत्रण आसानी से नहीं हो पाता है. इस के लिए पुरुषों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और शिश्न जिम्मेदार होते हैं.

मैडिसन के इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल और मायो क्सीविक स्थित वैज्ञानिकों ने सैक्सुअल और न्यूरो एनाटोमी से संबंधित संसर्ग के प्रचलित तथ्यों का अध्ययन कर विश्लेषण किया. विश्लेषण के अनुसार,

डा. सीगल बताते हैं, ‘‘पुरुष के अंग के आकार के विपरीत किसी भी स्वस्थ पुरुष में संसर्ग करने की क्षमता काफी हद तक उस के तंत्रिकातंत्र पर निर्भर है. शरीर को नियंत्रित करने वाले तंत्रिकातंत्र और सहानुभूतिक तंत्रिकातंत्र के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए, जो शरीर के भीतर जूझने या स्वच्छंद होने की स्थिति को नियंत्रित करता है.’’

डा. सीगल अपने शोध के आधार पर बताते हैं कि शारीरिक संबंध के दौरान संवेदना मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी द्वारा पहुंचती है और फिर इस के दूसरे छोर को संकेत मिलता है कि आगे क्या करना है. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि उत्तेजना 2 तथ्यों पर निर्भर है.

एक मनोवैज्ञानिक और दूसरी शारीरिक, जिस में शिश्न की उत्तेजना प्रत्यक्ष तौर पर बनती है.

इन 2 कारणों में से सामान्य मनोवैज्ञानिक तर्क की मान्यता में पूरी सचाई नहीं है. डा. सीगल का कहना है कि रीढ़ की हड्डी की चोट से शिश्न की उत्तेजना में कमी आने से संसर्ग सुख की प्राप्ति प्रभावित हो जाती है. इसी तरह से मस्तिष्क में मनोवैज्ञानिक समस्याओं में अवसाद आदि से तंत्रिका रसायन में बदलाव आने से संसर्ग और अधिक असहज या कष्टप्रद बन जाता है.

स्त्री की यौन तृप्ति

कोई युवती कितनी कामुक या सैक्स के प्रति उन्मादी हो सकती है? इस के लिए बड़ा सवाल यह है कि उसे यौन तृप्ति किस हद तक कितने समय में मिल पाती है? विश्लेषणों के अनुसार, शोधकर्ता वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सहायता मिल सकती है और वे सुखद यौन संबंध में बाधक बनने वाली बहुचर्चित भ्रांतियों से बच सकते हैं.

इस शोध में यह भी पाया गया है कि युवतियों के लिए यौन तृप्ति का अनुभव कहीं अधिक जटिल समस्या है. इस बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने माइक्रोस्कोप के जरिए युवतियों के अंग की दीवारों में होने वाले बदलावों और असंगत प्रभाव बनने वाली स्थिति का पता लगाया है.

वैज्ञानिकों ने एमआरआई स्कैन के जरिए महिला के दिमाग में संसर्ग के दौरान की  सक्रियता मालूम कर उत्तेजना की समस्या से जूझने वाले पुरुषों को सुझाव दिया है कि वे अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. उन्हें सैक्सुअल समस्याओं के निबटारे के लिए डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए, न कि नीम हकीम की सलाह या सुनीसुनाई बातों को महत्त्व देना चाहिए. इस अध्ययन को जर्नल औफ क्लीनिकल एनाटौमी में प्रकाशित किया गया है.

महत्त्वपूर्ण है संसर्ग की शैली

डा. सीगल के अनुसार, महिलाओं के लिए संसर्ग के सिलसिले में अपनाई गई पोजिशन महत्त्वपूर्ण है. विभिन्न सैक्सुअल पोजिशंस के संदर्भ में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में भी पाया गया है कि स्त्री के यौनांग की दीवारों को विभिन्न तरीके से उत्तेजित किया जा सकता है.

आज की भागदौड़भरी जीवनशैली में मानसिक तनाव के साथसाथ शारीरिक अस्वस्थता भी सैक्स जीवन को प्रभावित कर देती है. ऐसे में कोई पुरुष चाहे तो अपनी सैक्स संबंधी समस्याओं को डाक्टरी सलाह के जरिए दूर कर सकता है.

कठिनाई यह है कि ऐसे डाक्टर कम होते हैं और जो प्रचार करते हैं वे दवाएं बेचने के इच्छुक होते हैं, सलाह देने में कम. वैसे, बड़े अस्पतालों में स्किन व वीडी रोग (वैस्कुलर डिजीज) विभाग होता है. अगर कोई युगल किसी सैक्स समस्या से जूझ रहा है तो वह इस विभाग में डाक्टर को दिखा कर सलाह ले सकता है.

 

Married Life में क्या है बिखराव के संकेत

Married Life में प्रेम की ऊष्मा जब कम होने लगती है तब पतिपत्नी के जीवन में ऐसी छोटीछोटी बातें होने लगती हैं, जो इस बात की ओर संकेत करती हैं कि उन के बीच दूरियां बननी शुरू हो रही हैं. अधिकतर दंपती इन संकेतों पर ध्यान नहीं देते या फिर वे समझ नहीं पाते हैं. समय रहते इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए तो उन के बीच प्यार, अपनापन, समर्पण की भावना कम होती जाती है और फिर एक दिन उन का दांपत्य जीवन टूट जाता है. इन संकेतों के प्रति संवेदनशील रह कर संबंधों के बीच पनप रही खाई को गहरा होने से रोका जा सकता है. बिखराव के ये संकेत दांपत्य जीवन के हर छोटेबड़े पहलू से जुड़े हो सकते हैं.

घर में छाई चुप्पी

प्यार भरे संबोधन के साथ हंसनाबोलना, हंसीखुशी का माहौल पैदा करना, खुशियों का जोश भरना ये सब बातें पतिपत्नी के बीच मधुरता और समीपता लाती हैं. यदि हंसीखुशी के क्षणों में भी पतिपत्नी के बीच खामोशी छा जाए, दोनों के स्वर मद्धम पड़ने लगें तो समझना चाहिए उन के बीच प्यार की ऊष्मा कम हो रही है. उहें आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है.

छोटीछोटी बातों में मतभेद

हर बात पर पतिपत्नी के विचार एक हों, यह जरूरी नहीं है. दोनों में थोड़ाबहुत वैचारिक मतभेद होना स्वाभाविक है. यदि बातबात पर या हर छोटीछोटी बातों पर दोनों में मतभेद हो और यह मतभेद झगड़े में तबदील होने लगे, दोनों एकदूसरे की कमियां निकालने लगें तो समझना चाहिए कि दोनों के बीच खाई गहरी होनी शुरू हो चुकी है. दोनों को संभलने की जरूरत है.

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झूठ बोलने लगें

पतिपत्नी का आपसी प्यार विश्वास की नींव पर टिका होता है. यदि दोनों के बीच झूठ, बेईमानी, छल, कपट का बोलबाला होने लगे तो समझना चाहिए एकदूसरे के प्रति समर्पण की भावना खत्म हो चुकी है. उन की जोड़ी कभी भी टूट सकती है. विवाह को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच भरोसा और विश्वास होना जरूरी है.

तूतू, मैंमैं

2 बरतन जहां रहेंगे वहां आवाज तो आएगी ही. इसी तरह दंपती के बीच किसी बात को ले कर थोड़ी बहस होना परेशानी की कोई बात नहीं है. लेकिन बातबात पर झगड़ा होना, छोटीछोटी बात को ले कर दोनों में लंबी बहस होना, गलती होने पर गलती न मानना, दोनों में बराबर तनाव बना रहना दांपत्य जीवन के लिए खतरनाक संकेत है. इस के लिए दोनों को सोचने व समझने की आवश्यकता है.

दोस्त जब कैक्टस लगें

एकदूसरे को दोस्तों को आदर देने से दंपती के बीच आपसी प्यार बढ़ता है. जब एकदूसरे के दोस्त या सगेसंबंधी रास न आएं, दोनों उन के सामने एकदूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करें तो समझें उन के बीच के प्यार का दम घुटने लगा है. उसे बचाने के लिए आपसी समझदारी की आक्सीजन की जरूरत है.

कामयाबी पर जलन

एकदूसरे की कामयाबी दोनों के जीवन में खुशियों की बहार लाती है. यदि एकदूसरे की कामयाबी पर संतोषजनक स्वर न मिलें, मन में ईर्ष्या होने लगे, जलन की बू आने लगे तो समझना चाहिए दोनों के बीच प्यार की गरमाहट खत्म होने लगी है. उन के बीच की दूरियां गहरी होने लगी हैं.

अहं की अट्टालिकाएं ऊंची होने लगें

एकदूसरे के बीच अंह या ईगो आना तलाक का एक बड़ा कारण है. मैं क्यों झुकूं, मैं ही क्यों करूं जैसी बातें रिश्ते में कटुता भरती हैं. यदि दोनों हर बात को जीतहार का मुद्दा बना लें तो समझना चाहिए कि पतिपत्नी के बीच अहं की अट्टालिकाएं ऊंची उठने लगी हैं. उन का प्यार अहं की अट्टालिकाओं के नीचे दब कर छटपटा रहा है. उन्हें जल्द ही संभलने की जरूरत है वरना रिश्ता टूटने में देर नहीं लगेगी. शादी का मतलब एकदूसरे को शेयर करना, एकदूसरे की जिंदगी को शेयर करना, एकदूसरे की चीजें शेयर करना होता है. फिर एकदूसरे की चीजें शेयर करने में नाराजगी क्यों?

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सेक्स हैरेसमेंट

सुखी दांपत्य जीवन के लिए सेक्स सब से खास जरूरत है. एकदूसरे के बीच समर्पित सेक्स प्यार, अपनापन और खुशियों की बहार लाता है. पति द्वारा सेक्स के लिए जबरदस्ती करना, पत्नी की इच्छा के विरुद्ध सेक्स संबंध बनाना या सेक्स प्रताड़ना देना, वहीं पत्नी द्वारा सेक्स के लिए इनकार करना या सेक्स में सहयोग न देना जैसी बातें सेक्स हैरेसमेंट में आती हैं. ऐसी स्थिति में दोनों को जल्दी संभलने की जरूरत है. दोनों तुरंत विवाह सलाहकार से मिलें ताकि जीवन में दोबारा खुशियों की बहार आ सके.         

बिखराव के संकेत

घर में सन्नाटा छाना.

दरवाजों का तेजी से खुलना, बंद होना.

चीजों के उठाने व रखने के अंदाज में बदलाव आना.

छोटीछोटी बातों पर बहस होना.

बातों का जवाब न देना.

चीजों का टूटना या पटकना.

बिना वजह किसी बात पर चिल्ला उठना.

पति का कमरा छोड़ कर भाग जाना.

पत्नी का कमरे में घुस कर दरवाजा बंद कर लेना.

बिस्तर पर मुंह फेर कर सो जाना.

एकदूसरे से झूठ बोलना.

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पतिपत्नी दोनों के लिए सुझाव

गलती हो या न हो, दोनों में से कोई एक समर्पण कर दे.

समर्पण कर देने पर सामने वाला नखरे न दिखा कर पूरा मामला भूल जाए.

पुरानी बातों को भूलना सीखें.

किसी भी बात को लंबा तूल न दें.

जब जिंदगी शेयर कर रहे हैं तब भौतिक चीजें शेयर करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए.

एकदूसरे को सुधारने के बजाय जैसा है वैसा ही स्वीकार करें.

अच्छी बातों के लिए एकदूसरे को श्रेय दें.

बिना सोचेसमझे आक्रामक रूप न अपनाएं.

माफी मांगने में शर्म महसूस न करें.

ताली एक हाथ से नहीं, दोनों हाथों से बजती.

क्या प्यार करने वाला आपकी गरिमा का ख्याल रखता है?

लेखिका- स्नेहा सिंह 

आप किसी से बहुत प्यार करती हैं. उस पुरुष या महिला ने आप को भावनाओं से ले कर सुरक्षा तक देने की कोशिश की है. जमीन से जुड़े होने के बावजूद उसने आपको सातवें आसमान का सफर कराया है. आप के लिए कभी दीवार, कभी पहाड़, कभी दरवाज़ा, कभी खिड़की तो कभी आकाश भी बन गया है. उसने तूम्हारे लिए वह सब किया है, जो एक प्रेमी-प्रेमिका, पति अथवा पत्नी का फर्ज होता है. हां, हो सकता है आपकी थोड़ी इच्छाएं, थोड़ा सुख उसकी नजर से बाहर गया हो. ऐसा भी हो सकता है कि उसकी किसी बात से आप के हृदय को ठेस पहुंची हो, पर आप को संभालने, आप को दुख न पहुंचे, इसके लिए उसने तमाम कोशिश तहेदिल से की हो. आप का कैरियर, आप की सोशल लाइफ का ग्राफ ऊपर गया हो, उसमें उसका भी कुछ हिस्सा रहा हो. संक्षेप में संबंधों के ऐसे तमाम पलों में उसने आप को कभी यह अनुभव कराया हो कि आप दुनिया की सब से सुखी और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. भगवान न करे कभी आप के संबंध में कमिटमेंट ब्रेक हो. आपके संबंध हिचकोले खाने लगें और एक्जिट के दरवाजे पर आ कर खड़े हो जाएं तो आप क्या करेंगी?

‘आप हमारे नहीं ती किसी और के भी नहीं.’ यह सोच कर उसके साथ क्लिक किए बैडरूम के फोटो वायरल कर देंगें? सेक्स्युअल प्लेजर के लिए बनाए वीडियो उसके पारिवारिक सदस्यों को भेज देंगें? नेटवर्किंग साइट पर उन्हें वायरल कर देंगें? आप पर खूब विश्वास कर के भावनाओ के आवाश में आ कर आप को किए ह्वाटसएप मैसेज के स्क्रीन शाॅट की नुमाइश करेंगें? या चुपचाप एक्जिट के दरवाजे से बाहर निकल जाएंगें?

सहमति से बने संबंधों में बंदिशें क्यों?

पिछले कुछ समय से संबंध टूटने के बाद न्यूड फोटोग्राफ्स या सेक्स्युअल एक्ट के वीडियो वायरल कर देनें की घटनाएं खूब बढ़ी हैं. एक 16 साल की लड़की अपने साथ पढ़ने वाले लड़के से प्यार करने लगी. लड़की ने अपने वक्षस्थल के फोटो खींच कर लड़के को भेज दिए. कुछ दिनों बाद लड़की ने लड़के से संबंध खत्म करने की बात की तो लड़के ने लड़की के नाम के साथ उसके वक्षस्थल के फोटो वायरल कर दिए. 17वां साल हो या 37वां साल, संबंध टूटने पर लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.

सब से पहली बात तो यह है कि इस तरह के न्यूड फोटोग्राफ भेजने ही नहीं चाहिए. मानलीजिए कि प्रेम के आवेश में अथवा विशाल के अतिरेक के बीच न्यूड फोटोग्राफ भेज रही हैं तो उस फोटोग्राफ से चेहरा कट कर देने की सामान्य समझ क्यों नहीं दिखातीं? आप कहेंगीं कि जिसे प्रेम किया है, उस पर खुद से अधिक विश्वास होता है. बिलकुल होना चाहिए, पर जिस पर विश्वास किया है, यह पता कर लेना जरूरी है कि वह विश्वास करने लायक है भी या नहीं?आप को यह पता है, आप जिससे प्रेम कर रही हैं, उसे आप की गरिमा का ख्याल है या नहीं? वह व्यक्ति अभी आप को जितना सम्मान देता है, आप की जिंदगी से निकल जाने पर भी वह आप को उतना ही सम्मान देगा?

सामान्य रूप से हम जल्दी किसी को अपने आधार कार्ड का नंबर नहीं देते. डेबिट कार्ड या मोबाइल का पासवर्ड जल्दी किसी के साथ शेयर नहीं करते, तो न्यूड फोटोग्राफ शेयर करने के पहले क्यों नहीं सोचतेविचारते? प्यार करने वाला आदमी क्या कर सकता है? इसकी अपेक्षा यह जानना चाहिए कि प्रेम टूटने पर वह नीचता की किस हद तक जा सकता है? आपने जिस पर विश्वास किया है, वह आदमी प्रेम टूटने पर आप के फोटोग्राफ वायरल करने की हद तक जाता है तो साफ है कि वह आप से प्रेम नहीं करता था. लड़कियों को एक बात समझने की खास जरूरत है कि जिस आदमी को मात्र आपके शरीर में रुचि है, उसके मन में तुम्हारे प्रति वासना है, प्रेम नहीं. ऐसी तमाम लड़कियां हैं, जो मानती हैं कि मेरा प्रेम उसे बदल देगा, प्रेम उसके मन में मेरे लिए डिग्निटी पैदा करेगा, यह सरासर मूर्खता है. प्रेम कुछ भी नहीं बदल सकता.

जब तक लोभी लोग हैं, ठग भूखो नही मरेंगे, यह कहावत यहां भी उतनी ही सच है. अपने शरीर, अंगों का बखान सुनने के लिए लालायित लड़कियां न्यूड फोटोग्रफ भेज देती हैं. प्रशंसा का स्वर्ण मृग पाने के लिए हर सीता लक्ष्मणरेखा पार करने को तैयार हो जाती है और रावणों के मनपसंद काम हो जाता है. हर महिला को अपने शरीर, फीगर और कर्व्ज की प्रशंसा सुनना अच्छा लगता है. पर इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं यह प्रशंसा गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली तो नहीं है.

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टीनेजर्स के बीच वीडियो सेक्स अब सामान्य बात हो गई है. वीडियो सेक्स के दौरान ले लिए गए स्क्रीन शाॅट्स टाइम बम बन कर मोबाइल में समाए रहते हैं और कमिटमेंट टूटते ही फूट पड़ते हैं. मुझे लगता है कि अब पैरेंटिंग को बदलने की जरूरत है. देखो, मैं प्रेम में पड़ी नहीं, यह कहने के बजाय अगर प्रेम में पड़ती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस बात की चर्चा समझदार लोगों से जरूर करें. अपनी डिग्निटी खुद मेंनटेन करनी होती है. लड़कियों को यह समझना होगा कि उन्हें किसी दूसरे का इंतजार नहीं करना है. मां-बाप को चाहिए कि संतानों को पास बैठा कर ब्रेकअप का अर्थ समझाएं. उन्हें समझाएं कि एकदूसरे से प्रेम करने वाले व्यक्ति अलग हो सकते हैं. यह भी समझाएं कि इस समय जो आदमी उनके साथ नहीं जीना चाहता, इसका मतलब यह नहीं कि उनके साथ का अतीत खराब था.

हमारा कानून खून की सजा देता है. पर संबंध में हुए विश्वास के खून की सजा अभी तक मुकर्रर नहीं हो सकी है. इसलिए इस विश्वासघात को खुद ही रोकने की कोशिश करें.

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सवाल-

मैं 37 साल की हूं. सैक्स के दौरान चरम पर नहीं पहुंच पाती. इस से मन बेचैन रहने लगा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

यह महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसे दवा से ज्यादा आप खुद ही दूर कर सकती हैं.

इस बारे में आप पति से बात करें. सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं और हलका भोजन करें. सैक्स के दौरान जल्दबाजी दिखाने से भी यह समस्या होती है. इसलिए बेहतर होगा कि सैक्स से पहले फोरप्ले की प्रक्रिया अपनाएं, जो लंबी हो.

इस मामले में गलती पुरुषों की भी होती है. सैक्स को निबटाने की सोच रखने वाले ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो खुद की संतुष्टि को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं और सैक्स के तुरंत बाद करवट बदल कर सो जाते हैं.

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बेहतर होगा कि सैक्स से पहले ऐसा माहौल बनाएं जो सैक्स प्रक्रिया को उबाऊ न बना कर प्यारभरा व रोमांचक बनाए.

सैक्स से पहले कमरे में मध्यम रोशनी के बीच मधुर आवाज में संगीत चला दें, एकदूसरे से प्यारभरी बातें करें, एकदूसरे के अंगों की तारीफ करें यानी देर तक फोरप्ले करने के बाद ही सैक्स करें. यकीनन ऐसा करने से आप की समस्या दूर हो जाएगी.

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कोरोना काल में सेक्स सबसे बडी परेशानी का सबब बन गया है. बिना तैयारी के सेक्स से गर्भ ठहरने लगाहै. उम्रदराज लोगों के सामने ऐसी परेशानियां खडी हो गई है. स्कूल बंद होने से बच्चों के घर पर रहने से पति पत्नी को अपने लिये समय निकालना मुश्किल होने लगा. बाहर आना जाना बंद हो गया. कभी पति के पास समय है तो कभी पत्नी का मूड नहीं. कभी पत्नी का मूड बना तो पति को औनलाइन वर्क से समय नहीं. ऐसे में आपसी तनाव, झगडे और जल्दी सेक्स की आदत आम होने लगी है. जिस वजह से आपसी झगडे बढने लगे है. ऐसे में जरूरी है कि आपस में समय तय करके सेक्स करे. जिससे आपसी झगडे कम होगे तालमेल बढेगा.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

सहमति से बने संबंधों में बंदिशें क्यों?

व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं में पत्नियों की किसी से प्रेम करने व यौन संबंध बनाने की स्वतंत्रता है या नहीं, यह अच्छी रोचक बहस का मामला है. भारतीय दंड विधान स्पष्ट कहता है कि किसी की पत्नी के साथ संबंध बनाने पर पुरुष को दंड दिया जा सकता है पर पत्नी किसी पर पुरुष से संबंध बनाए तो उसे दंड नहीं दिया जा सकता. ऐसे मामले में पति पत्नी को तलाक अवश्य दे सकता है.

नौसेना ने ब्रिगेडियर रैंक के एक अफसर को इसलिए निकाला है क्योंकि उस ने अपने एक सहयोगी की पत्नी के साथ अपनी पत्नी की इच्छा के बिना संबंध बना लिए थे. पतिपत्नी के बीच क्या हुआ यह तो नहीं मालूम पर इस संबंध को अपराध या दुर्व्यवहार की संज्ञा देना गलत होगा. कहा यही जाता है कि विवाह के बाद पतिपत्नी को एकदूसरे के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए और किसी तीसरे की ओर नजर नहीं डालनी चाहिए. पर यह सलाह है, कानूनी निर्देश नहीं. अगर दोनों में से कोई इस वादे को तोड़ता है तो उसे विवाह तोड़ने का हक कानून में है और उस का इस्तेमाल किया जा सकता है पर इस के लिए तीनों में से किसी को भी दंडित करना गलत होगा.

विवाह से पतिपत्नी को एकदूसरे पर बहुत से अधिकार मिलते हैं पर ये अधिकार आपसी समझौते और समझदारी के हैं. समाज का काम इन पर पहरेदारी करना नहीं है.

समाज ने इस बारे में सदा एकतरफा व्यवहार किया है. सदियों से औरतों को कुलटा कहकह कर इसलिए बदनाम और घर से बेदखल किया जाता है, क्योंकि उन को पति की संपत्ति का सा हक दे दिया गया है.

भारतीय दंड कानून के अंतर्गत कभी भी पति उस बिग्रेडियर के खिलाफ फौजदारी का मुकदमा कर सकता है और उसे जेल भेजवा सकता है जबकि उस ब्रिगेडियर ने सहमति व प्यार में दूसरे की पत्नी से संबंध बनाए थे.

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कुछ लोगों को यह बात भले ही अनैतिकता फैलाने वाली लगे पर सच यह है कि इस कोरी नैतिकता के दंभ के कारण पौराणिक गाथाओं की सीता और अहिल्या ने दुख भोगे और द्रौपदी ने बारबार अपमान सहा. राजा दशरथ की 3 पत्नियों को तो सहज लिया जाता है पर औरतों पर बंदिशें लगाई जाती हैं.

विवाहिता अपने शरीर व दिल के सारे अधिकार पुरुष को सौंप दे और बदले में सिर्फ घर की छत, रोटी, कपड़ा और शायद डांट, मार, तनाव पाए यह गलत है. अगर पति की बेरुखी के कारण पत्नी को कोई और आकर्षित करे तो समाज, कानून और ऐंपलायर को हक नहीं कि वे नैतिकता के ठेकेदार बन जाएं.

पतिपत्नी का प्यार दोनों की आपसी लेनदेन पर निर्भर है. जैसे प्रेम करते हुए युवक को एक लड़की के अलावा कोई और नहीं दिखता, उसी तरह लड़की को भी प्रेमी के अलावा सब तुच्छ लगते हैं. इसी तरह का व्यवहार पतिपत्नी में अपनेआप होना चाहिए. वह थोपा हुआ न हो.

पत्नियां ही अपना मन मारें, किसी के प्रति चाहत पर अपराधभाव महसूस करें, यदि किसी से हंसबोल लें तो मार खाएं जबकि पति पूरी तरह छुट्टा घूमे यह न्याय कैसे है, नैतिक कैसे है?

गलती असल में धर्मों की है जिन्होंने औरतों पर तरहतरह की बंदिशें लगाईं. विडंबना यह है कि औरतें ही सब से ज्यादा अपना मन, धन और यहां तक कि तन भी धर्म के नाम पर निछावर करती हैं. उस धर्म पर जो औरतों के लिए अन्यायी है, अत्याचारी है, अनाचारी है, असहनशील है.

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मेरे जेठ मुझसे जबरन संबंध बनाना चाहतें हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

 मेरी शादी करीब 4 साल पहले दिल्ली में हुई थी. पति बिजनैसमैन हैं. हमारी अरेंज्ड मैरिज हुई थी. शुरुआत में पति के साथ थोड़ी खटपट रहती थी, मगर फिर धीरेधीरे हम एक-दूसरे को समझने लगे और सब ठीक चलने लगा. मगर इसी बीच मेरी जेठानी जो परिवार के साथ ऊपर वाले फ्लोर पर रहती थीं अचानक चल बसीं. उनके 2 बच्चे हैं जो इतने बड़े हो चुके हैं कि खुद अपनी देखभाल कर सकें. मेरे जेठ की पास में ही कपड़ों की शौप है. वे अकसर मेरे पति के पीछे भी हमारे घर आते-जाते रहते थे. जेठानी की मौत के बाद मेरे मन में उन के लिए सहानुभूति की भावना रहती थी. मगर उन का रवैया कुछ और ही रहने लगा. वे अकसर मेरे करीब आने का प्रयास करने लगे. एक दिन तो खुलेतौर पर मुझ से हमबिस्तर होने का आग्रह करने लगे.  मैंने उस समय तो उन्हें किसी तरह झटक दिया और जाने को कह दिया, मगर अब मुझे डर लगा रहता है कि न जाने कब वे फिर से ऐसे ही इरादे के साथ आ धमकें. मुझे पति से भी इस संदर्भ में बात करने में हिचक हो रही है, क्योंकि वे अपने बड़े भाई को बहुत मानते हैं. मुझे डर है कि कहीं वे मुझे ही दोषी न मान बैठें. बताएं क्या करूं?

जवाब-

सब से पहले तो आप को बिना किसी डर या हिचकिचाहट के अपने पति से बात करनी चाहिए. उन्हें अपने विश्वास में ले कर अपना डर जाहिर करना होगा. यदि वे बिलकुल न मानें तो किसी दिन मौका देख कर कोई सुबूत जुटाने का प्रयास करें. जेठ जब भी दरवाजा खटखटाएं तो आप मोबाइल का वौइस रिकौर्डर औन कर के अपने पास रख लें तब दरवाजा खोलें. ऐसे में जेठ यदि कोई गलत बात कहते या ऐसीवैसी कोई हरकत करते हैं तो सब रिकौर्ड हो जाएगा और फिर आप अपने पति को बतौर सुबूत उस रिकौर्डिंग को सुना सकती हैं.

वैसे अच्छा होगा कि आप पति से कहीं और घर लेने का आग्रह करें या फिर जेठ की दोबारा शादी कराने का प्रयास करें. उन्हें पत्नी की कमी खल रही है, इसलिए आप की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. नई पत्नी के आ जाने पर संभव है कि वे आप से सामान्य व्यवहार करने लगें.

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आप चाहकर भी नहीं बदल सकतीं पति की ये 5 आदतें, पढ़ें खबर

सभी मानते हैं कि जब भी किसी लड़के की शादी होती हैं तो उसकी जिंदगी में कई बदलाव आते हैं और उसकी कुछ आदतें छूट जाती हैं. लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं हैं क्योंकि हर पति में कुछ आदतें ऐसी कौमन होती हैं जो एक बीवी चाहकर भी नहीं बदल पाती है.

हर लड़की यही सोचती रहती है कि किस तरह से पति की इन आदतों को बदला जाए, लेकिन वह सभी प्रयासों में असफल रहती हैं. तो आइये जानते हैं हर पति में पाई जाने वाली उन 5 कौमन आदतों के बारे में.

1. क्रिकेट से प्यार

लड़कों को क्रिकेट देखना बहुत पसंद होता है. खासतौर पर जब वर्ल्ड कप मैच हो, वह स्पैशल औफिस से छुट्टी लेते हैं. क्रिकेट का मैच देखते हुए अपने पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करने की जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन आप उनका ध्यान नहीं हटा पाएंगी.

2. मां से कंपैरिजन

पुरुषों में एक बहुत बुरी आदत होती है अपनी पत्नी की मां से तुलना करने की आदत. वह हर छोटी-छोटी बात पर अपनी पत्नी की मां से तुलना करने लगते हैं. खासतौर पर खाने के लेकर कि तुम मेरी मां जैसा स्वादिष्ट खाना बना ही नहीं सकती.

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3. झूठ बोलने की आदत

पत्नी कभी भी अपने पार्टनर की झूठ बोलने की आदत कभी नही छुड़ा सकती. पुरुष अपनी पत्नी को खुश रखने और नोक-झोंक से बचने से लिए उसे छोटे-छोटे झूठ बोलते ही रहते हैं.

4. स्मोक करने की आदत

पुरुषों में सबसे बुरी आदत होती है नशे की. पत्नी कभी भी उनकी इस आदत को छुड़ा नहीं सकती. आपका पति चाहे आपके सामने सिगरेट न लेता हो लेकिन वह बाहर जा कर आपसे चोरी छिपे सिगरेट जरूर पी लेता होगा.

5. दूसरी लड़कियों को देखने की आदत

पुरुषों की अपनी पत्नी चाहे जितनी भी मर्जी खूबसूरत हो, लेकिन वह दूसरी लड़कियों को देखने से कभी नहीं हटते, चाहे वो उन्हें गलत नजर से न देखते हों. उनकी इन आदतों को लेकर झगड़ा न करें. उन्हें समझाने की कोशिश करें.

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नीरस हो रहे रिश्ते में रोमांस जगाने के आजमाएं ये टिप्स

जब लंबे समय तक साथ रह कर ऐसा अनुभव होने लगे कि आप सोलमेट के साथ नहीं, फ्लैटमेट के साथ रह रहे हैं, तो समझ लीजिए आप को कुछ तरीके अब सोचने ही पड़ेंगे कि कैसे रोमांस फिर से लाया जाए. कुछ बोरियत को उम्र का बढ़ना मान लेते हैं और फिर इस बोरियत से बचने के लिए कहीं और आकर्षित होने लगते हैं. मगर ऐसी नौबत आने ही न दें.

रिलेशनशिप थेरैपिस्ट रीता कोठारी का कहना है, ‘‘परफैक्ट रिलेशनशिप का आइडिया ही एक भ्रम है. सब में अच्छीबुरी आदतें होती हैं. बस प्यार ही वह भावना है, जो इस रिश्ते को सहेज कर रख सकती है और एकदूसरे की बुरी आदतों की उपेक्षा कर सकती है.’’

आइए, जानें कि विशेषज्ञ आप के रिश्तों को सुधारने के लिए क्या होमवर्क करने के लिए कहते हैं:

आलिंगन से बढ़ता है विश्वास

रिलेशनशिप कोच आदिति का कहना है, ‘‘आलिंगन से विश्वास बढ़ता है और हैप्पीनैस हारमोंस औक्सीटोसिन और सैरोटोनिन बढ़ते हैं. इस से निराशा कम होती है और अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है. जानें कि आप के पार्टनर को क्या अच्छा लगता है. कुछ पल बांहों में रहना या कम देर रहना. रिसर्च कहती है कि बहिर्मुखी लोगों को दिन में 8 बार हग करना अच्छा लगता है.’’

मनोवैज्ञानिक डा. अंजलि कहती हैं, ‘‘रिसर्च के अनुसार प्रिय की मौजूदगी से किसी भी कार्य को करने की सामर्थ्य बढ़ती है. जो कपल्स साथ ऐक्सरसाइज करते हैं उन की बौंडिंग ज्यादा अच्छी होती है. एक दंपती ने अपना अनुभव बताया कि दोनों ने एक डांस क्लास साथ जौइन की तो दोनों के रिश्ते में बहुत सकारात्मक परिवर्तन हुआ. अत: कोई भी ऐक्टिविटी साथ जरूर करें.’’

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कैसे बढ़ाएं अंतरंगता

अंजलि आगे कहती हैं, ‘‘बैड पर एक ही समय जाएं. इस से दोनों को कुछ समय साथ रहने को मिलेगा जिस से अंतरंगता बढ़ेगी. हां, यह प्रतिदिन तो संभव नहीं हो

सकता, क्योंकि कोई पार्टनर देर तक काम कर रहा हो सकता है या बाहर हो सकता है पर कोशिश करें कि ऐसा महीने में 7 दिन तो हो.

1991 में जेफरी लार्सन की रिसर्च के अनुसार जिन पतिपत्नी का स्लीपिंग पैटर्न मैच नहीं करता उन्हें ऐडजस्टमैंट में मुश्किलें आती हैं.

छोटेछोटे संकेत से बढ़ाएं प्यार

एकदूसरे का हाथ पकड़ कर दिन की शुरुआत करें या मौर्निंग वाक के समय या चाय पीते हुए. इस से प्यार में ऊष्मा बढ़ती है या बाहर जाने पर टेबल तक ही हाथ पकड़ लें. हाथ और उंगलियों में सब से ज्यादा स्पर्श की अनुभूति होगी. इस टच से स्ट्रैस हारमोंस कम होते हैं और दोनों रिलैक्स्ड होते हैं. इसलिए एकदूसरे के हाथ में अपना हाथ देने में देर न करें. इस स्पर्श का आनंद उठाएं.

वैवाहिक जीवन की सफलता और इसे आनंददायक बनाने के लिए पार्टनर को थैंक्स बोलते रहना बहुत जरूरी है. धीरेधीरे दोनों एकदूसरे को टेकेन फौर ग्रांटेड लेने लगते हैं पर रोज किसी न किसी बात पर एकदूसरे को प्यार से थैंक्स कहने से यही लगेगा कि दोनों की हर बात पर एकदूसरे का ध्यान है. ये छोटेछोटे संकेत प्यार बढ़ाते हैं.

मोबाइल से दूर रहें

अमेरिकन साइकोलौजिकल ऐसोसिएशन के अध्ययन के अनुसार स्मार्टफोन के ज्यादा प्रयोग से रिश्तों में अनिश्चितता आती है, गैजेट्स ने पतिपत्नी के समय और स्पेस पर असर डाला है. दोनों भले ही साथ खाना खा रहे हों पर ध्यान फोन पर होता है. साथ होने पर आधा घंटा फोन से दूर रहने की आदत डालना इतना मुश्किल भी नहीं है. हो सके तो डाइनिंग टेबल को नो फोन जोन बना दें. आधा घंटा भी बात कर के दोनों एकदूसरे के साथ और जुड़ सकते हैं.

हंसने से फील गुड हारमोन इंडोर्फिंस बढ़ता है जो इम्यून सिस्टम को अच्छा रखता है. महिलाएं पुरुषों में सैंस औफ ह्यूमर होना पसंद करती हैं पर इस के लिए स्टैंडअप कौमेडियन होना जरूरी नहीं है. कोई फनी मूवी साथ देखें या कोई फनी चीज किसी बुक से सुनाएं, साथ हंसें और हंसाएं.

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बिताएं खुशनुमा पल

धीरेधीरे समय के साथ काम और परिवार की जिम्मेदारी में सैक्स पीछे छूटता चला जाता है. सब से ध्यान हटा कर हफ्ते में कम से कम 1 बार ही सही सैक्स का आनंद अवश्य लें.

कभीकभी अकेले कहीं समय बिताने जाएं, यह जरूरी है. चाहे आप को हर काम अपने पार्टनर के साथ करने की आदत हो पर कभीकभी सिर्फ अपनी कंपनी ऐंजौय करें.

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