Relationship : सैक्सुअल लाइफ के कारण परेशान हूं, मैं क्या करूं?

Relationship : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 22 साल की हूं और मेरे पति 25 साल के हैं. शादी के 10 महीने हो चुके हैं. हमबिस्तरी के दौरान मेरे पति बहुत जल्दी जोश में आ जाते हैं, जबकि मैं काफी देर बाद जोश में होती हूं. कोई उपाय बताएं, ताकि मैं भी जल्दी जोश में आ सकूं?

जवाब

तजरबा न होने के चलते आप लोगों के साथ ऐसा हो रहा है. अपने पति से कहें कि हमबिस्तर होने के दौरान पहले वे काफी देर तक आप के अंगों को  चूमें व सहलाएं. इस से आप पूरी तरह तैयार हो जाएंगी.

ये भी पढ़ें…

दांपत्य में घटता सैक्स और बढ़ता अलगाव

वर्तमान में विवाहित जोड़ों के जीवन से सैक्स बाहर होता जा रहा है. यह समस्या दिनदूनी रात चौगुनी गति से बढ़ रही है, जबकि बैस्ट सेलर उपन्यास ‘हाउ टु गैट द मोस्ट आउट औफ सैक्स’ के लेखक डैविड रूबेन का कहना है, ‘‘यदि सैक्स सही है तो सब कुछ सही है और यदि यह गलत है तो कुछ भी सही नहीं हो सकता. यही कारण है कि यह सहीगलत का समीकरण बहुतों के जीवन पर हावी हो रहा है.’’

27 वर्षीय माया त्यागी के जीवन पर भी यह समीकरण हावी हो रहा है. कुछ माह पहले हुए इस विवाह ने युवा मीडिया प्रोफैशनल के जीवन में सब गड़बड़ कर दिया, क्योंकि माया का पति कार्य के प्रति पूर्णतया समर्पित है, इसलिए उन के आपसी संबंधों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा है. माया का पति हमेशा व्यस्त रहता है. शाम को भी घर देर से आता है और इतना थका होता है कि उस के लिए कुछ भी करना मुश्किल होता है. शादी के बाद भी उस का व्यस्त कार्यक्रम नहीं बदला.

माया कहती है,‘‘वैसे, शुरू में सैक्स ज्यादा बड़ी समस्या नहीं थी. जब भी हम साथ होते थे तो सैक्स होता था और मुझे यह जीवनशैली बुरी नहीं लगती थी. लेकिन धीरेधीरे हमारे यौन संबंधों में कुछ दिन का अंतराल आने लगा और फिर धीरेधीरे यह अंतराल बढ़ता चला गया. मेरे पति को इस बात से जैसे अब कोई मतलब नहीं रहा. अब हम मुश्किल से महीने में 1 बार सैक्स करते होंगे और वह भी आननफानन में.’’

पहली रात में अलगाव

बहुत सारे ऐसे केस हैं जहां शारीरिक समस्याएं पहली रात से ही शुरू हो जाती हैं. सुनील व रेशमा के साथ ऐसा ही हुआ. वे शादी के बंधन में बंधने से पहले ही अच्छे दोस्त बन चुके थे. उन के बीच से अजनबीपन पूरी तरह से मिट गया था. लेकिन पहली बार बिस्तर पर सैक्स करने के बाद ही उन की समस्या की शुरुआत हो गई.

29 वर्षीय सुनील उस रात प्यार की सारी सीमाएं तोड़ना चाहता था, जबकि उस की मित्र से पत्नी बनी रेशमा अपनी सुंदर दोस्ती को बरबाद नहीं होने देना चाहती थी. रेशमा के प्रतिकार की वजह से उस रात उन्होंने कुछ नहीं किया और फिर यही सामान्यतया रोज होने लगा. आदमी रोजाना जिद करे और पत्नी मना करे तो क्लेश होता ही है.

कुछ माह के बाद सुनील ने तलाक का केस दायर कर दिया. जब भी वह अलगाव का मुद्दा छेड़ता तो उस के विवाहित साथी उसे अलग होने को कहते जबकि अविवाहित साथी सुनील से कहते कि वह धैर्य रखे, उदास न हो, क्योंकि उस के पास पत्नी के रूप में एक बहुत अच्छी दोस्त है, जिस के साथ वह सब कुछ बांट सकता है और सैक्स तो वैसे भी कुछ सालों में हवा हो जाता है.

इन सब परेशानियों के होते हुए भी सुनील व रेशमा बाहर फिल्म, कला प्रदर्शनी देखने जाते, भोजन के लिए जाते. खास मौकों पर एकदूसरे को तोहफा भी देते. बल्कि रेशमा ने तो सुनील के जन्मदिन व विवाह की वर्षगांठ को भी बड़े अच्छे तरीके से मनाया. अब 3 साल बाद दोनों के रिश्ते में सैक्स भी है और प्यार भी.

सुनील का कहना है ,‘‘मैं रेशमा के साथ खुश हूं. वह एक बहुत अच्छी दोस्त है. मैं उसे औफिस में क्या हुआ से ले कर मां से लड़ाई तक सब कुछ बता सकता हूं. यद्यपि शुरू में हमारे बीच लड़ाई होती थी. मैं उस के साथ सैक्स करना चाहता था, परंतु वह कहती थी कि दोस्ती और सैक्स हमेशा साथ नहीं चल सकते. तब मेरी मरजी थी. हम में से किसी का विवाहेतर संबंध नहीं था, परंतु स्वयं आनंद भी अनदेखा नहीं किया जा सकता.’’

सैक्स में कमी क्यों

आज सैक्स शहरीकरण की बहुत बड़ी समस्या है. विशेषज्ञ शहरी जोड़ों में सैक्स से दूरी के अलगअलग कारण बताते हैं. कुछ जोड़ों की डबल इनकम, आलीशान जीवनशैली, उच्च वेतन वाली नौकरियां, ब्रैंड लेबल आदि सब सैक्स की कमी के लिए जिम्मेदार हैं. उच्च आय वाले कामकाजी जोड़े अपने बैडरूम से ज्यादा समय अपने औफिस में बिताते हैं. उन का व्यस्त जीवन सैक्स के लिए जगह नहीं छोड़ता और फिर वे कोशिश करने में भी पीछे रह जाते हैं. हर चीज से मिलने वाली तुरंत संतुष्टि एक आदत बन जाती है.

डा. मन्नु भोंसले का कहना है कि आज के युवा जोड़ों के पास अपने साथी को यौन संतुष्टि प्रदान करने के लिए समय का अभाव होता है तथा घंटों काम करने से होने वाली शारीरिक थकान उन्हें सैक्स से दूर करती है, नशा भी सैक्स से दूरी बढ़ाता है. पत्नी की सैक्स में रुचिहीनता भी एक कारण है, क्योंकि ज्यादातर पुरुष औनलाइन सैक्स व खुद आनंद के आदि हो जाते हैं. ध्यान रखें सैक्स पतिपत्नी के लिए एकदूसरे के करीब आने का जरूरी माध्यम है. इसे नजरअंदाज करना दोनों के अलगाव का कारण बन सकता है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Relationship : गर्लफ्रैंड मुझसे बात नहीं करना चाहती है, समझ नहीं आ रहा कि वह अचानक क्यों बदल गई?

 Relationship : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 21 साल का हूं और 3 सालों से 19 साल की लड़की से प्यार करता हूं. जब तक वह मेरे करीब थी तो प्यार जताती थी, मगर अब दूर चली गई है तो फोन भी नहीं करती है और न ही मिलने को राजी होती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
वह आप से टाइमपास कर रही थी. अब जाहिर है कि उसे आप से प्यार नहीं है. उस का खयाल दिल से निकाल कर आप भी अपनी जिंदगी बनाने की कोशिश करें.

ये भी पढ़ें…

प्यार का चसका

शहर के कालेज में पढ़ने वाला अमित छुट्टियों में अपने गांव आया, तो उस की मां बोली, ‘‘मेरी सहेली चंदा आई थी. वह और उस की बेटी रंभा तुझे बहुत याद कर रही थीं. वह कह गई है कि तू जब गांव आए तो उन से मिलने उन के गांव आ जाए, क्योंकि रंभा अब तेरे साथ रह कर अपनी पढ़ाई करेगी.’’

यह सुन कर दूसरे दिन ही अमित अपनी मां की सहेली चंदा से मिलने उन के गांव चला गया था.

जब अमित वहां पहुंचा, तो चंदा और उन के घर के सभी लोग खेतों पर गए हुए थे. घर पर रंभा अकेली थी. अमित को देख कर वह बहुत खुश हुई थी.

रंभा बेहद खूबसूरत थी. उस ने जब शहर में रह कर अपनी पढ़ाई करने की बात कही, तो अमित उस से बोला, ‘‘तुम मेरे साथ रह कर शहर में पढ़ाई करोगी, तो वहां पर तुम्हें शहरी लड़कियों जैसे कपड़े पहनने होंगे. वहां पर यह चुन्नीवुन्नी का फैशन नहीं है,’’ कह कर अमित ने उस की चुन्नी हटाई, तो उस के हाथ रंभा के सुडौल उभारों से टकरा गए. उस की छुअन से अमित के बदन में बिजली के करंट जैसा झटका लगा था.

ऐसा ही झटका रंभा ने भी महसूस किया था. वह हैरान हो कर उस की ओर देखने लगी, तो अमित उस से बोला, ‘‘यह लंबीचौड़ी सलवार भी नहीं चलेगी. वहां पर तुम्हें शहर की लड़की की तरह रहना होगा. उन की तरह लड़कों से दोस्ती करनी होगी. उन के साथ वह सबकुछ करना होगा, जो तुम गांव की लड़कियां शादी के बाद अपने पतियों के साथ करती हो,’’ कह कर वह उस की ओर देखने लगा, तो वह शरमाते हुए बोली, ‘‘यह सब पाप होता है.’’

‘‘अगर तुम इस पापपुण्य के चक्कर में फंस कर यह सब नहीं कर सकोगी, तो अपने इस गांव में ही चौकाचूल्हे के कामों को करते हुए अपनी जिंदगी बिता दोगी,’’ कह कर वह उस की ओर देखते हुए बोला, ‘‘तुम खूबसूरत हो. शहर में पढ़ाई कर के जिंदगी के मजे लेना.’’

इस के बाद अमित उस के नाजुक अंगों को बारबार छूने लगा. उस के हाथों की छुअन से रंभा के तनबदन में बिजली का करंट सा लग रहा था. वह जोश में आने लगी थी.

रंभा के मांबाप खेतों से शाम को ही घर आते थे, इसलिए उन्हें किसी के आने का डर भी नहीं था. यह सोच कर रंभा धीरे से उस से बोली, ‘‘चलो, अंदर पीछे वाले कमरे में चलते हैं.’’ यह सुन कर अमित उसे अपनी बांहों में उठा कर पीछे वाले कमरे में ले गया. कुछ ही देर में उन दोनों ने वह सब कर लिया, जो नहीं करना चाहिए था.

जब उन दोनों का मन भर गया, तो रंभा ने उसे देशी घी का गरमागरम हलवा बना कर खिलाया. हलवा खाने के बाद अमित आराम करने के लिए सोने लगा. उसे सोते हुए देख कर फिर रंभा का दिल उसके साथ सोने के लिए मचल उठा.

वह उस के ऊपर लेट कर उसे चूमने लगी, तो वह उस से बोला, ‘‘तुम्हारा दिल दोबारा मचल उठा है क्या?’’

‘‘तुम ने मुझे प्यार का चसका जो लगा दिया है,’’ रंभा ने अमित के कपड़ों को उतारते हुए कहा. इस बार वे कुछ ही देर में प्यार का खेल खेल कर पस्त हो चुके थे, क्योंकि कई बार के प्यार से वे दोनों इतना थक चुके थे कि उन्हें गहरी नींद आने लगी थी.

शाम को जब रंभा के मांबाप अपने खेतों से घर लौटे, तो अमित को देख कर खुश हुए.

रंभा भी उस की तारीफ करते नहीं थक रही थी. वह अपने मांबाप से बोली, ‘‘अब मैं अमित के साथ रह कर ही शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करूंगी.’’

यह सुन कर उस के पिताजी बोले, ‘‘तुम कल ही इस के साथ शहर चली जाओ. वहां पर खूब दिल लगा कर पढ़ाई करो. जब तुम कुछ पढ़लिख जाओगी, तो तुम्हें कोई अच्छी सी नौकरी मिल जाएगी. तुम्हारी जिंदगी बन जाएगी.’’

‘‘फिर किसी अच्छे घर में इस की शादी कर देंगे. आजकल अच्छे घरों के लड़के पढ़ीलिखी बहू चाहते हैं,’’ रंभा की मां ने कहा, तो अमित बोला, ‘‘मैं दिनरात इसे पढ़ा कर इतना ज्यादा होशियार बना दूंगा कि फिर यह अच्छेअच्छे पढ़ेलिखों पर भारी पड़ जाएगी.’’

रंभा की मां ने अमित के लिए खाने को अच्छेअच्छे पकवान बनाए. खाना खाने के बाद बातें करते हुए उन्हें जब रात के 10 बज गए, तब उस के सोने का इंतजाम उन्होंने ऊपर के कमरे में कर दिया.

जब अमित सोने के लिए कमरे में जाने लगा, तो चंदा रंभा से बोली, ‘‘कमरे में 2 पलंग हैं. तुम भी वहीं सो जाना. वहां पर अमित से बातें कर के शहर के रहनसहन और अपनी पढ़ाईलिखाई के बारे में अच्छी तरह पूछ लेना.’’

यह सुन कर रंभा मुसकराते हुए बोली, ‘‘जब से अमित घर पर आया है, तब से मैं उस से खूब जानकारी ले चुकी हूं. पहले मैं एकदम अनाड़ी थी, लेकिन अब मुझे इतना होशियार कर दिया है कि मैं अब सबकुछ जान चुकी हूं कि असली जिंदगी क्या होती है?’’

यह सुन कर चंदा खुशी से मुसकरा उठी. वे दोनों ऊपर वाले कमरे में सोने चले गए थे. कमरे में जाते ही वे दोनों एकदूसरे पर टूट पड़े. शहर में आ कर अमित ने रंभा के लिए नएनए फैशन के कपड़े खरीद दिए, जिन्हें पहन कर वह एकदम फिल्म हीरोइन जैसी फैशनेबल हो गई थी. अमित ने एक कालेज में उस का एडमिशन भी करा दिया था.

जब उन के कालेज खुले, तो अमित ने अपने कई अमीर दोस्तों से उस की दोस्ती करा दी, तो रंभा ने भी अपनी कई सहेलियों से अमित की दोस्ती करा दी. गांव की सीधीसादी रंभा शहर की जिंदगी में ऐसी रम गई थी कि दिन में अपनी पढ़ाई और रात में अमित और उस के दोस्तों के साथ खूब मौजमस्ती करती थी.

जब रंभा शहर से दूसरी लड़कियों की तरह बनसंवर कर अपने गांव जाती, तब सभी लोग उसे देख कर हैरान रह जाते थे. उसे देख कर उस की दूसरी सहेलियां भी अपने मांबाप से उस की तरह शहर में पढ़ने की जिद कर के शहर में ही पढ़ने लगी थीं.

अब अमित उस की गांव की सहेलियों के साथ भी मौजमस्ती करने लगा था. उस ने रंभा की तरह उन को भी प्यार का चसका जो लगा दिया था.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Friend Goals : सहेलियां बातबेबात मेरी शादीशुदा जिंदगी का मजाक उड़ाती हैं, मैं क्या करूं?

Friend Goals : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

हाल ही में मेरी शादी हुई है. पति सुलझे हुए इंसान हैं और मुझे बेहद प्यार भी करते हैं. मेरी समस्या यह है कि मेरी कुछ सहेलियां हैं, जो अकसर मेरे घर आ धमकती हैं और मुझ से अपने बौयफ्रैंड्स को ले कर काफी क्लोज और अंतरंग बातें शेयर करती रहती हैं. वे मुझ से फोन पर भी फोटो व बातें शेयर करती रहती हैं. वे बातबेबात मेरी शादीशुदा जिंदगी का भी मजाक उड़ाती रहती हैं. ये सब सुन कर मैं असहज हो जाती हूं. लगता है कि शादी से पहले की जिंदगी ही मजेदार होती है. मैं परेशान हूं. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब-

फैंटेसी की दुनिया में खोई रहने वाली ऐसी युवतियों को दरअसल इस में आनंद आता है

और वे इसे स्टेटस सिंबल समझती हैं तथा चाहती हैं कि दूसरे भी

उन्हीं की तरह सोचें और करें. इस का दिलोदिमाग पर जरूर असर पड़ता है.

आप ऐसा कतई न करें. चूंकि अब आप शादीशुदा हैं और आप के पति आप को प्यार भी करते हैं. बेहतर होगा कि दांपत्य जीवन की गाड़ी सुचारु रूप से चलाई जाए. शादी के बाद जिंदगी की खुशियां कम नहीं होतीं.

आप अपनी सहेलियों से कह सकती हैं कि शादी को ले कर अपनी सोच के लिए वे स्वतंत्र हैं पर अब मैं शादीशुदा हूं, इसलिए इन सब बातों में मेरी कोई रुचि नहीं है.

ये भी पढ़ें- 

ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाली थी. साक्षी सामान संभाल रही थी. उस ने अपने बालों में कंघी की और अपने पति सौरभ से बोली, ‘‘आप भी अपने बाल सही कर लें. यह अपने कुरते पर क्या लगा लिया आप ने? जरा भी खयाल नहीं रखते खुद का.’’

‘‘अरे यार, रात को डिनर किया था न. लगता है कुछ गिर गया.’’

तीखे नैननक्श, सांवले रंग की साक्षी मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखती थी. पति सौरभ सरकारी विभाग में बाबू था. शादी को 15 साल होने जा रहे थे. दोनों का 1 बेटा करीब 13 साल का था. लेकिन इस वक्त उन के साथ नहीं था.

साक्षी जब पढ़ती थी तब कसबे में एक ही सरकारी गर्ल्स कालेज था. उस में ही मध्यवर्गीय और उच्चवर्ग के घरों की लड़कियां स्कूल से आगे की पढ़ाई पूरी करती थीं. कसबे के करोड़पति व्यापारी की बेटी कामिनी भी साक्षी की कक्षा में थी. वह चाहती तो यह थी कि शहर में जा कर किसी बड़े नामी कालेज में दाखिला ले, लेकिन उसे इस बात की इजाजत नहीं मिली.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Relationship Goals : हम दोनों बहनों ने शादी के 1 साल बाद अपने पति आपस में बदल लिए थे…

Relationship Goals :  अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

हमारी समस्या थोड़ी अजीब है. हम 2 सगी बहनें हैं और हमारा विवाह एक ही घर में 2 सगे भाइयों से हुआ था. लेकिन हम दोनों बहनों ने विवाह के 1 वर्ष बाद ही अपने अपने पतियों की सहमति से पति बदल लिए थे. इस समय हमारी उम्र 30 वर्ष है.

पतियों की अदलाबदली वाली बात घर में हम चारों के अलावा और कोई नहीं जानता है और दोनों बहनों के पतियों में 1 वर्ष का अंतर है. चूंकि हमारी ससुराल अत्यंत धनाढ्य घराना है इसलिए ससुर ने अभी से वसीयत कर दी है और वसीयत का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर कर दिया है.

पतियों की अदलाबदली से छोटी बहन जेठानी और मैं देवरानी हो गई हूं. हम बहनों और हमारे पतियों में अटूट प्रेम है. लेकिन हमें डर है कि अगर हम दोनों बहनों में से कोई भी एक पहले विधवा हो जाती है तो क्या इस का असर हमारी संपत्ति के बंटवारे पर पड़ेगा.

हमें ऐसा क्या करना चाहिए जिस से हमारे बीच का राज, राज ही बना रहे और संपत्ति को ले कर किसी को कोई नुकसान नहीं हो. इस के अलावा हमें अपने मायके की संपत्ति को ले कर भी डर है कि कहीं हमारी इस अदलाबदली से वहां की संपत्ति के बंटवारे में कोई विवाद तो नहीं हो जाएगा? सलाह दें.

जवाब
आप ने सही कहा, आप की समस्या अजीबोगरीब है और ऐसा आप बहनों की पतियों की अदलाबदली के निर्णय के कारण हुआ है. आप ने यह नहीं बताया कि आप ने विवाह के 1 वर्ष बाद पतियों की अदलाबदली का अजीबोगरीब निर्णय क्यों लिया? क्या इस के पीछे कोई खास वजह थी. अगर आप को पतियों की पसंद को ले कर कोई समस्या थी तो आप को यह अदलाबदली विवाह से पहले ही करनी चाहिए थी. आप ने विवाह के बाद ऐसा कर के बहुत बड़ा रिस्क लिया है. आप घरपरिवार वालों के सामने इस बदले रिश्ते को कैसे निभा पाते हैं, यह एक कठिन काम है.

हालांकि अब आप ऐसा कर चुके हैं और आप ने ऐसा कर के वैवाहिक संबंधों को हंसीखेल बना दिया है.

जहां तक संपत्ति के बंटवारे को ले कर फायदेनुकसान की बात है तो यह बात आप सभी के पक्ष में हुई है कि आप के ससुर ने संपत्ति का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर किया है. अगर ऐसा नहीं होता तो आप लोगों के इस बेतुके निर्णय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता था.

जहां तक आप का यह संशय कि अगर आप दोनों में से कोई पहले विधवा हुई तो क्या इस का असर आप लोगों की संपत्ति पर पड़ेगा तो इस का जवाब भी यही है कि ऐसा कोई असर आप लोगों की संपत्ति पर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति का बंटवारा बराबरी से हुआ है.

इस के अलावा जहां तक पतियों के अदलाबदली वाली बात का घर के अन्य सदस्यों को पता चलने का डर है तो वह तब तक किसी अन्य सदस्य को पता नहीं चलेगी जब तक आप लोगों में से कोई इस राज को जाहिर नहीं करेगा. और अगर पीहर की संपत्ति के बंटवारे की बात करें तो वहां भी आप के राज के बारे में किसी को पता नहीं है.

ऐसे में अगर आप के पिता अगर दोनों बहनों के बीच संपत्ति का बंटवारा बराबर करेंगे तो कोई समस्या नहीं होगी लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इस का खमियाजा या फायदा आप दोनों बहनों को ही उठाना पड़ेगा. इस के अलावा आप लोगों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. यह सब आप को पतियों की अदलाबदली करने से पहले सोचना चाहिए था.

Couple Goals : मैं अपने पति को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाती, क्या करूं?

Couple Goals :  अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. मेरी शादी 10 महीने पहले हुई है. पति बहुत प्यार करते हैं पर मैं उन्हें सैक्स में पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाती. वजह है मेरी वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा संकुचित यानी टाइट होना. सैक्स संबंध के दौरान इस वजह से मैं पति को पूरा साथ नहीं दे पाती. इस दौरान मुझे तेज दर्द होता है. पति के आग्रह को मैं ठुकरा भी नहीं सकती पर सैक्स करने के नाम से ही मेरे हाथपांव फूल जाते हैं और पूरी कोशिश करती हूं कि टाल जाऊं. इस से पति नाराज रहने लगे हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप को सैक्स के प्रति मन में बैठा डर खत्म करना होगा, क्योंकि यह कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है जो दांपत्य जीवन की गरमाहट को बनाए रखता है. दूसरा, वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा टाइट होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है अलबत्ता शादी के बाद शुरुआती दिनों की एक आम समस्या हो सकती है या फिर मन में बैठे डर की वजह से आप वैजाइना को संकुचित कर लेती होंगी.

बेहतर होगा कि सैक्स संबंध बनाने से पहले फोरप्ले करें और इस की अवधि शुरुआत में इतनी अधिक हो कि आप सैक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएं. इसे और मजेदार बनाने के लिए पति से कहें कि वे ल्यूब्रिकैंट या चिकनाईयुक्त औयल का प्रयोग करें. बाजार में आजकल वैजाइनल मोल्ड्स भी उपलब्ध हैं, जिन के इस्तेमाल से सैक्स क्रिया को और अधिक आनंददायक बनाया जा सकता है. पति से कहें कि सैक्स संबंध के दौरान पैनिट्रेशन स्लो रखें. धीरेधीरे आप को भी इस में आनंद आने लगेगा और सैक्स का खुल कर लुत्फ उठाने लगेंगी. बावजूद इस के अगर समस्या जस की तस रहे तो बेहतर होगा कि पहले किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Relationship Tips : मेरी गर्लफ्रेंड ओवर प्रौटेक्टिव हैं, मैं क्या करूं?

Relationship Tips : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 25 वर्षीय अविवाहित युवक हूं. मेरी समस्या अपनी गर्लफ्रैंड को ले कर है, जो दिल की तो अच्छी है और मुझे प्यार भी करती है, लेकिन वह बातबेबात रूठ जाती है. वह चाहती है कि मैं उसे अकसर घुमानेफिराने ले जाऊं, मूवी दिखाऊं, शौपिंग कराऊं. वह बारबार फोन कर मुझे परेशान भी करती रहती है. कहती है कि कुछ भी करो तो बता कर. कभीकभी लगता है मैं बुरी तरह फंस गया हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

हर गर्लफ्रैंड यही चाहती है कि उस का बौयफ्रैंड उसे प्रेम करे, उसे समय दे, मूवी दिखाने ले जाए, शौपिंग कराए, उपहार दे. आप की गर्लफ्रैंड भी आप से यही उम्मीद रखती है. अगर आप कामकाजी हैं और आप के पास समय का अभाव है, तो सप्ताहांत या अवकाश के दिन गर्लफ्रैंड को समय जरूर दें. हां, बाकी दिनों में हालचाल लेते रहें.

वह आप को बिना वजह बारबार फोन करती है, तो इस बारे में उस से बात करें और मिलने व घूमने जाने का प्रोग्राम समय के अनुसार तय कर लें. बावजूद इस के वह नहीं मानती और आप को परेशान करे तो उस से दूरी बनाने में ही फायदा है.

ये भी पढ़ें-

प्यार एक खूबसूरत एहसास है. प्यार से सुंदर कुछ नहीं पर जिद या ग्रांटेड ले कर प्यार करना बेकार है. प्यार को प्यार की नजर से करना ही सही है. कई बार व्यक्ति प्यार समझ नहीं पाता. प्यार अचानक होता है और इस में ऐज फैक्टर, कास्ट, क्रीड आदि कोई माने नहीं रखते.

1. प्रेम बन सकता है तनाव का सबब

प्यार किसी के लिए दवा का काम करता है तो किसी के लिए तबाही और बदले का सबब भी बन जाता है. हर इंसान अपने व्यतित्त्व और परिस्थितियों के हिसाब से प्यार को देखता है. प्यार अंधा होता है पर कितना यह बाद में पता चलता है. इसीलिए फौल इन लव कहते हैं यानी आप प्यार में गिर जाते हैं. गिर जाना यानी अपनी आईडैंटिटी, अपना सबकुछ भूल जाते हैं. इस के अंदर आप खुद को भूल कर दूसरे को सिर पर चढ़ा लेते हैं. इसलिए प्यार में बहुत से लोग पागल हो जाते हैं, तो कुछ आत्महत्या तक कर लेते हैं.

प्यार किस तरह की पर्सनैलिटी वाले शख्स ने किया है इस पर काफी कुछ डिपैंड करता है. इमोशनली अनस्टेबल पर्सनैलिटी के लिए प्यार हमेशा डिपैंडैंट फीचर रहता है. उस की सोच होती है कि दूसरा शख्स उस का ध्यान रखेगा, उसे प्यार करेगा, उसे संभालेगा. इस तरह के लोग काफी कमजोर होते हैं. वे बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं तो बहुत जल्दी डिप्रैशन में भी आ जाते हैं.

प्यार में 3 फैक्टर्स बहुत हाई लैवल पर रहते हैं- पहला त्याग, दूसरा कंपैटिबिलिटी और तीसरा दर्द. दूसरा बंदा आप को किस तरह से देख रहा है, आप को कितने अंकों पर आंक रहा है यह भी काफी महत्त्वपूर्ण है. वह आप से किस लैवल तक क्या चाहता है, यह देखना भी जरूरी होता है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Family Bond : मेरी पत्नी और मां के बीच रोज झगड़ा होता है, इसका कैसे समाधान करूं?

Family Bond : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

 मैं विवाहित पुरुष हूं. मेरे साथ मेरी मां भी रहती हैं. आए दिन किसी न किसी बात पर मेरी पत्नी व मेरी मां के बीच बहस होती रहती है जिस से मेरी पत्नी मुझ से नाराज हो जाती है. वह बहस या झगड़े के लिए मुझे जिम्मेदार मानती है. नतीजतन, मेरे और पत्नी के संबंधों में कड़वाहट बढ़ रही है. सब से बड़ी बात, मैं अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बना पाता. मैं ऐसा क्या करूं कि मेरी पत्नी और मां के बीच के झगड़े कम हो जाएं और हम पति पत्नी के बीच दूरियां भी खत्म हो जाएं, सलाह दें.

जवाब

विवाह के बाद जब एक लड़की ससुराल में आती है तो वह उम्मीद रखती है कि घर के सदस्य उसे इस नए माहौल में ऐडजस्ट करने में मदद करेंगे. वहीं, सास के मन में बहू के आने से असुरक्षा की भावना पनपने लगती है. उसे अपना राजपाट छिनता नजर आता है. इसलिए वह बातबेबात पर बहू पर अपना रोब झाड़ती है जिस के चलते सासबहू में झगड़े व विवाद शुरू हो जाते हैं. ऐसे में बेटे की जिम्मेदारी होती है कि वह पत्नी और मां के रिश्ते के बीच संतुलन बना कर रखे. मां को मां की जगह दे और पत्नी को पत्नी के अधिकार. आप के मामले में हो सकता है कि आप दोनों रिश्तों के बीच संतुलन न बना पा रहे हों जिस के कारण आप की पत्नी आप से नाराज रहती हो.

आप दोनों रिश्तों के बीच सामंजस्य बना कर रखें तभी आप पतिपत्नी की सैक्सुअल लाइफ खुशनुमा रह पाएगी. वरना आप की पत्नी, आप की मां का गुस्सा आप पर निकालेगी और संबंधों में मधुरता की जगह कड़वाहट बनी रहेगी जैसा कि अभी हो रहा है.

ये भी पढ़ें…

जबरन यौन संबंध बनाना पति का विशेषाधिकार नहीं

विवाह बाद पत्नी से जबरन सैक्स करने को बलात्कार कहा जाने वाला कानून बनाए जाने के खिलाफ जो बातें कही जा रही हैं वे सब धार्मिक नजरिए से कही जा रही हैं. इन का मकसद यह कहना है कि चूंकि हिंदू धर्म में विवाह एक पवित्र बंधन है, इसलिए वैवाहिक बलात्कार जैसी किसी बात के लिए यहां कोई जगह नहीं. जब से विवाहितों के बीच बलात्कार को ले कर चर्चा शुरू हुई तब से यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि रोजमर्रा की इस बहुत ही सहज, सरल व सामान्य बात को ले कर इतना शोर मचाने का कोई औचित्य नहीं है.

कभी न कभी हर महिला अपने सुख के लिए नहीं, मात्र पति की यौन संतुष्टि के लिए बिस्तर पर बिछती है. शादी को ले कर उस ने जो सपना बुना होता है वह चूरचूर हो जाता है. कई नवविवाहित युवतियों का पहली रात का अनुभव बड़ा दर्दनाक होता है. इतना कि सैक्स उन के लिए आनंद का नहीं, बल्कि डर का विषय बन कर रह जाता है. कुछ इस डर को रोज झेलती हैं और फिर यह उन की आदत में शुमार हो जाता है.

दरअसल, इस तरह का मामला तब तकलीफदेह हो जाता है जब किसी महिला के पति का संभोग हिंसक यौन हमले का रूप ले लेता है और वह महिला महज यौन सामग्री के रूप में तबदील हो जाती है. वह असहाय हो जाती है. तब जाहिर है, आपसी परिचय और भरोसे की नींव हिल जाती है. कुछ मामलों में वजूद का आपसी टकराव ही ऐसे संबंध की सचाई बन कर रह जाता है. कुछ ज्यादा ही सोचता है. एक लड़की का बदन किस हद तक खुला रहना शोभनीय या अशोभनीय है या फिर किसी बच्ची के लड़की से युवती बनने के रास्ते में कौन से शारीरिक संबंध सामाजिक रूप से स्वीकृत हैं, इस सब के बारे में सामाजिक व धार्मिक फतवे जारी किए जाते हैं. जबकि इसी समाज में चाचा, मामा और यहां तक कि पिता और भाइयों द्वारा भी लड़कियां बलात्कार की शिकार हो रही हैं. तो क्या यह भी धर्म और संस्कृति का हिस्सा है? बहरहाल, अब एक और सांस्कृतिकसामाजिक फतवे को सरकारी स्वीकृति दिलाने की कोशिश की जा रही है और यह स्वीकृति है वैवाहिक संबंध में बलात्कार को ले कर. कहा जा रहा है कि धर्म के अनुसार हुए विवाह में बलात्कार की गुंजाइश नहीं है.

गौरतलब है कि निर्भया कांड के बाद वर्मा कमीशन द्वारा वैवाहिक बलात्कार को बलात्काररोधी कानून में शामिल करने की सिफारिश से हड़कंप मच गया. मोदी सरकार में मंत्री रहे हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने साफसाफ शब्दों में कहा है कि वैवाहिक रिश्ते में बलात्कार जैसी कोई चीज हो ही नहीं सकती. इस के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ किया कि विधि आयोग ने बलात्कार संबंधी कानून में वैवाहिक बलात्कार को अपराध की सूची में शामिल नहीं किया है और न ही सरकार ऐसा करने की सोच रही है.

अंदेशा यह है कि इस से परिवारों के टूटने का खतरा बढ़ जाएगा. इस खतरे को टालने के लिए हमारा समाज पत्नियों की बलि लेने को तैयार है. तर्क यह भी कि भारतीय समाज में केवल विवाहित यौन संबंध को ही सामाजिक स्वीकृति मिली हुई है और इस पर पत्नी और पति दोनों का ही समान अधिकार है. अर्द्धनारीश्वर की अवधारणा भी तो भारत की धार्मिक संस्कृति का हिस्सा है. लेकिन ऐसा होता कहां है? ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यौन संबंध बनाने में पत्नी की इच्छा न होने की स्थिति में क्या ऐसा करने का अधिकार अकेले पति को मिल जाता है? जबरन संबंध बनाने का अधिकार अकेले पति  का कैसे हो सकता है? पति द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने को आखिर क्यों बलात्कार नहीं माना जाना चाहिए?

आइए, जानें कि भारतीय कानून इस बारे में क्या कहता है. कोलकाता हाई कोर्ट के वकील भास्कर वैश्य का कहना है कि भारतीय कानून के तहत पति को केवल 2 तरह के मामलों में बलात्कारी कहा जा सकता है- पहला अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम हो और पति उस के साथ जबरन यौन संबंध बनाए तो कानून की नजर में यह बलात्कार है और दूसरा, पतिपत्नी के बीच तलाक का मामला चल रहा हो, कानूनी तौर पर पतिपत्नी के बीच विच्छेद यानी सैपरेशन चल रहा हो और पति पत्नी की रजामंदी के बगैर जबरन यौन संबंध बनाता है तो इसे भारतीय कानून में बलात्कार कहा गया है. इस के लिए सजा का प्रावधान भी है. हालांकि इन दोनों ही मामलों में पति को जो सजा सुनाई जा सकती है वह बलात्कार के लिए तय की गई सजा की तुलना में कम ही होती है.

विवाह की पवित्रता पर सवाल

सुनने में यह भी बड़ा अजीब लगता है कि विवाहित महिला कानून यौन संबंध के लिए पति को अपनी सहमति देने को बाध्य है यानी पत्नी यौन संबंध के लिए पति को मना नहीं कर सकती. कुल मिला कर यहां यही मानसिकता काम करती है कि चूंकि हमारे यहां विवाह को पवित्र रिश्ते की मान्यता प्राप्त है और इस का निहितार्थ संतान पैदा करना है, इसलिए पतिपत्नी के बीच यौन संबंध बलात्कार की सीमा से बाहर की चीज है. तब तो इस का अर्थ यही निकलता है कि यौन संबंध बनाने की पति की इच्छा के आगे पत्नी की अनिच्छा या उस की असहमति कानून की नजर में गौण है.

ऐसे में यह कहावत याद आती है कि मैरिज इज ए लीगल प्रौस्टिट्यूशन यानी पत्नी का शरीर रिस्पौंस करे या न करे पति के स्पर्श में प्रेम की छुअन का उसे एहसास मिले या न मिले पति की जैविक भूख ही सब से बड़ी चीज है. यह बात दीगर है कि जब प्रेमपूर्ण स्पर्श पर पति की जैविक भूख हावी हो जाती है तब यह स्थिति किसी भी पत्नी के लिए किसी अपमान से कम नहीं होती. जाहिर है, सभी विवाह पवित्र नहीं होते. हमारे समाज में बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं, जिन के मन में कभी न कभी यह सवाल उठाता है कि क्या वाकई सैक्स पत्नियों के लिए भी सुख का सबब हो सकता है? जिन के भी मन में यह सवाल आया, उन के लिए शादी कतई पवित्र रिश्ता नहीं हो सकता. रवींद्रनाथ ठाकुर ने भी अपने एक अधूरे उपन्यास ‘योगायोग’ में वैवाहिक बलात्कार का मुद्दा उठाया है. उन्होंने उपन्यास की नायिका कुमुदिनी के जरीए यही बताने की कोशिश की है कि सभी विवाह पवित्र नहीं होते. शादी के बाद पति मधुसूदन के साथ बिताई गई रात के बाद कुमुदिनी ने आखिर अपनी करीबी बुजुर्ग महिला से पूछ ही लिया कि क्या सभी पत्नियां अपने पति को प्यार करती हैं?

गौरतलब है कि यह उपन्यास 1927 में लिखा गया था. जाहिर है, वैवाहिक बलात्कार इस से पहले एक सामाजिक समस्या रही होगी और नारीवादी रवींद्रनाथ ठाकुर ने इस समस्या को अपने इस उपन्यास में बड़ी शिद्दत से उठाया है.

वैवाहिक बलात्कार और राजनेता

वैवाहिक बलात्कार पर यूनाइटेड नेशंस पौप्यूलेशन फंड का एक आंकड़ा कहता है कि भारत में विवाहित महिलाओं की कुल आबादी की तीनचौथाई यानी 75% महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में अकसर बलात्कार का शिकार होती हैं. मजेदार तथ्य यह है कि आज भी वैवाहिक बलात्कार के आंकड़े पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हैं. अगर इस से संबंधित आंकड़े उपलब्ध होते तो समस्या की गंभीरता का अंदाजा लगाना और भी सहज होता, कभीकभार ही कोई मामला दर्ज होता है. विश्व के ज्यादातर देशों में वैवाहिक बलात्कार की गिनती दंडनीय अपराधों में होती है. यूनाइटेड नेशंस पौप्यूलेशन फंड के इस आंकड़े के आधार पर ही डीएमके सांसद कनीमोझी ने भी बलात्कार विरोधी कानून में बदलाव की मांग की थी. इसी मांग के जवाब में मोदी सरकार में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथी ने बयान दिया कि वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा भारतीय संस्कृति, सामाजिक व्यवस्था, मूल्यबोध और धार्मिक आस्था के अनुरूप नहीं है.

जाहिर है, 16 दिसंबर, 2013 को दिल्ली में निर्भया कांड की जांच के लिए गठित किए गए वर्मा कमीशन की रिपोर्ट की हरिभाई पारथी ने अनदेखी कर के बयान दिया था. गौरतलब है कि वर्मा कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में वैवाहिक बलात्कार को भी बलात्कार विरोधी कानून में शामिल करने की सिफारिश की थी. हालांकि हमारा बलात्कार संबंधी कानून तो यही कहता है कि यौन संबंध बनाने में महिला की सहमति न हो तो उस की गिनती बलात्कार में होगी. लेकिन पति द्वारा बलात्कार को इस से जोड़ कर देखने में सरकार को भी गुरेज है.

शादी एकतरफा यौन संबंध की छूट नहीं

इस विषय पर आम चर्चा के दौरान मध्य कोलकाता में एक डाकघर में कार्यरत संचिता चक्रवर्ती बड़ी ही बेबाकी के साथ कहती हैं कि कानून की बात दरकिनार कर दें. जहां तक यौन संबंध में महिला की सहमति का सवाल है तो उस का निश्चित तौर पर अपना महत्त्व है, इस से इनकार नहीं किया जा सकता. विवाह का प्रमाणपत्र इस महत्त्व को कतई कम नहीं कर सकता. यौन संबंध में पतिपत्नी दोनों अगर बराबर के साझेदार हों तो वह सुख दोनों के लिए अवर्णनीय होगा. विवाह बंधन जबरन यौन संबंध का लाइसैंस किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता.

संचिता कहती हैं कि मोदी सरकार में मंत्री के बयान की बात करें तो उस से तो यही लगता है कि उन के हिसाब से भारतीय संस्कृति में पत्नी की सहमति के बगैर यौन संबंध बनाने की पति को छूट है. भारत में विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का वास है. तथाकथित भारतीय संस्कृति में विवाहित महिला पुरुष की बांदी है, भोग की वस्तु है. इसीलिए वैवाहिक बलात्कार उन की तथाकथित भारतीय संस्कृति में लागू नहीं होता. अमेरिका के शिकागो में एक अस्पताल में कार्यरत भारतीय मूल की सुष्मिता साहा का कहना है कि इस विषय को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और वैवाहिक बलात्कार पर सख्त कानून होना ही चाहिए. आज भारत में जिस संस्कृति की दुहाई दी जा रही है, वही स्थिति कभी ब्रिटेन या न्यूयौर्क में थी. पर अब वहां वैवाहिक बलात्कार के बढ़ते मामलों को देखते हुए कड़े कानून बनाए गए हैं. फिर भारत में यह क्यों नहीं संभव हो सकता?

सुष्मिता कहती हैं, ‘‘जबरन यौन संबंध पति का विशेषाधिकार उसी तरह नहीं हो सकता, जिस तरह विवाह का प्रमाणपत्र यौन हिंसा की छूट नहीं देता. इसलिए वैवाहिक बलात्कार भी दरअसल दूसरे बलात्कार की ही तरह यौन हिंसा का ही एक मामला है, ऐसा न्यूयौर्क के अपील कोर्ट ने अपने बयान में कहा था. लेकिन अगर एक पत्नी के नजरिए से देखें तो वैवाहिक बलात्कार अन्य बलात्कार से इस माने में अलग है कि यहां यौन हिंसा को महिला का सब से करीबी व्यक्ति अंजाम देता है. यही बात किसी पत्नी को जीवन भर के लिए झकझोर देती है.

विवाह और यौन स्वायत्तता

भारतीय संस्कृति में पारंपरिक विवाह के तहत लड़कालड़की की पारिवारिकसामाजिक हैसियत को देखपरख कर वैवाहिक रिश्ते तय होते हैं. ऐसे रिश्ते में जाहिर है परस्पर प्रेम व मित्रता शुरुआत में नहीं होती है. हालांकि कुछ समय के बाद पतिपत्नी के बीच प्रेम का रिश्ता बन जाता है. पर ऐसे ज्यादातर विवाह एकतरफा यौन स्वायत्तता का मामला ही होते हैं. मोदी सरकार के मंत्री ने जिस भारतीय संस्कृति की बात की है उस में नारीजीवन की इसी सार्थकता का प्रचार सदियों से किया जाता रहा है और इस संस्कृति में औरत पुरुष के खानदान के लिए बच्चे पैदा करने का जरीया और पुरुष के लिए यौन उत्तेजना पैदा करने की खुराक मान ली गई है.हमारी परंपरा में लड़कियां अपने मातापिता को खुल कर सब कुछ कहां बता पाती हैं? खासतौर पर नई शादी का ‘लव बाइट’ आगे चल कर पति का ‘वायलैंट बाइट’ बन जाए तो शादी के नाम पर लड़की अकसर अपने भीतर ही भीतर घुट कर रह जाती है. माना ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता है.

2013 में दिल्ली में पारंपरिक विवाह के बाद नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए बैंकौक पहुंचा. हनीमून के दौरान लड़की के साथ उस के पति पुनीत ने क्रूरता की तमाम हदें पार कर के बलात्कार किया. लौट कर लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने दीनदयाल अस्पताल में लड़की की जांच करवाई तो बलात्कार की पुष्टि हुई. इस के बाद भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दायर किया. साफ है कि वैवाहिक बलात्कार पर हमारा कानून एकदम से खामोश भी नहीं है. इस के लिए भी हमारे यहां प्रावधान है. भारतीय दंड विधान की घरेलू हिंसा की धारा 498ए के तहत शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न और क्रूरता के लिए सजा का प्रावधान है. इसी धारा के तहत वैवाहिक बलात्कार का निदान महिलाएं ढूंढ़ सकती हैं.

अन्य देशों की स्थिति

चूंकि विकास और सभ्यता एक निरंतर प्रक्रिया है, इसीलिए दुनिया के बहुत सारे देशों में वैवाहिक बलात्कार के लिए कोई कानून नहीं था. लेकिन विमन लिबरेशन ने महिलाओं को अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद करना सिखाया. लंबी लड़ाई के बाद सफलता भी मिली. दोयमदर्जे की स्थिति में बदलाव आया. कहा जाता है कि आज दुनिया के 80 देशों में वैवाहिक बलात्कार के लिए कानूनी प्रावधान हैं. बहरहाल, दुनिया में वैवाहिक बलात्कार को ले कर चर्चा ने तब पूरा जोर पकड़ा जब 1990 में डायना रसेल की एक किताब ‘रेप इन मैरिज’ प्रकाशित हुई. इस किताब में डायना रसेल ने समाज को अगाह करने की कोशिश की है कि वैवाहिक जीवन में बलात्कार को पति के विशेषाधिकार के रूप में देखा जाना पत्नी के लिए न केवल अपमानजनक है, बल्कि महिलाओं के लिए एक बड़ा खतरा भी है.

2012 में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की आयुक्त भारतीय मूल की नवी पिल्लई ने कहा कि जब तक महिलाओं को उन के शरीर और मन पर पूरा अधिकार नहीं मिल जाता, जब तक पुरुष और महिला के बीच गैरबराबरी की खाई को पाटा नहीं जा सकता. महिला अधिकारों का उल्लंघन ज्यादातर उस के यौन संबंध और गर्भधारण से जुड़ा हुआ होता है. ये दोनों ही महिलाओं का निजी मामला है. कब, कैसे और किस के साथ वह यौन संबंध बनाए या कब, कैसे और किस से वह बच्चा पैदा करे, यह पूरी तरह से महिलाओं का अधिकार होना चाहिए. यह अधिकार हासिल कर के ही कोई महिला सम्मानित जीवन जी सकती है. 1991 में ब्रिटेन की संसद में वैवाहिक संबंध में बलात्कार का मामला उठाया गया था, जो आर बनाम आर के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है. ब्रिटेन संसद के हाउस औफ लौर्ड्स में कहा गया कि चूंकि शादी के बाद पति और पत्नी दोनों समानरूप से जिम्मेदारियों का वहन करते हैं, इसलिए पति अगर पत्नी की सहमति के बिना यौन संबंध बनाता है तो अपराधी करार दिया जा सकता है. इस से पहले 1736 में ब्रिटेन की अदालत के न्यायाधीश हेल ने एक मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था कि शादी के बाद सभी परिस्थितियों में पत्नी पति से यौन संबंध बनाने को बाध्य है. उस की शारीरिक स्थिति कैसी है या यौन संबंध बनाने के दौरान वह क्या और कैसा महसूस कर रही है, इन बातों के इसलिए कोई माने नहीं हैं, क्योंकि शादी का अर्थ ही यौन संबंध के लिए मौन सहमति है. हेल के इस फैसले को ब्रिटेन में 1949 से पहले कभी किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन 1949 में एक पति को पहली बार पत्नी के साथ बलात्कार का दोषी ठहराया गया.

ब्रिटेन के अलावा यूरोप के कई देशों में वैवाहिक बलात्कार दंडनीय अपराध है. अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देशों में भी इस के लिए कानून बना कर इसे दंडनीय अपराध घोषित किया गया है. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने भी पत्नी की रजामंदी के बगैर संभोग को बलात्कार करार दिया है. कोर्ट ने अपनी इस घोषणा का आधार हिंदू धर्म को ही बताते हुए कहा है कि हिंदू धर्म में पति और पत्नी की आपसी समझ को ही महत्त्व दिया गया है. इसलिए यौन संबंध बनाने में पति पत्नी की मरजी की अनदेखी नहीं कर सकता. अब जब गरीब राष्ट्र नेपाल घोषित रूप से भी हिंदू राष्ट्र है, वैवाहिक बलात्कार के लिए महिलाओं के पक्ष में कानून बना सकता है तो भारत में क्या दिक्कत है?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Married Life : मेरी बीवी गुजर चुकी है, क्या मैं अपनी साली से शादी कर सकता हूं ?

Married Life : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 30 साल का हूं. मेरी 2 बेटियां हैं और बीवी गुजर चुकी है. मैं अपनी साली से शादी करना चाहता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

अगर आप की बीवी सामान्य तरीके से गुजरी है, तो आप की शादी में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, बशर्ते साली राजी हो. ऐसे में आप अपनी ससुराल वालों से खुल कर बात कर सकते हैं. अगर साली तैयार न हो, तो आप इश्तिहार की मदद से किसी और लड़की से शादी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें…

कहानी : रिश्ते

अमर की शादी में स्टेज पर जब वर और वधू को मालाएं पहनाई जा रही थीं, तभी दुलहन की बगल में खड़ी एक खूबसूरत लड़की ने मुसकराते हुए अपनी एक आंख दबा दी, तो अमर झेंप गया था. शर्मीला होने के चलते अमर दोबारा उस लड़की को देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया, परंतु शादी के बाद जब विदाई का समय आया, तब वही लड़की चुहलबाजी करते हुए बोली, ‘‘मुझे अच्छी तरह से पहचान लीजिए जीजाजी. मैं हूं आप की साली रागिनी. दीदी को ले जाने के बाद मुझे भूल मत जाइएगा.’’

‘‘नहीं भूलूंगा रागिनी. भला साली को भी कोई भूल सकता है,’’ अमर ने धीरे से मुसकराते हुए कहा.

‘‘क्यों नहीं, जब घरवाली साथ में हो, तो साली को कौन याद करता है?’’ रागिनी ने हंसते हुए कहा.

‘‘मैं हूं न तुम्हें याद करने वाला. अब फिक्र क्यों करती हो?’’ कहते हुए अमर अपनी बीवी दिव्या के साथ घर से बाहर निकल आया.

कुछ दिनों के बाद रागिनी अपने पिता के साथ दिव्या से मिलने उस के घर आई और एक हफ्ते के लिए वहीं रह गई, जबकि उस के पिता बेटी से मिलने के बाद उसी रात अपने घर वापस आ गए.

रागिनी अमर के बरताव से काफी खुश थी. वह उस से घुलमिल कर बातें करना चाहती थी, पर संकोची होने के चलते अमर खुल कर उस से बातें नहीं कर पाता था. वह केवल मुसकरा कर ही रह जाता था, तब रागिनी झुंझला कर रह जाती थी.

एक दिन दिव्या के कहने पर अमर रागिनी को घुमाने ले गया. जब वह रागिनी को ऐतिहासिक जगहों की सैर करा रहा था, तब वह अमर के संग ऐसे चिपक कर चल रही थी, मानो उस की बीवी हो.

रागिनी के बदन के छू जाने से अमर अंदर ही अंदर सुलग उठता. उस की नजर रागिनी के गदराए जिस्म पर पड़ी.

अमर को अपनी तरफ घूरता देख रागिनी ने शरारत भरे अंदाज में पूछ ही लिया, ‘‘क्या देख रहे हो जीजाजी?’’

यह सुन कर थोड़ा झिझकते हुए अमर बोला, ‘‘तुम्हारे करंट मारने वाले जिस्म को देख रहा हूं रागिनी. तुम बहुत खूबसूरत हो.’’

‘‘सच? तो फिर हासिल क्यों नहीं कर लेते?’’ रागिनी मुसकराते हुए बोली.

‘‘क्या…? यह तुम कह रही हो?’’ अमर ने हैरानी से पूछा.

‘‘हां, इस में हर्ज ही क्या है? आखिर साली भी तो आधी घरवाली होती है. उसे भी तो शादी से पहले तजरबा होना चाहिए,’’ रागिनी बोली.

‘‘लेकिन, यह तो गलत बात होगी, रागिनी. तुम्हारी दीदी के साथ धोखा होगा. नहींनहीं, मुझे कुछ करने के लिए उकसाओ मत,’’ अमर बोला.

‘‘आप भी बहुत भोले हैं, जीजाजी. मैं आप को दीदी के सामने कुछ करने के लिए थोड़े ही उकसा रही हूं, बल्कि अकेले में…’’ कहते हुए रागिनी ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी.

उस की बातें सुन कर अमर कुछ पलों के लिए सिहर उठा. फिर खुद पर काबू पाते हुए वह बोला, ‘‘तुम तो बड़ी नटखट हो साली साहिबा. किसी का ईमान डिगाना तो कोई तुम से सीखे, लेकिन मैं तुम्हारी दीदी के साथ धोखा नहीं कर सकता.’’

अमर की बातें सुन कर रागिनी फिर झुंझला उठी, पर उस ने अपनी झुंझलाहट का एहसास नहीं होने दिया, बल्कि मन ही मन कहने लगी, ‘देखती हूं कि कब तक तुम मेरे हुस्न के जलवे से बचते हो. मैं ने भी तुम को अपनी बांहों में नहीं लिया, तो मेरा नाम भी रागिनी नहीं.’

घूमफिर कर घर आने के बाद दिव्या ने रागिनी से पूछा, ‘‘घूम आई रागिनी? कैसा लगा जीजाजी का साथ?’’

‘‘यह भी कोई पूछने वाली बात है, दीदी. प्यारेप्यारे जीजाजी का साथ हो, फिर तो… वाह, बड़ा मजा आया. क्यों जीजाजी?’’ खुशी से चहकते हुए रागिनी ने ही सवाल कर दिया.

‘‘यह तो मुझ से बेहतर तुम ही बता सकती हो साली साहिबा,’’ बड़ी मुश्किल से अमर बोला.

‘‘मुझे तो सचमुच में बड़ा मजा आया जीजाजी,’’ कहते हुए रागिनी ने धीरे से एक आंख दबा दी, जिसे दिव्या नहीं देख पाई, पर अमर का दिल धड़क गया.

रात के समय अमर और दिव्या अपने कमरे में सो रहे थे, तभी उन्हें दूसरे कमरे से रागिनी की जोरदार चीख सुनाई दी. वे दोनों दौड़ेदौड़े उस के कमरे में पहुंचे.

रागिनी अपना पेट पकड़ कर जोरों से कराह रही थी. अपनी छोटी बहन का यह हाल देख दिव्या घबरा कर पूछने लगी, ‘‘क्या हुआ रागिनी? बता, मेरी बहन?’’

‘‘पेट में दर्द हो रहा है दीदी,’’ कराहते हुए रागिनी ने बताया.

‘‘पेट में तेज दर्द है? इतनी रात गए, मैं क्या करूं? आप ही कुछ कीजिए न,’’ घबराती हुई दिव्या ने अमर से कहा.

‘‘घबराओ मत. मेरे पास पेटदर्द की दवा है. तुम अलमारी में से जल्दी दवा ले कर आओ,’’ अमर ने दिव्या से कहा.

यह सुन कर दिव्या अपने कमरे में दौड़ीदौड़ी गई. तब अमर ने रागिनी से अपनापन दिखाते हुए पूछा, ‘‘पेट में जोर से दर्द हो रहा है?’’

‘‘हां, जीजाजी,’’ रागिनी बोली.

‘‘घबराओ मत. दवा खाते ही दर्द ठीक हो जाएगा. थोड़ा हौसला रखो,’’ हिम्मत बंधाते हुए अमर ने कहा.

थोड़ी ही देर में दिव्या दवा ले आई और अपने हाथों से रागिनी को खिला दी. फिर भी वह कराह रही थी.

चूंकि रात काफी हो गई थी, इसलिए अमर ने दिव्या से कहा कि तुम जा कर सो जाओ. मैं रागिनी की देखभाल करूंगा.

पहले तो वह अपनी बहन को छोड़ कर जाने के लिए तैयार नहीं हुई, लेकिन अमर के समझाने पर वह सोने के लिए चली गई.

काफी देर बाद रागिनी ने कराहना बंद कर दिया, मानो उसे आराम मिल गया हो. तब अमर ने सोचा कि उस से कह कर वह भी अपने कमरे में सोने के लिए चला जाए.

अभी वह रागिनी से जाने की इजाजत ले ही रहा था कि उस ने अमर के गले में अपनी दोनों बांहें डाल दीं और उसे अपने ऊपर खींच लिया.

फिर वह यह कहते हुए जोरों से उसे भींचते हुए बोली, ‘‘इतनी जल्दी भी क्या है, जीजाजी. सारी रात तो अपनी ही है. आखिर इसी के लिए तो मैं ने पेट में दर्द होने का बहाना किया था, ताकि सारी रात तुम मेरे करीब रहो.’’

‘‘क्या…? तुम ने मुझे पाने के लिए पेटदर्द का बहाना किया था? बड़े ही शर्म की बात है कि तुम ने हम लोगों के साथ छल किया. मुझे तुम से ऐसी उम्मीद नहीं थी,’’ गुस्से से बिफरते हुए अमर ने कहा और उस से अलग हो गया.

‘‘तो फिर मुझ से कैसी उम्मीद थी जीजाजी? आप भी बच्चों जैसी बातें कर रहे हैं, लेकिन मेरी बेचैनी नहीं समझ रहे हैं. मैं आप के लिए कितना तरस रही हूं, तड़प रही हूं, पर आप कुछ समझते ही नहीं.

‘‘साली पर भी तो कुछ जिम्मेदारी होती है आप की? क्या मैं प्यासी ही यहां से चली जाऊंगी?’’ थोड़ा झुंझलाते हुए रागिनी बोली.

‘‘तुम्हारे मुंह से ये बातें अच्छी नहीं लगतीं रागिनी. मैं तुम्हारा जीजा हूं तो क्या हुआ, उम्र में तो बड़ा हूं. कम से कम इस का तो लिहाज करो. क्यों मुझे मुसीबत में डालती हो?’’ कहते हुए अमर दरवाजे की तरफ देखने लगा कि कहीं दिव्या तो नहीं आ गई.

लेकिन, दिव्या दरवाजे की ओट में खड़ी हो कर दोनों की बातें ध्यान से सुन रही थी. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उस की छोटी बहन इस तरह की हरकतें कर सकती है.

दिव्या खड़ीखड़ी उन की बातें सुनने लगी. रागिनी उलाहना देते हुए कह रही थी, ‘‘मुझे खुश कर के आप तबाह नहीं, बल्कि खुश होंगे, जीजाजी. क्यों बेकार में इतना कीमती समय बरबाद कर रहे हैं?

‘‘मेरे प्यासे मन को क्यों नहीं बुझा देते? मैं आप का यह एहसान जिंदगीभर नहीं भूलूंगी. आइए, और मुझे अपनी बांहों में जकड़ लीजिए. देखिए, यहां दीदी भी नहीं हैं, केवल आप, मैं और यह अकेलापन है.’’

‘‘जानता हूं, फिर भी मैं तुम्हारी दीदी के साथ बेवफाई नहीं कर सकता, इसलिए होश में आओ रागिनी. तुम अपनेआप को संभालो, क्योंकि हर काम का एक समय होता है. इसलिए अपनी इज्जत संभाल कर रखो, जो तुम्हारे होने वाले पति की अमानत है.

‘‘मैं तुम्हारे पिताजी से कह कर जल्दी ही तुम्हारी शादी करवा दूंगा,’’ समझाते हुए अमर ने कहा.

‘‘शादी के बारे में जीजाजी बाद में सोचा जाएगा, पहले आप मुझे अपनी बांहों में तो ले लीजिए. देखते नहीं कि मेरा अंगअंग टूट रहा है,’’ कहते हुए रागिनी एक बार फिर अमर से लिपट गई.

अमर ने गुस्से में उस के गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया और बोला, ‘‘कितने भरोसे से तुम्हारे पिताजी ने तुम्हें हमारे पास छोड़ा है और मैं उन का भरोसा तोड़ दूं? तुम्हारी दीदी भी मुझ पर कितना भरोसा करती है. मैं उस का भी भरोसा तोड़ दूं?

‘‘नहीं, मैं ऐसा हरगिज नहीं कर सकता. हां, तुम्हारे संग हंसीमजाक और छेड़छाड़ कर सकता हूं. लेकिन यह भी एक हद तक ही.

‘‘खैर, रात बहुत हो चुकी है, अब सो जाओ, पर अपने इस जीजाजी को माफ करना, क्योंकि मैं ने तुम पर हाथ उठाया है,’’ रुंधे गले से अमर ने कहा और वहां से जाने लगा.

तभी रागिनी अमर का हाथ पकड़ कर रोते हुए कहने लगी, ‘‘माफी आप को नहीं, मुझे मांगनी चाहिए, जीजाजी. क्योंकि मुझे गलतफहमी थी.

‘‘मैं ने अपनी सहेलियों से सुन रखा था कि जीजासाली के रिश्तों में सबकुछ जायज होता है. लेकिन आप के नेक इरादे देख कर अब मुझे एहसास हुआ है कि मैं ही गलत थी.

‘‘अपनी इन हरकतों के लिए मैं शर्मिंदा हूं कि मैं ने आप को बहकाने की कोशिश की. पता नहीं, कैसे मैं इतनी बेशर्म हो गई थी. क्या आप अपनी इस साली को माफ नहीं करेंगे जीजाजी?’’ कह कर रागिनी ने अपना सिर झुका लिया.

‘‘क्यों नहीं, माफ तो अपनों को ही किया जाता है और फिर तुम तो मेरी साली हो,’’ कहते हुए अमर ने प्यार से उस के गालों को थपथपा दिया.

अमर सोने के लिए रागिनी के कमरे से निकल कर अपने कमरे की ओर चल दिया. उस से पहले ही दिव्या कमरे में पहुंच कर पलंग पर ऐसे सो गई, जैसे कुछ जानती ही न हो. लेकिन उसे अपने पति पर गर्व जरूर हो रहा था कि वह बहकने वाला इनसान नहीं, बल्कि सही रास्ता दिखाने वाला इनसान है.

अगले दिन सुबह रागिनी काफी खुश नजर आ रही थी. उस ने चहकते हुए दिव्या से कहा, ‘‘दीदी, अब मैं घर जाना चाहती हूं, क्योंकि मेरी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. क्यों जीजाजी, मुझे पहुंचाएंगे न घर?’’

अमर ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘हांहां, क्यों नहीं. जीजा अपनी साली की हर बात का खयाल नहीं रखेगा, तो और कौन रखेगा. मैं तुम्हें घर छोड़ कर आऊंगा.’’

उन दोनों की बातें सुन कर दिव्या सोचने लगी कि क्या यह वही कल वाली रागिनी है या कोई और?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Marriage : मां जल्दी मेरी शादी कर देना चाहती हैं, लेकिन मैं किसी और से प्यार करती हूं?

Marriage : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवती हूं. पिछले साल ही मेरे पिता का देहांत हुआ है. अब मेरी मां जल्द से जल्द मेरा विवाह कर देना चाहती हैं. उन का मानना है कि लड़की की शादी जितनी जल्दी हो सके कर देनी चाहिए. उन्होंने मेरे रिश्ते की बात दुबई में रहने वाले एक युवक से शुरू कर दी है, यह जानते हुए भी कि मैं किसी और लड़के से प्यार करती हूं. लड़का अच्छा खाताकमाता है और शादी को ले कर पूरी तरह से गंभीर है. पर चूंकि वह दूसरी जाति का है, इसलिए घर वाले इस रिश्ते से इनकार कर रहे हैं. क्या करूं कि वे शादी को ले कर जबरदस्ती न करें?

जवाब
यदि सिर्फ लड़के के अंतर्जातीय होने से ही आप के घर वाले आ के बौयफ्रैंड से आप के विवाह को ले कर ऐतराज कर रह हैं, तो यह सरासर गलत है. यदि लड़के में कोई ऐब नहीं है और आप को लगता है कि आप उस के साथ खुश रहेंगी तो घर वालों को राजी करने का प्रयास करें. आजकल अंतर्जातीय विवाह आम हैं. समाज भी इन का विरोध नहीं करता.

ये भी पढ़ें…

शादी से पहले अपने पार्टनर को ऐसे करें प्रपोज

अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज. आप पहलें अपने पार्टनर को पूरा तरह जानने की कोशिश करते हैं जिससे कि शादी के बाद उसे समझनें में ही आधा वक्त न निकल जाए. अरेंज मैरिज की बात करे तो आप और आपकी पार्टनर दोनों ही अनजानें सफर में चल पडते है. पहलें जमाने की बात करें तो शादी से पहले मिलना भी बड़ी मुश्किल का काम था लेकिन इस जमानें में इस सफर को आसान बनानें के लिए सगाई का दौर शुरू हो गया जिससे की आप एक-दूसरें के ठीक ढंग से पहचान सकें, एक-दूसरें की आदतो, पसंद-नापसंद के बारें में जान सके. माना जाता है कि अरेंज शादी में प्यार शादी के बाद और लव मैरिज में शादी से पहले प्यार होता है.

अगर आप चाहें तो अरेंज मैरिज के शादी सें पहलें ही दोनों के बीच प्यार ला सकते है लेकिन आपकी हिचकिचाहट और ठीक ढंग आइडिया न हो पाने के कारण ज्यादा समय लग जाता है. लेकिन हम अपनी खबर में ऐसी आइडिया के बारें में बताएगें जिन्हें अपनाकर अरेंज मैरिज को भी लव में बदला जा सकता है.

फैमली और दोस्तों की सहायता लें

अपनें पार्टनर की पसंद-नापसंद को जानने के लिए आपकी सहायता फैमली और दोस्त ही सबसे ज्यादा कर सकते हैं. अपनें दोस्तों की मदद से अपने पार्टनर को बाहर घूमने के लिए भेजिए और आप घर के एक अच्छें से कमरें को चुन कर अपने पार्टनर की पसंद की चीजों जैसे की उसकी पसंद के फूल, कैंडल आजि से सजाए और उसके वापस आने पर उसे  डेकोरेटेड रूम में वेडिंग रिंग के साथ प्रपोज करें. जो जरुर आपसे इंप्रेस हो जाएगी.

पिक्चर हॅाल में

प्रपोज करने का यह तरीका अच्छा साबित हो सकता है. यह तरीका थोड़ा फिल्मी है लेकिन इससे आपकी लाइफ पार्टनर इंप्रेस हो सकती है इसके लिए आपको सही समय को चुनें और इसके लिए सही समय है कि हॅाल खाली है या फिर इंटरवल का वक्त हो या फिर आप चाहें तो थियेटर बुक करा लें. इसके बाद सबसे सामने अपनी पार्टनर से पूछें “विल यू मैरी मी”.

सगाई होने से पहलें करें प्रपोज

सगाई वालें दिन आपनी पार्टनर के पास जाकर उसके सामनें घुटनें के बल बैठ कर उसे प्रपोज करें यद बहुत ही रोमांटिक होगा.

पार्टनर के जन्मदिन पर

अगर आप लकी हुए औऱ शादी और सगाई से पहलें उसका बर्थडे पड़ रहा हा तो यह आपके लिए प्रपोज करने का अच्छा मौका है. इसके लिए उसे डेट में ले जाए या फिर उनके रूम  में बड़ा से गिफ्ट रखें और साथ में अपने हाथ से लिखा हुआ कार्ड भी रखें. जिसमें अपने हाथों से ‘हैप्पी बर्थडे माय लव, विल यू मैरी मी’ लिखकर उन्हें प्रपोज करें.

फैमिली डिनर पर करें प्रपोज

शादी से पहले दोनों परिवार मिलकर किसी डिनर या लंच का प्लान कर सकते हैं. खाने की टेबल पर सबको अटेंशन करते हुए पेरेंट्स को थैंक्यू कहें कि उन्होंने आपके लिए खूबसूरत और अंडरस्टैडिंग पार्टनर चुना और फिर पार्टनर के सामने शादी का प्रपोजल रखें. ये इमोशनल आइडिया केवल पार्टनर का ही नहीं, बल्कि पेरेंट्स के दिल को भी छू जाएगा.

वीडियो बनाकर अपनी पार्टनर को करें इंप्रेस

आजकल समय कम होने के कारण सगाई और शादी के बीच के बहुत कम समय मिलता है एक-दूसरें को जाननें का लेकिन आप इस  थोड़े से समय का सही इस्तेमाल कर सकते है. इसके लइए आप अपने पार्टनर की आदतों, नेचर, स्टाइल, जिस भी चीज के आफ दीवाने हैं इऩ बातों को लेकर उसकी तारीफ करते हुए एक वीडियों बना कर उसे एक्सप्रेस करें और साथ ही उन्हें इस वीडियो के जरिए प्रपोज करें. इस वीडियो को उनके साथ अपने फ्रेंड्स को भी शेयर करें. पार्टनर को इम्प्रेस और प्रपोज करने का ये बेहतरीन आइडिया उन्हें जरूर पसंद आएगा.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Domestic Abuse : पति की जबरदस्ती के कारण मेरा आत्महत्या करने का मन करता है?

Domestic Abuse : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

28 वर्षीय विवाहित महिला हूं. शादी हुए 2 साल हो गए हैं. ससुराल में किसी चीज की कमी नहीं है. पति सरकारी सेवा में हैं और ओहदेदार हैं. वे स्कूल में टौपर स्टूडैंट थे तो कालेज में यूनिवर्सिटी टौपर. अपने कार्यालय में भी उन के कामकाज पर कभी किसी ने उंगली नहीं उठाई. मगर समस्या मेरी व्यक्तिगत जिंदगी को ले कर है और ऐसी है जिस का अब तक सिर्फ मेरी मां को और मेरी सासूमां को पता है. दरअसल, पति सैक्स संबंध बनाने के दौरान हिंसक व्यवहार करते हैं. वे मुझे पोर्न मूवी साथ देखने को कहते हैं और फिर सैक्स संबंध बनाते हैं. इस दौरान वे मेरे कोमल अंगों को जोरजोर से मसलते हैं और उन पर दांत भी गड़ा देते. कभीकभी तो मेरी ब्रैस्ट से खून तक निकलने लगता है. इस असहनीय पीड़ा के बाद मेरा बिस्तर पर से उठना मुश्किल हो जाता है. पति मेरी इस हालत को देख कर अफसोस करते हैं और बारबार सौरी भी बोलते हैं. कभीकभी तो मन करता है आत्महत्या कर लूं. हालांकि पति मेरी जरूरत की हर चीज का खयाल रखते हैं और मेरा उन से दूर होना उन्हें इतना अखरता है कि वे मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाते.

अगर पति सिर्फ मानसिक पीड़ा पहुंचाते और प्यार नहीं करते तो कब का उन्हें तलाक दे देती पर लगता है शायद वे किसी मानसिक रोग से ग्रस्त हैं और यही सोच कर मैं भी पति का साथ नहीं छोड़ पाती. मैं ने अपनी सासूमां, जो मुझे अपनी बेटी से बढ़ कर प्यार करती हैं, से यह बात बताई तो वे खामोश रहीं. सिर्फ इतना ही कहा कि धीरेधीरे सब नौर्मल हो जाएगा. उधर मां से बताया तो वे आगबबूला हो गईं और सब के साथ बैठ कर इस विषय पर बात करना चाहती हैं. अभी इस की जानकारी मेरे पिता को नहीं है, क्योंकि मैं जानती हूं कि वे इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे. पति, ससुराल और मायके का रिश्ता पलभर में खत्म हो सकता है. कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं? कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप की समस्या को देखते हुए ऐसा लगता है कि आप के पति को सैक्सुअल सैडिज्म का मनोविकार है. ऐसे मनोरोगी सामान्य जिंदगी में तो नौर्मल रहते हैं, इन के आचरण पर किसी को शक नहीं होता पर सैक्स क्रिया के दौरान ये हिंसक हो जाते हैं और इन्हें परपीड़ा मसलन, दांत गड़ाना, नोचना, संवेदनशील अंगों पर प्रहार करना, तेज सैक्स करने में आनंद आता है. कभीकभी तो ऐसे मनोरोगी सैक्स पार्टनर को इतनी अधिक पीड़ा पहुंचाते हैं कि संबंधों पर विराम लग जाता है. हालांकि अपने किए पर इन्हें बाद में पछतावा भी होता है और फिर से ऐसी गलती न करने का वादा भी करते हैं, मगर सैक्स के दौरान सब भूल जाते हैं.

आप के साथ भी ऐसा है और आप ने यह अच्छा किया कि अपनी मां और सासूमां को इन सब बातों की जानकारी दे दी.

ऐसे मनोरोगी को भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है. सामान्य व्यवहार के समय आप पति से इस बारे में बात करें. पति के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं. साथ घूमने जाएं, शौपिंग करें, अच्छा साहित्य पढ़ने को प्रेरित करें.

बेहतर होगा कि किसी अच्छे सैक्सुअल सैडिज्म के विशेषज्ञ से पति का उपचार कराएं. फिर भी उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आती दिखे तो पति से तलाक ले कर दूसरी शादी कर लें.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें