जल्दी खत्म हो जाती है सैलरी…

महंगाई ज्यादा है और सैलरी कम. ऐसे में बचत और निवेश करें, तो कैसे करें. यहां दो जून की रोटी जुगाड़ने में सारा पैसा जा रहा है. हममें से ज्यादातर लोगों की सैलरी महीना पूरा होने से पहले ही खत्म हो जाती है.

फिर शुरू होता है वो दौर जब अगली सैलरी का बेसब्री से इंतजार किया जाता है. सैलरी, बचत और निवेश के कई ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे.

रोजाना की जरूरत में खर्च होती सैलरी

आपको जानकर हैरानी होगी कि 10 में से 9 परिवार अपनी सारी कमाई रोजाना की जरूरत पूरा करने में खर्च कर देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में 94% परिवार ऐसे हैं जो 70-100% सैलरी खर्च कर देते हैं. अब इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि भारत के लोग बचत को लेकर कितने अलर्ट हैं.

भारतीयों को लोन का बोझ नापसंद

भले ही सबका सपना घर खरीदने का हो, लेकिन ज्यादातर लोग इसके लिए लोन लेने में सहज महसूस नहीं करते. शायद इसलिए क्योंकि हम भारतीयों की एक खासियत है कि हम किसी के बोझ तले दबे रहने में सुकून महसूस नहीं करते. यही कारण है कि 20 में से 17 परिवारों पर होम लोन का कोई बोझ नहीं है.

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खाली जेब

देश के आधे परिवार की तनख्वाह महीने के अंत तक खत्म हो जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 47 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जो अपनी इनकम का 1-29 फीसदी हिस्सा बचा लेते हैं. वहीं हैरानी वाली बात यह है कि सिर्फ 1.3 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो हर महीने 50-100 फीसदी की बचत करते हैं.

ठन-ठन गोपाल

चौंकाने वाली बात है कि 10 में से 8 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास निवेश के लिए कोई बचत नहीं होती. 84 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो 1-29 फीसदी के बीच निवेश करते हैं. वहीं, 50 फीसदी से ज्यादा निवेश करने वालों की लिस्ट में एक फीसदी परिवार भी शामिल नहीं हैं.

बैंक में भागीदारी

करीब आधे भारतीय आज भी बचत के लिए पुराने फिक्स डिपॉजिट पर कायम हैं. वहीं, 5 में से 1 आदमी का पैसा टैक्स बचत वाले देशों के बैंकों में रखा है.

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बचत के लिए अच्छी जगह

भारत में 56.2 फीसदी लोग बैक डिपॉजिट में निवेश करते हैं. वहीं, 9.5 फीसदी (रियल स्टेट), 6.3 फीसदी (बीमा,) 3.8 फीसदी (सोना) और 2.1 फीसदी दूसरी चीजों में. बता दें कि 20.7 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस बात का जवाब देने से ही इनकार कर दिया.

भविष्य की चिंता

हमारे देश में दो तिहाई लोग ऐसे हैं, जो नौकरी जाने के खौफ से बचत करते हैं. आपको जानकर हैरानी ऐसे लोगों की तादाद 70.6 फीसदी है.

सपनों को दें नई उड़ान

हाल ही में रुचि शाह से मिलना हुआ तो वे कहने लगीं, ‘‘क्या करें बेटी को समय ही नहीं मिलता.’’

‘‘कहां व्यस्त रहती है इतनी वह?’’ मैं ने पूछा.

‘‘क्या बताऊं आजकल औनलाइन पर्सनैलिटी डैवलपमैंट और सैल्फ ग्रूमिंग कोर्सेज जौइन किया है. उस के अलावा 1 घंटा सुबह जिम जाती है. पढ़ाई तो है ही सही,’’ इतना कुछ आखिर क्यों?

‘‘अब जिंदगी में कुछ करना है तो मेहनत तो अभी से ही करनी होगी न,’’ रुचि शाह का जवाब सुन मैं चुप रह गई, किंतु मन ही मन सोचने लगी कि ऐसा भी क्या करना है इन्हें. मेरी बेटी भी तो उसी के साथ पढ़ती है, उसे तो बहुत समय मिलता है. बहुत कुछ है इंटरनैट पर… घर आ कर मैं और मेरी बेटी जब रसोई में एकसाथ काम कर रहे थे तो बातों ही बातों में मैं ने कहा, ‘‘आज रुचि शाह मिली थीं. बता रही थीं कि उन की बिटिया मायरा पूरा दिन कुछ न कुछ सीखती रहती है. बहुत व्यस्त रहती है और तुम हो कि इंस्टा, यूट्यूब में समय गंवा रही हो.’’

‘‘ऐसा क्यों सोचती हैं आप मौम? मैं क्या सारा समय इंस्टा और यूट्यूब पर फालतू समय बिताती? हां, इंटरनैट पर भी बहुत सारे इंफौर्मेटिव वीडियो आते हैं उन्हें देखती. हां, इंस्टा पर अपने पहचान के लोगों से मिलती. आखिर मुझे भी तो अपनी जिंदगी जीनी है या टाइम मशीन बन कर रह जाऊं? उफ, मौम आप कंपेयर क्यों कर रही हैं?

‘‘यह कोई नई बात नहीं कि मायरा हर समय व्यस्त रहती हैं, पर उस की जिंदगी कोई जिंदगी है? न तो वह किसी से मिलती है और न ही किसी से कभी बात करने की फुरसत है उस के पास और सब से जरूरी बात यह कि क्या वह स्वयं खुश है ऐसी जिंदगी से?

जिंदगी में क्या करना है

‘‘खुश होगी तभी तो इतना कुछ कर लेती

है वह.’’

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‘‘नहीं मौम आप को कुछ भी नहीं पता. वह तो चक्की के 2 पाटों में पिस रही है. उस के डैड तो उसे सीए, एमबीए करवा कर अफसर बनाना चाहते हैं और उस की मौम उसे मौडल बनाना चाहती हैं. वह अपना पूरा समय उन की आकांक्षाओं को पूरा करने में बिताती है. जैसे उस की तो कोई लाइफ ही नहीं.’’

‘‘उस के पेरैंट्स भी तो उसी के भले के लिए सोचते हैं.’’

हां, सोचते होंगे, पर पहले वे दोनों आपस में मिलबैठ कर बातचीत कर तय कर लें कि उन्हें अपनी बेटी को क्या बनाना है. बेचारी 2 नावों की  सवार न तो हंसबोल पाती है और न ही कुछ तय कर पाती है कि आखिर उसे अपनी जिंदगी में क्या करना है. जरा वजन बढे़ तो उस की मौम उस के खानपान पर प्रतिबंध लगा देती हैं.

‘‘आखिर कब तक वह अपने मातापिता के अरमानों के बोझ तले दब कर ऐसी जिंदगी जी सकेगी? अभी तो समय कम पड़ रहा है वरना उस की मौम उसे कत्थक डांस क्लास और जौइन करवाएंगी. माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय की छवि देखती हैं उस की मौम उस में.’’

‘‘तो तुम्हारे हिसाब से उसे ये सब नहीं करना चाहिए? अपने मातापिता से विद्रोह करना चहिए?’’

‘‘हां, बिलकुल करना चाहिए. माना उस के मातापिता पढ़ेलिखे हैं, अच्छा कमाते हैं, दोनों वर्किंग हैं, किसी चीज की कोई कमी नहीं, लेकिन वे अपने सपनों का बोझ अपनी बेटी पर नहीं लाद सकते. मैं तो यही कहूंगी कि वे पढ़ेलिखे हैं, पर समझदार नहीं.’’

‘‘यह क्या कह रही हो तुम?’’ मैं ने कहा.

अपनी भी तो मरजी है

‘‘मैं ठीक कह रही हूं मौम. यदि वे समझदार होते तो अपनी बेटी की खूबियों को पहचानते. मालूम है वह फ्री पीरियड में लाइब्रेरी जाती है और वहां अफ्रीका के जंगलों और जानवरों के बारे में पढ़ती है, हम लोगों से फोन ले कर इंटरनैट पर वाइल्ड लाइफ मिस करती है. वे सब करते समय उस के चेहरे पर अलग ही मुसकराहट होती है. हम सभी सहेलियां उस की इस मामले में बहुत मदद करती हैं.

हम अपने फोन उसे दे देती हैं ताकि वह इंटरनैट का इस्तेमाल कर सके. उस के पेरैंट्स ने उस के फोन पर तो रैकर लगा रखा है ताकि वह उन की मरजी के खिलाफ कुछ देखपढ़ न ले. उफ, यह तो बहुत गलत है. आखिर वह भी तो फ्री पीरियड में अपनी मरजी का कुछ तो करना चाहती होगी.’’

‘‘तो तुम क्या कहती हो उसे अपने मातापिता से झगड़ा करना चाहिए?’’

नहीं मौम, उसे झगड़ा नहीं करना चाहिए, लेकिन उन के सपनों के बोझ तले अपने जीवन को भी नष्ट नहीं करना चाहिए बल्कि अपने पसंद के क्षेत्र की पूरी जानकारी ले कर अपने मातापिता से बातचीत करनी चाहिए. वह जंगलों और जानवरों से प्रेम करती है. माना यह फील्ड नई है जिस की जानकारी उस के मातापिता को नहीं. शायद हम जैसे लोग आमतौर पर इस फील्ड में नहीं जाते, पर हर फील्ड में कुछ न कुछ स्कोप तो होता ही है. फिर आजकल तो टूरिज्म इंडस्ट्री खूब फूलफल रही है.

नैशनल जियोग्राफिक चैनल, डिस्कवरी चैनल पर ये सब कितना आता है. वह किसी खास विषय या जानवर पर रिसर्च भी कर सकती है. किंतु आप लोगों को ये सब बताना फुजूल है. आप लोग तो लकीर के फकीर बने रहना चाहते हैं जैसे जो सब आप ने किया या सोचा उस के अलावा दुनिया में कुछ और अच्छा है ही नहीं. मुझे तो डर है कि मायरा कहीं स्ट्रैस और फ्रस्ट्रेशन में पढ़नालिखना ही न छोड़ दे.’’

‘‘नहीं वह अच्छी लड़की है. वह ऐसा नहीं करेगी कभी.’’

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निरंतर प्रयासरत

‘‘अच्छी लड़की माई फुट. मौम बस पेरैंट्स कहें वही करो तब ही अच्छी लड़की होती है? मैं क्या बुरी लड़की हूं. लेकिन मेरी अपनी ओपिनियन होती है, मैं रिस्पैक्ट करती हूं अपनी ओपिनियन और अपनी चौइस कीं. मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए जब आंखें मूंदती तो हूं मन ही मन कहती हूं कि यस आई विल डू इट और उस के लिए निरंतर प्रयासरत हूं, लेकिन आप लोगों ने अपने सपने मुझ पर लादे नहीं. मैं जो पढ़ना चाहती हूं उस की छूट दी.

हकीकत तो यह है कि सबकुछ मैं ने ही तय किया. जो मुझे कालेज में पढ़ाया जाता है मैं उसे एक दिन पहले ही घर में पढ़ लेती हूं क्योंकि मुझे वह सब अच्छा लगता है. मुझे अपने विषय में ज्यादा सिर नहीं खपाना पड़ता. इसीलिए आप को मेरी मेहनत नजर भी नहीं आती और मैं समय निकाल कर मौजमस्ती भी कर लेती हूं.’’

‘‘हां, बात तो तुम्हारी सही है. तुम अपनी सहेली को क्यों नहीं समझाती कि वह अपने मातापिता से बात करे और उन्हें बताए कि वह अपनी पसंद का कैरियर चुनना चाहती है?’’

‘‘उन्हें समझा कर कोई फायदा नहीं मौम क्योंकि उस के मातापिता दोनों ही एकदूसरे को नहीं समझा पाए. बस दोनों अपनी जिद पर अड़े हैं कि एक के अनुसार बेटी मौडलिंग करे और दूसरे के अनुसार हर वक्त किताबों में सिर घुसाए रखे. पहले उन्हें आपस में समझना जरूरी है और यह जानना जरूरी है कि उन की बेटी क्या करना चाहती है पर वे दोनों इतने नासमझ हैं कि इस विषय पर बेटी से बातचीत ही नहीं करते.

‘‘बस उस के लिए एक पगडंडी बना दी है और जैसे घोड़े की आंखों पर कनपटा बांध दिया जाता है कि वह साइड में न देखे बस आगे देखे वैसे ही उसे अपने मातापिता की आंखें ले कर उस पगडंडी पर चलना है.’’

‘‘हां, बात तो तुम सही कहती हो,’’ मैं ने कहा.

सपनों को जिओ

‘‘आप को लगता है कि मैं सही कह रही हूं तो आप ही समझाओ उस की मौम व डैड को वरना किसी दिन वह कुछ गलत न कर बैठे. उस ने विद्रोह कर दिया तो फिर वह उन दोनों से बहुत दूर चली जाएगी. हो सकता है वह मौडल या अफसर बन जाए, किंतु उस के मातापिता की आंखें कब तक उसे राह दिखाएंगी. वह तो वाइल्ड लाइफ सफारी को मिस करती है और सोचती है एक बार मांबाप का सपना पूरा कर दे, फिर अपना सपना पूरा करेगी.

एक बार मौडलिंग में चली भी जाएगी तो छोड़ देगी या फिर किसी बड़ी कंपनी में अफसर बन गई तो नौकरी छोड़ देगी और यदि यह भी न हुआ तो पूरी जिंदगी कसमसाती रहेगी अपने अधूरे ख्वाबों के साथ. अपने सपनों को जिओ. आखिर जिंदगी उस की है और उसे ही जीनी है. उसे अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए न कि अपने मातापिता के अरमानों को जीना चाहिए.’’

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Housewives ऐसे करें Financial प्लानिंग

भारत में ऐसी हाउसवाइव्स की तादाद बहुत ज्यादा है जो अपने पति पर निर्भर हैं और किसी भी तरह के वित्तीय फैसलों में उनकी भागीदारी न के बराबर हैं. इसके बावजूद वह घर की मैनेजर होती हैं और उनकी जिम्मेदारी अपने घर के बजट को मैनेज करने की होती है.

पिछले कुछ सालों में महंगाई तो बढ़ी है लेकिन उस अनुपात में सैलरी नहीं बढ़ी है. लेकिन कई बार जब घर में कोई इमर्जेंसी आती है जैसे, पति की जॉब छूट जाना या कोई हेल्थ प्रॉब्लम तो ऐसे वक्त में महिलाओं की फाइनेंशियल प्लानिंग ही काम आती है

मनी फ्लो मैनेजमेंट

ज्यादातर घरों में हाउसवाइव्स केवल ग्रॉसरी की खरीदारी तक ही सीमित हो जाती हैं. लेकिन हाउसवाइव्स को इसके आगे बढ़ते हुए फाइनेंस को मैनेज करने का तरीका पता होना चाहिेए. इससे पता चलेगा कि कहां आपको ज्यादा खर्च करना है और कहां बचाना है. और यह कोई रॉकेट साइंस नहीं और न ही इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत है. आप इसे खुद से या अपने पति के सलाह से भी कर सकती हैं.

खर्च कंट्रोल करना

अब जब आप मनी फ्लो मैनेजमेंट करना जान गईं हैं तो अब बारी है खर्चों पर कंट्रोल करने की, जैसे- अगर आपके घर का बिजली का बिल 2 हजार हर महीने आता है तो आपको सोचने की जरूरत है कि कैसे आप इसे कम कर सकती हैं. अगर आप हर रोज वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल करती हैं तो हफ्ते में 3-4 दिन ही इस्तेमाल करें. ऐसी ही कई चीजों का ध्यान रखकर आप खर्चों में कटौती कर सकती हैं.

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बचत, बचत और सिर्फ बचत

हमेशा पैसों की बचत के बारे में सोचें. इसके लिए सबसे पहला कदम है एक अकाउंट खोलना. इसके अलावा आप सरकार की ओर से चलाई जा रही जीवन ज्योति जैसी तमाम तरह की योजनाओं में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर फायदा उठा सकती हैं. आप चाहें तो महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करके भी पैसे बचा सकती हैं.

घर बैठे कमाएं पैसे

अगर आप पढ़ी लिखी हैं इसके बावजूद घर की जिम्मेदारियों के चलते आप अपने पति की कोई मदद नहीं कर पा रही हैं तो घर बैठे पैसे कमाने की तरकीब ढूंढना शुरू कर दें. आप फ्रीलांसर की तरह काम कर सकती हैं. इसके अलावा अगर आपकी पेंटिंग, डांसिंग, टीचिंग जैसी कोई हॉबी है तो आप इसके लिए अलग से क्लास चला सकती हैं और घर में क्लास लेकर पैसे कमा सकती हैं.

निवेश करें

निवेश की पहली सीढ़ी है बचत. अगर आप हर महीने पैसे बचाती हैं तो आपको सोचना चाहिए कि महंगाई को काटते हुए कैसे आप अपने पैसे को बढ़ा सकती हैं. कभी भी पैसे को अकाउंट में या घर पर भी खाली पड़े नहीं देना चाहिए. उसे फिक्स या फिर रिकरिंग डिपॉसिट में निवेश करना चाहिए. अगर आपका पैसा 10 हजार से बढ़कर 11 हजार भी हो जाता है तो यह एक फायदे का सौदा है.

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6 Tips: सुकुन भरे रिटायरमेंट के लिए शुरू करें प्लानिंग

हम पूरी जिंदगी डटकर काम करते हैं जिससे हम अपने परविार के साथ सुकून भरी लाइफ जी सकें. लेकिन हम तब तक ही कमा सकते हैं कि जब तक हमारा शरीर साथ देता है. सरकारी नौकरी में हम 58 या 60 साल पर रिटायर हो जाते हैं. लेकिन प्राइवेट जॉब में अक्‍सर लोग तब तक काम करते हैं, जब तक उनकी हेल्‍थ उन्‍हें काम करने देती है. ऐसे में सिक्‍योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है. लेकिन अक्‍सर रिटायरमेंट के लिए किसी भी सरकारी या निजी कंपनी की स्‍कीम में अंधाधुंध निवेश कर डालते हैं. लेकिन इसके लिए प्रोपर प्‍लानिंग के साथ समझदारी पूर्ण निवेश करना बहुत जरूरी है.

1. पब्लिक प्राविडेंट फंड

पब्लिक प्राविडेंट फंड यानि कि पीपीएफ पैसा बचाने के लिए बेहतरीन विकल्पों में से एक है. इसमें न सिर्फ पैसा जमा करने से टैक्‍स बचता है बल्कि इस पर ब्याज भी टैक्‍स फ्री होता है. पीपीएफ डेट में सबसे अच्छा विकल्प है और इसका रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. आप बैंक ऑर पोस्ट ऑफिस से पीपीएफ खोल सकते हैं. यह सुरक्षित निवेश का जरिया है.

2. इंप्‍लॉई प्रोविडेंट फंड

इंप्‍लॉई प्रोविडेंट फंड यानि कि ईपीएफ भी बेहतर रिटायरमेंट फंड है. सैलरी में से 12 फीसदी ईपीएफ में जाता है. इसकी ब्याज दर 8.75 फीसदी है. ये रिटयरमेंट सेविंग्स स्कीम है. सैलरी पाने वाले ही इसका फायदा उठा सकते हैं. लेकिन आप पूरी रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं कर सकते हैं.

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3. न्‍यू पेंशन स्‍कीम

न्‍यू पेंशन स्‍कीम यानि की एनपीएस खासतौर पर रिटायरमेंट के लिए डिजाइन की गई है. न्यू पेंशन स्कीम इसमें 80 सी के तहत 10 फीसदी टैक्स बचत हो सकती है. इसमें 6 अलग अलग फंड में निवेश की सुविधा है. इसमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. इसमें सालाना न्यूनतम निवेश 6,000 रुपये का होता है. 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आते हैं तो एनपीएस में सालाना 15,000 रुपये बचा सकते हैं. इसमें 18 साल से 55 साल की उम्र तक के लोग निवेश कर सकते हैं.

4. इंश्योरेंस

आप भविष्‍य की जरूरतों के लिए यूलिप, पेंशन प्रोडेक्ट, ट्रेडिशनल पॉलिसी के जरिए निवेश कर सकते हैं. लंबी अवधि में यूलिप के जरिए निवेश कर सकते हैं. 58 साल से पहले पेंशन प्रोडेक्ट से पैसे निकालने पर एक्जिट लोड लगता है. पेंशन प्लान, रिटायरमेंट प्लान जैसे कई इंश्योरेंस विकल्प चुन सकते हैं.

5. म्यूचुअल फंड

अगर लंबी अवधि के लिए निवेश करना है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी कर सकते हैं. इसमें भी 2 विकल्प हैं. चाहें तो आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और चाहे तो इक्विटी में सीधा निवेश भी कर सकते हैं.

6. टैक्स फ्री बॉन्ड

जब आपके रिटायरमेंट के लिए 1-2 साल बचें और आपके पास कुछ कोष इकट्ठा हो जाए तो आप टैक्स फ्री बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. इसमें 10-20 साल का लॉक इन पीरियड होता है और ये सुरक्षिच निवेश का जरिया होता है. इसके ब्याज पर कोई टैक्स नहीं होता है.

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क्रेडिट कार्ड लेने में बर्ते ये सावधानी

बात अगर फाइनेंशियल लेन-देन की की जाए तो इन दिनों क्रेडिट कार्ड ज्‍यादातर लोगों के लिए लाइफलाइन है. चाहे रिटेल आउटलेट से खरीदारी करनी हो, ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो, टेलीफोन या इलेक्ट्रिसिटी बिल जमा करना हो, एयर टिकट और होटल बुक करना हो. देश भर में क्रेडिट कार्ड का यूज बड़े पैमाने पर किया जाता है.

हालांकि क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल सोच समझ के करना चाहिए. क्रेडिट कार्ड का यूज आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री और क्रेडिट स्‍कोर को बड़े पैमाने पर प्रभावित करता है.

आपके क्रेडिट स्‍कोर को बेहतर बना सकता है क्रेडिट कार्ड

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल सोच समझ कर और जिम्‍मेदारी से करें तो क्रेडिट कार्ड आपके क्रेडिट स्‍कोर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. आप कुछ आसान तरीको को अपना कर क्रेडिट कार्ड का जिम्मेदारी से इस्‍तेमाल कर सकते हैं इससे अपनी सिबिल रिपोर्ट और सिबिल ट्रांसयूनियन स्‍कोर को मजबूत कर सकते हैं.

इंटरेस्‍ट रेट कर सकते हैं निगोशिएट

जब आप क्रेडिट कार्ड हासिल करते हैं तो आप इसके फाइन प्रिंट को अच्‍छी तरह से पढें. इस पर लगने वाले इंटरेस्‍ट रेट, ग्रेस पीरिएड की अवधि और ली जाने वाली फीस के बारे में पूरी डिटेल पता करें. बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता होता है कि इंटरेस्‍ट रेट निगोशिएट किया जा सकता है. ऐसे में आप क्रेडिट कार्ड के लिए अप्‍लाई करते समय पूरी रिसर्च करें.

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क्रेडिट कार्ड बैलेंश का समय पर करें पेमेंट

आप अपने क्रेडिट कार्ड बैलेंश का समय पर पेमेंट करें. आप हर माह क्रेडिट कार्ड पेमेंट का भुगतान कर क्रेडि कार्ड डेट से बच सकते हैं. इसके अलावा आप कई बारे क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें . अगर आपने कई क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट के एन्‍क्‍वायरी सेक्‍शन में दिखेगा. इसके अलावा कई सारे क्रेडिट कार्ड को मैनेज करना मुश्किल होता है. ज्‍यादा संभावना है कि आप किसी क्रेडिट कार्ड के पेमेंट को मिस कर दें. इससे अनजाने ही आप डेट ट्रैप की ओर बढ़ सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड लिमिट के अधिकतम यूज से बचें

अगर आप क्रेडिट कार्ड से ज्‍यादा खर्च करते हैं तो जरूरी नहीं है कि यह आपके क्रेडिट स्‍कोर को नकारात्‍मक तौर पर प्रभावित करे लेकिन आपके क्रेडिट कार्ड का बैलेंश बढ़ना आप पर रिपेमेंट बोझ बढ़ने की ओर संकेत करता है और यह आपके स्‍कोर को प्रभावित कर सकता है.

अपने सिबिल स्‍कोर पर रखें नजर

अगर आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखते हैं तो आप अपने फाइनेंस का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर पाएंगे . इसके अलावा आप संभावित आइडेंटिटी थेफ्ट और क्रेडिट रिपोर्ट में गलत सूचना को लेकर भी अलर्ट रहेंगे.

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Festive Season में यूं सजाएं घर

त्योहारों की बात हो और घर को सजाने का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि त्योहारों के लिए बाहर जा कर शौपिंग करने व घर को सजाने से न सिर्फ हमारा मूड ठीक होता है, बल्कि घर भी खूबसूरत बनता है. लेकिन इन त्योहारों पर आप को थोड़ा संभलना होगा और अपने कदमों को घर तक ही सीमित रख कर   घर के नए मेकओवर के बारे में सोचना होगा क्योंकि तीसरी लहर की चेतावनी जो है.

ऐसे में हम आप को कुछ टिप्स बताते हैं, जिन से आप भी सुरक्षित व आप घर बैठे अपने घर को खूबसूरत बना कर उसे सैंटर औफ अट्रैक्शन बना सकती हैं. तो जानिए उन टिप्स के बारे में:

पोजीशन चेंज करें

जब भी घर को नया लुक देने की बात आती है तो या तो हमारे दिमाग में घर के इंटीरियर को चेंज करने की बात आती है या फिर घर में रखे फर्नीचर को बदलने के बजाय उस की जगह को बदलने की क्योंकि इस से भले ही चीजें वही होती हैं, लेकिन उन की जगह बदलने से घर फिर दोबारा से नया सा लगने लगता है. ऐसे में इन त्योहारों पर घर से बाहर जाना इतना सेफ नहीं है, तो इंटीरियर के आइडिया को इस बार छोड़ना ही आप के लिए फायदेमंद रहेगा.

ऐसे में आप अपने लिविंगरूम व बैडरूम की सैटिंग को चेंज कर के घर को दे सकती हैं नया लुक. सिर्फ सैटिंग ही चेंज न करें, बल्कि सोफे को नया लुक देने के लिए भी उस के स्टाइलिश डिजाइनर औनलाइन कवर्स खरीदें.

आजकल कुशंस का काफी ट्रैंड हैं, ऐसे में आप अपने बैड पर स्टाइलिश चादर के साथ छोटेछोटे कुशंस लगा कर रूम के लुक को चेंज करने के साथसाथ अपने बैड को भी नया लुक दे सकती हैं. बस आप को यह देखना है कि सैटिंग कैसे करें, ताकि आप का घर बड़ा भी लगे और खूबसूरत भी.

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वौल स्टीकर से सजाएं दीवारों को

अगर आप के घर की दीवारें कई जगह से गंदी हो रही हैं और आप यह सोच रही हैं कि अभी माहौल ऐसा नहीं है कि घर में सफेदी करवाई जाए तो आप घर की उन जगहों को ढकने के साथसाथ दीवारों को सुंदर दिखाने के लिए वौल स्टीकर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के लिए औनलाइन आप को बैस्ट विकल्प मिल जाएंगे. आप दीवार के लिए आजकल ट्रैंड में चल रहे मधुबनी वौल स्टीकर, थ्री डी वौल स्टीकर, नेचर को रिप्रैजेंट करने वाले वौल स्टीकर, छोटे से ले कर बड़े वौलपेपर से आप अपने घर को खुद सजा सकती हैं.

बस जब भी इन्हें खरीदें तो साइज को अच्छे से देखने के बाद ही खरीदें. इन स्टीकर्स की खास बात यह है कि इन्हें आप खुद भी आसानी से लगा सकती हैं. ये पौकेट फ्रैंडली होने के साथसाथ आप के घर को कूल लुक देने का भी काम करते हैं.

बालकनी को सजाएं यों

अगर आप नेचर लवर हैं और आप को अपनी बालकनी को पौधों से सजाने का शोक है तो आप का यी शौक ही आप की बालकनी को इन त्योहारों पर खूबसूरत लुक देने का काम करेगा. इस के लिए आप ने जो भी गमले पहले से लगाए हुए हैं, उन्हें कलर्स से रंग कर नया लुक दे सकती हैं, जिस से आप की बालकनी खिल उठेगी. आप औनलाइन भी खूबसूरत गमले खरीद सकती हैं.

लेकिन पहले आप अपने पुराने गमलों को खूबसूरत बना कर उन्हें नया बनाने की कोशिश करें क्योंकि इस से आप का बजट भी नहीं बिगड़ेगा और आप की क्रिएटिविटी से इन त्योहारों पर आप की बालकनी को भी खूबसूरत लुक मिल जाएगा. आप अपनी बालकनी की ग्रिल्स को भी खुद से रंग कर उन्हें नया जैसा लुक दे सकती हैं. यहां तक कि आप इंडोर प्लांट लगे गमलों को खुद सजा कर लिविंगरूम की शोभा को भी बढ़ा सकती हैं.

नए परदों से नया लुक

कहते हैं कि अगर घर को नया लुक देना हो तो सब से पहले घर के परदों में बदलाव लाना चाहिए क्योंकि परदे घर में नई जान डालने का काम जो करते हैं. ऐसे में आप तुरंत औनलाइन परदे न खरीद लें, बल्कि पहले सर्च करें कि आजकल कौन से परदे ट्रैंड में चल रहे हैं. यह भी देखें कि आप के घर का इंटीरियर व वौल पेंट कैसा है कि आप के पूरे घर में एक जैसे परदे अच्छे लगेंगे या फिर कंट्रास्ट में परदे डालना ज्यादा अच्छा लगेगा.

वैसे आप को बता दें कि ज्यादा भारी व मोटे परदे एक तो आप के घर में अंधेरा रखने का काम करते हैं साथ ही इन से घर थोड़ा छोटा भी लगता है और ये ज्यादा महंगे भी होते हैं.

ऐसे में आप अपने घर में हलके, कलरफुल, मिक्समैच करते, एर्थ टोन्स, ऐक्सोटिक प्रिंट्स, पैटर्न प्रिंट्स, बोल्ड स्टेटमैंट कलर्स का चयन कर सकती हैं क्योंकि ये आंखों को अच्छा लगने के साथसाथ घर को खूबसूरत तो दिखाते ही हैं साथ ही काफी कंफर्ट फील भी देते हैं. आप अगर रूम में खूबसूरती के मकसद से ही परदे डाल रही हैं तो आप नेट, लेयर्स, रफ्ल वाले परदों का भी चुनाव कर सकते हैं.

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इन्हें खरीदने के लिए आप को मार्केट नहीं जाना, बल्कि औनलाइन इन्हें साइज के हिसाब से खरीद सकती हैं क्योंकि इस से एक तो आप को घर बैठे सामान मिल जाएगा और दूसरा पसंद नहीं आने पर इन्हें बदलने का भी औप्शन जो रहता है.

सैंटर टेबल को सजाएं रोज पेटल्स से

घर में लिविंगरूम ही वह जगह होती है, जहां लोगों का ध्यान सब से ज्यादा जाने के साथसाथ यह जगह घर की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती हैं. ऐसे में आप को सिर्फ अपने सोफे पर ही ध्यान नहीं देना है, बल्कि सैंटर टेबल को भी सजाने की जरूरत होगी ताकि आप का कमरा पौजिटिव वाइब्स देने के साथसाथ खिल उठे. इस के लिए आप अपनी सैंटर टेबल को रोज पेटल्स से सजा सकती हैं. उस के सैंटर में कांच का छोटा सा फ्लौवर पौट लगा कर उस के आसपास गुलाब की पत्तियों से सजा सकती हैं या फिर आप टेबल पर खूबसूरत सी वुडन टोकरी ले कर उस में कलरफुल आर्टिफिशियल फ्लौवर डाल कर बीच में कैंडिल लैंप या दिया लगाएं.

यह आप की सैंटर टेबल को फ्रैश फील देने के साथसाथ त्योहारों के लिए भी रेडी करेगा. अगर आप ने लिविंगरूम में शोकेस भी रखा हुआ है तो आप उस पर छोटेछोटे शोपीस, छोटेछोटे टेडी बीयर या फिर अगर ओपन शोकेस है तो आप उस पर वाटरफौल शोपीस भी लगा सकती हैं. अगर आप इस तरह से रूम को सजाएंगी तो आप की नजर ही आप के घर से नहीं हटेगी.

लाइटिंग भी हो खास

त्योहारों पर घर व बाहर लाइटिंग का खास महत्त्व होता है. इस के लिए लोग कई दिन पहले से तैयारी करनी शुरू कर देते हैं. तो आप भी पीछे न रहें, बल्कि इन त्योहारों पर अपने घर को कम बजट में बैस्ट लाइटिंग विकल्पों के साथ सजाएं. इन के लिए आप सोलर पावर स्ट्रिंग लाइट्स लगवा सकती हैं. इस के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती है, बल्कि यह इंटरनल बैटरी से औपरेट होती हैं. ये लाइट्स बाहर की सजावट जैसे गार्डन, प्लांट्स को सजाने के लिए उपयुक्त होती हैं.

वहीं मल्टी कलर एलइडी लाइट्स से भी आप अपने घर की खूबसूरती को बढ़ा सकती हैं. आप लेजर लाइट प्रोजैक्टर से भी लाइटिंग कर सकती हैं. यहां तक कि आप लाइट फैस्टिवल पर ग्लो स्टिक्स से घर में लाइट कर सकती हैं. ये वन टाइम होती हैं. इन्हें जलाते ही ये कलरफुल स्टिक्स अपनेआप जलना शुरू हो जाती हैं.

अलग अंदाज में सजाएं मेन गेट को  

जब कोई त्योहारों पर घर में आता है तो उस की पहली नजर ही दरवाजे पर पड़ती है और इस की सजावट घर में पौजिटिविटी लाने का भी काम करती है.

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ऐसे में जब बात हो घर के मेन गेट को सजाने की तो आप हाथ से तरहतरह की चीजें बना कर उन से दरवाजे को सजा सकती हैं. आप लो बजट में भी सुंदर बंदरवाल खरीद कर अपने मैन गेट को खूबसूरत बना सकती हैं. आप मेन गेट के कौर्नर पर खूबसूरत सा फ्लौवर पौट और उस पर लाइटिंग कर के या फिर उसे रिंबस से सजा कर भी डैकोरेट कर सकती हैं. इस से आप का घर अंदर व बाहर दोनों जगहों से खूबसूरत दिखेगा.

घर को डिक्लटर करने के 5 टिप्स

बारिश का मौसम लगभग जा चुका है त्यौहारों ने अपनी दस्तक दे दी है. इन दिनों घरों की साफ सफाई और रंगाई पुताई का काम जोरों पर होता है. हर कोई अपने घर को कुछ नए ढंग से सजाना चाहता है, वर्ष भर एक जैसे घर को देखते हुए कुछ नयापन देना चाहता है. दीवाली पर तो यूं भी नया सामान लाया जाता है. अक्सर हम नया सामान तो ले आते हैं परन्तु पुराने बेकार हुए सामान को हटाते नहीं है जिससे घर में उथल पुथल और अव्यवस्था होनी शुरू हो जाती है.

घर के कमरे ही नहीं यह बात हमारे कपड़ों की कवर्ड पर भी लागू होती है क्योंकि नए कपड़े आने और पुराने के न हटने से कवर्ड की क्षमता भी अंतिम सांसे गिनने लगती है. कोई भी नया सामान लाने से पूर्व घर को डिक्लटर करना बेहद आवश्यक है ताकि नया सामान अपनी जगह बना सके और घर अस्तव्यस्त के स्थान पर सुव्यवस्थित लगे. घर को डिक्लटर करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है-

1. बारीकी से करें निरीक्षण

घर के प्रत्येक कमरे और रसोई का अच्छी तरह निरीक्षण करें और जो भी वस्तु या बर्तन पिछले एक वर्ष से उपयोग में नहीं आयी है उसे घर से बाहर कर दें क्योंकि जिस वस्तु की आवश्यकता एक वर्ष तक नहीं पड़ी है इसका सीधा सा तात्पर्य है कि वह वस्तु आपके लिए अनुपयोगी है और वह व्यर्थ में जगह घेरे है.  इस सामान में मिठाई के खाली डिब्बे, पेपर, पुरानी घड़ियां,  अनुपयोगी कपड़े और बर्तन आदि को शामिल करें.

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2. कवर्ड पर भी डालें नजर

अनीता ने बाजार जाने के लिए जैसे ही साड़ी निकालनी चाही, उसमें से सारे कपड़े भरभराकर नीचे गिर पड़े उस पर भी जो साड़ी उसे पहननी थी उसका ब्लाउज नहीं मिल पाया. दरअसल हम नए कपड़े खरीदते जाते हैं और पुरानों को हटाते नहीं है जिससे कवर्ड ओवरलोड हो जाती है. जिन कपड़ों का आपने बहुत लंबे समय से उपयोग नहीं किया है और आगे भी उनके प्रयोग करने की संभावना नहीं है उन्हें किसी जरूरतमंद को दे दें. पुराने कपड़ों को हटाकर ही नए लाएं इससे आपकी कवर्ड व्यवस्थित रहेगी.

और आपको कपड़े खोजने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.

3. बास्केट बनाएं

एक साथ पूरे घर की सफाई करके डिक्लटरिंग करने के स्थान पर आप एक एक कमरे की सफाई करें. जब भी सफाई करें तो तीन बास्केट या कार्टून अपने पास रखें. सफाई करते समय अक्सर काम आने वाली, माह दो माह में कभी कभी काम आने वाली तथा पिछले 1 वर्ष में एक बार भी काम न आने वाली चीजों को अलग अलग डिब्बे में डालती जाएं. जिस कार्टून में आपने वर्ष भर में प्रयोग न आने वाली वस्तुएं रखीं है उन पर एक बार पुनः नजर डालें, यदि बहुत अधिक उपयोगी कोई वस्तु हो तो उसे अलग कर लें अन्यथा इस सामान को बिना लालच किये हटा दें. यह सिद्धांत घर के प्रत्येक कमरे ड्रेसिंग टेबल, किचन आदि सब पर लागू करें. कभी काम आएगी इस सोच को त्याग दें.

4. किताबें और पेपर्स

हमारे घरों में किताबों और पेपर्स का भंडार होता है. इनकी छंटाई करना बहुत मुश्किल होता है. इनकी छंटाई बहुत फुर्सत में समय लेकर करें ताकि कोई जरूरी कागज इधर उधर न हो जाये. अखबारों को सहेजकर कतई न रखें क्योंकि एक तो यह हर दिन आते हैं, दूसरे अनावश्यक जगह भी घेरते हैं. आमतौर पर घरों में बड़े बच्चे की किताबों से ही छोटा बच्चा पढ़ता है इसलिए यदि आपके कोई दूसरा बच्चा पढ़ने वाला है तो ही कोर्स की किताबें रखें अन्यथा किसी जरूरतमंद को दे दें. सभी जरूरी कागजों की फाइल बनाकर रखें इससे जरूरत पड़ने पर खोजना काफी आसान हो जाएगा.

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5. जूते चप्पल

जूते चप्पल भी घर के बहुत जरूरी सामान हैं. इनकी संख्या भी काफी होती है. क्योंकि डेली वीयरिंग, ओकेजनल और फॉर्मल वीयरिंग के अलग अलग जूते चप्पल होते हैं. इसके अतिरिक्त कई बार हम ड्रेस की मैचिंग के भी फुटवीयर खरीदते हैं यहां पर साल भर से प्रयोग में न आने वाला सामान अनुपयोगी है वाला सिद्धांत लागू नहीं हो सकता. इन्हें छांटने का सबसे अच्छा तरीका है कि ऐसे फुटवीयर जिन्हें आप पहनना पसंद नहीं करते या आप नए ले आये हैं अथवा जो टूटे फटे अनुपयोगी से हैं उन्हें हटा दें… ताकि आपकी शू रैक में जगह हो सके. जूतों के साथ साथ मोजों को भी छांटे जिनकी इलास्टिक लूज हो गयी है या जो फट गए हैं, रोएं निकल आये हैं उन सबको शू रैक से बाहर कर दें .

इस प्रकार आप अभी से अपने घर की डिक्लटरिंग करना प्रारम्भ कर दें ताकि नए सामान के लिए जगह भी बन सके और घर व्यवस्थित भी हो सके.

इस तरह बनाएं घर पर अपना वर्टिकल गार्डन, दीवारों पर भी लगा सकते हैं ढेरों पौधे

हरियाली किसे नही अच्छा लगता और बागवानी का शौक लगभग हर किसी को होता है, शहरों में रहने वाले लोग अपने घरों में अच्छी बागवानी करना चाहते हैं. लेकिन उनके पास जगह की समस्या होती है. बहुत से लोगों के घर में इतनी जगह नहीं होती है कि वे पेड़-पौधे लगा सकें. क्योंकि महानगरों में रहने वाले लोगों को छत तो क्या बालकनी भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है कई बार बालकनी इतनी छोटी होती है कि इसमें बड़े गमले रखने के बारे में लोग सोच नहीं पाते हैं. अगर आपको बागवानी करना अच्छा लगता है और आपके पास जगह की कमी है तो आपके बागवानी के लिए दीवार भी पर्याप्त है. अपने घर की किसी भी दीवार पर आप ‘वर्टिकल गार्डनिंग’ कर सकते हैं. ‘वर्टिकल गार्डनिंग’ आप अपने घर में उपलब्ध जगह के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं. जैसे कोई सीधा दीवार में गमलों का सेटअप कराता है तो कुछ लोग स्टैंड बनाकर, इस पर छोटे गमले रखते हैं. जो लोग अपने बजट को थोड़ा ज्यादा रख सकते हैं, वह हाइड्रोपोनिक सेटअप भी कर सकते हैं.

वैसे भी वर्टिकल गार्डन का चलन पिछले कुछ समय में सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि पब्लिक जगहों पर भी बढ़ा है. अलग-अलग तरीकों से आप किसी भी सूनी दीवार को हरियाली से भर सकते हैं. स्वाति कहती हैं, “वर्टिकल गार्डन सेटअप करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती.

ग्रिल पर लगाएं गमले:

अगर आपकी बालकनी में पहले से ही ग्रिल हैं या फिर ऐसी कोई जगह है, जहां पर बड़ी ग्रिल है तो आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके लिए आपको बस हुक वाले गमले लेने हैं. वर्टिकल गार्डन के लिए आपको बहुत से छोटे गमले मिल जायेंगे, जिनमें पहले से एक हुक या हैंडल लगा आता है. इसकी मदद से आप इन्हें ग्रिल पर लगा सकते हैं. अपने ग्रिल की लम्बाई-चौड़ाई के हिसाब से आप गमले खरीद लें, और उनमें पौधे लगाए.

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लोहे या लकड़ी का फ्रेम बनवाए

अगर आपके पास इतनी जगह है कि आप लकड़ी का स्टैंड रख सकते हैं तो आप स्टैंड में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. अपनी जरूरत के हिसाब से लकड़ी का स्टैंड बनवाकर, आप इसमें गमले लगा सकते हैं. लकड़ी के स्टैंड के लिए आप मिट्टी या सेरेमिक के भी छोटे गमले ले सकते हैं. इसी तरह, अगर आप चाहें तो लोहे का भी फ्रेम बनवा सकते हैं. इस फ्रेम में चारों तरफ लोहे की मोटी पट्टियां होती हैं और इस पैनल के बीच में लोहे की पतली तारों से जाली बनाई होती है. आप इस फ्रेम को अपनी बालकनी या घर की किसी अन्य दीवार पर फिट करवा सकते हैं. फ्रेम बनवाने के बाद आप ऐसे गमले चुनें, जिन्हें पौधा लगाने के बाद इस फ्रेम पर आसानी से लगाया जा सके.

ऑनलाइन खरीद सकते हैं वर्टिकल गार्डन सेटअप:

अगर आप खुद से सेटअप नहीं बनवाना चाहती है तो आप अमेज़न या फ्लिपकार्ट जैसी जगहों से पहले से तैयार सेटअप भी खरीद सकते हैं. आपको ऑनलाइन जो सेटअप मिलता है, उसे लगाने के लिए पैकेज के साथ एक मैन्युअल आता है. जिसकी मदद से आप उसे सेटअप कर सकते हैं. इस सेटअप की खासियत यह है कि इसे आप अलग-अलग जगहों पर लगा सकते हैं. जैसे कुछ दिन आपने किसी ग्रिल पर इसे लगा दिया तो कुछ दिन अपने दरवाजे पर लटका दिया. हालांकि, इसके लिए आपको देखना होगा कि आपके घर में कहां-कहां लगाना सम्भव है.

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इन बातों का रखें ध्यान:

वर्टिकल गार्डन का सेटअप ही नहीं बल्कि आप कैसा पॉटिंग मिक्स बनाते हैं, क्या पौधे लगाते हैं, इन बातों पर भी ध्यान देना जरुरी होता है.

– पॉटिंग मिक्स के लिए ज्यादा से ज्यादा कोकोपीट और खाद का इस्तेमाल करें.

– ऐसे पौधों को एक साथ लगाएं जिनमें एक बराबर धूप और तापमान की ज़रूरत पड़ती हो.

– नियमित रूप से पानी दें क्योंकि गमले छोटे होने के कारण ज्यादा समय तक नमी नहीं रहती है.

– इंडोर और आउटडोर का ख़ास ख्याल रखते हुए पौधों का चुनाव करें.

– जिस भी दीवार पर आप वर्टिकल गार्डन सेटअप कर रहें हैं, उस पर पहले कोई प्लास्टिक शीट लगा सकते हैं ताकि दीवार पर सीलन न हो.

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