कौस्मैटिक सर्जरी से दिखें कमसिन

केवल बोटौक्स या फिलर ही नहीं, और भी कई तरह की सर्जरी हैं जो परफैक्ट लुक देने में कारगर हैं. चेहरे के दागधब्बों को दूर कर चेहरे पर चमक लाने के लिए कैमिकल पील करवाना खासा पौपुलर है. परमानैंट हेयर रिमूवल और टमी टक कुछ ऐसे पार्ट्स हैं जिन से आप की पर्सनैलिटी पर गजब का निखार आता है. इन के लिए महीनेभर से ही प्लान करना जरूरी है. बोटौक्स से जहां आप उम्र कम दिखा सकते हैं, वहीं लिप फिलर आप के होंठों पर आकर्षक उभार लाता है.

डर्माब्रेशन, लेजर स्किन रिसरफेसिंग व कैमिकल पील जैसे ट्रीटमैंट के बेहतर परिणामों के लिए इन्हें कुछ मामलों में दोहराना भी पड़ सकता है. इस के अलावा जो लोग खुद में खास बदलाव देखना चाहते हैं वे फेसलिफ्ट, लाइपोसक्शन व बौडी कौंटूरिंग भी करवा सकते हैं.

जो अपनी ब्रैस्ट को सही शेप देना चाहती हैं, वे ब्रैस्ट सर्जरी के बारे में जरूर पता करें. ये सभी एक दिन में होने वाली सर्जरी हैं और आप उसी दिन घर भी जा सकती हैं, लेकिन सर्जरी का निशान हटने में थोड़ा समय लगता है. इसलिए यदि शादी से पहले सर्जरी करवानी हो तो 3 से 6 महीने पहले करवाना बेहतर होगा.

बोटौक्स व फिलर प्रक्रिया

अगर आप ट्रीटमैंट लेने जा रहे हैं, तो पहले फेस अच्छी तरह साफ कर लें. फेसपैक लगा कर उस पर बर्फ से मालिश भी लाभदायक है. इंसुलिन इंजैक्शन जैसे छोटे बोटौक्स के इंजैक्शन चेहरे पर लगाए जाते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लगता है. इस का फास्ट इफैक्ट नहीं होता. 3 से 7 दिनों के अंदर इस का असर आप को चेहरे पर दिखाई देने लगता है. यह असर 3 से 6 महीने तक बरकरार रहता है.

रिंकल्स, पिंपल्स, डार्क सर्कल्स, ल्यूकोडर्मा जैसी कौमन ब्यूटी प्रौब्लम्स का इलाज कौस्मेटिक के एडवांस ब्यूटी ट्रीटमैंट्स ने संभव बनाया है. इन ट्रीटमैंट्स का सहारा ले कर हम अपनी त्वचा की रंगत निखारने के साथ ही अपने होंठ, गाल, नाक, कान, आईब्रो आदि के आकार में स्थायी रूप से मनचाहा परिवर्तन ला सकते हैं.

क्या है राइनोप्लास्टी

जैसा कि कुछ हद तक नाम से ही मालूम होता है कि अगर आप की नाक की शेप प्रौपर नहीं है तो आप 1-2 घंटे के इस ट्रीटमैंट की मदद से अपनी नाक को सही शेप दे सकती हैं.

इस के साथ आप अपने अपर लिप पार्ट और नोज के बीच नोज पौइंट का एंगल भी ठीक करवा सकती हैं. चाहें तो इसे फेसलिफ्ट के साथ भी करवा सकती हैं. इस के लिए आप को बस एक दिन के लिए ही एडमिट होना पड़ता है. हालांकि पूरी तरह से सूजन जाने में 2 महीने लग जाते हैं. यदि आप 2-3 हफ्ते बाद ही अपने काम पर वापस जाना चाहती हैं तो इस का खर्च तकरीबन 50-70 हजार रुपए तक आता है.

प्लास्टिक सर्जरी

शरीर के किसी भी हिस्से पर चोट लगने या जलने से वह भाग यदि भद्दा दिखाई देता है तो उसे प्लास्टिक सर्जरी से ठीक किया जा सकता है. इस ट्रीटमैंट में जांघों के पास की स्किन को निकाल कर उस जगह पर लगा दिया जाता है, जिस से उस की खूबसूरती को बरकरार रखा जा सके. प्लास्टिक सर्जरी की इस विधि को स्किन ग्राफ्टिंग कहते हैं. युवतियां अकसर नाक, होंठ, ब्रैस्ट की सर्जरी कराती हैं. पुरुषों में हेयर ट्रांसप्लांट और छाती आदि की सर्जरी ज्यादा प्रचलित है.

साइड इफैक्ट्स

वैसे तो बोटौक्स के साइड इफैक्ट्स नहीं होते पर सभी लोगों की स्किन एकजैसी न होने से इस के अलगअलग रिस्पौंस भी मिल सकते हैं. इस से चेहरे पर जलन और मार्क्स हो सकते हैं.

कुछ मामलों में आप को सिरदर्द, नजलाजुकाम और आंखों के आसपास की स्किन लाल हो कर उस में खुजली या फेशियल पेन भी हो सकता है.

इस पर आने वाला खर्च

सही खर्च का अंदाज आप के चेहरे पर निर्भर करता है. अगर आप केवल आंख के हिस्सों तक ही ट्रीटमैंट करवाती हैं तो इस का पूरा खर्च 4 से 7 हजार रुपए के बीच आता है, जबकि आंख के ऊपरी हिस्से यानी माथे पर इस ट्रीटमैंट को करवाने के लिए आप को 12 हजार से ले कर 20 हजार रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं. वहीं, प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए इस से अधिक रकम भी खर्च करनी पड़ सकती है.

परफैक्ट लुक के लिए सर्जरी का बढ़ता बाजार

कौस्मेटिक तथा प्लास्टिक सर्जरी जैसे उपाय उन लोगों के लिए वरदान हैं जिन्हें किसी कारण से शरीर या चेहरे की विकृति का सामना करना पड़ता है लेकिन अब मानसिक संतुष्टि और आकर्षक दिखने की होड़ ने इसे एक अलग तरह का बाजार उपलब्ध करा दिया है.

इस बाजार का सब से बड़ा खरीदार है युवावर्ग. भारत जैसे देश में यह सर्जरी लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. यही नहीं, भारी रकम दे कर शादी के दिन के लिए युवाओं की बड़ी संख्या इस के जरिए अपने चेहरे और शरीर का कायाकल्प करवाने में जुटी है.

– डा. करुणा मल्होत्रा,

(कौस्मैटिक स्किन ऐंड होम्योक्लीनिक)

सुंदरता के लिए कैसा हो आहार

जोकुछ भी आप खाते हैं उस का असर आप के स्वास्थ्य और खूबसूरती पर पड़ता है. भोजन आप की त्वचा के रंग, आप के बालों और यहां तक कि आप के मूड को भी प्रभावित करता है. अगर आप भीतर से सेहतमंद हैं, तो आप की त्वचा खुदबखुद चमकती रहेगी. कई प्राकृतिक खाद्यपदार्थों में ऐंटीऔक्सीडैंट्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो न केवल आप के तनाव को नियंत्रित रखते हैं, बल्कि त्वचा को भी चमकदार बनाए रखते हैं. आप विटामिन और मिनरल्स से युक्त संतुलित आहार ले कर अपनी त्वचा को जवां और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं.

कैसे प्रभावित करते हैं पोषक पदार्थ

वजन नियंत्रित रहता है: यह सभी जानते हैं कि बहुत ज्यादा खाने और गलत तरह का आहार लेने से वजन बढ़ता है. मगर इस का यह मतलब भी नहीं कि आप सुपर मौडल की तरह अपनेआप को बिलकुल पतला बना लें. मगर मोटापा डायबिटीज और दिल की बीमारियों तक का कारण बन सकता है.

सही आहार न लेने से बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं: बालों को भी पोषण की जरूरत होती है. आहार का सीधा असर बालों पर पड़ता है. अगर आप के भोजन में विटामिंस और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में नहीं होंगे तो हेयर फौलिकल कमजोर हो जाएंगे, जिस से बाल भी कमजोर हो कर पतले होने लगेंगे.

नाखूनों को भी चाहिए पोषण: अगर आप के नाखून आसानी से टूट जाते हैं, तो इस का मतलब कि आप को अपने आहार में बदलाव लाना चाहिए. बालों की तरह ही नाखूनों को भी पोषण की जरूरत होती है. इसलिए अंडों, कम फैट युक्त डेयरी उत्पाद और मीट का सेवन करें. इस से आप के नाखूनों को पर्याप्त प्रोटीन मिलेगा.

पोषक पदार्थों के अभाव में मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती है: आप की मांसपेशियों का खूबसूरती से सीधा संबंध है. अगर आप की पेशियां कमजोर होने लगें तो आप वर्कआउट नहीं कर पाएंगी. इस का असर आप के शरीर की मुद्रा पर पड़ेगा. अपनी पेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रोटीन से युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करें ताकि वे अपना काम ठीक से करती रहें.

जो भी खाते हैं वह आप की त्वचा से झलकता है: रूखी व बेजान त्वचा आप के आहार का ही परिणाम होती है. अगर आप पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करें, फल और सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं तो आप की त्वचा जवां और चमकदार बनी रहेगी. वसा से युक्त खाद्यपदार्थों एवं प्रोसैस्ड फूड का सेवन न करें. इस से त्वचा चिकनी हो जाती है और कीलमुहांसों की समस्या बढ़ सकती है.

सेहतमंद आहार एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है: आप के भोजन का असर आप के शरीर में हो रही एजिंग की प्रक्रिया पर भी पड़ता है. ऐंटीऔक्सीडैंट से युक्त आहार जैसे और्गेनिक फल और सब्जियां फ्री रैडिकल्स को दूर कर त्वचा को झुर्रियों और फाइन लाइंस से बचाती हैं.

आहार का असर आंखों और पलकों पर भी पड़ता है: अगर आप सही आहार न लें और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीएं तो इस का असर आप की आंखों और पलकों पर पड़ने लगता है. पलकों के बाल भी सिर के बालों की तरह पोषण न मिलने पर गिरने लगते हैं और हलके हो जाते हैं. सही आहार न लेने से आंखों की चमक भी जाती रहेगी.

खूबसूरती के लिए जरूरी पोषक तत्त्व

विटामिन सी: विटामिन सी शक्तिशाली ऐंटीऔक्सीडैंट है. यह शरीर से औक्सीडैंट निकालता है और कैंसर की संभावना को भी कम करता है. विटामिन सी कोलोजन बनाने में मदद करता है, जो त्वचा को मुलायम बनाए रखने के लिए जरूरी प्रोटीन है. ब्रोकली, अंकुरित अनाज, अमरूद, अंगूर, पार्सले आदि में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसलिए इन खाद्यपदार्थों को जरूर अपने आहार में शामिल करें.

सेलेनियम: सेलेनियम भी शक्तिशाली ऐंटी औक्सीडैंट है, जो त्वचा का लचीलापन बनाए रखता है. यह मिनरल न केवल एक्नों को दूर रखता है बल्कि त्वचा को कैंसर से भी बचाता है. अखरोट, ट्यूना, लिवर, व्हीट, जर्म, प्याज, सीफूड, साबूत अनाज, भूरे चावल और पोल्ट्री उत्पादों में सेलेनियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

विटामिन ई: विटामिन ई त्वचा के लिए बेहद जरूरी है. यह विटामिन ए के साथ मिल कर त्वचा को कैंसर से बचाता है. विटामिन ई में ऐंटीऔक्सीडैंट गुण होते हैं जो प्रदूषण, धुएं, प्रोसैस्ड फूड एवं धूप के कारण त्वचा में बनने वाले फ्री रैडिकल्स को दूर करते हैं. इस तरह के फ्री रैडिकल्स झुर्रियों और एजिंग के मुख्य कारण होते हैं. बादाम, अंडा, अखरोट, ऐवोकाडो, ऐस्पेरैगस, सूरजमुखी के बीजों, पाइन नट, पालक, ओटमील, जैतून आदि में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

विटामिन ए और बीटा कैरोटिन: विटामिन ए त्वचा की मरम्मत और रखरखाव के लिए बहुत जरूरी है. अगर आप की त्वचा रूखी है, उस से पपड़ी उतरती है तो समझ लीजिए कि आप की त्वचा में विटामिन ए की कमी है. बीटा कैरोटिन को विटामिन ए का प्रीकर्सर कहा जाता है. यह ऐंटीऔक्सीडैंट रंगीन खाद्यपदार्थों में पाया जाता है. यह धूप से त्वचा को होेने वाले नुकसान से भी बचाता है. लिवर, कौलर्ड ग्रीन, ऐस्पेरैगस, आड़ू, बीट ग्रीन, पालक, अंडा, शकरकंदी, रैड पैपर आदि विटामिन ए और बीटा कैरोटिन के अच्छे स्रोत हैं.

जिंक: जिंक एक महत्त्वपूर्ण ट्रेस मिनरल है जो त्वचा के क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करने और घाव भरने में मददगार होता है. जिंक त्वचा को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के नुकसान से भी बचाता है. अगर आप कीलमुंहासों से परेशान हैं तो हो सकता है कि आप में जिंक की कमी हो. जिंक त्वचा में तेल की मात्रा को भी नियंत्रित करता है. कद्दू के बीच, अदरक, दालें, सीफूड, मशरूम, साबूत अनाज आदि जिंक के अच्छे स्रोत हैं.

ओमेगा-3: ओमेगा-3 शरीर में कार्टिसोल के स्तर को नियंत्रित रखता है, जो त्वचा को जवां बनाता है. अखरोट, सालमन, अलसी, चाइना सीड आदि ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं.

सेहतमंद त्वचा के लिए सुझाव

खूब पानी पीएं: पानी पीने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है और उस में मौजूद टौक्सिंस निकल जाते हैं. त्वचा कोमल और मुलायम बनी रहती है.

सलाद खाएं: कच्ची पालक, उबले अंडे का सेवन करें. इन में कैरोटिनौइड ऐंटीऔक्सीडैंट और फैट सोल्यूबल रेटिनौल होता है. ये अच्छे ऐंटीऔक्सीडैंट हैं और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.

हलदी का सेवन करें: भूरे, चावल, मांस के व्यंजन, शेक आदि हलदी डाल कर लें.

सेहतमंद पशु उत्पाद: सप्ताह में 2-3 बार सालमन फिश लें, इस में बेहतरीन गुणवत्ता के ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और ऐस्टैजेंथिन होते हैं. ग्रास फ्रेड मीट और ग्रास फेड बटर के साथ इस का सेवन करें.

चीनी का सेवन कम मात्रा में करें: चीनी और चीनी से बनी चीजों के सेवन से बचें. ये ग्लाइसैशन को बढ़ाते हैं, जिस का त्वचा के ऊतकों पर बुरा असर पड़ता है.

बुरे फैट से बचें, अच्छे फैट का सेवन करें:  वनस्पति तेल जैसे कौर्न औयल, कपास का तेल, कनोला और मूंगफली के तेल का सेवन न करें. इन के बजाय नारियल का तेल, ऐवोकाडो, जैतून का तेल, ऐक्स्ट्रा वर्जिन औलिव औयल और ग्रास फेड बटर या घी का सेवन करें.

-श्रुति शर्मा

बैरिएट्रिक काउंसलर और न्यूट्रिशनिस्ट, जेपी हौस्पिटल, नोएडा

त्वचा को यों बनाएं जवां

सौंदर्य विशेषज्ञों के अनुसार चेहरे को विषाणुरहित और स्मूद बनाने तथा उस की मसल्स को फिट रखने के लिए फेशियल सर्वश्रेष्ठ तरीका है. इस से न केवल चेहरे की मृत कोशिकाएं यानी डैड सैल्स हट जाते हैं, बल्कि इस से चेहरे की त्वचा को पौष्टिकता भी मिलती है.

क्या है कोलोजन

कोलोजन शरीर के उन प्रमुख प्राकृतिक प्रोटीन्स में से एक है, जो त्वचा को लचीला, मुलायम एवं जवां बनाए रखता है. उम्र बढ़ने के साथ कोलोजन का उत्पादन कम होने लगता है. परिणामस्वरूप चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं. उम्र बढ़ने के साथ कोलोजन के उत्पादन एवं त्वचा की आंतरिक परत में इलास्टिन की कमी से त्वचा ढीली पड़ने लगती है. 25 साल की उम्र के बाद त्वचा में कोलोजन का स्तर धीरेधीरे कम होने लगता है. तनाव, जीवनशैली, गलत खानपान, फास्ट फूड पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता, शराब, धूम्रपान, प्रदूषण, व्यायाम की कमी आदि कारण उम्र के प्रभाव को बढ़ा देते हैं.

कोलोजन शरीर के हर भाग में होता है. रिसर्चर द्वारा 29 तरह के कोलोजन पहचाने जा सके  हैं. हाइप 1 कोलोजन उम्र के प्रभाव को कम करता है तथा त्वचा को मजबूती एवं लचीलापन प्रदान करता है. चूंकि कोलोजन को त्वचा के द्वारा औब्जर्व नहीं किया जा सकता है, इसलिए महिलाएं पूरक इस्तेमाल करती हैं, जो शरीर में कोलोजन के स्तर को बढ़ा देता है. कोलोजन के पूरक त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, क्योंकि ये झुर्रियों, फाइन लाइंस को कम करने, त्वचा को पुन: पुरानी अवस्था में लौटाने, त्वचा को मजबूती देने, उसे जवान बनाने तथा उस के लचीलेपन को बढ़ाने में सहायता करते हैं.

फोटो फेशियल की प्रक्रिया

फोटो फेशियल करीब 60 मिनट की प्रक्रिया है, जिस की शुरुआत हर फेशियल की तरह चेहरे की साफसफाई से ही होती है. इस पूरी प्रक्रिया को प्रशिक्षित डाक्टर द्वारा पूरा किया जाता है. इस में आईपीएल यानी इंटैस्ड पल्स लाइट मशीन का प्रयोग कर त्वचा के भीतर जीनोन लाइट को छोड़ा जाता है जो त्वचा की दूसरी लेयर में जा कर कोलोजन बनने की प्रक्रिया को बढ़ाती है. दरअसल कोलोजन त्वचा के अंदर मुख्य संरचनात्मक प्रोटीन है, जो डर्मिस सतह में स्थित होता है.

फोटो फेशियल से लाभ

इस उपचार से कोलोजन बनना 50% बढ़ जाता है, जिस से बढ़ती उम्र के निशान जैसे फाइन लाइंस व झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा का ढीलापन दूर हो कर उस में कसाव आता है. इस के अलावा त्वचा में भूरे धब्बे बनाने वाले मेलानिन का उत्पादन कम होता है और त्वचा में मौजूद पोषण करने वाले तत्व बढ़ते हैं जो त्वचा को बेहतर बनाते हैं. इस उपचार से मैटाबोलिज्म सक्रिय होता है.

इस फेशियल के अंत में यंग स्किन मास्क लगाया जाता है. यह नवीनतम टैक्नोलौजी झुर्रियां हटाने के अलावा पिगमैंटेशन के निशान भी ठीक करती है और ऐजिंग की प्रक्रिया को स्लो करती है.

स्किन को यों करें डिटौक्स

त्वचा से आप का भीतरी स्वास्थ्य झलकता है. त्वचा शरीर के तापमान और नमी को संतुलित बनाए रखती है. इसे जवां और चमकदार बनाए रखना चाहती हैं तो जरूरी है कि त्वचा में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकाला जाए.

उम्र बढ़ने तथा बाहरी कारकों का असर हमारी त्वचा  पर पड़ता है. इन कारकों की वजह से त्वचा में विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं.

त्वचा में टौक्सिंस जमा होने का सब से बड़ा कारण प्रदूषण है. प्रदूषण के कारण त्वचा धूल, धुंए, जहरीली गैसों के संपर्क में आती है. ये सभी प्रदूषक त्वचा में समा जाते हैं और फ्री रैडिकल्स के कारण त्वचा में ऐजिंग के लक्षण दिखने लगते हैं.

चीनी, सोडियम, ट्रांसफैट से युक्त आहार के सेवन से त्वचा पर बुरा असर पड़ता है और त्वचा में टौक्सिंस जमा हो जाते हैं.

उम्र बढ़ने के साथ प्राकृतिक रूप से त्वचा में कोलाजन कम होने लगता है. इस से त्वचा में नमी का स्तर गिरने लगता है और त्वचा पतली एवं संवेदनशील हो जाती है.

उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में सिबैशियस ग्लैंड्स यानी तेल कम होने लगती हैं, जिस से त्वचा संवेदनशील हो जाती है.

कैसे करें त्वचा को डीटौक्सीफाई

त्वचा को कितनी बार डीटौक्सीफाई करना है यह हर व्यक्ति और उस की त्वचा के प्रकार पर निर्भर करता है. अगर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखना चाहती हैं तो आप को हर महीने त्वचा को डीटौक्स करना चाहिए. साल में कम से कम 4 बार त्वचा को जरूर डीटौक्स करें.

पानी: अगर आप नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीएं तो रूखी और बेजान त्वचा भी धीरेधीरे मुलायम हो जाएगी. रोजाना 10-12 गिलास पानी पीने से आप के खून में मौजूद टौक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और त्वचा साफ हो जाती है. दिन की शुरुआत 1 गिलास पानी से करें. इस पानी में 1 चम्मच नीबू का रस और 1/2 चम्मच शहद मिला लें.

डीटौक्स वाटर: डीटौक्स वाटर शरीर को साफ करता है और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. डीटौक्स वाटर प्यास तो बुझाता ही है, साथ ही त्वचा को भी सेहतमंद बनाए रखता है. डीटौक्स वाटर के उदाहरण हैं पुदीना, खीरा, नीबू पानी, सादा लैमन डीटौक्स वाटर, ऐप्पल साइडर विनेगर डीटौक्स वाटर या किवी डीटौक्स वाटर आदि.

पसीना: यह त्वचा और शरीर को डीटौक्सीफाई करने का सब से अच्छा तरीका है. रोजाना 1 घंटा व्यायाम करें. व्यायाम करने से दिल की धड़कन बढ़ जाती है और त्वचा से पसीना आने लगता है. पसीने के साथ त्वचा से अशुद्धियां निकल जाती हैं. आप हीट स्पा या योगा भी कर सकती हैं, क्योंकि इस से भी दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं.

जब चुनें कौस्मैटिक: पैराबिन या असुरक्षित रसायनों, पैट्रोरसायनों, सिंथैटिक खुशबू, ऐक्रिलिक पौलीमर से युक्त कौस्मैटिक या रसायनों से युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करें. घर में बना फेशियल औयल इस्तेमाल करें. सुबह की शुरुआत मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन युक्त सीरम के साथ करें. रात के समय नाईट क्रीम या मास्क इस्तेमाल करें. सप्ताह में 2 बार फेशियल औयल का इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद रहता है. अगर आप की त्वचा डल, ड्राई और संवेदनशील है तो हाइड्रेटिंग/कूलिंग शीट मास्क इस्तेमाल करें.

चीनी का सेवन बंद कर दें: चीनी का सेवन बंद कर देने से जहां एक ओर वजन कम होता है, वहीं दूसरी और त्वचा में भी सुधार आता है. चीनी के कारण ग्लाइसेशन होता है, जिस से त्वचा का इलास्टिन और कोलाजन कम होने लगता है. कम कार्बोहाइड्रेट से युक्त आहार का सेवन करने से आप को चीनी खाने का मन नहीं करेगा.

एल्केलाईन से युक्त आहार लें: इस तरह का आहार शरीर की सफाई करता है. नीबू, बादाम, नाशपाती और सेब अच्छे आहार हैं जो हड्डियों को मजबूत तथा बालों एवं त्वचा को सेहतमंद बनाते हैं.

हरी सब्जियों का सेवन करें: हरी सब्जियां और फल त्वचा को डीटौक्सीफाई करते हैं. सूखे सीवीड, पत्तागोभी और चुकंदर बहुत अच्छे खासा पदार्थ हैं जो त्वचा को खूबसूरत बनाते हैं.

प्रोबायोटिक्स: प्रोबायोटिक्स त्वचा को डीटौक्स करते हैं. इन के सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ती है, पेट ठीक से साफ होता है और त्वचा टौक्सिंस से रहित और स्वस्थ बनी रहती है.

-डा. साक्षी श्रीवास्तव

कंसल्टैंट डर्मैटोलौजिस्ट, जे.पी. हौस्पिटल

ओरल सनस्क्रीन टैबलेट का आया जमाना

सूर्य की यूवी किरणों के प्रभाव में आने से त्वचा में मैलानिन की मात्रा बढ़ जाती है जोकि त्वचा की रंगत को प्रभवित करती है. मैलानिन जब त्वचा के निचले हिस्सों में पैदा होने के बाद इस के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचता है तो त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है. धूप में त्वचा की पूरी नमी खत्म हो जाती है, जिस से त्वचा शुष्क और बेजान सी प्रतीत होती है.

वैसे तो बाजार में कई तरह के सुरक्षात्मक लोशन, क्रीम्स और स्प्रे मौजूद हैं पर अब आप की त्वचा बिना सनस्क्रीन लगाए भी धूप में काली नहीं होगी.

ओरल सनस्क्रीन टैबलेट या सनस्क्रीन लोशन

सूर्य की अल्ट्रावौयलेट किरणों से स्किन को बचाने के लिए ओरल सनस्क्रीन टैबलेट्स नए विकल्प के रूप में मौजूद हैं.

स्कीनोवेशन के डाइरैक्टर कल्पेश गावड़े ने भारत में यह उत्पाद लौंच किया है. हेलीओकेयर ओरल पूरी तरह से रिसर्च और टैस्ट के बाद ही मार्केट में लाया गया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि सन प्रोटैक्शन के पुराने तरीके पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि अधिकांश महिलाएं बहुत कम सनस्क्रीन का प्रयोग करती हैं और शरीर के सभी उजागर हिस्सों का कवर करना या तो भूल जाती हैं या फिर उन्हें लगता है कि सिर्फ फेस को कवर करना ही काफी है.

बेहतर विकल्प

दूसरी ओर क्रीम या लोशन को अच्छी तरह से काम करने के लिए हर कुछ घंटों बाद पुन: लगाने की जरूरत पड़ती है, मगर अधिकांश महिलाओं के पास समय नहीं होता है.

सनस्क्रीन लोशन हर किसी की स्किन को सूट नहीं करता और उस से ऐलर्जी आदि की समस्या भी हो जाती है. ऐसे में सनस्क्रीन टैबलेट्स फायदेमंद हैं.

सनस्क्रीन लगाने से फेस औयली हो जाता है जिस से गरमी के मौसम में और भी ज्यादा चिपचिपाहट और गरमी महसूस होने लगती है. इसी वजह से महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से कतराती हैं.

अगर आप ने कहीं बाहर जाने के लिए मेकअप आदि किया है तो उस के साथ सनस्क्रीन लोशन लगाना किसी मुसीबत से कम नहीं लगता है. ऐसे में टैबलेट एक अच्छा विकल्प है ताकि मेकअप भी ठीक रहे और स्किन भी सुरक्षित रहे.

टैबलेट में क्या है

ओरल सनस्क्रीन टैबलेट्स में अनार, विटामिन सी, विटामिन ई, कैरोटीनोइड जैसी चीजें होती हैं. नई गोलियों में फर्न से निकाले गए पोलीपोडियम ल्यूकोटोमोस होते हैं. साथ ही इन में ऐंटीऔक्सीडैंट भी होता है. ये सभी मिल कर धूप से बचाव तो करते ही हैं साथ ही डैमेज हो चुकी त्वचा को भी सही करने का काम करते हैं.

त्वचा की रक्षा के अलावा यह सिर व पैरों को भी कवर करता है जहां सनस्क्रीन लोशन लगाना संभव नहीं है. यह धूप में बालों को रंग उड़ने से भी रोकता है. स्वीमिंग और ऐक्सरसाइज के दौरान ओरल सनस्क्रीन टैबलेट ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि वहां लोशन को दोबारा लगाना संभव नहीं होता.

ध्यान दें

वैसे तो इस का कोई साइड इफैक्ट नहीं है, लेकिन अगर आप को कोई गंभीर बीमारी है, तो इसे लेने से पहले डाक्टर से एक बार सलाह जरूर ले लें.

ओरल सनस्क्रीन टैबलेट्स में ऐंटीऔक्सीडैंट, विटामिन सी, विटामिन डी, लाइकोडीन और अन्य कई चीजें पाई जाती हैं, जिन के कारण इसे मल्टीविटामिन हैल्थ सप्लिमैंट कह सकते हैं. लेकिन इस की मेन प्रौपटी यूवी किरणों से प्रोटैक्ट करना ही है.

-ऐप्पल स्किन क्लीनिक की डर्मैटोलौजिस्ट

(दीप्ति ढिल्लो से शिखा जैन द्वारा की गई बातचीत पर आधारित लेख)

क्या है फेस मास्क शीट

शीट मास्क चेहरे के आकार वाली शीट्स है जो पोषक सीरम में भीगी होती है. ये शीट्स कागज, फाइबर या जैल जैसी सामग्री से बनी होती है. शीट मास्क आप के सामान्य मास्क की तरह नहीं होते जिन में पहले मिश्रण तैयार कर चेहरे पर लगाना होता है और फिर धोना होता है. शीट मास्क आमतौर पर एक ही बार में इस्तेमाल किया जाता है और इसे व्यक्तिगत रूप से पैक किया जाता है, जिस से इसे उपयोग करने में आसानी हो.

कैसे काम करता है

एक शीट को सीरम के साथ पूरी तरह से भिगो कर  बनाया जाता है, जिस में विटामिन और फ्रूट के सत्व होते हैं. यह पोषक तत्त्वों को अकसर पानी के साथ मिला कर तैयार किया जाता है जिस में बाद में शीट को भिगोया जाता है. इस शीट में पौर्स होते हैं जिन में सारे तत्त्व अच्छे से समा जाते हैं. इन जरूरी तत्त्वों को शीट में इंटैक्ट किया जाता है जिसे चेहरे पर लगाने से सारे फायदेमंद तत्त्व हमारी त्वचा पर ट्रांसफर हो जाते हैं.

मास्क शीट के लाभ

छिद्रों की सफाई: शीट मास्क गंदगी और डैड स्किन सैल्स को हटाने और अतिरिक्त औयल को अवशोषित करने में मदद करता है. छिद्रों में गंदगी फंस जाने से जीवाणु विकसित हो सकते हैं. एक बार जब जीवाणु बढ़ने लगते हैं तो यह हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में शीट मास्क हमारी मदद कर सकता है. शीट मास्क त्वचा के अंदर से गंदगी को सोख लेता है. आजकल के प्रदूषित वातावरण में इस का प्रयोग जरूर करना चाहिए.

दमकती त्वचा: चेहरे की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारु करने में मदद करता है, जिस से चेहते पर चमक व लालिमा बनी रहती है. घर में आराम से शीट मास्क लगाएं और अपनी त्वचा पर तुरंत ही असर देखें.

गहरी सफाई

हर दिन शीट मास्क को लगाने से यह त्वचा की सतह से गंदगी, तेल, मेकअप और अशुद्धियों को हटा कर आप की त्वचा को गहराई से साफ करने में मदद करता है. मास्क के इस्तेमाल से त्वचा डिटौक्सीफाई भी हो जाती है जिस से त्वचा में बदलावों को आसानी से देखा जा सकता है.

शीट मास्क का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है. शीट मास्क त्वचा को पोषण देता है, ऐक्सफोलिएट करता है और साफ भी करता है. इस के अलावा कम गुणवत्ता वाले शीट मास्क के सीरम आप की त्वचा की गहरी परत तक पहुंचने से पहले ही आप बन कर उड़ जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि इस का पूरा लाभ उठाने के लिए केवल अच्छी क्वालिटी का शीट मास्क खरीदें.

-दिलीप कुंडलिया

(डाइरैक्टर, ओशिया हर्बल्स)

 

कम खर्च में ग्लैमरस लुक

युवतियों के लिए ग्लैमरस और सैक्सी दिखना सिर्फ उन का हक ही नहीं, बल्कि आज की जरूरत भी है. कैरियर के क्षेत्र में भी टेलैंट से ज्यादा आप का लुक, स्टाइल और ड्रैसिंग सैंस मायने रखने लगी है. आप इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि दफ्तरों में स्टालिश, सैक्सी और बातचीत करने में स्मार्ट युवतियों के लिए प्रमोशन के चांसेज सिंपल दिखने वाली युवतियों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होते हैं.

आप भले ही बहुत योग्य हों, उच्च शिक्षित हों, अनुभवी हों, अपना कार्य करने में निपुण हों, परंतु आप की बौडी शेप बेडौल हो, चेहरा बिना मेकअप के हो, बाल रूखेसूखे बेतरतीब हों, कपड़े फैशन के मुताबिक न हों तो आप सारी जिंदगी उसी कुरसी पर बैठी रहेंगी, जबकि आप से कम योग्यता वाली, मगर छरहरी, स्मार्ट, चटरपटर बातें करने वाली, फैशनेबल और सैक्सी लड़की तेजी से तरक्की की सीढि़यां चढ़ती चंद सालों में आप से कहीं आगे निकल जाएगी.

दरअसल, अच्छी फिगर, अच्छे चेहरे, अच्छी ड्रैसिंग सैंस रखने वालों को सभी पसंद करते हैं. शैक्षिक योग्यता के साथसाथ खूबियों का होना आज उन्नति की राह को बहुत आसान बना रहा है. अगर वैल ड्रैस्ड हैं, आप की बौडी खूबसूरत है, आप के बाल स्टाइल में कटे हैं, जो आप के मेकअप लगे चेहरे को और खूबसूरत बना रहे हैं, तो आप दूसरों के लिए ही नहीं, बल्कि खुद में भी अच्छा और उत्साहित महसूस करती हैं. इस से आप का कौंफिडैंस लैवल भी बढ़ जाता है. आप ऊर्जा से भरपूर नजर आती हैं. ऐसे में औफिस का काम चटपट निबटा देना आप के बाएं हाथ का खेल हो जाता है, जिस से बौस और कुलीग्स आप से काफी इंप्रैस रहते हैं और यहीं से आप की तरक्की के द्वार खुल जाते हैं.

यह घरों में भी होता है. स्मार्ट भाभी के पीछे सब चलने को तैयार रहते हैं. किट्टी पार्टियों, शादियों, अवसरों में उन्हें बुलाया जाता है. ग्लैमरस लुक एक पूंजी है.

ड्रैस का चुनाव

अपनी ड्रैसिंग में बदलाव लाएं. इस के लिए जरूरी नहीं कि आप नएनए महंगे ब्रैंडेड कपड़े खरीद कर अपनी अलमारी भर लें. थोड़ी सूझबूझ और कम पैसे में भी आप अपने वौर्डरोब को चेंज कर सकती हैं. हफ्ते के 7 दिनों के हिसाब से 7 जोड़ी कपड़े भी बहुत हैं. ये कपड़े अगर नए फैशन के अनुरूप हों तो बस बात बन जाएगी.

हर दिन चूड़ीदार या सलवारकुरते पर दुपट्टा डाल कर औफिस जाने की आदत से बाहर आएं और कुछ नया ट्राई करें. किसी दिन जींसटौप, किसी दिन लौंग स्कर्ट पर फ्रिल टौप, किसी दिन लंबी कुरती पर शौर्ट लैगिंग या गाउन आप के लुक को बदल देगा . इस के लिए बहुत महंगे मौल्स में ब्रैंडेड कपड़ों को खरीदने में अपने पैसे बरबाद करने की जरूरत नहीं है. छोटीछोटी मार्केट्स में भी आप को उन्हीं डिजाइनों के कपड़े सस्ते दाम में मिल सकते हैं, जरूरत है तो बस थोड़ा बाजार घूमने की.

दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में ब्रैंडेड कपड़ों की हूबहू नकल छोटी मार्केट्स में बहुत कम कीमत पर उपलब्ध हो जाती है.

आप की ड्रैसेज आप के रंग और उम्र के मुताबिक होनी चाहिए. अगर आप डार्क हैं तो बहुत चटख रंगों का चुनाव करने से बचें. इसी तरह बहुत डल कलर भी आप की पर्सनैलिटी को डल कर देंगे. मीडियम शेड्स आप पर फबेंगे. इसलिए रंगों का चुनाव सोचसमझ कर करें. गोरी रंगत पर हर रंग के कपड़े सूट करते हैं. इतना खयाल जरूर रखें कि औफिस वियर के लिए बहुत बोल्ड कपड़े न खरीदें.

सर्दियों ने दस्तक दे ही दी है. ऐसे में बाजार में बहुत कम कीमत पर जैकेट्स, स्टोल्स, फर वाले कोट दिखने शुरू हो गए हैं. तो पहले जहां आप सिंपल कार्डिगन डाल कर रोज औफिस पहुंच जाती थीं, इस बार कुछ नई डिजाइन के ऊनी कपड़ों में सज कर पहुंचें. बेहतर होगा कि आप अपनी नई खरीदारी करते वक्त खास सहेली को साथ ले जाएं जो आप को रंग और डिजाइन के चुनाव में सही राय दे सके.

बदल डालें खुद को

आज से ही आप अपनी जीवनशैली बदल दीजिए. आईने के सामने खड़ी हो कर खुद पर एक भरपूर नजर डालिए और जानने की कोशिश करिए कि वे कौनकौन सी चीजें हैं, जिन्हें बदल कर आप खूबसूरत और सैक्सी नजर आ सकती हैं. स्टाइलिश और ग्लैमरस दिखने के लिए जरूरी नहीं कि आप अपनी पूरी तनख्वाह अपने कपड़ों, मेकअप और अन्य चीजों पर खर्च कर दें. बस थोड़ा सा अपने बारे में जानने और थोड़ा सा बाजार घूमने की जरूरत है. आप देखेंगी कि आप के बजट के अंदर ही आप को ऐसी चीजें मिल जाएंगी, जिन की बदौलत आप खुद में तमाम बदलाव कर सकती हैं.

अगर आप का शरीर बेडौल हो रहा है, कमर पर चरबी चढ़ रही है तो आज से ही सुबह जल्दी उठ कर कुछ समय व्यायाम करिए या सुबह की साफ और ठंडी हवा में घूमने निकल जाइए. आप पाएंगी कि इतने भर से ही आप के अंदर नई स्फूर्ति पैदा होने लगेगी. सुबह खाली पेट कम से कम 3 गिलास पानी पीएं. अगर इस में 1 चम्मच शहद और आधा नीबू निचोड़ लें तो आप के चेहरे पर जल्द ही एक अलग तरह की रौनक नजर आने लगेगी.

हेयरस्टाइल

पर्सनैलिटी को निखारने में बालों का बहुत महत्त्व होता है. अब वो दिन नहीं रहे कि तेल चुपड़ कर एक लंबी चोटी गूंथ कर औफिस निकल जाओ. आज का समय खुली हवा में  बालों को लहराने का है. अपने बालों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें. नियमित हैड मसाज, औयलिंग और हेयर स्पा से आप न सर्फ हैल्दी हेयर पा सकती हैं, बल्कि इस से बालों की कई समस्यों जैसे दोमुंहे, रूखे, हैंड्रफयुक्त बालों से भी आप को मुक्ति मिल जाएगी.

हैड मसाज और औयलिंग तो आप घर पर ही कर सकती हैं. हां, हेयर स्पा के लिए आप को कुछ समय पार्लर में बिताना होगा. पार्लर में अपने बालों को चेहरे के मुताबिक नए स्टाइल में भी कटवाएं. स्ट्रेटनिंग का चलन आजकल खूब है. अगर आप के बाल लंबे हैं तो स्ट्रेटनिंग करवाएं. ऐसे बाल देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं.

बालों को कलर करना अब सफेद बालों को छिपाने की मजबूरी नहीं, बल्कि फैशन बन चुका है. सफेद बाल न हों तो भी बालों को ब्राउन, बरगंडी, रैड कलर करवाना आम हो चुका है. आप भी इसे ट्राई करें. देखिएगा, आप खुद में एक अलग तरह का रोमांच पाएंगी. यह काम छोटे सैलून में कम पैसे में भी हो सकता है. जरूरत है तो बस यह देखने की कि आप के चेहरे के मुताबिक कौन सा हेयरस्टाइल आप को सूट करेगा.

मेकअप

चेहरे पर हलका मेकअप बहुत जरूरी है. अगर बहुत दिन सिंपल रह लीं, तो अब थोड़ा चेंज लाएं. जो लड़कियां बिना मेकअप के रहती हैं उन के चेहरे पर हलका सा मेकअप भी उन की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है. आंखों पर आई लाइनर, काजल और हलका सा मसकारा, होंठों पर लिपस्टिक और चेहरे पर पाउडर का हलका सा हाथ भी आप ने फिरा लिया तो बस बात बन जाएगी. साथ में हलकी और अच्छी सुगंध वाला परफ्यूम लगाना न भूलें.

रोजरोज सोने की एक ही तरह की बालियां या झुमके पहनती आई हैं तो उन्हें कानों से निकाल कर अलमारी में रख दीजिए और अपने कपड़ों से मैच करते इयररिंग्स ले आएं, जो ज्यादा महंगे नहीं होंगे, मगर जब आप के कपड़ों से मैच करते इयररिंग्स आप के कानों में झूलेंगे तो देखने वाले देखते ही रह जाएंगे. इसी तरह थोड़ा सा ध्यान अपने सैंडलों की ओर भी दें. रोजाना एक ही सैंडलें या चप्पलें पहनने की आदत को अब छोड़ दें. अपनी ड्रैसेज से मेल खाती बैलीज, हाई हील, पंजाबी जूती या कोल्हापुरी भी ट्राई करें.

इसी के साथ हैंडबैग या पर्स में भी थोड़ी वैराइटी नजर आनी चाहिए. ब्लैक, ब्राउन और रैड या मैरून कलर के हैंडबैग जरूर खरीदें. ये करीबकरीब हर प्रकार की ड्रैस से मैच कर जाते हैं. आप की ड्रैस से मेल खाता हैंडबैग जब आप के हाथों में झूलेगा तो आप की पर्सनैलिटी में गजब का इजाफा करेगा.

पर्सनैलिटी में निखार लाने के लिए महीने में 1-2 बार ब्यूटीपार्लर जाना बहुत जरूरी है. वहां वैक्सिंग, थ्रैडिंग, ब्लीच, फेशियल के साथसाथ पैडीक्योर, मैनीक्योर और बौडी मसाज आप को नई ऊर्जा और आनंद से भर देगी. आप 2-3 घंटे का समय ले कर पार्लर जाएं और पूरे इत्मिनान से अपना काम कराएं.

चेहरे की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए महीने में एक बार फेशियल, स्क्रब और ब्लीच बहुत जरूरी है. इस से डैड स्किन निकल जाती है और चेहरे पर रौनक नजर आने लगती है. फेशियल क्रीम अपनी स्किन टाइप के मुताबिक चूज करें. जरूरी नहीं कि आप फेशियल, थ्रैडिंग, वैक्सिंग के लिए किसी महंगे पार्लर में ही जाएं.

यह काम छोटा और सस्ता पार्लर भी अच्छा करते हैं, बल्कि छोटे पार्लर में आप अपनी जरूरत और पसंद ज्यादा बेहतर तरीके से बेझिझक बता सकती हैं. अगर आप वहां उन की क्रीम से मसाज नहीं चाहतीं तो सस्ते और हैल्दी फेशियल के लिए आप घर पर किन्हीं 4 फलों के टुकड़ों को मिक्सी में महीन पीस कर पार्लर ले जाएं और उस से करीब 45 मिनट मसाज करवाएं. इस का इफेक्ट अन्य क्रीम के मुकाबले बहुत बेहतर आता है. इस के लिए आप एक टुकड़ा सेब, एक टुकड़ा केला, तरबूज, खीरा और पपीता मिक्सी में पीस लें. इस मिक्सचर से न सिर्फ डैड स्किन पूरी तरह साफ हो जाती है, बल्कि इस से किसी प्रकार के साइड इफैक्ट या ऐलर्जी का खतरा भी नहीं रहता है.

इन छोटेछोटे उपायों को अपना कर आप अपने रंगरूप में गजब का बदलाव ला सकती हैं. इन बदलावों के लिए कोई भारीभरकम इन्वैस्टमैंट की जरूरत नहीं होती है. कपड़ों, सैंडलों, पर्स और मेकअप किट जैसी चीजों पर आप को सिर्फ एक बार ही खर्च करना है और महीनों उस का फायदा उठाना है.

सकारात्मक सोच के साथ थोड़े से बदलाव के चलते आप पाएंगी कि इस से न सिर्फ आप का कौंफिडैंस लैवल बढ़ गया है, बल्कि कार्य करने की क्षमता में भी इजाफा हुआ है. आप की यह नई पर्सनैलिटी लोगों को आप की ओर आकर्षित न करे और आप की तारीफ के लिए उन्हें मजबूर न करे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता.

पाएं सर्दियों में भी सौफ्ट स्किन

सर्दियों का मौसम किसे अच्छा नहीं लगता. क्योंकि ठंडीठंडी हवाओं में घूमने, गरम कपड़े पहनने का मजा ही कुछ और होता है. लेकिन ये मजा तब फीका पड़ जाता है जब सर्द हवाओं के कारण हमारी स्किन रूखी हो जाती है, होंठ ड्राई व खिंचेखिंचे से रहते हैं जिस से हमारा कौंफिडैंस लूज होने लगता है.

लेकिन कहते हैं न कि हर समस्या का समाधान होता है. तो ऐसे में आप को जरूरत है स्किन को मौइश्चर देने के साथ उसे ग्लोइंग बनाने की.

इफैक्टिड बौडी लोशन की जरूरत

‘ये लोशन स्किन को 100% मौइश्चर देने का काम करेगा,’ ऐसे विज्ञापन आप को टीवी पर ढेरों दिख जाएंगे, लेकिन जरूरी नहीं कि ये दावों जैसा काम भी करे. इस के लिए जरूरत है कि आप ऐसा बौडी लोशन पिक करें जो कोको बटर व पीट जर्म जैसे प्राकृतिक गुणों से भरपूर हो क्योंकि इस से स्किन को पर्याप्त मौइश्चर जो मिल जाता है.

कोको बटर के फायदे

कोको बटर में नैचुरल फैट होता है. जो कोको वींस से बनता है. यह न केवल त्वचा को नमी देता है बल्कि त्वचा में भीतर से कसाव लाने में भी मदद करता है. यह ऐंटीऔक्सीडैंट का बहुत बड़ा स्रोत है. इस के साथसाथ इस में विटामिन ए व ई भरपूर मात्रा में होते हैं. कोको बटर युक्त लोशन के इस्तेमाल से आप की त्वचा मुलायम हो जाती है.

व्हीट जर्म भी बड़ा लाभकारी

व्हीट जर्म औयल में विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है जोकि त्वचा के लिए बहुत ही लाभकारी है. व्हीट जर्म युक्त बौडी लोशन को अपनी रोजाना बौडी केयर का हिस्सा बनाने के साथसाथ आप व्हीट जर्म औयल का इस्तेमाल चेहरे की साफ करने के लिए भी कर सकती हैं, क्योंकि यह त्वचा को हाईड्रेट रखने में मदद करता है?

कैसे करें बौडी लोशन का इस्तेमाल

-स्किन को पर्याप्त मात्रा में मौइश्चर मिले इस के लिए बैस्ट है कि आप नहाने के तुरंत बाद बौडी लोशन अप्लाई करें.

– अगर त्वचा शुष्क रहती है तो आप रात को भी बौडी लोशन लगाएं.

– सर्दियों में स्किन को ड्राई करने वाले पैकेज अवोइड करें. उस की जगह बादाम के तेल वगैरा से चेहरे पर मसाज करें.

ऐक्ने : सुंदरता पर दाग

रेशु बहुत उत्साहित थी. अगले हफ्ते उस की दीदी की शादी थी. पर सुबह वह उठी तो देखा 3 छोटेछोटे दाने उस के दाहिने गाल पर आ गए. वह पूरा दिन तनाव में रही. एक दोस्त की सलाह पर उस ने उन पर टूथपेस्ट लगा लिया. वह जल्दी से जल्दी अपने चेहरे को साफ करना चाहती थी पर डाक्टर के पास जाने के बजाय उस ने घरेलू इलाज करना बेहतर समझा. नतीजा यह हुआ कि शादी के दिन तक तनाव और उत्तेजना के कारण उस का पूरा चेहरा मवाद वाले दानों से भर गया.

मैं निजी उदाहरण से इस समस्या पर प्रकाश डालती हूं. मैं जब 12 वर्ष की थी तब पहली बार एक छोटा सा पिंपल मेरे चेहरे पर हो गया. मैं परेशान हो गई थी. पर यह नहीं मालूम था कि आगे राह और भी कठिन है. 13 वर्ष की होतेहोते छोटेछोटे दाने मेरे माथे और गालों पर हो गए. तब मुझे मेरी बड़ी बहन ने पिंपल क्रीम ला कर दी. कुछ दिनों बाद कालेकाले निशान मेरे चेहरे पर नजर आने लगे. 18 वर्ष तक ये सब चलता ही रहा. गरमियों में बहुत पिंपल होते थे पर सर्दियों में मेरी त्वचा साफ हो जाती. मैं बस अपनी किशोरावस्था खत्म होने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. पर पिंपल खत्म नहीं हुए. यह सिलसिला चलता रहा और सब से बड़ी और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस कारण से मैं अपना आत्मविश्वास खोती चली गई. विवाह के पश्चात घर बदला, रहनसहन और 3 महीने के भीतर फिर से ऐक्ने का आक्रमण हुआ. इस बार अपनी सासूमां की सलाह पर मैं आयुर्वेदिक इलाज लेने लगी.

मौसम बदला और सर्दियों में फिर से त्वचा पर निखार आ गया. इसी बीच मैं गर्भवती हो गई. एक चीज मैं ने महसूस करी कि पूरे 9 माह मेरी त्वचा शीशे की तरह चमकती रही. बेटी अक्तूबर में हुई और फिर सर्दियां आ गईं. मुझे लगा ऐक्ने की कहानी अब भूलीबिसरी याद बन गई है पर गरमियां आतेआते फिर से आक्रमण हुआ. यह आक्रमण पहले से भी घातक था. बहुत बड़ेबड़े ऐक्ने मेरे चेहरे पर हो गए. दूर से दिखने पर वे एक लंबी लकीर की तरह दिखते थे. पूरीपूरी रात मैं दर्द के कारण सो नहीं पाती थी. मैं अब 26 वर्ष की थी.

पहली बार मैं ने स्किन स्पैशलिस्ट के पास जाने की सोची. मैं गई बस एक बार. दोबारा जाने की जहमत नहीं उठाई, क्योंकि मुझे लगा कि डाक्टर तो दवाई देगा. अपने निजी अनुभव से मैं आज यह कह सकती हूं, वह मेरी सब से बड़ी गलती थी. आज मुझे पता है कि वह हारमोनल असंतुलन के कारण था.

दवाई खत्म होने के बाद मैं ने घरेलू उपचार करने आरंभ कर दिए. एक और गलती. जब मेरा चेहरा आईने में देखने लायक नहीं रहा और मैं तनाव में रहने लगी तो फिर से मैं डाक्टर के पास गई. 4 माह के इलाज के बाद मुझे आराम आ गया पर सही समय पर इलाज न कराने के कारण ऐक्ने के निशान आज तक मौजूद हैं. लेजर और अन्य उपाय भी कराए पर 50% ही फायदा हो पाया. अपने निजी अनुभव के बाद मैं इस निर्णय पर पहुंची कि ऐक्ने निम्नलिखित कारणों से होते हैं:

– हारमोनल असंतुलन जो किशोरावस्था, प्रीमेनोपाज और गर्भावस्था में ज्यादातर होता है और त्वचा पर इस का सब से अधिक प्रभाव होता है.

– कभीकभी कुछ खा-पदार्थों के कारण भी ऐक्ने हो जाते हैं जैसे अत्यधिक तेल और मसाले वाले पदार्थ.

– पीसीओडी भी ऐक्ने का एक मुख्य कारण है. इस में ऐक्ने के अलावा चेहरे पर सख्त बाल भी आ जाते हैं.

– तनाव भी ऐक्ने का एक मुख्य कारण है. ऐक्ने का मतलब यह नहीं है कि आप आईने में लगातार उस को देखते रहें. यह तनाव को न्योता देता है.

– मौसम का बदलता मिजाज भी ऐक्ने का कारण हो सकता है. जब भी मौसम बदलता है और अधिक गरमी या मौसम में नमी हो जाती है तो ऐक्ने का हमला हो सकता है.

– मासिकधर्म होने के कुछ दिनों पहले भी कुछ महिलाओं के चेहरे पर ऐक्ने हो जाते हैं जोकि मासिकचक्र की समाप्ति के साथसाथ समाप्त हो जाते हैं.

ऐक्ने कोई रोग नहीं है. यह आप की त्वचा का रिएक्शन है तनाव, तापमान या हारमोनल गड़बडि़यों की तरफ. इसे हम निम्नलिखित उपायों से काफी हद तक काबू में रख सकते हैं:

– सब से पहली और जरूरी बात यह कि घरेलू उपाय से कभी भी हम ऐक्ने का सफाया नहीं कर सकते. चंदन या मुलतानी मिट्टी का लेप हमारे चेहरे को ठंडक दे सकता है पर इन लेपों से ऐक्ने पर असर होगा या नहीं यह कोई नहीं कह सकता.

– एक या 2 ऐक्ने होने पर तनाव लेने की कतई जरूरत नहीं है. बारबार आईना देख कर खुद को तनाव न दें. पर अगर ऐक्ने रोजरोज हो रहे हैं तो डाक्टर के पास जाने से गुरेज ना करें.

– ऐक्ने जैसी समस्या को हम 1-2 माह में ठीक नहीं कर सकते. इस के लिए लगातार आप को डाक्टर के संपर्क में रहना होगा.

– टैलीविजन पर आने वाले विज्ञापनों से प्रभावित हो कर कभी कोई फेस पैक या फेस वाश न लें.

– 30% मामलों में ऐक्ने के कारण चेहरे पर गहरे गड्ढे हो जाते हैं जिस का लेजर से ट्रीटमैंट हो सकता है. इस से 70% फायदा हो सकता है.

– अगर आप महंगे लेजर से उपचार नहीं करवा सकते तो निराश न हों. माइक्रोडर्माबे्रजन भी आप को फायदा कर सकता है, जो लेजर से कम महंगा है.

– किसी तकनीक का सहारा नहीं लेना चाहतीं तो मत लें. जितनी गहराई से आप खुद को देखती हैं, कोई आप को नहीं देखता. चेहरे पर एक मीठी सी मुसकान ही काफी है.

यूं दिखें हर पल जवां

उम्र के हर पड़ाव पर आप भी जवां और खूबसूरत दिखना चाहती होंगी. लेकिन झुर्रियों को हटाने के लिए और जवान चेहरा पाने के लिये आप कभी भी बोटाक्स इंजेक्शंस और महंगी प्रसाधन प्रक्रियाओं का सहारा नहीं लेना चाहेंगी. क्योंकि हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि यह प्रक्रिया ना केवल महंगी है बल्कि इसके अनेक साइड इफेक्‍ट भी हो सकते हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि व्यायाम और मालिश द्वारा चेहरे की मांस पेशियों में सुधार कर आप हमेशा जवां दिख सकती हैं. आइए जानते हैं कि खुद को जवां रखने के लिए चेहरे की मालिश और व्यायाम कैसे की जानी चाहिए.

चेहरे की मालिश

नियमित तौर पर चेहरे की मालिश करने के कई लाभ हैं. इससे त्वचा मजबूत और चिकनी दिखती है. मसाज थेरेपी 101 यह बताती है कि आप सर्वप्रथम चेहरा अच्छे से धोएं और रगड़ें. त्वचा को सूखने दें और उसके बाद मौश्चराइजर या लोशन लगाएं. यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो आपको उस तेल का उपयोग करना चाहिए जिसमें पौलीअनसेचुरेटेड फैट हो. मालिश करते समय इस बात का ध्यान रखें कि चेहरे की मालिश चाहे वे आपके द्वारा की जाए या थेरेपिस्ट द्वारा, वे 20 मिनिट से ज्यादा नहीं की जानी चाहिए और वे सौम्य तरीके से की जानी चाहिए.

आइये जानते हैं कुछ व्‍यायाम

माथे की झुर्रियों के लिए व्यायाम : आदतन भौंहें चढ़ाने या भौहें उठाने से आपके माथे पर गहरी झुर्रियां पड़ सकती है. इन रेखाओं को दूर करने के लिए और नई रेखाओं को आने से रोकने के लिए अपनी तर्जनी और अंगूठे को प्रत्येक भौंह के ऊपर रखें और त्वचा को अपनी आंखों के ऊपर नीचे धकेलें. उसी समय अपनी भौहें उठाएं और इसे कम से कम दस बार दोहराएं.

क्रोज फीट व्यायाम : क्रोज फीट को आसान बनाने के लिए अपनी आंखें दृढता से बंद रखें और अपनी भौहें उठाएं. इस स्थिति में 3 सेकंड रहें, पुन: आराम की स्थिति में आएं और पुन: 10 बार दोहराएं.

ठोड़ी और गर्दन के लिए व्यायाम : खड़े होकर अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और अपनी आंखों को छत की दिशा में रखें. अपने होंठों को समेंटे और इस प्रकार खींचे जैसे आप ऊपर की छत को चूमने का प्रयत्न कर रहे हों. इस स्थिति में पांच सेकंड रहें उसके बाद आराम की स्थिति में आएं. इस व्यायाम को कम से कम 5 बार दोहराएं.

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