मुंबई के ठाणे की हाइलैंड सोसाइटी में रजत और रीना ने एक बिल्डिंग में यह सोच कर फ्लैट लिए कि दोनों भाईबहनों का साथ बना रहेगा. दोनों के 2-2 बच्चे थे, सब बहुत खुश थे कि यह साथ बना रहेगा, पर जैसेजैसे समय बीत रहा था, रजत की पत्नी सीमा की रीना से कुछ खटपट होने लगी जो दिनबदिन बढ़ती गई. कुछ समय बीतने पर रीना के पति की डैथ हो गई दुख के उन पलों में सब भूल रजत और सीमा रीना के साथ खड़े थे.

कुछ दिन सामान्य ही बीते थे कि ननदभाभी का पुराना रवैया शुरू हो गया. रजत बीच में पिसता, सो अलग, बच्चे भी एकदूसरे से दूर होते रहे. दूरियां खूब बढ़ीं, इतनी कि रीना और सीमा की बातचीत ही बंद हो गई. रजत कभीकभी आता, रीना के हालचाल पूछता और चला जाता, पहले जैसी बात ही नहीं रही, फिर जब कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ, ठाणे में केसेज का बुरा हाल था. ऐसे में एक रात सीमा के पेट में अचानक दर्द शुरू हुआ जो किसी भी दवा से ठीक नहीं हुआ. हौस्पिटल जाना खतरे से खाली नहीं था, वायरस का डर था, बच्चे छोटे, रजत बहुत परेशान हुआ, सीमा का दर्द रुक ही नहीं रहा था, रात के 1 बजे किसे फोन करें, क्या करें, कुछ सम झ नहीं आ रहा था.

बहुत प्यार है रिश्ता

सीमा ने अपनी खास फ्रैंड को फोन कर ही दिया, अपने हाल बताए. वे रहती तो उसी बिल्डिंग में थी पर महामारी का जो डर था, उस कारण सीमा की हैल्प करने में सब ने अपनी असमर्थता जताई. फिर रजत ने रीना को फोन किया, वह तुरंत उन के घर आई, रीना के बच्चे कुछ बड़े थे, रजत के बच्चों को अपने बच्चों के पास छोड़ वह तुरंत उन दोनों को ले कर हौस्पिटल गई. सीमा को फौरन एडमिट किया गया, किडनी में स्टोन का तुरंत औपरेशन जरूरी था. रीना ने घर, हौस्पिटल सब संभाल लिया.

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