अमूमन शादीब्याह तय करने से पहले युवकयुवती को अकेले में बातचीत करने, एकदूसरे के बारे में जाननेसमझने और राय देने के लिए कहा जाता है, लेकिन एकदूसरे के घर में होती ऐसी मुलाकात जिस में एक तो पहली बार एकदूसरे से मिल रहे होते हैं, दूसरा पता होता है कि बाहर फैमिली वाले राय जानने को तैयार बैठे हैं. ऐसे में न तो थोड़े समय में एकदूसरे के बारे में जाना जा सकता है और न ही राय देना संभव हो पाता है. अकसर पेरैंट्स के दबाव में दी गई राय सटीक नहीं होती और बाद में किसी कमी का जिक्र आने पर पेरैंट्स यह कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं कि हम ने तो आप को मौका दिया था एकदूसरे को जानने का.

इस संदर्भ में जरूरी है कि जिस शख्स के साथ आप ने ताउम्र रहना है, सुखदुख निभाने हैं उसे अच्छी तरह जानपरख लिया जाए. उस का स्वभाव, पहनावा, सोसायटी आदि के बारे में उस के विचार, पसंदनापसंद जो एक छोटी मुलाकात में समझना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है विवाह से पहले खासकर ‘हां’ हो जाने के बाद से ही युवकयुवती कम से कम 3-4 बार डेटिंग करें और एकदूसरे के बारे में जानें ताकि बाद में किसी तरह की शिकायत न रहे.

घरपरिवार के बारे में जानें

अमूमन युवतियां वुडबी से डेटिंग कर उस के व उस के स्वभाव के बारे में ही पूछती हैं जबकि आप को विवाह के बाद परिवार में भी रहना है इसलिए वुडबी से उस के परिवार के बारे में जानें. मातापिता का स्वभाव, खानपान, आदतें, पसंदनापसंद आप को पता होनी चाहिए. यह भी देखें कि परिवार धार्मिक कर्मकांडों को मानने वाला व दकियानूस तो नहीं है. कहीं आप शादी के बाद व्रतत्योहार ही निबटाती रह जाएं. संयुक्त परिवार तो नहीं है अगर है तो कितना बड़ा है, खाना बनाने का स्टेटस काम का बंटवारा या सभी अपनाअपना काम करते हैं आदि के बारे में जानें.

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