आप ने भी कभी कहीं यह लिखा जरूर पढ़ा होगा कि दूसरों के साथ वैसा व्यवहार न करो जैसा तुम अपने साथ नहीं चाहते. कहने को यह बात बड़ी साधारण लगती है, लेकिन यह पूरी जीवनशैली को प्रभावित करने वाली है. यह बहुत जरूरी है कि आप समाज में मानसम्मान पाएं. कोई आप को नीची निगाहों से नहीं देखे. यह जितना सही है उतना यह भी स्वाभाविक है कि आप अपना आचरण दूसरों के प्रति भी सकारात्मक रखें. सामान्य सी बात है कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी. हमारी पूरी सोसायटी इसी फलसफे पर चलती है. हमेशा याद रखें कि भले आप सत्तासीन हों, संपन्न हों, ऊंचे पद पर हों, लेकिन सब से पहले आप मनुष्य हैं और मनुष्य होने के नाते आप का एकदूसरे को सम्मान देना अनिवार्य बनता है.

एक बार फ्रांस के पूर्व सम्राट हेनरी अपने अधिकारियों के साथ राजमार्ग से जा रहे थे. थोड़ी दूर चलने पर उन्होंने देखा कि एक भिखारी सड़क पर खड़ा हो गया है. जैसे ही सम्राट उस के नजदीक पहुंचे उस ने अपनी टोपी उतारी और झुक कर राजा को प्रणाम किया. सम्राट ने देखा और वे कुछ सैकंड्स के लिए खड़े हो गए. फिर उन्होंने अपनी टोपी उतारी और भिखारी को प्रणाम किया. साथ चल रहे अधिकारियों में कानाफूसी होने लगी. सम्राट समझ गए. उन्होंने कहा कि भिखारी मुझे प्रणाम करे, मेरा सम्मान करे तो क्या मैं भिखारी को सम्मान देना नहीं जानता? बात साफ है कि सम्मान दोगे तो सम्मान पाओगे. यह बात जीवन के हर मोड़ पर याद रखनी चाहिए.

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