किसी व्यक्ति के कपड़ों में आग लगने पर आप ने यह तो सुना होगा कि जल्दी से जमीन पर लेट जाएं, आग बुझ जाएगी. फिल्म ‘एनएच-10’ में मीरा के चरित्र से आप ने यह तो जाना होगा कि किसी बदमाश की आंख में टौर्च की रोशनी डालने से आप को भागने के कुछ पल मिल सकते हैं, ऐसे ही किन्हीं खतरों या किन्हीं विपरीत परिस्थितियों में पड़ने पर इन बातों को ध्यान में रखा जा सकता है :

घरों में आग लगने पर धुएं के कारण सब से ज्यादा मौतें होती हैं. ऐसी स्थिति में जमीन पर बैठने और ज्यादा सांसें लेने से बचें.

आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं और आप को चोट लग गई है तो किसी व्यक्ति से कहें. यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि यदि आप भीड़ में हैं और घायल हैं तो हर व्यक्ति यह सोचता है कि कोई भी आप की मदद कर देगा. सीधे किसी एक व्यक्ति से मदद मांगें, फिर काफी लोग अपनेआप आ जाते हैं.

कुकिंग औयल आग पकड़ ले तो बर्नर को तुरंत बंद करें और बरतन को ढक दें. जरूरत हो तो फायर ब्रिगेड को बुलाएं. कुछ भी करें, पानी का प्रयोग न करें.

ब्लेड या चाकू से हमला किए जाने पर इसे हटाने की कोशिश न करें. इस के बजाय घाव को ढकें, खून बंद करने की कोशिश करें और फौरन मैडिकल प्रोफैशनल ढूंढ़ें.

ड्राइविंग करते वक्त आप की कार के विंगमिरर सही स्थिति में हों, इस से आप अपने साथसाथ सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों का भी ध्यान रख सकते हैं.

फोन पर मैसेज करते हुए चलें नहीं. आप का मस्तिष्क इसे हैंडल नहीं कर सकता. जहां जा रहे हैं, उस ओर देखें. चलते हुए फोन का प्रयोग बहुत हानिकारक हो सकता है, आप को ‘इनअटैंशन ब्लाइंडनैस’ हो सकती है. आप चारों तरफ देख तो रहे होते हैं पर वास्तव में महसूस नहीं कर पाते कि आप को किसी गाड़ी से चोट लगने वाली है.

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