इसे आम आदमी पार्टी का असर कहिए या राजनीति में नई पीढ़ी के आने का, बाल ठाकरे के पोते व उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे में नया ज्ञान पैदा हुआ है. उस ने शिव सेना के कट्टरपंथी लबादे को उतार फेंक मुंबई के कुछ इलाकों को रात भर चकाचौंध करने की योजना को मंजूर कराया है. मुंबई के बारे में पहले ही कहा जाता था कि यह शहर सोता नहीं है. पर फिर भी कुछ नेता ऐसे होते रहे हैं, जो हिंदू संस्कृति (ईसाई या इसलामी संस्कृति भी ऐसी ही है) के नाम पर मौजमस्ती या चिल होने की इच्छा को दबा कर 10 बजे रात को कर्फ्यू लागू करने की बात करते रहते थे. इन में आर.आर. पाटिल एक हैं, जो कांग्रेस के गृहमंत्री थे.

शिव सेना बदल रही है और आम आदमी पार्टी की वाहवाही भी कर रही है. और अगर ऐसा होता है तो मुंबई को भगवाई दंगाइयों के आतंक से छुटकारा मिल सकता है, जो हिंदू संस्कृति को जाने बिना उसे थोपने के लिए कट्टरपंथी व्यवहार करते रहते थे, जिस का सीधासादा अर्थ था कि लड़कियों व औरतों की आजादी पर पहरा लग जाए और वे शाम को 8 बजे घर में घुस कर मैली नाइटी पहन कर चूल्हेचौके में लग जाएं. रात भर शहर का कुछ इलाका आबाद रहे तो उस का असल आनंद घरवालियों को ही मिलेगा. दिन भर व्यावसायिक गतिविधियों के बीच औरतें अपनेआप को घुटन में महसूस करती हैं. रात को बच्चों को सुला कर और घर बंद कर 12-1 या 3-4 बजे तक सड़कों पर घूमने का जो आनंद है वह बताया नहीं जा सकता. विवाहों में अकसर लड़कियां और औरतें इसी मौके का इंतजार करती हैं जब रात भर वे हंसीठट्ठा कर सकें.

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