विनायक चंद्रकांत हेगाणा (सोशल वर्कर,शिवार फाउंडेशन )

अलग और लीक से हटकर काम करने की इच्छा हो तो कोई आपको रोक नहीं सकता, आप उसे कैसे भी हो कर ही लेते है,ऐसा ही कर दिखाया है महाराष्ट्र के कोल्हापुर की 25 वर्षीय सोशल वर्कर विनायक चंद्रकांत हेगाणा ने, जिसने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में सबसे अधिक सुइसाइड करने वाले किसानो की संख्या में लगातार कमी लाने में समर्थ हुए है. कोल्हापुर के रहने वाले 25 वर्षीय इस व्यक्ति ने कृषि ग्रेजुएट की पढाई पूरी करने के बाद इस क्षेत्र की और कदम बढ़ाया है. जो काबिलेतारीफ है. ऐसे काम आज के सभी पढे-लिखे यूथ के लिए प्रेरणास्रोत है. विनायक इस काम को अपनी संस्था ‘शिवार फाउंडेशन’ के तहत कर रहे है. जो मुश्किल है, पर वे पूरी जिम्मेदारी के साथ करते जा रहे है. क्या कहते है वे, आइये जानते है उन्ही से. 

संस्था परखती है किसानों की समस्या  

इस काम को शुरू करने के बारें में कैसे सोचा? पूछे जाने पर विनायक कहते है कि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में सबसे अधिक सुइसाइड के केसेस होते है. ये पहला ऐसा क्षेत्र है जहाँ आत्महत्या किसान सबसे अधिक करते है. इसके अलावा यह मराठवाड़ा का सूखाग्रस्त सबसे प्रभावित क्षेत्र भी है. यही चुनौतियाँ किसानों को आत्महत्या करने को प्रेरित करती है. वर्ष 2018 में निति आयोग ने भी इसे तृतीय श्रेणी की सबसे अधिक गरीब और अविकसित जिला घोषित किया है. यहाँ के किसान मानसिक दबाव में होते है और आत्महत्या की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए मैंने साल 2018 के अप्रैल में इस संस्था की शुरुआत की. इसमें किसान को काउंसलिंग कर उनके तनाव को समझना और उसका निराकरण करना है . हालाँकि भारत में लाखों एनजीओ इस क्षेत्र में काम कर रहे है और किसानों के लिए कई सारी सुविधाएं भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से है, पर उसका लाभ इन किसानों को नहीं मिल रहा था, क्योंकि किसानों को इसकी जानकारी नहीं है.

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