गृहशोभा को महिलाओं की पंसदीदा पत्रिका यूं ही नहीं कहा जाता. गृहशोभा पाकर हर क्षेत्र की महिलाओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोतीमहल लौन में 7 से 16 अप्रैल के बीच पुस्तक मेला चल रहा है. पुस्तक मेले में पुस्तकों के तमाम तरह के स्टाल लगे हैं. प्रतिदिन लेखन से जुड़ा यहां कोई न कोई आयोजन होता रहता है. रेयान अस्मिता सम्मान का आयोजन किया गया. जिसमें अलग अलग क्षेत्र की 12 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इनमें महिला मुद्दों पर लंबे समय से काम करने वाली ताहिरा हसन, गजल लेखिका और गायिका मालविका हरिओम, पुलिस आफिसर सत्या सिंह, फोक आर्टिस्ट कुसुम वर्मा, कथाकार डाक्टर अमिता दुबे, अभिनेत्री मधुरिमा तिवारी, पत्रकार आंचल अवस्थी, कवियत्री और लेखिका शीला पांडेय, वत्सला पांडेय, आभा खरे, भावना मौर्या, अनीता श्रीवास्तव प्रमुख थी.

कार्यक्रम की आयोजक रेंवात पत्रिका की अनीता श्रीवास्तव ने कहा कि गृहशोभा पत्रिका के साथ जुड़ने से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. कार्यक्रम का संचालन रचना मिश्र के द्वारा किया गया और मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार सरिता शर्मा ने पुरस्कार वितरण किया. सभी ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रिका के रूप में गृहशोभा ने अपने मापदंडों का कायम रखा है. आज भी वह महिलाओं से जुड़े लेख और विचारों के जरिये जागरुकता को कायम रखे है. पुस्तक मेले के आयोजक मनोज चंदेल ने कहा कि ऐसे आयोजन से मेले और भी प्रभावी होते हैं. पुस्तकों को लोगों तक पहुंचा कर पढ़ने और लिखने की कला को आगे बढ़ाना है. पुस्तकों का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है. हम सबको अपने अपने प्रयासों से इसको और अधिक प्रभावी और मजबूत बनाना है.

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