कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
0:00
12:24

‘‘मैं तुम्हारे साथ तुम्हारी प्रेमिका व दोस्त बन कर रहने को तैयार हूं, पर शादी कर के साथसाथ जिंदगी गुजारने का मजा ही कुछ और होगा. इस बारे में क्या कहते हो राकेश?’’ करीब महीना भर पहले सीमा ने राकेश के फ्लैट में उसे बैड टी पेश करते हुए यह सवाल पूछ ही लिया था.

‘‘तुम तैयार हो तो मैं तुम से आज ही दूसरी शादी करने को तैयार हूं,’’ राकेश ने उस के सवाल का जवाब मजाकिया अंदाज में दिया.

‘‘वैसा करना तो खुद को धोखा देना होगा, राकेश,’’ सीमा गंभीर बनी रही.

‘‘अगर तुम ऐसा समझती हो, तो शादी करने की बात क्यों उठा रही हो?’’

‘‘अपने मन की इच्छा तुम्हें नहीं, तो किसे बताऊंगी.’’

‘‘वह ठीक है, पर हमारी शादी होने का कोई रास्ता है भी तो नहीं.’’

‘‘तुम मुझे दिल की गहराइयों से प्रेम करते हो न?’’

‘‘बिलकुल,’’ राकेश ने उस के होंठों को चूम लिया.

‘‘तुम ने हमेशा मुझ से कहा है कि तुम्हारी पत्नी वंदना नहीं, बल्कि मैं तुम्हारे दिल पर राज करती हूं. यह सच है न?’’

‘‘हां, वंदना मेरे दोनों बेटों की मां है. वह सीधीसादी औरत वैसे आकर्षक व्यक्तित्व की मालकिन नहीं जैसी मैं चाहता था. अपने मातापिता की पसंद से मुझे शादी नहीं करनी चाहिए थी, पर अब मैं अपना कर्तव्य समझ कर वंदना के साथ जुड़ा हुआ हूं,’’ राकेश ने गंभीर लहजे में उस से अपने मन की बात कही.

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 कहानियां: वर्जिन-जब टूटा रोहित और अमला के सब्र का बांध

‘‘क्या हमारी खुशियों की खातिर तुम वंदना को तलाक नहीं दे सकते हो?’’ सीमा ने तनावग्रस्त लहजे में अपनी इच्छा बयान कर ही दी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...