लेखक- पुखराज सोलंकी
"बहू कुछ दिनों के लिए रश्मि आ रही है. तुम्हें भी मायके गए कितने दिन हो गए, तुम भी शायद तब की ही गई हुई हो, जब पिछली दफा रश्मि आई थी. वैसे भी इस छोटे से घर में सब एकसाथ रहेंगे भी तो कैसे?
"तुम तो जानती हो न उस के शरारती बच्चों को...क्यों न कुछ दिन तुम भी अपने मायके हो आओ," सासूमां बोलीं.
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