ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरती अरावली पर्वत शृंखलाओं के बीच बसे राजस्थान की मरुभूमि आज भी शौर्य और वैभव के गीत गा रही है. मीलों फैले सुनहरी रेत के धोरे, कलात्मक राजप्रासाद, अजेय दुर्ग, बावडि़यां, छतरियां, स्मारक, अद्भुत हवेलियों और महलों के वास्तुशिल्प की कलात्मकता के साथ राजपूती वीरता की कहानियां अनायास ही पर्यटकों को आकर्षित कर लेती हैं. सदैव ही राजस्थानी आभूषण व कपड़े पर्यटकों को विशेष रूप से लुभाते रहे हैं.

दर्शनीय स्थल

अजमेर

अजमेर एक तरह से अंधविश्वास का शहर है पर फिर भी यहां विभिन्न ऐतिहासिक व दर्शनीय स्थल हैं.

दरगाह

तारागढ़ पहाड़ी के नीचे स्थित यहां प्रांगण में रखे 2 विशालकाय देग विशेष आकर्षण हैं साथ ही, अकबरी मसजिद तथा शाहजहानी मसजिद में सफेद संगमरमर की परिष्कृत नक्काशी मन मोह लेती है.

अढ़ाई दिन का झोपड़ा

खंडहर के रूप में एक उत्कृष्ट इमारत अढ़ाई दिन के झोपड़े के नाम से प्रसिद्ध है. यह भारतीय इसलामी वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना है. बताया जाता है कि इसे निर्मित होने में केवल ढाई दिन लगे थे.

तारागढ़ का किला

800 फुट ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस किले से शहर को देखा जा सकता है. लोक परंपरा में इसे गठबीठली भी कहा गया है. मुगलकाल में यहां सैन्य गतिविधियां होती थीं, अंगरेजों ने इस का इस्तेमाल सैनेटोरियम के रूप में किया.

संग्रहालय

यह अकबर का शाही निवास था, जिसे संग्रहालय में तबदील कर दिया गया. यहां राजपूतों के कवचों व उत्कृष्ट मूर्तियों का समृद्ध भंडार है.

सर्किट हाउस

कृत्रिम आनासागर झील के ऊंचे किनारे पर पूर्व में अंगरेजी रैजिडैंसी रहा सर्किट हाउस भी दर्शनीय है.

पुष्कर झील

अजमेर से 13 किलोमीटर दूर रेगिस्तान के किनारे स्थित व 3 तरफ से पहाडि़यों से घिरी हुई यह झील नाग पहाड़ी से अजमेर से पृथक हो जाती है.

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