नियमित इनकम के साथ ही पैसे की सुरक्षा और टैक्स बचत का फायदा उठाना चाहते हैं तो सीनियर सिटिजन स्कीम एक बेहतर विकल्प है. यह स्कीम उन लोगों के बीच काफी पौपुलर है जो लोग उम्र के 60वें पड़ाव को पार कर चुके हैं. रिटायरमेंट के बाद लोग ऐसे निवेश विकल्प की तलाश में रहते हैं जहां वो अपनी जमा पूंजी का निवेश कर सकें. इस उम्र के लोग इक्विटी में अपना पैसा लगाने से बचते हैं क्योंकि इसमें कैपिटल लौस का खतरा रहता है, ऐसे में सीनियर सिटिजन स्कीम एक बेहतर विकल्प माना जाता है.

इस स्कीम में कौन कर सकता है निवेश

इस स्कीम में वो सभी लोग निवेश कर सकते हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे उपर की है. इतना ही नहीं वो लोग जो 55 वर्ष से 60 वर्ष की अवधि के दौरान वौलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) का चयन करते हैं वो भी इसमें निवेश कर सकते हैं. साथ ही सिविल डिफेंस कर्मचारियों को छोड़कर सेवानिवृत्त रक्षा कर्मी भी उम्र और अन्य शर्तों के आधार पर इसमें निवेश कर सकते हैं. वहीं अप्रवासी भारतीय (NRIs), हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs) इस स्कीम में निवेश के हकदार नहीं होते हैं.

कैसे कर सकते हैं निवेश

60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग अपने पास के किसी वाणिज्यिक बैंक या फिर पोस्ट औफिस में जाकर अपना इंडिविजुअल या फिर ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं.

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कितनी रकम का कर सकते है निवेश

कोई भी वृद्ध या तो अकेले या फिर संयुक्त रूप से सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में अपना खाता 15 लाख रुपए (अधिकतम) तक देकर खुलवा सकता है. यह राशि न्यूनतम 1000 हजार रुपए है. यह रकम उस राशि से ज्यादा नहीं हो सकती है जो कि वृद्ध व्यक्ति को रिटायरमेंट के दौरान मिलेगी. आयकर विभाग की वेबसाइट में दर्ज नियमों के मुताबिक सीनियर सिटिजन स्कीम में खाता या तो 1 लाख रुपए से कम नकद देकर या फिर चेक के माध्यम से 1 लाख या इससे ज्यादा देकर खुलवाया जा सकता है.

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