आपकी जिंदगी में भी वो एक समय आता है, जब अचानक से सबकुछ थम-सा जाता है. ना कहीं जाने की जल्दी और ना ही कहीं से घर लौटने की खुशी. ऐसा ही कुछ होता है, जब आप रिटायर्ड या सेवानिवृत होती हैं. जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं, उन स्त्रियों की, जो एक लंबी अवधि की नौकरी के बाद रिटायर हो जाती हैं.

क्या है रिटायरमेंट ब्लूज?

जब आप काम करती हैं, तो अक्सर ही यह कहती हैं कि मैं तो इस काम से तंग आ गई हूं, पता नहीं कब इससे छुट्टी मिलेगी, पर क्या अब आपको ऐसा लगता है कि आपको यही छुट्टी चाहिए थी? कहीं रिटायरमेंट ने आपको अकेला तो नहीं कर दिया है? ऐसे कई सवाल आपके ज़ेहन में भी आते होंगे. तो आइए जानें, आपके रिटायरमेंट ब्लूज़ को. जब आप रिटायर होती हैं, तो अचानक आपको लगता है कि -

- आपकी पहचान खो गई है या आपके अस्तित्व को कोई ख़तरा है.

- अचानक आपको अपने ओहदे से जुड़े मान-सम्मान में कमी नज़र आने लगती है.

- जिस स्वतंत्रता को आप इतने सालों से पाना चाहती थीं, वह अचानक सज़ा लगने लगती है.

- अचानक आपको लगता है कि आपसे कोई बात नहीं करना चाहता और आपके साथ कोई खाना नहीं खाना चाहता.

- आप अपने आपको अकेली और अनुपयोगी पाती हैं.

अगर आप भी ऐसा ही महसूस कर रही हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है. हर रिटायर होती स्त्री ऐसी ही कशमकश में होती है. इसे ट्रांजिशन पीरियड कहा जाता है, मतलब आप इस समय अपने जीवन के बहुत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही होती हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्त्रियां ही इससे गुजरती हैं, पुरुष भी इस कठिन समय का सामना करते हैं, पर यह समय स्त्रियों के लिए अधिक संवेदनशील इसलिए हो जाता है, क्योंकि उम्र का यह वही पड़ाव है, जिसमें वे मेनोपॉज़ से भी जूझ रही होती हैं. मानसिक और शारीरिक दोनों ही आक्षेपों में यह समय काफ़ी नाज़ुक और कठिन होता है.

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