मां बनना एक महिला के जीवन की सबसे बड़ी खुशी होती है. लेकिन कुछ महिलाओं को इस खुशी को पाने के लिए काफी कोशिश करनी पड़ती है. जिसके बाद उन्हें बेबी का सुख मिलता है. आईयूआई प्रेग्नेंसी भी इसी का एक हिस्सा है.

कुछ महिलाएं जो नॉर्मल तरीके से गर्भधारण नहीं कर सकती हैं, वे आईयूआई के जरिए यानि इंट्रायूटेरिन इनसेमीनेशन के जरिए गर्भधारण करती हैं. यह कृत्रिम प्रक्रिया गर्भधारण करने का एक तरीका है जो जल्दी गर्भधारण करने में मदद करता है, इसलिए अगर आप भी इस प्रक्रिया के जरिए गर्भधारण करना चाहती हैं या फिर कर रही हैं, तो आज हम आपको इसके कुछ लक्षणों के बारे में में बताएंगे जिनकी जानकारी रखना आपके लिए बेहद जरुरी है.

क्या है इंट्रायूटेरिन इनसेमीनेशन (आईयूआई)

आईयूआई, प्रेग्नेंट करने की एक तकनीक है. जिसके जरिए ओव्यूलेशन के समय गर्भ में पहले से तैयार शुक्राणु को इंजेक्ट किया जाता है. इससे पहले गर्भधारण कर रही महिला को अंडे का उत्पादन करने और ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने के लिए प्रजनन दवाइयों का सेवन करना होता है. जिससे गर्भ में भ्रूण बन सके.

आईयूआई प्रेग्नेंसी के लक्षण

अगर आप आईयूआई तकनीक के माध्यम से गर्भाधारण करने के बारे में सोंच रही हैं, तो इससे पहले आपको प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले लक्षणों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. जिससे आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो.

इम्प्लान्टेश ब्लीडिंग

जब भ्रूण गर्भाशय की दीवारों को इम्प्लान्ट करता है तो इम्प्लान्टेशन ब्लीडिंग होती है. इस इम्प्लान्टेशन के कारण खून का स्राव होता है. जो मासिक धर्म से पहले की स्पॉटिंग की तरह लगता है. इस प्रक्रिया के दो हफ्ते बाद आपको रक्तस्राव का अनुभव होगा. लेकिन इससे आपको घबराने के जरुरत नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से सामान्य है. इस प्रक्रिया के जरिए आप गर्भवती होती है. गर्भधारण करने के 6 से 12 दिनों के बाद आपको इसी तरह के रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है. और पेट में हल्की सी ऐंठन भी महसूस हो सकती है.

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