सवाल-
मेरी बेटी 7 साल की है और उस का वजन 33 किलोग्राम है. वह 3 सालों से मूत्रनली के संक्रमण से पीडि़त है. इस दौरान उसे बुखार या पेट में दर्द नहीं हुआ, लेकिन पिछले 2 हफ्तों से उसे दर्द रहने लगा है, जो पेशाब करने के 3-4 घंटों के बाद ठीक हो जाता है. जांच में पता चला है कि उसे ई. कोली बैक्टीरिया का संक्रमण है और डाक्टर ने उसे ऐंटीबायोटिक का कोर्स लेने को कहा है. ऐंटीबायोटिक में मौजूद नाइट्रोफ्यूरैंटोइन से उसे उलटी और पेट में जलन की शिकायत होती है. पेट के अल्ट्रासाउंड में सबकुछ सामान्य निकला है. उस के गुरदों और ब्लैडर की अवस्था भी ठीक है और ब्लैडर में अवशिष्ट पेशाब भी नहीं था. यूरोलौजिस्ट ने उपचार जारी रखते हुए एमसीयूजी तथा यूरोडायनैमिक जांच करवाने को कहा. बताएं, क्या करूं?
जवाब-
आप की जांच अपर्याप्त लगती है. इस में एमसीयूजी या यूरोडायनैमिक जांच की जरूरत नहीं है. लेकिन यूरोलौजिस्ट ने बच्ची को रोगनिरोधक ऐंटीबायोटिक देने की सही सलाह दी है. पेशाब की संवेदनशीलता और कल्चर जांच दोबारा करा लें. अगर रिपोर्ट जीवाणुरहित आती है तो रोगनिरोध के लिए अपने चिकित्सक की सलाह से ऐंटीबायोटिक लें. इस बीच उसे भरपूर पानी पीने को दें और जब भी महसूस हो तुरंत पेशाब करा लें. भरपूर पानी पीने से पेशाब की थैली में बैक्टीरिया का जमाव नहीं होगा.
ये भी पढ़ें- मेरे पैर ड्राय हो जाते हैं और फटने भी लग जाते हैं, क्या करूं?
ये भी पढ़ें-
अगर आप अपने पार्टनर को काफी समय से सेक्स के लिए न कह रही हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. ये भी संभव है कि आपका पार्टनर सेक्स के प्रति आपका रुझान न होने की समस्या से परेशान हो. इसे यौन अक्षमता भी कहा जाता है. इस शब्द का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए किया जाता है जो अपने साथी को सेक्स के दौरान सहयोग नहीं करता. महिलाओं में एफएसडी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे सेक्स के दौरान दर्द या मनोवैज्ञानिक कारण. ज्यादातर मामलों में, हालांकि, एफएसडी को मनोवैज्ञानिक कारणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस परिदृश्य में, महिलाओं के लिए किसी पेशेवर से मदद लेना महत्वपूर्ण होता है. डौ. अनुप धीर ने एफएसडी के निम्न मुख्य कारण बताएं हैं-
1. मनोवैज्ञानिक कारण
डॉ. धीर कहते हैं, पुरुषों के लिए सेक्स एक शारीरिक मुद्दा हो सकता है, लेकिन महिलाओं के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा है. पिछले बुरे अनुभवों के कारण कुछ महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं. वर्तमान में बुरे अनुभवों के कारण मनोवैज्ञानिक मुद्दे या फिर अवसाद इसका कारण हो सकता है.
ये भी पढ़ें- खतरनाक हैं टाइट कपड़े
2. और्गेज्म तक न पहुंच पाना
एनोर्गस्मिया के बारे में समझाते हुए डॉ. धीर कहते हैं, एफएसडी का दूसरा भाग एनोर्गस्मिया कहलाता है. यह स्थिति तब होती है जब व्यक्ति को या तो कभी ऑर्गेज्म नहीं होता या वह कभी इस तक पहुंच ही नहीं पाता. ऑर्गेज्म तक पहुंचने में असमर्थता भी एक मेडिकल कंडीशन है. सेक्स में रुचि की कमी और ऑर्गेज्म तक पहुंचने में असमर्थता दोनों ही स्थिति गंभीर हैं. यह मुख्य रूप इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं अधिक फोरप्ले पसंद करती हैं. अगर ऐसा नहीं हो रहा तो ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल है. इसका मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा सकता है.महिलाओं को अपने रिश्ते में सेक्स के साथ समस्याएं होती हैं. अगर आपको ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको अपने एंड्रॉजिस्ट को जल्द से जल्द दिखाना चाहिए ताकि समस्या संबंधों को प्रभावित न करे.