सवाल-

मैं कैंसर सर्वाइवल हूं. मेरे सारे बाल झड़ चुके हैं. बालों के साथसाथ मेरी आईब्रोज भी गायब हो चुकी हैं. अब मैं ठीक हूं और बिग लगा लेती हूं. पर आईब्रोज पर रोज पैंसिल लगानी पड़ती है जोकि पसीने से निकल जाती है. वैसे भी कभी ऊंची तो कभी नीची आईब्रोज बन जाती हैं. आईलैशेज के बिना मेरी आंखें सूनी लगती हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

आप परमानैंट आईब्रोज बनवा लें. इस से आप की आईब्रोज एकजैसी और खूबसूरत बन जाएंगी तथा आप बिना किसी परेशानी के घर से बाहर जा सकती हैं. आंखों पर आईलैशेज न होने से जो सूनापन लगता है उस के लिए आप प्रौमिनैंट आईलाइनर और काजल लगवा सकती हैं. इस से आंखें खूबसूरत लगने लगती हैं. ध्यान रहे कि ऐसी जगह पर अपना काम करवाएं जहां हाइजीन पर बहुत ध्यान दिया जाता हो और करने वाला भी ऐक्सपर्ट हो क्योंकि यह प्रौमिनैंट है जो सारी उम्र के लिए हो जाएगा. अगर एक बार खराब हो गया तो सारी उम्र ही खराब लगेगा. इसलिए करने वाले का ऐक्सपर्ट होना बहुत जरूरी है. यह भी जरूर देख लें कि प्रोडक्ट भी अच्छी क्वालिटी का हो.

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आज हम इतने अधिक बिजी हैं कि खुद का ध्यान ही नहीं रख पाते हैं. ऐसे में अनजाने में अनेक बीमारियों की गिरफ्त में आते हैं. फिर चाहे बात हो उसमें कैंसर जैसी घातक बीमारी की. बता दें कि  दुनिया भर में वर्ष 2020 में 10 मिलियन के करीब लोगों की मृत्यु का कारण विभिन्न तरह के  कैंसर हैं. क्योंकि हम खुद का ध्यान नहीं रखने के कारण शुरुवाती लक्षणों को इग्नोर जो कर देते हैं और जब स्तिथि हमारे हाथ से निकल जाती है तब तक जान पर आ बनती है. आपको बता दें कि  सार्कोमा कैंसर भले ही आम नहीं है. लेकिन ये तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है. इसलिए समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इलाज करवाने की जरूरत होती है. आइए जानते हैं इस बारे में मणिपाल होस्पिटल के कंसल्टेंट ओर्थोपेडिक ओंको सर्जन डाक्टर श्रीमंत बी एस से.

क्या है सार्कोमा कैंसर

सोफ्ट टिश्यू सार्कोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो शरीर के चारों और मौजूद टिश्यू में हो जाता है. इसमें मांसपेशियों , वसा , रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं के साथसाथ जोइंट्स भी शामिल होते हैं. वयस्कों की तुलना में इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे व उसके बाद युवा आते हैं. और ये कैंसर तब और अधिक घातक हो जाता है, जब ये अंगों में फैलना शुरू हो जाता है. इसलिए इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए, वरना ये जानलेवा भी साबित हो सकता है.

कब होता है 

वैसे तो इसके किसी खास कारण के बारे में नहीं पता है. लेकिन ये आमतौर पर तब होता है , जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- सार्कोमा कैंसर: घबराएं नहीं करवाएं इलाज

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