मॉडल और अभिनेत्री मोनिका पंवार, मुख्य रूप से हिंदी वेब सीरीज और फिल्म इंडस्ट्री में काम करती हैं. वह नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ जामतारा – सबका नंबर आएगा में ‘गुड़िया’ की भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं. उनकी जामतारा 2 भी ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है, जो साइबर क्राइम पर आधारित थी, जिसे करने में मोनिका कोबहुत सारे वर्कशॉप में भाग लेने पड़े. उन्हें इस तरह की बहुत काम्प्लेक्स और लेयर्ड करैक्टर करना पसंद है.उन्हें बचपन से अभिनय की इच्छा थी, लेकिन नए चेहरे को कितना काम मिलेगा, इस पर उन्हें थोड़ी चिंता थी, इसलिए उन्होंने थिएटर से अभिनय शुरू किया और धीरे-धीरे ओटीटी पर अपनी साख फैलाई. हंसमुख और विनम्र मोनिका से उनके कैरियर को लेकर बात हुई, पेश है कुछ खास अंश.

मिली प्रेरणा

मोनिका पवार कहती है कि मैं बहुत ही हम्बल बैकग्राउंड से हूं, जहाँ एक्टिंग बहुत दूर की बात होती है. उनके लिए पर्दे, टीवी या हाल में फिल्म देखना तक काफी रहा. पढाई के अलावा एक्स्ट्रा करीकुलर में भाग लेना भी जरुरी नहीं था. मुझे पढाई में रूचि नहीं थी, लेकिन सभी मेरी हाइट देखकर कहते थे कि मैं मॉडल या एक्ट्रेस बन सकती हूं. चंडीगढ़ में पढ़ते हुए मुझे थिएटर के बारें में थोड़ा पता चला. जब एनएसडी के बारें में जानकारी मिली, तो पता चला, इरफ़ान खान, ओमपुरी नसीरुद्दीन शाह आदि कई-कई बड़ी हस्तियों ने वही से पढ़कर एक्टिंग के क्षेत्र में नाम कमाया है. मुझे भी उस क्षेत्र में जाने की इच्छा होने लगी. मैं हिंदी फिल्में देखती थी, लेकिन तब एक्टिंग के बारें में नहीं सोची थी. अंग्रेजी फिल्म ‘गॉडफादर’ देखने पर मैंने महसूस किया कि इस फिल्म में कुछ अलग हो रहा है, जो मुझे बहुत अधिक समझ में नहीं आ रही थी. इसके बाद मैंने कई विदेशी कई फिल्में देख ली. इससे मुझे मुंबई आकर ऐसी ही गहरी अभिनय वाली फिल्म करने की इच्छा पैदा हुई. तब मैंने सही तरीके से अभिनय सीखकर परिपक्वता के साथ मुंबई आई थी.

पहला ब्रेक

मैं उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल से हूं,पंजाब युनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद मुझे नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में चुनी गयी और तीन साल एक्टिंग की कोर्स करने के बाद 2018 में मुंबई आ गई और एक अलग तरह की भूमिका हमेशा निभाने की इच्छा रखती थी. वर्ष 2018 में मैं आई और 7 महीने तक लगातार ऑडिशन देने के बाद भी मुझे जामतारा के लिए ऑफर मिला और गुडिया की भूमिका के लिए चुन ली गई.

एक्टिंग प्रतिभा को जाने

मोनिका कहती है कि केवल एक सुंदर चेहरा और महंगे कपडे पहनकर लेकर मुंबई आना ठीक नहीं, बल्कि कुछ सीखकर मुंबई एक्टिंग के लिए आना पड़ता है, क्योंकि यहाँ हुनर की कद्र भले ही देर से हो, लेकिन होती अवश्य है. जिनके पास अभिनय की प्रतिभा नहीं है, उन्हें मुंबई कभी नहीं आनी चाहिए, क्योंकि उनकी जिंदगी ख़राब हो जाती है, इसलिए पूरी ट्रेनिंग के बाद ही अभिनय के बारें में सोचें.

संघर्ष रहता है

मोनिका ने अभिनय में आने के लिए बहुत संघर्ष किये, मसलन 30 सेकंड की एक क्लिप या बहुत छोटी रोल जो भी मिला करती गयी. वह कहती है कि मुंबई आने पर आपको पता होता है कि क्या करना है, लेकिन सही दिशा पता नहीं होता. वहां पर बड़े और नामचीन प्रोडक्शन हाउस में जाना मुमकिन नहीं होता, क्योंकि मैंने कई बार देखा है कि बड़ी रोल की बात कहकर बुलाया जाता है और एक छोटी सी भूमिका जो मुश्किल से 2 दिन की होती है, उसे थमा दिया जाता है. मैंने उसे भी एन्जॉय किया, क्योंकि यह मेरे जर्नी की एक पार्ट थी. छोटी होने पर भी मैंने उस बड़ी कहानी में भाग लिया है. हर क्षेत्र में ऐसे अनुभव कमोवेश नए लोगों के लिए रहते है. अभी जो मुझे अभिनय मिल रहे है उसमे मुझे एक्टिंग करने का बहुत मौका मिल रहा है और मैं बहुत खुश हूं.

सही नेटवर्किंग जरुरी

मोनिका आगे कहती है कि शुरू में एक्टिंग फुल टाइम जॉब नहीं होता है, इसलिए शुरू में मुझे जो भी मिला मैं करती गयी, ताकि मेरी नेटवर्किंग अच्छी हो. जब मैंने अपनी एक फ्रेंड के साथ गॉडफादर फिल्म देखी, तो मेरी सोच बदल गयी. इसके बाद मैंने एक्टिंग सीखी और मेरी एक्टिंग की जर्नी शुरू हुई. ओटीटी ने मेरे अभिनय की प्रतिभा को एक मंच दिया है. ओटीटी की वजह से नए कलाकारों को अपनी प्रतिभा को आगे लाने में बहुत मदद मिली है. इसे मैं एंटरटेनमेंट का गोल्डन ऐज कहना पसंद करुँगी. इसके अलावा मुझे जितना भी काम मिलता है उसे करते रहने से मुझे खुद को बड़े पर्दे पर देखने और उसे जीने का मौका मिलता है. जामतारा में अभिनय के बाद मैंने ये महसूस किया कि जो भी अभिनय मैंने उसमे किया है और अच्छा कर सकती थी. मैं हमेशा खुद की आलोचक रही हूं, लेकिन इस वेब सीरीज के बाद मुझे और अधिक सुधार और नए स्तर पर काम को ले जाने की इच्छा है. अभी मुझे नयी-नयी भूमिका मिल रही है, इसलिए अब मैं छोटी भूमिका नहीं करती. आगे मुझे ड्रामा और कॉमेडी फिल्में करने की इच्छा है,जिसकी मैं तलाश कर रही हूं. इसके अलावा हॉरर और क्राइम फिल्मे भी पसंद करती हूं, पर ड्रामा फिल्मों से खुद को रिलेट करना आसान होता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...